सगी बहन की चूत चोद कर माँ बना दिया

दोस्तो.. मेरा नाम हेमन्त जैन है और मेरी उम्र अभी 30 साल की है और यहाँ मैं आप लोगों को अपनी सेक्सी बहन के बारे में कुछ जानकारी देना चाहता हूँ। मेरी बहन का नाम अमिता जैन है और उसकी उम्र अब 29 साल है।

दोस्तों जैसे कि आप लोगों मेरी पिछली कहानी में पढ़ा था कि मैंने कैसे अपनी बहन की सील तोड़ी थी। लेकिन अब मेरी बहन की शादी हो चुकी है। उसका एक बेटा भी है और अब वो अपने पति के साथ ही रहती है।

दोस्तो, यहाँ मैं आपको अपने बारे में भी कुछ बताना चाहता हूँ। मेरी भी शादी हो चुकी है.. मेरी एक हॉट पत्नी है.. उसका नाम मनीषा जैन है। मेरा एक बेटा भी है।
मेरी पत्नी मुझे वो मजे नहीं दे पाती.. जो मजे मुझे मेरी बहन ने दिए थे।

उन दिनों तो जैसे अमिता की और मेरी शादी ही हो गई थी, मैं शादी से पहले अपनी बहन को बहुत चोदता था.. लेकिन शादी के बाद तो मुझे मेरी बहन को चोदने का मौका ही नहीं मिला। अब तो बस मैं अपनी सेक्सी बहन की यादों को साथ लेकर घूमता हूँ।

एक दिन मेरी पत्नी मनीषा मुझसे बोली- मुझे थोड़ी शॉपिंग करनी है।
मैं अपनी पत्नी को मार्केट लेकर गया उसने एक ब्लैक कलर की ब्रा-पेंटी खरीदी और एक साड़ी भी खरीदी।

मैंने पूछा- जान, ये सब शॉपिंग करके कहाँ जा रही हो?
वो बोली- मैं कुछ दिनों के लिए अपने पीहर जा रही हूँ और मेरे साथ आप भी चल रहे हैं।
मुझे थोड़ा सा काम था.. इसलिए मैंने मना कर दिया, मैं बोला- मॉम को साथ ले जाना!
वो बोली- ठीक है।

मेरी पत्नी मेरी मॉम को लेकर चली गई। उससे अगले दिन को मेरे पापा बोले- बेटा मैं तेरी ससुराल जा रहा हूँ। वापसी में मैं बहू और तेरी माँ के साथ ही आऊँगा।
मैं बोला- ठीक है।

पापा चले गए.. दो घन्टे बाद पापा का फोन आया- बेटा स्टेशन से अपनी बहन को ले आ.. तेरी बहन आई है। इधर हम लोग रुक गए हैं और 2 दिन बाद आएँगे। तुम दोनों आराम से रहना.. इसी लिए फोन किया है कि तू हमारे आने की चिंता न करना।
मैं बोला- ठीक है।

मेरे तो ख़ुशी के मारे जैसे पंख ही लग गए थे, मैं फट से उठा और फटाफट रेडी हुआ, मैंने कार निकाली और बहन को लेने चला गया।

जब मैं स्टेशन पहुँचा.. तो मेरी बहन अपने बच्चे को गोद में लिए हुए खड़ी थी। उसके पास एक बैग भी था। मैं गाड़ी से उतरा तो उसे गौर से देखा, अमिता क्या मस्त माल लग रही थी, उसने ब्लू-कलर की साड़ी पहनी हुई थी।

दोस्तो, अमिता का पति काम के सिलसिले में अधिकतर बाहर ही रहता है, वो अमिता को ज्यादा टाईम भी नहीं दे पाता था.. इसलिए मेरी अमिता अकेली ही आई थी।

मैंने गाड़ी की डिग्गी खोली और अमिता का बैग रख दिया।
मैं बोला- आओ बैठो।
अमिता मेरे साथ आगे की सीट पर बैठ गई- भाई, कैसे हो?
मैं बोला- ठीक हूँ यार.. तुमको बहुत मिस करता रहता हूँ। शादी से पहले की बात याद आती है।
वो बोली- हाँ भईया.. मुझे भी बहुत याद आती है।

