यार बनकर बुआ की बेटी की बुर खोली

मैंने अपनी बहन चोदी. वो मेरी बुआ की बेटी थी, मेरी हमउम्र थी. पहली चुदाई के बाद उसने बताया कि उसने अपना कौमार्य मेरे लिए ही बचा कर रखा था.

दोस्तो, मेरा नाम राजू है, मेरी उम्र 22 साल है. मैं दिखने में ठीक-ठाक हूं … ना पतला ना मोटा. मेरी लम्बाई 5 फुट 8 इंच हैं. मेरा काम धंधा खुद का ही है.

ये बहन चोदी बात कुछ साल पहले की है जब मेरी बुआ की लड़की पुष्पा हमारे घर पर आई थी.
पुष्पा मेरी हमउम्र ही थी, इसलिए वो बचपन से ही मुझसे खुलकर बातें करती थी.

लेकिन इस बार जब वो आई, तो जवानी में पैर रख चुकी थी. उस समय हम दोनों की उम्र जवानी में कदम रख चुकी थी.

पुष्पा और हम सभी एक ही कमरे में साथ में सोते थे. पुष्पा और मेरी काफी जमती थी, तो मैं उसके पास में ही सोता था.

एक दिन रात को हम बातें कर रहे थे. बातों बातों में उसने मुझसे पूछा कि तेरी फ्रेंड है?
मैंने कहा- कोई नहीं है.

उसने कहा- तो फिर बना ले.
मैंने कहा- किसको बनाऊं … कोई बनती ही नहीं है.

उसने कहा- पड़ोस में रहने वाली प्रिया को बना ले.
मैंने कहा- वो भाव खाती है, मैंने उसे प्रपोज भी किया, पर उसने मना कर दिया था.

इसी बारे में बातें करते करते हम सो गए.

आधी मेरी रात को नींद खुली, तो वापिस वही सब बातें मेरे दिमाग में घूमने लगीं. आंखों से नींद कोसों दूर चली गई थी और दिमाग में वासना का भूत सवार हो गया था.

मैंने काफी सोच विचार कर हिम्मत करके अपना हाथ पुष्पा के छोटे छोटे बूब्स पर रख दिया और उन्हें मसलने लगा.

पहले तो मैंने उसके चीकू, ऊपर ऊपर से सहलाए, फिर उसकी सलवार में हाथ डालकर चुत मसलने लगा.
शायद वो भी नींद से जाग गई थी पर मना नहीं कर रही थी.

इससे मेरी हिममत और बढ़ गई. मैंने उसका हाथ मेरे लंड पर रखवा दिया और उसके हाथ से अपना लंड हिलवाने लगा.

सब कुछ पहली बार था, तो बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर वो भी मुझसे चिपक गई.

लेकिन जैसे ही मैंने उसका सलवार का नाड़ा खोलना चाहा, उसने मना कर दिया.

उसने कहा- इधर सबको पता चल जाएगा, इसलिए फिर कभी कर लेना.
मैंने कहा- ठीक है, बाद में चुदाई कर लेंगे.

उसके बाद दो तीन दिन तक मैं मौके की तलाश में रहा … लेकिन मौका नहीं मिला.
फिर वो वापिस अपने शहर चली गई.

उसके बाद में भी पढ़ाई के लिये बाहर चला गया.

अब संयोग कुछ ऐसा बैठने लगा कि जब वो मेरे गांव आती, तो मैं घर पर नहीं मिलता क्योंकि मैं अपनी पढ़ाई के लिए बाहर रहता.
फिर जब मैं गांव आता, तो वो नहीं आ पाती थी.

ऐसे ऐसे में दो साल निकल गए.

अब मैंने स्कूल की पढ़ाई पूरी करके कॉलेज में एडमिशन ले लिया था.
ये कॉलेज उसी के शहर में था. तब तक घर वालों ने मुझे एक मोबाइल दिलवा दिया था. मैं उसी शहर में किराए के रूम में रहने लगा.

उधर रह कर मैं कभी कभी बुआ के घर पर भी आ जाता था.

लेकिन पुष्पा इन दो सालों में बहुत बदल चुकी थी. अब उसका फिगर एक फिल्मी मॉडल की तरह हो चुका था.
वो एक ऐसी सेक्स डॉल बन चुकी थी कि उसकी कमनीय काया को देखते ही लंड खड़ा हो जाए.

हालांकि उसका मुझसे बात करने का अंदाज अब भी पहले जैसा ही था.

मैंने उसका मोबाइल नंबर भी ले लिया. अब हम दोनों फोन पर काफी बातें करते रहते थे.

कभी कभी हम वीडियो कॉल भी कर लेते थे जिसमें वो मुझे अपने बूब्स दिखाती थी.
उस समय वो सब देखकर बहुत मज़ा आता था.

