भाभी की चचेरी बहन की मस्त चूत चुदाई- 1

देसी न्यूड गर्ल सेक्स कहानी मेरी भाभी की चचेरी बहन के साथ सेक्स की है. भाभी के घर ही उससे मेरी मुलाक़ात हुई थी. मैं उसकी चूत चोदना चाहता था.

दोस्तो, मैं यश हॉटशॉट एक बार फिर से आपके सामने अपनी कहानी को लेकर हाजिर हूँ.

मेरी पिछली कहानी
भाभी की बहन की शादी से पहले चुदाई
में आपने पढ़ा था कि मैंने अंजलि भाभी की बहन निशा की चूत चुदाई किस तरह से की थी.

जब लंड की किस्मत अच्छी होती है, तो एक के साथ एक फ्री मिलती है. ये बात इस सेक्स कहानी में मेरे साथ सिद्ध हो गई थी.

उस रात निशा की चूत चोदते मैंने उससे कहा था कि मुझे शिल्पा की चूत भी चोदने का मन है तो उसने मुझे आश्वासन दिया था कि मैं तुम्हारे लिए शिल्पा की चूत का इंतजाम करूंगी. पहले मेरी चूत की आग तो शांत करो.

अब आगे देसी न्यूड गर्ल सेक्स कहानी:

ये सुनते ही मैं निशा की चूत को भोसड़ा बनाने के लिए पिल पड़ा.
अगले ही पल निशा अपने हाथों से इशारे करने लगी कि आह वो शांत होने वाली है और तेज तेज चोदो.

उसकी बात समझ कर मैं उसकी ताबड़तोड़ चुदाई किए जा रहा था.

कुछ धक्के मारने के बाद निशा ने अपना मुँह दबा लिया और वो गांड हिलाती हुई शांत हो गई.
उसकी चूत का गर्म पानी मेरे लंड पर पड़ा, तो मेरे लंड ने भी हिम्मत हार दी और कुछ धक्के मारने के बाद मुझे भी लगा कि मेरा होने वाला है.

मैं भी उसकी और जोर जोर से चुदाई करने लगा और जोर जोर से धक्के मारने लगा. मैं और निशा पसीने से पूरे नहा गए थे. निशा अपना मुँह दबाए हुए मेरा साथ दे रही थी.

कुछ धक्के मारने के बाद मैंने सारा पानी उसकी गांड के ऊपर गिरा दिया और शांत हो गया.
हम दोनों कुछ पल के लिए लेट गए.

पांच मिनट बाद निशा ने अपने कपड़े पहने और बाथरूम में फ्रेश होकर आ गई.

उसके आने के बाद मैं भी फ्रेश होकर आ गया और दोनों साथ में लेट गए.

निशा बोली- यार, तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी.
मैंने कहा- बेबी, ये तो आराम से किया है ताकि आपकी आवाज ना निकले. अभी तो काफी दिन हैं, कभी मौका मिलेगा तो तेरी असली चुदाई करूंगा.

निशा ने मेरे होंठों को चूम लिया.
मैंने एक बार फिर से उससे कहा- शिल्पा की भी दिलवा दो यार!

निशा बोली- ठीक है … कुछ करूंगी.
वो गुड नाईट बोल कर सो गई और मैं भी सो गया.

सुबह नींद खुल गई पर मैं जानबूझ कर लेटा हुआ था और निशा के आने का इंतजार कर रहा था.
रात में मैंने उसकी दमदार चुदाई की थी तो सुबह मैं उसे देखना चाहता था.

थोड़ी ही देर में निशा आई.
मैं कम्बल में सोने का नाटक करने लगा.
निशा जैसे ही कम्बल पकड़ कर खींचने लगी, मैंने भी जोर से कम्बल को खींच कर रखा.

अगली बार उसने जोर दिया तो मैंने कम्बल के साथ उसे भी खींच लिया. निशा सीधे मेरे ऊपर आकर गिर गई. उसका मुँह मेरे सीने पर था.

निशा ने जल्दी से मेरे होंठों को चूमा और बोलने लगी- जल्दी से उठो यार!
मैं उसे अपनी बांहों में भींचे हुए था.

निशा हंसने लगी और बोली- तुम जगे हुए थे, तो नाटक क्यों कर रहे थे?
मैंने कहा- अब तो मुझे तुम्हारी आदत सी हो गई है.

निशा मुस्कुराती हुई बोली- अच्छा एक बार में ही आदत हो गई?
मैंने कहा- हां जी. बड़ी नमकीन माल हो तुम.

वो मुस्कुरा कर मेरी आंखों में झाँकने लगी.
मैंने कहा- निशा रात में तो खुल कर खेल हुआ ही नहीं था. तब भी बताओ कि रात में कैसा लगा?

