रूममेट दोस्त की मॉं की अन्तर्वासना

हैल्लो दोस्तों, में आप सभी  के चाहने वालों के लिए अपने जीवन की एक मज़ेदार सेक्स की घटना को सुनाना चाहता हूँ। दोस्तों में अभी कुछ समय पहले ही इन सेक्सी कहानियों से जुड़ा हूँ मुझे इनको पढ़कर बहुत शांति मिलती है और यह मेरी आज पहली कहानी है।

ये तब की देसी पॉर्न बात है जब मैं हयद्राबाद मे पढ़ता था. बेसिकली आई एम फ्रॉम गुजरात.

मैं और मेरा दोस्त वाहा किराए के रूम मे रहते थे. हम दोनो की ब्रांच अलग अलग थी इसलिए हमारे रूम पर साथ रहना रात को ही होता था. दिन मे क्लासेस के टाइम अलग अलग थे.

मेरे दोस्त की मा दिखने मे 5 फीट 4 इंच टॉल 36 के बूब्स और थोड़ी मीडियम दिखने वाली थी.

मैने कभी नही सोचा था की ऐसा होगा. एक दिन मेरे दोस्त की तबीयत थोड़ी बिगड़ गई तो उसकी मा हमारे रूम पर आ गयी ताकि उसको अछा खाना खिला सके और थोड़ी अछी केर भी कर सके. वैसे भी हम लोग रोज बाहर का खाना खा कर थक चुके थे.

वो रहने आई और हमारे साथ ही रूम मे रहने लगी. उस टाइम पर मैने कभी उनके बारे मे ग़लत नही सोचा था. हम रोज रात को जो वो बनाती वो खाते थे और थोड़ी पढ़ाई के बाद सो जाते थे.

मेरा रूम मेट सवेरे जल्दी क्लासेस के कारण जल्दी निकल जाता था और मैं थोड़ी देरी से जाता था क्यू की मेरी क्लासेस लेट होती थी.

एक दिन जब मेरी नींद खुली तब मेरा रूम मेट जा चुका था और मैं अकेला था रूम मे. मैं जैसे ही बाथरूम के पास गया तभी लगा अंदर आंटी नहा रही थी. उसके बाद मे फिर सो गया बेड पर. मतलब लेटा हुआ था. उनको लगा की मैं अभी उठा नई हू इसलिए वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी पहने हुई बाहर आ गयी. मैने जैसे ही देखा देखता ही रह गया.

लेकिन मैं झट से सो गया ताकि उनको सरमींदगी ना हो लेकिन वो सीन जो मैने देखा वो मेरे आँखो के सामने से जा ही नई रहा था. मेरे मन मे कभी ऐसा ख़याल नही आया था की ऐसा भी मैं सोचूँगा. मेरा लंड खड़ा सा हो गया. फिर वो कपड़े पहनी और फिर मुझे उठाया और कहा की मैं चाय पत्ती और मिल्क लेने जा रही हू. तुम भी फ्रेश हो जाओ.

मैं उठ कर बाथरूम की और जाने लगा. लेकिन मेरा लंड थोड़ा खड़ा था और इसलिए जो शॉर्ट्स मैने पहना था उसके उपर उभार थोड़ा दिख रहा था. आंटी ने देखा पर कुछ कहा नई.

फिर आंटी चली गई और मैं बाथरूम मे गया. मैने बाथरूम मे आंटी की पैंटी और ब्रा देखी. मैने ऐसेही उनकी ब्रा और पैंटी उठाई और सूंघ लिया.

वाहह क्या स्मेल थी पता नही मेरे दिमाग़ मे एसा ख़याल आ गया.

उसके बाद मैने वो स्मेल करते हुए मूठ मार ली आंटी के नाम की. लेकिन मैं इतना खो गया की मेरा ब्रा के अंदर ही छूट गया. मैं घबरा गया की अब क्या करू. फिर मैने थोड़ा धो दिया और वापिस रख दिया.