उसने मुझसे वादा भी कर रखा था कि जब घर पर कोई नहीं होगा तो वो मुझे बुला लेगी.
मैं भी उस दिन का इंतजार कर रहा था.

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फिर एक दिन बुआ और घर के सब लोग उसका रिश्ता पक्का करने के लिए बाहर जाने वाले थे.

उस दिन बुआ ने मुझे फोन करके कहा- हम सभी एक दिन के लिए बाहर जा रहे हैं. तो तुम आज आज मेरे घर सो जाना. घर पर पुष्पा अकेली है.
मैंने कहा- ठीक है बुआजी. मैं शाम को आ जाऊंगा.

फिर मैं उस दिन शाम को सज धज कर बुआ के घर पर चला गया.

वहां पुष्पा मेरा ही इंतजार कर रही थी. पहले तो हमने काफी बातें की, फिर हमने साथ में बैठ कर खाना खाया.

उसने मुझे और मैंने उसको अपने हाथों से खाना खिलाया.

माहौल धीरे धीरे रोमांटिक होता जा रहा था.
आज रात को हमें आपस में मिलने से कोई नहीं रोक सकता था क्योंकि घर पर हम दो ही थे. बाहर से भी कोई आने वाला नहीं था.

खाना खाकर हम सीधे सोने वाले कमरे चले गए.

गर्मी का मौसम था.
कमरे में जाते ही मैंने पुष्पा को अपनी बांहों में ले लिया. उसने भी मेरा पूरा साथ दिया और वो मेरी बांहों में झूल गई.

मैंने उसे पलंग पर लिटाकर पहले एसी चालू किया और टीवी पर धीमी आवाज़ पर रोमांटिक गाने चालू कर दिए.

अब मैं पलंग पर आकर उसके ऊपर चढ़ कर उसे किस करने लगा.
वो भी मेरा साथ देने लगी.

उसके होंठ बहुत ही रसीले थे. ऊपर से वो भी मेरे होंठों को अपने होंठों से दबा कर चूस रही थी.
उसने भी अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी.

मैंने कम से कम दस मिनट तक उसके होंठों को खूब चूसा लेकिन तब भी उसके होंठों का रस कम नहीं हुआ.
उसके होंठ अब भी बहुत रसीले थे.

मैंने उसकी टी-शर्ट को ऊपर सरकाया और उसके बड़े बड़े बोबों से खेलने लगा. उसके मम्मों को मैंने मसल मसलकर लाल कर दिया.

हम दोनों की हालत पल पल कामुक होती जा रही थी.
वो चुदने के लिए बेताब थी और मैं अपनी बहन को चोदने के लिए बेताब था.

पुष्पा बोली- देर क्यों कर रहे हो भाई! मुझे बड़ी आग लगी है.
मैंने कहा- मेरी बहना, आज हम दोनों पूरी तसल्ली से चुदाई का मजा लेंगे. जल्दी किस बात की है.

वो बोली- तेरी तसल्ली गई तेल लेने … मुझे पहले एक बार शांत कर दे, फिर तुझे जैसे मन हो कर लेना.
मैंने उसे चूमते हुए ओके कहा.

मैंने उसकी जींस और टी-शर्ट को खोलकर किनारे रख दिया.
अन्दर उसने काली ब्रा और लाल चड्डी पहन रखी थी. मैंने उसकी ब्रा और चड्डी भी उतार दी और अपने सारे कपड़े भी खोल दिए. आज मुझे उसे चोदने का मौका मिला था तो मैं पहले ही अपने लंड की सफाई करके आया था.

हम दोनों आज पहली बार एक दूसरे के सामने नंगे थे. मैंने अपना लंड उसके हाथ में दे दिया और वो मेरे लंड को अपने हाथों से ऊपर नीचे करने लगी.

यहां पाठिकाओं को मैं अपने लंड का साइज बता दूँ. लंड की लंबाई 7 इंच के आस पास ही है, लेकिन मोटा इतना है कि किसी भी चूत में आसानी से नहीं जाएगा … सामने वाली की आंखों में आंसू ला देगा.

वो कहने लगी कि तेरा तो लंड पहले से काफी बड़ा हो गया है.
मैंने कहा- चूस कर मजा ले ले.

पहले तो वो लंड चूसने में जरा हिचकिचाई. मगर मैंने जब उससे पूछा कि क्या तूने पोर्न में लंड चुसाई नहीं देखी?

वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगी.

मैंने लंड हिला कर उसे आंखों के इशारे से लंड चूसने के लिए कहा, तो उसने अपने होंठ मेरे लंड के सुपारे पर रख दिए. एक बार उसने अपनी जीभ की नोक से मेरे लंड का सुपारा टच किया. तो उसे मेरे लंड से मस्त महक आई.

