बीवी के सारे छेदों की चुदाई का मजा- 2

वाइफ की गांड Xxx मजा मैंने लिया मगर मेरी बीवी को बहुत मुश्किल से मनाया मैंने! मैंने गांड के छेद पर लंड का टोपा रगड़ने से शुरुआत की.

मैं आपका दोस्त जय हूं और कहानी के पिछले भाग
नवविवाहिता पत्नी के साथ पहली रात की बात
में आपको अपनी शादी के बाद अपनी सुहागरात के बारे में बता चुका हूं।
मैंने आपको अपनी शादी के शुरुआती सेक्स के बारे में बताया कि कैसे मैंने अपनी बीवी की चूत की सील तोड़ी; उसको लंड चूसने की आदत डाली।

सब तरह से चुदाई के बावजूद मैं अपनी बीवी की गांड मारने में अब तक सफल नहीं हो पाया था।
फिर मुझे विदेश यात्रा पर जाना पड़ा।
मैं कई महीने बाद लौटा और बीवी की चूत चुदाई के लिए तड़प रहा था, इसलिए मैं घर न आकर बाहर होटल में ही रुक गया और मैंने अपनी पत्नी सरिता को भी होटल में ही बुला लिया।

अब आगे वाइफ की गांड Xxx कहानी:

मेरे कहे अनुसार सरिता होटल में आई। वो काफी हॉट और सेक्सी लग रही थी।
उसने इस तरह से कपड़े पहने थे जो फिल्मी हीरोइन की तरह लग रहे थे।
उसके बालों का कट उसे बहुत सेक्सी बना रहा था।

जैसे ही हम अपने कमरे में पहुंचे, मैंने उसे अपनी गोद में ले लिया और उसके होंठ चूमने लगा।
उसने मुझे पहले दरवाजा बंद करने की याद दिलाई।

दरवाजा बंद कर मैंने उसके स्तन सहलाने शुरू कर दिए।
सरिता भी मुझसे लिपटने लगी।

हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूमते हुए एक दूसरे के जिस्मों पर मादक अंदाज में हाथ फिराने लगे।

इतने दिनों के बाद बीवी के जिस्म का स्पर्श पाकर मेरा लंड एकदम से टनटना गया था और सरिता इसे अपनी जांघों के बीच में टकराता हुआ महसूस कर रही थी।

फिर सरिता ने मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया।
उसके बाद उसने मेरी पैंट का हुक खोला और मेरे लंड को अंडरवियर से बाहर निकाल लिया।

वो मेरे लंड को गौर से देखते हुए कहने लगी- आज पहले से ज्यादा बड़ा और मोटा लग रहा है ये!
मैंने उससे कहा- बहुत दिनों तक तुम्हारी चूत से दूर रहा, इसलिए जोश में ज्यादा फूला हुआ है।

उसने जल्दी से घुटनों पर बैठते हुए मेरे लंड को मुंह में ले लिया और ऐसे मजे से चूसने लगी जैसे कई सालों से इसके लिए प्यासी हो।
लंड चुसवाने में आज मुझे इतना आनंद आया जितना पहले कभी नहीं आया था।

फिर वो खड़ी हुई और हम दोनों एक दूसरे के होंठों का रस पीने लगे।
मैंने उसकी गांड को भींचते हुए कहा- जान, आज किसी भी चीज के लिए मना मत करना।
वो मुस्कराते हुए बोली- ठीक है, आज जैसे चाहे चोद लो!
ये सुनकर मैं खुश हो गया।

वो मेरे लंड को पकड़ कर जोर जोर से फेंटने लगी।

उससे रुका नहीं गया तो दोबारा से मेरे घुटनों के पास बैठकर लंड को मुंह में भरकर चोसे मारने लगी।
आज वो खुद ही लंड को गले तक अंदर ले जा रही थी, लग रहा था जैसे मेरे लंड के गाढ़े वीर्य का स्वाद जल्दी से चखना चाह रही हो।

अब मैंने भी उसका सिर दोनों हाथों से पकड़ लिया और उसके मुंह को चोदने लगा।
चोदते हुए मैंने अपना गर्म गर्म माल उसके गले में उड़ेल दिया जिसे मेरी बीवी बड़े चाव से निगल गई।

वीर्यपान करने के बाद उसने मुस्कराते हुए बताया कि उसको लंड का पानी पीने में बड़ा मजा आया और उसका नमकीन स्वाद बहुत अच्छा लगा।

पानी पीने के बाद वो बोली- चलो, अब पहले खाना खा लेते हैं। फिर पूरी रात चोदना मुझे!
हमने खाने के लिए ऑर्डर कर दिया।
खाने के साथ हमने हल्क पेय भी लिया।

