सच का सामना करिए राहुल जी
हालांकि मेरे दिमाग में ‘हाय राम! कितनी खुशनुमा रात’ कहानी चल रही थी और मैं वही लिखना चाहती थी, लेकिन कल हुई एक घटना ने मेरे दिल को कहा कि ‘नहीं नहीं, नंदिनी जी! आप उस कहानी को बाद में सुनाना, पहले राहुल की कहानी लिखो।’ दिमाग और दिल की जंग में सदा दिल ही …