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मैं बोला- भईया नहीं.. जानू, पति कुछ और बुलाओ।
वो हँस कर बोली- ठीक है जानू.. पापा और मॉम कैसे हैं?
मैं बोला- वे ठीक हैं और मेरी पत्नी के साथ उसके मम्मी-पापा के घर पर हैं।

इतना सुनते ही वो बहुत खुश हो गई- पापा ने ये नहीं बताया मुझे.. आई लव यू जानू..
मेरी प्यासी बहन मुझ पर लगभग टूट पड़ी.. वो मुझे किस करने लगी।
मैं बोला- अभी नहीं मेरी जान.. मैं ड्राइविंग कर रहा हूँ।

फिर वो कुछ पलों के लिए शान्त हुई, अब उसने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और हाथ फेरने लगी- मेरे भाई के शेर लंड.. आज तू फिर मेरी चूत की सैर करेगा।
‘हाँ.. मेरी जान ये भी बेकरार है तेरी चूत में जाने के लिए।’

हम घर पहुँच गए, मेरी बहन कार से उतरी और हम दोनों घर के अन्दर आ गए।
मेरी बहन फ्रेश हुई और उसने एक ढीला सा गाउन पहन लिया, गाउन के अन्दर उसने अन्दर ब्रा-पेंटी नहीं पहनी थी जिसकी वजह से उसके उभरे हुए मम्मे साफ दिख रहे थे।

मैं- अमिता मेरी जान.. खाना बना लो।
वो बोली- ओके जी।
वो किचन में खाना बनाने गई, मैं भी किचन में चला गया और पीछे से अपनी बहन की कोली भर ली।

मेरा लंड मेरी बहन की मोटी गांड से टच हुआ और मेरी बहन मुझे आँखें बंद करके महसूस करने लगी।
फिर एकदम से उसने मुझे धक्का दिया- अभी नहीं.. रात को!

इसके बाद उसने खाना बनाया और हम दोनों ने खाना खाया, रात भी हो गई।

मेरी बहन ने बेडरूम साफ करके चुदाई के लिए रेडी किया और बोली- आ जाओ मेरे राजा.. अब अपनी रंडी बहन को चोद दो।
मैं बोला- आज तुझे अपने बच्चे की माँ बना ही दूँगा।
मेरी बहन ने अपने बेटे को सुला दिया था।

वो बिस्तर पर उल्टी लेट गई, मैं उसके करीब गया और उसे गाउन के ऊपर से ही चूमने लगा। मेरी बहन सीधी हुई और मेरा हाथ अपनी चूत पर रखती हुई बोली- जानू आज इसको फाड़ दो!

मैं उसे किस करते करते बोला- मेरी पत्नी.. मेरी जान.. तू फिक्र मत कर.. आज तेरी चूत का भोसड़ा नहीं बनाया, तो मेरा नाम हेमन्त जैन नहीं!

फिर मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसके गोल-गोल मोटे मम्मों को चूसने लगा.. काटने लगा। मेरी बहन की सिसकारियाँ निकलने लगीं- अअह.. उहहहह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… सीससी.. अह जानू.. मेरे पति.. भोसड़ी के चूसो मेरी चूचियों को आह्ह..

मैंने अपनी दो उंगलियां उसकी चूत में डाल दीं और चूत में अन्दर-बाहर करने लगा- उहहहह जानू.. तुम्हारी चूत कितनी रसीली है.. आह्ह.. खा जाओ मेरी चूत को..
मेरी बहन मेरा लंड सहला रही थी।

फिर मैं उसकी चूत चाटने लगा।
‘चाटो इसे.. चाटो.. बहनचोद.. साले चाट मेरी चूत.. और सुरूर बना ले चुदाई का.. आह्ह..’
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मैं बहन की चूत चाटता ही रहा। कुछ देर बाद मेरी बहन ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और झट से मेरा लंड पकड़ कर चूसने लगी।
मैं- चूस साली रंडी.. तू अपने भाई का लंड चूस.. मेरी बहन.. मादरचोदी.. और चूस हरामिन..