निशा के चेहरे पर गहरी मुस्कान आ गई और वो बोली- अच्छा था.
मैंने कहा- दिन में मौका मिलेगा तो और अच्छा लगेगा.

निशा हंस कर बोली- देखते हैं, दिन में मौक़ा भी मिल सकता है.
वो मेरे ऊपर से हट गई.

अब मेरा ध्यान निशा के ऊपर गया.
निशा ने आज काले रंग की जींस पहनी हुई थी, उस पर लाल रंग का टॉप पहना हुआ था.

मैं बोला- आज तो बहुत सुंदर लग रही हो.
निशा- जरा झूठ कम बोला करो.

मैंने कहा- सच में बहुत मस्त लग रही हो!
निशा बोली- थैंक्स.

मेरी नजर निशा के पूरे फिगर पर घूमने लगी तो मैंने ध्यान दिया कि निशा की काले रंग की जींस काफी टाइट थी और आगे से उसकी चूत की शेप साफ़ दिख रही थी.

मुझे इस तरह से देखते हुए निशा बोली- क्या हुआ … ऐसे क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- तुमको देख रहा हूँ … सच में बहुत हॉट लग रही हो.

निशा शर्माती हुई अपनी चूत पर हाथ रख कर बोली- अच्छा जी.
मैं कहा- हां सच में.

निशा बोली- चलो अब उठो … तुम्हें दीदी बुला रही हैं. जीजा जी और मम्मी कहीं बाहर जाने वाले हैं. वो शायद तुमको भी साथ ले जाएं.
मैंने ओके कहा और निशा के जाते ही मैं नहाने चला गया.

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रूम खुला हुआ था तो मैंने दरवाजे पर कुंडी नहीं लगाई. बस दरवाजे को बंद ही किया था.

मैं जैसे ही नहा कर बाथरूम से बाहर निकलने लगा तो बस तौलिया ही पहने था.

मैं बाथरूम से जैसे ही बाहर आया तो देखा कि शिल्पा रूम में आई हुई थी.
उसकी नज़र अचानक से मुझ पर पड़ी.

मैंने भी जानबूझ कर तौलिया को खोल दिया और मेरी तौलिया जमीन पर जा गिरा.

शिल्पा ने एक पल को मुझे देखा और अगले ही पल वो जल्दी से बाहर चली गई.
मैंने भी मुस्कुरा कर तौलिया उठा कर एक तरफ रखी और अपने कपड़े पहन लिए.

मैं नीचे आया तो शिल्पा मुझसे नजरें नहीं मिला रही थी. मैं उसके पास गया पर वो अपना मुँह दूसरी तरफ करके खड़ी हुई थी.

मैंने शिल्पा से माफी मांगी और भाभी के पास चला गया.
फिर मैंने नाश्ता किया.

भैया भाभी और निशा हम सब मार्केट चले गए.
मार्किट से वापस आते हुए शाम हो गई थी. घर आए तो देखा कि रसोई में शिल्पा और भाभी की मम्मी हैं.

मैं उन दोनों से बातें करने लगा कि अभी क्या क्या काम है.

रात को सबने खाना खाया. मैंने भी जल्दी ही खाना खा लिया.

अब रात के 11 बज रहे थे, सब बातें करने लगे.

थोड़ी ही देर में शिल्पा चाय लेकर आई और बोली- लो यश चाय पी लो, दीदी ने बनाई थी.

शिल्पा ने शायद मुझे माफ़ कर दिया था इसलिए वो ठीक से बातें कर रही थी.

मैंने चाय पी और थोड़ी बात करके उठ गया.
मैं सोने चला गया.

कुछ देर बाद निशा कमरे में आई और आते ही बिस्तर पर लेट गई.
शिल्पा और मुझे नींद नहीं आ रही थी.

निशा बोली- तुम मेरी जगह आ जाओ यश. मुझे नींद आ रही है. तुम दोनों बातें करो और मुझे सोने दो.
अब मैं बीच में था और निशा और शिल्पा किनारे पर थीं.

मैंने शिल्पा से कहा- कुछ बोलो अपने बारे में!
शिल्पा बोली- क्या बताऊं?

मैंने कहा- मैं जो पूछूंगा, सच बताओगी?
शिल्पा बोली- हां ठीक है, पूछो.

मैंने कहा- इतनी सुंदर हो और हॉट भी लगती हो, तो ये बताओ तुमको अभी तक कितने तो कितने लड़कों ने फ्रेंडशिप का ऑफर दिया?
शिल्पा हल्के से हंस दी और बोली- तारीफ़ के लिए शुक्रिया. हां मुझे ऑफर तो कई लड़कों ने किया था.