कुछ देर बाद रूम स्टाफ आया और प्लेटें लेकर चला गया।
भोजन के बाद मैंने सरिता से कहा- मैं सेक्स की गोलियां लाया हूं। इस दवा का अनुभव प्राप्त करना चाहता हूं। तुम्हें पूरी रात चोदने का मन कर रहा है आज!
सरिता ने मुस्कराते हुए कहा- बेशक! मुझे भी आज आपकी ताकत देखनी है।

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फिर मैंने स्नान किया क्योंकि मैं लंबी यात्रा से आया था।
सरिता ने भी स्नान किया।

नहाने के बाद सरिता ने पारदर्शी नाइटी पहनी थी जिसमें उसके स्तन साफ ​​दिख रहे थे।

उसके चूचे आज मस्त और काफी बड़े दिख रहे थे।
मैंने भी ढीली पतलून और शर्ट पहनी थी।

मैं उसे बिस्तर पर ले गया और उसके स्तन फिर से पकड़ लिए। मैं उसके स्तनों को सहलाने और चूसने लगा।

फिर मैंने उसका कपड़ा हटाया और वो पूरी नंगी हो गई।
सरिता अपनी टांगों को एक-दूसरे से दूर रखते हुए पीठ के बल बिस्तर पर पड़ी थी।
ऐसा लग रहा था कि वो मेरे लंड को निमंत्रण दे रही है।

लेकिन मैंने अपने हाथ से उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया।
यह बहुत साफ थी।

फिर मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटा।
मुझे लगा कि वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गई है।

सरिता ने मेरे लंड को पकड़ कर चूत में पेलने के लिए कहा।
मैंने उसकी मांग मान ली और अपने लंड को उसकी चूत पर रख दिया।

मैंने अपने लंड का सुपारा निकाला और सरिता की चूत के अंदर अपना लंड घुसाने की कोशिश की।
उसे बहुत दर्द हुआ और उसने मुझे धीरे से पेलने को कहा।

वह बता रही थी कि गोली लेने के बाद लंड लोहे की छड़ की तरह हो गया है, जो चुभ रहा है।
मैंने उससे कहा कि तुम्हारी चूत को लंबे अंतराल के बाद मेरा लंड मिल रहा है, इसलिए तुम्हारी चूत का छेद संकरा हो गया है।

फिर मैंने एक जोरदार धक्का दिया और मेरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया।
सरिता दर्द के मारे रोने लगी लेकिन उसने मुझे रोका नहीं।

कई जोरदार धक्के झेलने के बाद उसे मज़ा आने लगा।
अब सरिता और भी जोर से चुदाई की मांग करने लगी।

मैंने अपने बड़े लंड को अपनी प्यारी बीवी की लव टनल के अंदर धकेलना शुरू कर दिया।
सरिता लगातार बोल रही थी- और जोर से चोदो! पूरे लंड को चूत के अंदर धकेलो!

मैं 10 मिनट से अधिक समय तक जोर के धक्के देता रहा।
सरिता बोल रही थी- चुदाई का आज पूरा मज़ा ले रही हूँ। लंड इस बार और मोटा और शक्तिशाली हो गया है। अब तुम्हारा बड़ा लंड दर्द नहीं कर रहा है बल्कि मुझे मस्त कर रहा है।

इस वक्त सरिता और जोर से चोदने को कह रही थी; अधिक जोरदार धक्का देने के लिए कह रही थी।

फिर वो हवस की आग में पगला कर बोली- जय … आप अपने लंड को और अंदर घुसेड़ दो, अपना सारा वीर्य मेरी चूत के अंदर डाल दो। मैं इस समय आपके शक्तिशाली इंजेक्शन से गर्भवती होना चाहती हूं।

फिर मैंने उसकी टांगें ऊपर उठाईं और अपना लंड उसकी चूत के अंदर अधिकतम संभव गहराई तक पेल दिया।
वह थोड़ी देर रोई लेकिन मेरी कमर को तब तक रोके रखा जब तक मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में नहीं खाली कर दिया।

मुझे लगा कि सरिता अंदर से पूरी तरह से खुश हो गई है।
मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और सरिता की चूत ने वीर्य का एक कतरा भी बाहर नहीं आने दिया। उसने सारे वीर्य को अंदर ही सोख लिया।

सरिता की चूत बहुत दिनों से प्यासी थी और मेरा वीर्य ही उसकी प्यास के लिए पानी था।

फिर हम आराम से लेटकर बातें करने लगे।
इतने दिनों की जुदाई के बारे में बतियाने लगे।

लेटे हुए ही हम सोने की कोशिश कर रहे थे लेकिन मेरा लंड जैसे सोने के लिए तैयार ही नहीं था।

लंड अभी भी जोर जोर से फुंफकार रहा था। शायद गोली का असर अभी तक खत्म नहीं हुआ था।
सरिता ने इसे पकड़ा और पूछा- तुम्हें और क्या चाहिए?

