दोस्तो, हाल ही में मुझे भेजी गई एक कहानी आपके सामने पेश कर रहा हूँ. जिसने भेजी है उसी के शब्दों में पेशेनजर है.
हैलो फ्रेंड्स, यह मेरे व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर लिखी हुई एक सच्ची और सही कहानी है.
मैं बिहार से हूँ. उन दिनों मेरे घर का खर्चा चलाना मेरे लिए बहुत मुश्किल हो रहा था. दोस्तों के साथ आपस में गप्पें लड़ाते समय एक दोस्त ने मज़ाक में यह कह दिया कि यार क्यों ना तू जिगोलो की जॉब ज्वाइन कर ले, इससे तेरी समस्या भी कम हो जाएगी और पैसे भी मिलेंगे, आजकल इंटरनेट और न्यूज़ पेपर में इसका विज्ञापन बहुत आ रहा है.
मुझे उसकी बात सच्ची लगी और इंटरनेट के माध्यम से मैंने इस तरह के काम को ज्वाइन करना उचित समझा क्योंकि न्यूज़ पेपर वाला कदाचित परिचित निकला तो क्या होगा, ये सोचकर ही इंटरनेट के माध्यम से एक एजेंसी में अपना मेल भेज दी.
एक या दो घंटे ही बीते होंगे कि ज्वाइनिंग करने के लिए उसका फ़ोन आ गया. उसने मुझे मेरा फोटो आई डी, एक फोटो और एड्रेस का प्रूफ लिया और कहा कि आपको ज्वाइनिंग करने के लिए एक निश्चित राशि डिपाजिट के रूप में जमा करना पड़ेगा, उसके बाद आपका काम हमारे ज़रिए चालू हो जाएगा.
मैंने अपने दोस्त (जिसने मुझे यह सुझाव दिया था) के पास से मैंने डिपाजिट की रकम का इंतज़ाम करके डिपाजिट की रकम जमा कर दी. अब मैंने चैन की सांस ली कि चलो अब एक दो दिन के बाद काम चालू हो जाएगा और पैसे की कमी में थोड़ी तो राहत तो मिलेगी, पर मेरे अंदाजा गलत निकला. पहले तो वह आदमी और पैसे मांगने लगा और उसके बाद अब तो वह फोन भी नहीं उठाता और कोई जवाब भी नहीं देता, फ़ोन करते करते मैं बहुत परेशान हो गया था. मैंने उससे कहा कि यदि काम नहीं हो तो मेरे पैसे लौटा दीजिएगा.
लेकिन वह न तो पैसे लौटा रहा था और न ही कोई जवाब दे रहा था. ऊपर से इस पैसे की महामारी में दोस्त का कर्ज़ा कर दिया, सो वो कष्ट अलग था. इस चक्कर में मैं बुरी तरह से फंस गया था. मेरा पैसा खत्म हो गया था.
इसलिए दोस्तो, पहले तो मेरी आपसे यही गुजारिश है कि अगर आप जिगोलो एजेंसी को ज्वाइन करो तो सोच समझकर करना क्योंकि आपकी हालत भी मेरे जैसी न हो. बल्कि मेरा तो सुझाव है कि इस तरह के झंझट में ना पड़ कर सीधे सीधे किसी तरह का बिजनेस कर लो वो अच्छा है.
जब मैं अपना पैसा गंवा बैठा तो इस सब पर मैंने गम्भीरता से विचार किया और इस पूरे मामले की तहकीकात करने का तय किया. मुझे ये तो मालूम था कि मैं इस तरह के नेट्वर्क को खत्म तो नहीं कर सकूँगा. पर हाँ इस घोटाले के जाल से आपमें से कुछ को भी फंसने से बचा सका तो मेरी ये मेहनत सफल हो जाएगी.
क्योंकि आप भी मेरी तरह उल्लू ना बनें, ये बात अगर किसी को अफवाह लगती है तो मेरे पास डिपाजिट की बैंक रसीद है, जो मैं दिखा सकता हूँ.
