रात को पड़ोसन आंटी को उनके घर जाकर चोदा

Xxx फ्री सेक्स का मजा मैंने पूरी रात लिया अपनी पड़ोसन के साथ. मैं उसे पहले ही चोद चुका था. एक रात मेरा लंड खड़ा हुआ तो मुझे उस आंटी की चुदाई याद आई.

हिन्दी सेक्स कहानी साईट अन्तर्वासना पर आप सभी पाठकों का मैं राज शर्मा दोनों हाथ जोड़कर नमस्कार करता हूं.

दोस्तो, मेरी पिछली सेक्स कहानी
पड़ोसन आंटी की गांड मारी
में आपने पढ़ा था कि कैसे मेरी पड़ोसन आंटी ने मुझसे रात भर खेला था. मुझसे अपनी चूत और गांड चुदाई का मजा लिया था.

दोस्तो, जब किसी लंड को एक बार Xxx फ्री सेक्स का स्वाद लग जाता है, तो फिर लंड चूत के लिए पागल हो जाता है.

मेरा लौड़ा भी पड़ोसन आंटी की टाइट चूत गांड का स्वाद ले चुका था और अब लौड़ा आंटी की चूत का शैदाई हो गया था.
आंटी की चूत गांड की चुदाई हुए आठ दिन हो गए थे.
फिलहाल सब कुछ सामान्य चल रहा था.

एक रात मैं अन्तर्वासना पर सेक्सी आंटी की चुदाई कहानी पढ़ रहा था.

कहानी पढ़ते पढ़ते मुझे भी अपनी पड़ोसन आंटी की याद आ गई और मेरा लंड खड़ा हो गया.

मैं तौलिया लपेट कर हाथ में एक कटोरी लेकर आंटी के रूम पहुंच गया.
रूम में आंटी अकेली लेटी हुई थीं.

मेरे पूछने पर उन्होंने बताया कि अंकल नाइट ड्यूटी गए हैं, सुबह आएंगे.
मेरी आंखों में चमक आ गई.

आंटी बोलीं- क्या चाहिए?
मेरे मुँह से निकल पड़ा- चूत.

वो बोलीं- ये क्या बोल रहा है?
मैंने कहा- सच बोल रहा हूं, आपकी चूत का दीवाना हो गया हूं.

ये बोलकर मैंने तौलिया हटा दिया.
मेरा 7 इंच का लंड फनफना रहा था.

आंटी बोलीं- बाप रे!
मैंने कहा- क्या हुआ?
वो बोलीं- तेरा लंड तो बिल्कुल तैयार है.
मैंने कहा- और अब जल्दी से आप भी तैयार हो जाओ.

वो पहले तो नखरे करने लगीं लेकिन मेरे मनाने से मान गईं.
मैंने कहा- अब मेरे रूम में चलो.
वो बोलीं- ठीक है, तू चल मैं आती हूं.

मैं अपने रूम में आकर आंटी का इंतजार करने लगा.

पांच मिनट में आंटी आ गईं.
आंटी ने साड़ी की जगह अब मैक्सी पहन रखी थी.

मैंने इशारा किया, तो आंटी दरवाजा बंद करके बिस्तर पर आ गईं.
मैं तो पहले से ही नंगा था.

मैंने आंटी की मैक्सी उतार दी.
आंटी ने अन्दर कुछ नहीं पहना था.
हम दोनों नंगे हो गए.

आंटी मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगीं और बोलने लगीं- राज, तेरा लंड सच में बहुत मस्त है. मैं भी तुमसे चुदवाने के लिए तड़प रही थी.

मैंने कहा- तो रात में आ जातीं.
वो बोलने लगीं- एक रात में मैं आई थी, लेकिन ललिता पहले से अन्दर चुदवा रही थी, तो मैं चुपचाप चली गई थी.

मैंने कहा- आज की रात हमारे बीच कोई नहीं आने वाला. आज ललिता की चूत ने पान खाया हुआ है.
आंटी समझ गईं कि ललिता महीने से है.

अब हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे.