मैंने पूछा- तो तुमको उसमें से कोई पसंद नहीं आया क्या?
शिल्पा बोली- उनमें से कई लड़के मुझे पसंद तो आए थे पर पता नहीं मुझे अन्दर से डर लगता था कि अगर घर पर किसी को पता चलेगा तो बहुत दिक्कत हो जाएगी. इसलिए मैं दोस्ती के के लिए किसी को हां नहीं बोलती थी.

मैंने कहा- अरे उसमें कुछ नहीं होता है यार!
फिर शिल्पा बोली- तुम भी तो बहुत अच्छे लगते हो, तो क्या तुमको किसी लड़की का ऑफर आया था?

मैंने कहा- हां आया तो था.
वो कुछ नहीं बोली.

फिर मैंने कहा- अच्छा एक बात बताओ … अगर तुम्हारे घर में कोई दिक्कत नहीं होती, तो क्या तुम हां बोल देती?
शिल्पा बोली- हां तो बोलती, पर पहले उसका व्यवहार देखती.

मैं बोला- चलो तुम जब तक घर पर थी, तो घर वाली दिक्कत थी, पर अब तो घर से बाहर रहते हुए एक साल से ज्यादा हो गए हैं.
इस बार वह बोली- हां मगर अभी कोई मिला नहीं.

मैंने कहा- मिला नहीं या ध्यान नहीं दिया?
तो शिल्पा थोड़ी देर चुप होकर बोली- अच्छा, आपको कसम है. मैं आपको एक बात बताती हूँ कि मेरा बॉयफ्रेंड है … पर आप किसी को मत बताना.

मैंने कहा- ठीक है. एक बात बताऊं, मुझे पता था कि तुम्हारा बॉयफ्रेंड है, पर मैंने इसलिए नहीं बोला कि तुमको कोई परेशानी ना हो.
शिल्पा बोली- तुमको कैसे पता चला?

मैं बोला- जब हम रूम में सफाई कर रहे थे, तब … और बहुत बार मैंने तुमको कॉल पर बात करते हुए देखा है.
शिल्पा बोली- हम्म … तो मुझ पर बड़ी नजर रख रहे हो.

मैंने कहा- नजर नहीं यार, बस ऐसे ही!
वो कुछ नहीं बोली.

फिर मैंने ही पूछा कि तुम दोनों को कितना टाइम हो गया?
शिल्पा बोली- अभी एक साल होने वाला होगा.
मैंने ओके कहा.

फिर शिल्पा बोली- तुम्हारी कोई गर्लफ्रैंड है?
मैंने बोला- पहले थी, पर अभी तो कोई नहीं है.

वो मेरी तरफ हैरानी से देखने लगी- ऐसा लगता तो नहीं है.
मैंने उसकी बात को नजरअंदाज करते हुए पूछा- तुम अपने बॉयफ्रेंड के साथ कभी डेट पर गई हो … यदि हां तो कहां गई हो?

शिल्पा बोली- मैं अपने बीएफ के साथ अब तक 4 बार वाराणसी गई हूँ.
मैंने हंस कर कहा- अरे वाह … तुमने तो उसके साथ गंगा जी में डुबकी भी लगा ली?

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वो भी हंस दी- नहीं यार!
फिर मैं बोला कि अगर मैं कभी तुम्हारे गांव आया, तो मेरे साथ घूमने चलोगी?

शिल्पा बोली- हां चलूंगी … पर ये सब बातें दीदी को मत बताना ओके.
मैंने कहा- ठीक है.

इस तरह से हम दोनों ने एक घंटा तक बातें की और उसके बाद सो गए.

सुबह करीब 9 बजे शिल्पा आ गई थी.
उसने मुझे उठाया और जैसे कि वो हर सुबह मेरे लोवर में मेरा खड़ा लंड देखती थी तो लंड देखने लगी.

मेरी हल्की सी आंखें खुली हुई थीं.
उसके जगाने पर मैंने उससे कहा- अभी तो टाइम है यार … सोने दो न!
शिल्पा बोली- आज तुमको जीजू के साथ कहीं जाना है, तो दीदी ने कहा है कि तुम्हें जल्दी उठा दूँ.

मैंने आंखें खोलीं और उसे देख कर कहा- वाह, सुबह सुबह से सुन्दरी के दर्शन हो जाना कितना अच्छा लगता है.

सच में वो आज और भी ज्यादा मस्त लग रही थी. उसने हरे रंग का सूट पहना हुआ था जो कि बिल्कुल टाइट था.
उसकी कुर्ती से उसके मम्मे बड़े मस्त दिख रहे थे.
शिल्पा ने बाल भी खुले हुए रखे थे.