मेरा अन्तर्वासना माध्यम से आप सभी युवाओं को निवेदन है कि मेरी इस पोस्ट को आप सभी जरूर समझने का प्रयास करें कि आप मेरे जैसे धोखा ना खाएं.
दरअसल इस घटना के बाद से मैंने बहुत मनन किया कि हम इस तरह की घटना से क्या सबक सीख सकते हैं.
कुछ बातें जो मैंने जानी हैं, उनको बिन्दुवार लिख रहा हूँ.
सबक नम्बर एक: जिगोलो एजेंसियां बस नए उम्र के लौंडों को ठगती हैं. उनके पास कोई भी किसी किस्म के ग्राहक या ऐसी महिलाएं नहीं होतीं, जो किसी भी अनजान व्यक्ति से खुद को चुदवाने के लिए चुदासी बैठी हों. यदि कोई महिला किसी अनजान व्यक्ति से खुद को चुदवाना चाहती भी होगी, तब भी वो पहले इस बात की जांच पड़ताल करेगी कि क्या वाकयी इस कम्पनी के जिगोलो ऐसे होते हैं, जो उसकी गोपनीयता को बनाए रखेंगे.
इस बात को अपनी महिला पाठकों से समझना चाहता हूँ कि ज़रा आप खुद ही सोचिये कि अगर आप कामवासना से पीड़ित एक धनी महिला होतीं तो क्या आप एक एजेंसी के माध्यम से जिगोलो खोजतीं? यदि आपका उत्तर हां में है, तो मेरा अगला सवाल है कि क्यों आप ऐसा करतीं? क्या सुविधाएँ देते हैं एजेंसी वाले आपको?
क्या आपने कभी सोचा है कि इस तरह की एजेंसी वाले कभी अपने किसी पुरुष सदस्य की कोई जाँच करते हैं कि उनका चरित्र कैसा है. क्या वे लफंगे किस्म के शोहदे तो नहीं हैं, जो एक सभ्य महिला के साथ संसर्ग कर सकें. सभ्य महिला शब्द इसलिए लिखा है कि शारीरिक प्यास किसी भी सभ्य महिला को भी तन की प्यास बुझाने का अधिकार होता है.
उनके लिए ये एजेंसी कैसे तय करती होंगी कि केवल सभ्य पुरुषों को ही आपके होटल के कमरे का नंबर मिले.. और अभद्र पुरुष आपके पास कभी नहीं आ पाएं?
इन फर्जी एजेंसीज के पास ऐसे कोई सुविधा नहीं होती है, न ही ऐसी कोई जांच आदि होती है. वह तो किसी भी आदमी को स्वीकार कर लेते हैं, जो उनको पैसा देगा. इन एजेंसियों में पैसा लेने का स्वार्थ होता है, फिर चाहे उनको क्रिमिनल लोगों को भी सदस्यता क्यों न देनी पड़े.
क्या एजेंसियां इस बात की जांच करती हैं कि सिर्फ उन पुरूषों को आपका फ़ोन नंबर मिले, जो युवक सुन्दर हैं और अच्छी तरह से बात करने में माहिर हैं? नहीं.. इस बात का कोई ख्याल नहीं रखा जाता, वह किसी भी आदमी को स्वीकार कर लेंगे, जिसने उन्हें पैसे दिए, भले वह गंदा, बदसूरत, बदबूदार, बुरी तरह कपड़े पहनने वाला ही क्यों न हो.
क्या एजेंसी इस बात की पुष्टिकरण करती हैं कि ये बंदा किसी औरत को संतुष्ट करने में कुशल है या नहीं?
नहीं, एजेंसी वाले किसी भी पुरूष को स्वीकार कर लेंगे, भले उसने अपने जीवन में महिला को छुआ तक नहीं होगा.