आंटी के हाथ में मेरा लंड था और दोनों एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे, एक दूसरे की जीभ को चाट रहे थे.
आज मुझे आंटी पुरानी खिलाड़ी लग रही थीं.

आंटी ने मुझे लिटा दिया और मेरे लौड़े और टट्टों को चूसने लगीं.
वो किसी सेक्सी मूवी की एक्ट्रेस की तरह आज लंड चूस रही थीं.

आंटी ने मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह गपागप गपागप जमकर चूसा.
मैंने आंटी को बिस्तर पर लिटा दिया और चूचियों को बारी बारी से चूसने लगा.

फिर उनकी गर्दन पर चुम्बन करने लगा और पेट को चूमते हुए उनकी दोनों जांघों को चूमना शुरू कर दिया.
आज आंटी की चूत बिल्कुल साफ थी, मैंने फांकों को खोलकर दाने को चूसना शुरू कर दिया.

इससे आंटी ‘ऊईई ऊई आआहह …’ करके पैर पटकने लगीं और छटपटाने लगीं.

मैंने जीभ अन्दर डाल कर चूत को चोदना शुरू कर दिया.
आंटी ‘ऊई ईईई ऊईईई आह …’ करके झड़ गईं.

मैं वापस आंटी की चूचियों को बारी बारी से चूसने लगा. मैं आंटी के ऊपर आ गया और लंड चूत पर रगड़ने लगा.

आंटी बोलने लगीं- राज अब डाल दो प्लीज़.

मुझे अब मजा आ रहा था और आंटी बार बार प्लीज़ डाल दो बोल रही थीं.

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मैंने अपने हाथ आंटी की चूचियों पर रखकर जोर से धक्का लगा दिया.
मेरा पूरा लौड़ा अन्दर चला गया.

आंटी ‘आह मर गई … धीरे चोद …’ कहने लगीं.
मगर मैं जोर जोर से झटके लगाने लगा, अपना मोटा लंड अन्दर बाहर अन्दर बाहर करने लगा.

अब आंटी को भी Xxx फ्री सेक्स का मज़ा आने लगा और वो मेरी पीठ को सहलाने लगीं.

साथ ही वो ‘आहह आह …’ करके बोलने लगीं- आह राज और तेज तेज चोदो मुझे … आह कितना अच्छा चोदता है. ललिता कितनी किस्मत वाली है साली … जब चाहती है, उसे लंड मिल जाता है.

मैं उनकी बातें सुनता हुआ अपनी पूरी रफ्तार से चोदने में लगा था.
साथ ही मैं आंटी की दोनों चूचियों को भर भर कर चूसने लगा.

थोड़ी देर बाद मैंने आंटी को घोड़ी बनाया और चूत में लंड डालकर चोदने लगा.
आंटी की चूत फैल गई थी और वो अपनी गांड आगे पीछे करके मस्ती से आह आह करके मेरा साथ देने लगी थीं.

रात के सन्नाटे में चुदाई की ‘थप थप …’ की आवाज़ कमरे में गूंजने लगी थी.

मैंने कहा- आंटी, आपकी चूत बहुत मस्त है … कब से नहीं चुदवाई?
वो बोलीं- अब मेरे बुड्डे से कुछ नहीं होता, बहुत दिनों बाद तेरा जवान लंड मिला है.

मैंने कहा- बस आप फोन कर दिया करो. मेरा लंड आपके लिए हाजिर ही जाया करेगा.
आंटी ने हां कह दी.

मैं जमकर झटके लगाने लगा और वो भी अपनी गांड आगे पीछे करके मस्ती से चुदाई का भरपूर आनन्द ले रही थीं.
मैंने कहा- अंकल के अलावा आपने और किसी से भी मजा लिया है?

मेरे ये पूछने पर आंटी ने बताया- दो साल पहले दो लड़के मेरे रूम में किराए से रहते थे, तो उन दोनों ने मुझको चोदा था.
उसमें एक की उम्र 26 साल और दूसरे की उम्र 20 साल थी.