मैंने नहा कर कपड़े चेंज किए. उतने मे आंटी आ चुकी थी और चाय बनाई थी. मैने उनके साथ चाय पी और थोड़ी बाते की ये वो सब. मेरी नज़र तो सिर्फ़ उनके बूब्स पर ही जा रही थी जो की मैने सवेरे मे देख लिए थे थोड़े.

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फिर मैं भी क्लास के लिए चल दिया. 2 दिन तक ऐसा ही चला. मैं रोज आंटी के नाम की मूठ मारता. मेरे मन मे आंटी को चोदने का ख़याल आया. एकदिन मैं सुबह जल्दी उठ गया और आंटी के बाहर आने की राह देखने लगा.

आंटी ऐसे ही ब्रा और पैंटी मे बाहर आ गयी. उनको लगा था की मैं शायद सो रहा हू. मैं बाथरूम के दरवाजे पर ही खड़ा था. वो अचानक से निकली और दंग रह गयी मुझे देख कर. वो शर्मा गयी और मैं भी शर्मा गया और मूड गया ताकि उनको लगे की मैं भी शर्मिंदा हू. फिर मैने माफी माँगी तो उन्होने कहा कोई बात नई लेकिन किसी को बताना नई.

मैं अंदर गया और फिर मूठ मार ली और इस बार मैने ब्रा अछेसे साफ करना भूल गया. मैं क्लास से आया आंटी मुझे कुछ अलग नज़रो से देखी. थोड़ा अलग ही लगा उनका स्वभाव.

फिर हम लोग ने खाना खाया और आ गये. रात को मैने सोचा की आंटी क्यू थोड़ा ऐसे रियेक्ट कर रही है. फिर सुबह मैने फिर इसबार जल्दी उठ गया. आंटी इस बार नहा कर बाहर आई लेकिन सब पहनकर. उसके बाद जब उन्होने मुझसे पूछा की कल बाथरूम मे क्या किया था तो मैं चौक गया. फिर मैने कहा की जो रोज करता हू वही.

तो उन्होने कहा की तू रोज यह करता है ?

मैने कहा जी हा. रोज ही तो नहाता हू.

आंटी – रोज तो नहाते हो लेकिन कल क्या किया था मेरी ब्रा और पैंटी के साथ ?

मैं डर गया. और मैं सॉरी बोला. आंटी ने कहा की ऐसे नही करना चाहिए. फिर मैं आंटी को सॉरी बोला. और मुझे बहुत ग़लत लगा.

मैं नहा कर आया और आंटी के साथ चाय पीने लगा तब मैने आंटी के साथ नज़रे भी नही मिला पा रहा था.
आंटी ने कहा क्या हुआ. बुरा लगा मैने डाटा तो. कोई बात नही मैं सब समजती हू. ऐसा होता है इस उमर मे.

फिर हमने चाय पी और मैं क्लास पर चला गया. क्लास मे भी मैं ठीक से नही पढ़ा और सिर्फ़ जो हुआ उसके बारे मे सोचा.

रात को हम खाना खा कर सो गये.

अगले दिन जब मैं उठा तो आंटी नहा कर रेडी हो चुकी थी. मैं उठकर गया और नहा कर फ्रेश हो गया. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

फिर आंटी के साथ चाय पीते पीते बाते शुरू हुई

आंटी – क्या हुआ कुछ बात क्यू नही कर रहे

मैं – ऐसेही क्या बात करू

आंटी – एक बात पुछु

मैं – हान पूछिए

आंटी – तुम्हारी कोई जीएफ है ?

मैं – नही आंटी.

आंटी बोली अभी मैं सोचु की चक्कर क्या है. जो भी है मुझे बता दो मैं किसी को नही कहूँगी. प्रॉमिस

मैं. जी आंटी वो आप मुझे बहुत अच्छी लगती है.

आंटी बोली अच्छा. तो ये बात है. वैसे मुझ मे क्या ऐसा है जो तुझे अच्छी लगी. ?

मैं – आप

आंटी – मेरे बॉडी मे क्या अच्छा है सब कुछ तो ख़तम हो चुका है

मैं – ऐसा नही है

आंटी – मेरे बूब्स भी पहले जेसे नही है.