किसी विचित्र डरावने आदमी को भी मेम्बरशिप मिलेगी, अगर वह पैसे देता है तो.. मतलब ये कि एजेंसी को इस बात से कोई लेना देना नहीं होता कि जिगोलो बनने को उत्सुक युवक किस तरह का है.
ज़रा सोचिये.. अगर जिगोलो बनने को उत्सुक किसी युवक ने एजेंसी के खाते में पैसे जमा कर दिए, तो वह एकदम से जिगोलो बन जाएगा? और उसे धनी, उच्च वर्गों की महिलाओं के फ़ोन नंबर मिलने लगेंगे? और वे उच्च वर्ग की महिलाएं भी किसी भी ऐरे गैरे बन्दे को अपने होटल रूम में बुला लेंगी और उसके तथाकथित सुन्दर चेहरे को चूम लेंगी? सिर्फ इसीलिए के इसने एजेंसी को पैसे दिए हैं?
साथियों मज़ाक को अलग रखकर ज़रा सोचिये कि एक धनी, उच्च वर्ग की महिला, एक एजेंसी का सहारा क्यों ले? अगर उस एजेंसी से कोई लाभ नहीं मिलता है.
धनी लोग बेवक़ूफ़ नहीं होते.. या यूं कहिए कि बेवक़ूफ़ लोग धनी नहीं बनते. बेवक़ूफ़ तो वह लोग हैं, जो बिना सोचे एजेंसियों को पैसे दे देते हैं.
सबक नम्बर 2- उन एजेसी वालों की दुकान इसलिए चलती है, क्योंकि कोई भी शिकार में फंसा हुआ व्यक्ति कभी इसलिए शिकायत नहीं करता. उस सदस्य बनने वाले युवक को भी इस बात का अहसास होता है कि वो भी अवैध सेक्स के चक्कर में पैसे दे बैठा है.. तो वो कैसे किसी से इस घपले को लेकर शिकायत करे.
उदाहरण से समझिए.. यदि आपने किसी ट्रेवल एजेंसी से ट्रेन की कनफर्म्ड टिकट खरीदी और आपका नाम आरक्षित लिस्ट में नहीं है तो तो क्या आप उस एजेंसी वाले को छोड़ देंगे? उसे फ़ोन करेंगे, पैसे वापस मांगेगे और अगर उसने फ़ोन नहीं उठाया तो पुलिस में कंप्लेंट करेंगे.
तो फिर क्यों हम ठगी जिगोलो एजेंसियों का कंप्लेंट नहीं कर सकते? क्योंकि हमें डर है कि यह अवैध व्यापार है.. और इसकी शिकायत करने पर खुद भी फंस सकते हैं.
वैसे यह अवैध व्यापार नहीं है. जिगोलो की परिभाषा क्या है? इसमें कोई भी गैरकानूनी काम का जिक्र नहीं है.. इसमें सिर्फ मसाज करने का जिक्र किया जाता है. जबकि फोन पर कह देते हैं कि आपको फलां ग्राहक की यौन संतुष्टि करनी होगी. इसी चक्कर में मेरे दोस्त आपका खड़ा हो जाता है कि साली चुत भी चुदाई के लिए मिलेगी और पैसा भी मिलेगा.
खैर आगे बढ़ते हैं.. अगर कोई जिगोलो ने देश का कानून तोड़ा तो वो दोषी है, पर इस व्यापार में मालिश का लिख देने से कोई अवैध बात नहीं बनती है.
फिर भी लोग पुलिस में कंप्लेंट करने के लिए डरते हैं और इस डर का ही फायदा यह ठगी एजेंसी वाले उठाते हैं.
सबक नम्बर 3- कुछ एजेंसियां महिलाओं के कॉन्टेक्ट्स भेजते हैं लेकिन यह ‘अलग’ ढंग की महिलाएं होती हैं.
