एक ही बाग़ के फूल-5
This story is part of a series: keyboard_arrow_left एक ही बाग़ के फूल-4 keyboard_arrow_right एक ही बाग़ के फूल-6 View all stories in series छाया ने कहा- जब कभी कभी मैं सोई रहती हूँ तब ऐसा लगता है कि मोनू भाई मुझे हाथ लगा रहा है। मैंने पूछा- तो कैसा लगता है? उसने थोड़ा शर्मा …