मैं और जोश में आकर तेजी से झटके लगाने लगा और आंटी की दोनों चूचियों को मसलने लगा.
आंटी आहह आहहह आहहह करके तेजी से अपनी गांड आगे पीछे करने लगीं.

अब आंटी की सिसकारियां तेज हो गई थीं और अगले कुछ ही पलों बाद आंटी की चूत ने पानी छोड़ दिया.

मेरा गीला लंड फच्च फच्च करके अन्दर बाहर आने जाने लगा और मैं आंटी की चूचियों को दबाने लगा.

मेरी रफ़्तार और तेज होने लगी. तेज झटकों के साथ लंड ने वीर्य की धार चूत में निकाल दी.
आंटी निढाल होकर लेट गईं और मैं लंड चूत के अन्दर डाले हुए ही आंटी के ऊपर लेट गया.

बीस मिनट के आराम के बाद दोनों फिर से एक-दूसरे को चूमने लगे और सहलाने लगे.
मैं आंटी की गांड में हाथ फेरने लगा और आंटी को घोड़ी बना कर गांड में थूक लगाने लगा.

आंटी की गांड में उंगली अन्दर बाहर करने लगा.
वो ‘ऊई ऊईई …’ करने लगीं.

मैं उनके सामने आया, वो घोड़ी बनी हुई ही मेरे लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगीं.

आंटी आगे पीछे करके मस्ती से गपागप गपागप लंड चूस रही थीं.

फिर मैं पीछे आया और लंड पर थूक लगाकर गांड में लंड डालकर चोदने लगा.
आंटी ‘ऊई ऊई …’ करके अपनी गांड आगे पीछे करने लगीं.

दोनों तरफ से बराबर के झटके लगने शुरू हो गए थे.
‘थप थप …’ की आवाज़ से दोनों का जोश बढ़ने लगा था.

मैं आंटी की चूचियों को मसलने लगा.
वो ‘आहहह आह …’ करके अपनी गांड आगे पीछे कर रही थीं.

मैंने आंटी को फिर से छेड़ा- उन दोनों ने तेरी गांड नहीं मारी क्या?
वो बोलीं- नहीं, मैं ही मना कर देती थी.

मैंने कहा- दोनों एक साथ चोदते थे क्या?
वो बोलीं- नहीं, दोनों अलग अलग दिन चोदते थे.

मैं भी अब पूरे जोश से झटके लगाने लगा और चुदाई की आवाज़ आना तेज हो गई.

मैंने कहा- अब लंड पर बैठ कर मजा लेना चाहोगी?
वो बोलीं- हां.

वो हंसती हुई लंड पर गांड सैट करके बैठ गईं.
लंड सटाक से अन्दर समा गया और आंटी आहहह आहहह करके लंड पर गांड पटकने लगीं.

अंग टकराने की आवाज़ तेज़ होने लगी और आंटी मस्ती से लंड की सवारी करने लगीं.

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मैं भी आंटी की चूचियों को बारी बारी से दबाने लगा.
आंटी लंड पर मस्ती से आह आह करके अपनी गांड पटक पटक कर चुदाई का भरपूर आनन्द ले रही थीं.

कुछ देर बाद मैंने आंटी को फिर से घोड़ी बना दिया और गांड में लंड डालकर चोदने लगा.
अब मेरी रफ़्तार और सिसकारियां तेज़ होने लगी थीं.

मैं चरम पर आने लगा था, आंटी की चूचियों को मसलने लगा था और आहहह आह करके तेजी से लंड अन्दर बाहर अन्दर बाहर करने लगा था.

इस वक्त मैं आंटी की गांड को जबरदस्त तरीके से चोदने में लगा था और वो आह आह आह करके अपनी गांड आगे पीछे करके मस्ती से चुदाई का मजा ले रही थीं.
लगातार बढ़ती रफ्तार के साथ मेरे लौड़े ने वीर्य की पिचकारी गांड में छोड़ दी और मैं आहहह आहहह करके आंटी के ऊपर ही लेट गया.

उस वक्त रात के दो बज चुके थे और हम दोनों को काफी थकान हो गई थी.