कभी कभी, एजेंसी को पैसे देने के बाद, आपको कुछ महिलाओं के कॉल आने लगते हैं. यह फ़ोन पर साफ़ बताएंगी, ‘मैं आपसे मिलूंगी पर मुझे आप गिफ्ट दोगे? कितने का गिफ्ट दोगे?’
अरे भाई, ऐसे ‘कांटेक्ट’ के लिए एजेंसी की क्या ज़रूरत थी? ऐसी उपहार मांगने वाली आइटम तो कहीं भी मिल जाती.
मुझे उन लोगों के घावों में थोड़ा और नमक डालने की इजाज़त दें, जो अपना पैसा इस तरह की ठगी के चक्कर में गंवा चुके हैं.
पहले, एजेंसी वाले ने आपसे पैसे कमाए, अब यह लड़की आपसे पैसे कमाएगी. मतलब आप दोनों तरफ से बकरा बन गए. माफ़ करना, पर यह जिगोलो एजेंसियों की कड़वी सच्चाई है.
अंत में सावधान रहिएगा- ठगी एजेंसियों का एक नया जाल भी आ चुका है.
एक बन्दे ने मुझे एक नए प्रकार के एजेंसी घोटाले के बारे में बताया है.
एजेंसी पहले आपको कहेगी कि हम मेम्बरशिप के पैसे नहीं लेते, हम बस कमीशन पे काम करते हैं. अगर हमने आपके लिए महिला ग्राहक भेजा तो ही आपकी कमाई से हम थोड़ा सा कमीशन लेंगे, वर्ना हम एक पैसा भी नहीं लेंगे.
आप खुश हो जाएंगे कि ये एजेंसी सही है.
फिर वो एजेंसी आपसे आपका नाम, ईमेल, फोटो आईडी ले लेते हैं और मुफ्त में रजिस्ट्रेशन कर देते हैं. एक पैसे भी नहीं माँगते. इससे आप खुश हो जाते हैं.
फिर एक दिन एजेंसी से एक कॉल आता है कि बधाई हो, आपका पहला ग्राहक तैयार है. यह महिला आपको Rs.30,000 रूपए देगी. हमारा कमीशन है, पहली बार 50%, दूसरी बार 30% और उसके बाद हर बार 10% लिया जाएगा. क्या आपको मंज़ूर है?
आप ख़ुशी से कहते हैं कि हाँ भाई मंज़ूर है, मुझे बस ग्राहक से मिला दो.
एजेंसी वाला कहेगा कि ठीक है, Rs.30,000 का 50% कमीशन होता है Rs.15,000. सो हमने आपको हमारा बैंक अकाउंट नंबर SMS कर दिया है. आप Rs.15000 जमा कर दीजिये. हम आपके ग्राहक का कांटेक्ट नंबर भेज देंगे.. पर जल्दी करना. यह ग्राहक जल्दी में है. अगर आपके पैसे अगले दो घंटों में नहीं मिले, तो इस ग्राहक का कांटेक्ट कोई और जिगोलो को भेज दिया जाएगा.
आप किसी तरह पैसों का इंतज़ाम कर एजेंसी के खाते में जमा कर देते हैं.
उसके बाद एजेंसी वाले आपको फिर कभी फ़ोन नहीं करते और अगर आपने उनको फ़ोन किया, तो फ़ोन नहीं उठाते. वही पुरानी कहानी शुरू हो जाएगी.
सो दोस्तों इस तरह की कमाई के चक्कर में न रहें कि चुत भी चुदाई के लिए मिल जाएगी और रकम भी मिलने लगेगी.
अब आपको मैंने सब बता दिया है.. यह न कहना कि मैंने आपको चेतावनी नहीं दी थी.
ये आप पक्के में जान लीजिएगा कि भारत में कोई सच्चा जिगोलो क्लब एक भी नहीं है.
आपको मेरी ये नसीहत भरी कहानी पसंद आई या नहीं… तो प्लीज़ मुझे मेल कीजिएगा.
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