मेरी बात सुनकर वो थैंक्स बोल कर जैसे ही पीछे को मुड़ी, उसकी टाईट गांड को देख कर मैं अपना लंड सहलाने लगा.

लंड को सहलाते हुए शिल्पा ने मुझे बहुत बार देखा है, उसने आज भी मुझे ऐसा करते हुए देख लिया था.

फिर मैंने नहा कर नाश्ता किया और भैया के साथ निकल गया.
वहां से आते हुए दोपहर हो गई पर भैया को कहीं और जगह भी जाना था तो उन्होंने मुझे घर पर छोड़ दिया.

मैंने घर की बेल बजाई तो थोड़ी देर में भाभी के पापा आ गए. उनसे ज्यादा बात तो नहीं हुई, बस नमस्ते करके मैं अन्दर आ गया.

मैंने पानी पिया और चारों तरफ देखा, कोई दिख नहीं रहा था. फिर मैं ऊपर आ गया.

मैं कमरे का दरवाजा खोलने लगा तो देखा कि अन्दर से लॉक किया हुआ है. अगले ही पल मुझे कुछ आवाजें आने लगीं. मुझे थोड़ा सा शक हुआ कि कहीं अन्दर निशा तो नहीं है.

मैंने निशा को कॉल किया और उससे पूछा- कहां हो?
वो बोली- हम सब तो पूजा के लिए पास वाले मंदिर गए हैं, घर पर पापा और शिल्पा हैं.

उससे बात करके मैं समझ गया कि शिल्पा ही अन्दर है.
मैंने निशा से कहा- यार रूम लॉक है … मुझे कुछ सामान चाहिए था.

मैंने उससे रूम की चाभी मांगी, तो उसने बताया कि चाभी तो मैं शिल्पा को देकर आई हूँ.
मैंने भी बोल दिया कि शिल्पा कहीं नहीं दिख रही है.

निशा ने बताया कि रसोई के पास एक जगह सारे कमरों की चाभी रखी रहती हैं, तुम उधर से ले लो.

मैं जल्दी से चाभी को लेकर ऊपर आया और निशा के रूम के बाहर खड़ा हो गया. अभी आवाजें थोड़ी तेज तेज आने लगी थीं.

मैंने चाभी से दरवाजे को खोला और हल्के से धकेलते हुए अन्दर झांका. मैं अन्दर का नजारा देखता ही रह गया.

शिल्पा बेड पर बिना कपड़ों के लेटी हुई थी और वो फ़ोन पर किसी से कॉल पर बात कर रही थी. उसकी आंखें मस्ती के कारण बंद थीं और मादक सिसकारियां निकल रही थीं.

उसने कान में लीड लगा रखी थी जिस वजह से उसे मेरी आवाजें सुनाई ही नहीं दे रही थीं.
वो बस बातें किए जा रही थी.

उसका एक हाथ चूत के ऊपर था, जिससे वो कभी अपनी चूत को सहलाती, तो कभी दाने को रगड़ती.

इतना सब देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं जानबूझ कर अन्दर नहीं गया और अपने लंड को जींस के ऊपर से ही मसलने लगा.

मैंने उसके पूरे बदन पर नज़र मारी. उसका गोरा बदन चमक रहा था, पर वो नेहा भाभी या प्रीत भाभी से कम ही गोरी थी.

फिर भी मैं पहली बार शिल्पा को बिना कपड़ों के देख रहा था तो मस्त लग रही थी.
उसके चुचे भी मस्त लग रहे थे.

इस वक्त वो सेक्स के मूड में थी तो उसके मम्मे भी कुछ ज्यादा ही फूले हुए लग रहे थे.
मैंने उसके चेहरे की तरफ देखा तो वो मस्ती में डूबी हुई थी.

ये सब देख कर मेरा लंड जींस में बहुत टाइट हो गया था.
मैंने जींस की चैन खोली और लंड पर थूक लगा कर और हाथ से पकड़ कर आगे पीछे करने लगा.

ये सब मैं शिल्पा को करते हुए देखते हुए कर रहा था.
मेरा मन कर रहा था कि अभी उसके ऊपर चढ़ जाऊं और लंड उसकी चूत में डाल कर उसकी जोरदार चुदाई कर दूँ.

दोस्तो, अपनी देसी न्यूड गर्ल सेक्स कहानी के अगले भाग में मैं आपको अपनी भाभी की चचेरी बहन शिल्पा की चूत चुदाई लिखूँगा. आप मुझे मेल करना न भूलें.
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देसी न्यूड गर्ल सेक्स कहानी का अगला भाग: भाभी की चचेरी बहन की मस्त चूत चुदाई- 2