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वो और तेज गति से मेरा लंड चूसने लगी ‘ऊमम.. उम्म.. आह आह..’
मैंने अब देर करना ठीक नहीं समझा और उसके मुँह से लंड निकाल कर उसकी चूत को चोदने की पोजीशन में लाकर चूत में लंड पेल दिया।

बहन की चूत की फांकें खुली होने से मेरा लंड बड़ी आसानी से उसकी चूत में अन्दर तक घुसता चला गया।
मेरी बहन- आह्ह.. फाड़ दी.. ऊह.. यहह उह..
हमारे घर पर किसी के ना होने की वजह से वो और तेज चिल्ला रही थी ‘फक मी यू.. बास्टर्ड.. या.. आह ऊहहह अह ईहहह.. मेरी जान चोद दे..

वो फुल मजे लेने लगी, मैं भी मजे से उसकी फुदी को चोद रहा था।
‘चोद साले.. बहनचोद.. और तेज चोद..’
‘ये ले रंडी.. सम्भाल..’

अब मैंने उसको कुतिया बनाया और पीछे से उसकी खुली हुई चूत में लंड पेल दिया। अब मैंने उसकी लंबे बालों की चोटी पकड़ ली और ‘दे धक्का.. दे धक्का..’ मेरा लंड उसकी बच्चेदानी से टकराने लगा।

‘आह्ह.. और तेजी से धक्के लगा.. आह्ह..’ मैंने और स्पीड बढ़ा दी।
मेरी बहन- आह्ह.. जानू और तेज चोद.. मैं जा रही हूँ.. आह्ह..

कुछ पल में ही उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया, मैंने उसको सीधा किया और उसकी टांगों को अपने कंधों पर रखते हुए चूत में लंड डाल दिया और उसके मम्मों को पकड़ कर धक्के लगाने लगा।

कुछ पलों में ही मैं भी झड़ने वाला था। मैंने एक जोरदार धक्का लगाया तो मेरे लंड ने अमिता जैन की बच्चेदानी में अपना रस को छोड़ दिया।

मैं झड़ते ही अमिता के ऊपर ढेर हो गया। हम दोनों ऐसे ही लिपट कर सो गए। कुछ देर बाद मेरी आँखें खुलीं.. तो देखा अमिता जैन मेरा फिर से लंड चूस रही है और अपनी चूत में उंगली कर रही है।

मैंने फिर से अपनी बहन की चूत को चोदा। उस रात अमिता की चूत में मैं दो बार झड़ा और दो बार उसकी गांड मारी।
इन 2 दिनों में मैंने अमिता की खूब चुदाई की।

दो दिन बाद मॉम-डैड और मेरी पत्नी घर आ गए। अमिता मॉम-डैड को देखकर बहुत खुश हुई।
अगले दिन सुबह को जीजू का फोन आया, वे बोले- अमिता घर पर आ जाओ।

अमिता अपने घर जाने के लिए रेडी हुई, पापा मुझसे बोले- जा.. अमिता को स्टेशन छोड़ आ!

मैं अमिता को छोड़ने चला गया। रास्ते में मैं उससे बोला- मेरी सेक्सी बहन.. अपने घर जाकर एक बार जीजू से भी चुदवा लेना ताकि उनको बच्चा होने पर पता ना चले।
अमिता बोली- ठीक है जानू!
फिर अमिता चली गई।

दोस्तो, सच बताऊँ.. तो मैं हमेशा से ही अपनी बहन को अपनी पत्नी बनाना चाहता था. लेकिन यह बात सामजिक नियमों के खिलाफ थी।

कैसी लगी मेरी बहन की चूत चुदाई की कहानी?
आप अपने मेल मुझे जरूर भेजिएगा।
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