मैंने आज अपने लंड पर एक खुशबूदार जैल लगाई हुई थी. चूंकि लंड एकदम क्लीन था झांटों का नामोनिशान नहीं था. तो मेरी बहन पुष्पा को लंड का पहला टच मस्त लगा था.

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मैंने उसकी तरफ देखा तो उसने मेरे लंड के सुपारे पर अपने होंठ घिसे … शायद उसका मन हिचकिचा रहा था.

मैंने उससे कहा- मुँह में लो न.

वो मुस्कुराने लगी और लंड हाथ से मुठिया कर मुझे जीभ चिढ़ाने लगी.

मैंने कहा- जल्दी चूस, मुझे बड़ी आग लग रही है.

उसने फिर से लौड़ा जीभ से चाटा, तो इस बार मैंने उसकी एक चूची पकड़ कर जोर से भींच दी.

उसकी आह निकली और मुँह खुल गया. मैंने झट से लंड उसके मुँह में ठेला और अपने हाथ से उसके सर को लंड पर दबा दिया. मेरा आधा लंड उसके मुँह में घुस गया था. वो गों गों करने लगी थी.

एक मिनट बाद उसकी जीभ ने मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया था. अब हम दोनों को मजा आने लगा था.

फिर दो मिनट बाद उसने लंड निकाला और बोली- अब बस … पहले मेरी आग बुझाओ बाकी सब आगे राउंड में होगा.
मैंने ओके कहा और उसे चुदाई की पोजीशन में आने को कह दिया.

पुष्पा ने मेरे लंड को एक बार सहलाया और लेट गई.

मेरा लौड़ा एकदम तनकर तैयार हो गया था. मैं पुष्पा की टांगें फैला कर उसकी कोमल चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा.
पुष्पा की गांड मचल रही थी, उसे लंड चुत में लेने की जल्दी मची थी.

मैं धीरे धीरे लंड उसकी चूत की गहराई में डालने लगा.
उसकी चुत एकदम टाईट थी तो उसे तकलीफ हो रही थी लेकिन उस तकलीफ में भी उसे बड़ा सुकून मिल रहा था.

जब मैंने उसकी चूत की गहराई में जैसे ही अपना पूरा लंड डाला, तो उसकी आंखों से मीठे दर्द और खुशी के आंसू निकल पड़े.

मैं उसकी तरफ देखने लगा.
वो कराहते हुए कहने लगी- मेरे इन आंसुओं को देख कर तुम रुक मत जाना. पहली बार में दर्द तो होता ही है.

उसकी इस हिम्मत से मैं खुश हो गया और चुत फाड़ने में लग गया.

अब मैं भी कहां रुकने वाला था … मैंने धीरे धीरे धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.
कुछ देर में उसे भी असीम सुकून मिलने लगा था. वो मेरा पूरा साथ दे रही थी.
अब तो वो खुद भी नीचे से अपनी गांड उठा कर चूत में लंड लेने के लिए धक्के लगाने लगी थी.

मैंने लगभग 25 मिनट तक अपनी बहन को जमकर चोदा और फिर मेरे लंड ने फव्वारा छोड़ दिया.

हम दोनों झड़ कर एक दूसरे से लिपट कर अपनी सांसें नियंत्रित करने लगे.

कुछ देर बाद वो मुझे चूमते हुए बोली- सच में आज मेरा सपना पूरा हो गया. मुझे तुमसे ही अपनी पहली चुदाई करवाने का मन था.

मैंने भी उसे चूमते हुए अपनी चुत चुदवाने के लिए धन्यवाद कहा.

फिर हम दोनों बाथरूम में जाकर साफ़ होकर वापस बिस्तर पर आ गए.

उसके बाद उस रात को मैंने उसे 2 बार और चोदा.
इस बार वो मेरे लंड पर भी कूदी और कुतिया बन कर भी चुदी.

मैंने काफी स्टाइल में अपनी बहन चोदी.
जितनी भी पोजिशन मैंने पोर्न देख कर सीखी थीं वो सब उस रात मैंने अपनी बहन को चोदकर आजमा लीं.

चुदाई के बाद हम दोनों नंगे ही एक दूसरे के साथ चिपक कर सो गए.
उस रात मुझे नींद बहुत अच्छी आई.

उसके बाद साल भर तक मैं महीने में 2-3 बार उसको होटल ले जाकर चोदता रहा.

फिर उसकी शादी हो गई.
शादी के बाद वो धीरे धीरे बदल गई. शादी के बाद 3 बार तो मैंने अपनी फुफेरी बहन चोदी. लेकिन अब वो मना करती है और कहती है कि मैं अब अपने पति को धोखा नहीं दे सकती हूं.

दोस्तो, यह मेरी बहन चोदी कहानी आपको कैसी लगी … अपनी राय जरूर देना.
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