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उसने लंड को नम कपड़े से साफ किया और थोड़ा तेल लगाया।
मैं बोला- मुझे लगता है कि उसे और भी बहुत कुछ चाहिए!
फिर मैंने सरिता से कहा- आज गांड चोदने के बाद शायद मेरा लंड संतुष्ट हो जाएगा।

वह हँसने लगी और बोली- मैं पहले से ही जानती थी।
फिर वह अपने पेट के बल लेट गई और मुझे आमंत्रित किया।

उसने मुझे लंड और गांड के छेद पर तेल लगाने के लिए कहा।
मैंने उसके कहे अनुसार वैसा ही किया।

सरिता को डर था कि इस बार उसे बहुत दर्द होगा।
मैंने अपना लंड उसकी Xxx गाण्ड में डाल दिया और एक छोटा सा धक्का दिया।

उसने दर्द के कारण कुछ देर रुकने के लिए कहा।
फिर से सरिता ने मुझे आगे बढ़ने का इशारा दिया।
उसकी हरी झंडी मिलने के बाद मैंने जोरदार धक्का दिया।

वह जोर से चीखी और मेरी कमर पकड़ कर मुझे रोकने की कोशिश करने लगी।
वो किसी तरह दर्द को बर्दाश्त करते हुए कहने लगी कि उसको आज फिर से पहली चुदाई की याद आ गई है।

उसकी गांड में पहली बार लंड इतना अंदर गया था, या यूं कहें कि लंड को पहली बार उसकी गांड ने जगह देने की कोशिश की थी, और वो मुश्किल से इसे बर्दाश्त कर पा रही थी।

वो लंड तो ले रही थी लेकिन साथ ही शिकायत भी कर रही थी कि लंड पहले से मोटा हो गया है।

फिर मैं धीरे-धीरे उसकी गांड में लंड को चलाने लगा।
कुछ देर तक सरिता को परेशानी होती रही लेकिन फिर उसका दर्द कम होने लगा।

कुछ देर के बाद सरिता आसानी से गांड चुदवाने लगी।
उसको अब कोई परेशानी नहीं हो रही थी।
मैं भी बहुत ही संभलकर उसकी गांड चोद रहा था।

पहली गांड चुदाई का अनुभव मैं उसके लिए बुरा नहीं बनाना चाहता था।

हमने आधे घंटे तक चुदाई की।
इस दौरान मैंने 20-25 मिनट उसकी Xxx गांड के छेद को खोला और फिर आखिर में उसके मुंह में झड़कर शांत हो गया।

आज मेरी पुरानी इच्छा पूरी हो गई थी।
मेरी बीवी ने मेरे लंड को भी चूसने का भरपूर आनंद दिया और अपनी गांड देकर मेरी इच्छा भी पूरी की।

हालांकि उसको काफी देर तक गांड में दर्द होता रहा लेकिन मेरी बांहों में आने के बाद वो दर्द को भूलकर सो गई।

इस तरह से मैंने अपनी बीवी के सारे छेदों की चुदाई का मजा लिया।
उस दिन के बाद से सरिता महीने में दो-तीन बार गांड भी चुदवाने लगी।

समय के साथ उसकी गांड का छेद भी ढीला हो गया।

कई बार तो वो खुद ही गांड आगे कर देती थी और चोदने को कहती थी।

अब हम हर तरह की पोजीशन में सेक्स करने लगे।
पोर्न फिल्में देखते हुए उन्हीं के आसनों में चुदाई का पूरा मजा लेते थे।

अब हमें एक दूसरे से किसी भी बात में आना-कानी करने की जरूरत नहीं पड़ती थी।
मेरे कहे अनुसार सरिता मेरे लंड को जितनी देर चाहूं चूसा करती थी; चूत चटवाती थी और उंगली से चुदवाती थी।

मैं भी उसके कहे अनुसार उसकी चूत को चोदा करता था। उसके पसंदीदा आसनों का प्रयोग किया करता था।
हमारी वैवाहिक जिंदगी बहुत अच्छे से चलने लगी।

अब हम पति-पत्नी दो से तीन होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
हम अपने नए मेहमान का स्वागत करने के लिए बहुत उत्साहित हैं।

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