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मैं ऐसा सुन के मैने भी चौका मारा. मैने कहा ऐसा आपको लगता है. मुझे तो बहुत पसंद है

आंटी – हॅट पागल कही का

मैं – अरे सच मे आंटी. आपके बूब्स किसी को भी दीवाने कर सकते है. जैसे मैं हो चुका हू.

अब ऐसा कहने के बाद जब उन्होने एक स्माइल दी तो मैं समझ गया ग्रीन सिग्नल

बस फिर क्या मैं उठकर उनको गले से लगा लिया. जैसे ही मैं उनको किस किया वो रेससिस्स करने लगी. और बोली की ये ग़लत है.

मैं – कुछ नही होगा आंटी आई प्रॉमिस

आंटी – लेकिन

वो बोले उसके पहले ही मैं फिर किस चालू कर दी. अब 2 मीं के बाद वो साथ देने लगी. फिर मैने उनको किस करते करते पेटिकोट निकाल दिया और अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी मे मेरे सामने थी मैं उनकी ब्रा के उपर से ही बूब्स दबाने लगा. और वो सिसकिया भर रही थी. मैने किस चालू रखा.

मैने उनको बेड पर लिटाया और ब्रा निकाल कर उनके बूब्स सक करने लगा. वा क्या मस्त बूब्स थे वो.

5 मीं के बाद मैं धीरे धीरे नीचे गया और उनकी पैंटी अपने दतो से नीचे कर दी. अब उनकी चुत मुझे दिख रही थी. वा क्या मस्त चुत थी. थोड़ी ब्लॅक लेकिन पिंक कलर के उसके होत. मैं देखकर ही पागल हो गया.

मैने जेसे ही जीभ उनकी चुत पर रखी वो हिल उठी. उनकी भी पहली बार किसी ने चुत चाटी होगी.

मैं एक उंगली अंदर बाहर करने लगा और चाटने लगा. वो भी मज़े ले रही थी

फिर मैं नंगा हो गया. मेरा लंड देख कर आंटी बोली

वाहह. बहुत मस्त है रे. इतना बड़ा.

मैने उनको लंड चूसने को बोला. वो मना करने लगी फिर मान गयी.

फिर मैने उनके मूह मे दे दिया. वो चूसने लगी. मैं तो जेसे स्वर्ग मे पहुच गया था.

15 मीं के बाद जब मैं झड़ने वाला था तो उनके मूह मे ही झड़ गया. वो गुस्सा हो गई. मैने उसको उठा कर किस करने लगा और अपना ही कम के साथ उसको किस करने लगा. वा क्या स्वाद आ रहा था . उनके सलवा और मेरा कम मिक्स.

फिर थोड़ी देर मे मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैने उनको लिटाया और चुत पर अपना लंड रख कर एक धक्का दिया. वो आह्ह्ह्ह धीरे कर.

फिर मैने दूसरे धक्के मे पूरा अंदर डाल दिया. और चोदने लगा.

वो अह्ह्ह ऊह्ह्ह्ह यअहह अह्ह्ह्ह चोद डाल आज. फाड़ दे. ऐसा कह रही थी

20 मीं के बाद मैं झड़ने वाला था. तो मैने कहा कहा निकालु वो बोली मेरे मूह मे ही झड़ो. मज़ा आता है. मैने उसकी चुत से लॅंड निकाल कर मूह मे दिया और झड़ गया. फिर उसने मुझे किस किया. फिर हम फिर बाथरूम मे गये और नहाने लगे. वाहा मैने उनकी गॅंड मारी.

मुझे अपना फीडबॅक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ ज़रूर करे, ताकि कहानियों का ये दौर देसीकाहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे.

फिर हम रोज सुबह सेक्स सेक्स करते थे और साथ मे नहाते थे

फिर मेरे फ्रेंड का क्लास ख़तम हो गये और वो दोनो घर चले गये. अभी भी मैं कभी कभी आंटी को चोदता हू.

वो मुझे कॉल करती है.