चुदाई के बाद नंगे ही हम दोनों को नींद आ गई थी.
सुबह 5:30 बजे के आसपास मेरा फ़ोन बजा.

मैंने देखा कि ललिता जी का फोन आ रहा था.

वो बोली- राज क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं, अभी फोन की आवाज सुनकर उठा हूं.

वो बोली- नीचे आओगे क्या?
मैंने कहा- मैं 7 बजे तक आऊंगा.

इतने में आंटी की नींद खुल गई और वो मुझे देखकर मुस्कुराने लगीं.
मैंने कहा- ललिता जी का फोन था, वो नाश्ते के लिए बुला रही थी लेकिन मैंने मना कर दिया.

आंटी मेरे लौड़े को सहलाने लगीं और बोलीं- राज, एक बार और मुझे चोद दोगे क्या?
मैंने कहा- आंटी बिल्कुल चोदूंगा.

मैं आंटी के मुँह में लौड़ा घुसा कर चोदने लगा.
वो गों गों करके लंड चूसने लगीं.

फिर मैंने आंटी को बिस्तर पर लिटा दिया और दोनों टांगों को फैला कर चूत चोदने लगा.

मेरा लंड सीधा सनसनाता हुआ अन्दर बच्चेदानी तक जाने लगा था.
आंटी ‘ऊईई ऊई आह आह … क्या कर रहे हो अन्दर तक चोट कर रहा है धीमे चोद ना …’ कहने लगी थीं.

मैंने कहा- अभी तो शुरुआत है मेरी जान!
वो बोलीं- आह राज तुम बस ऐसे ही चोदते रहो.

आंटी की आह आह आह मुझे जोश चढ़ा रही थी.

मैं उनकी दोनों चूचियों को दबाने लगा और तेजी से चोदने लगा.
सुबह के उजाले में आंटी की बड़ी बड़ी चूचियां मज़ा दे रही थीं.

अब मैंने आंटी के पैरों को मोड़कर चोदना शुरू कर दिया, इससे आंटी दर्द से ‘आहहह उईई …’ करके चिल्लाने लगीं.
मैं सटा सट लंड अन्दर बाहर अन्दर बाहर करके लंड पेलने में लगा रहा.

फिर मैंने आंटी को घोड़ी बना दिया और गांड में लंड घुसा कर चोदने लगा.
वो ‘आहहह आहहह …’ करके अपनी गांड आगे पीछे करके मेरा पूरा साथ दे रही थीं.

थोड़ी देर तक गांड चोदने के बाद मैं आंटी की चूत में लंड डालकर चोदने लगा.
अब दोनों का समय आ चुका था. मैं आंटी के ऊपर आकर चोदने लगा.

दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे. हम दोनों की सिसकारियां तेज़ हो गईं और एक साथ पानी छोड़ दिया.
दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे.

आंटी उठकर मेरे लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगीं. आंटी ने चूस चूस कर लंड फिर से खड़ा कर दिया था.

मैंने घोड़ी बना कर फिर से उनकी गांड मारना शुरू कर दिया.
इस चुदाई में सुबह के 7 बज गए थे.

आंटी बोलने लगीं- आह राज अब बस कर … मुझे जाने दे.

मैंने कहा- लंड खड़ा किया है तो अब शांत करके जाओ.
मैं तेजी से चोदने लगा.

वो आहहह आहहह करने लगीं.

आंटी बोलीं- राज प्लीज़ बाहर निकाल लो मैं चूस कर पानी निकाल देती हूं.
मैंने लंड आंटी के मुँह में दे दिया.

आंटी गपागप गपागप लंड चूसने लगीं और चूसते चूसते लंड का पानी निकाल दिया.

वो पूरा पानी पी गईं और मैक्सी पहन कर अपने रूम में चली गईं.

इस तरह मैंने उस रात पहली बार आंटी के साथ Xxx फ्री सेक्स का मजा 4 बार लिया और लंड का पानी भी पिलाया.
मेरी सेक्स कहानी के लिए आपके ईमेल का मुझे इन्तजार रहेगा.
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