अधूरी ख्वाहिशें-1
This story is part of a series: keyboard_arrow_right अधूरी ख्वाहिशें-2 View all stories in series करीब पौने दो साल बाद फिर हाज़िर हूँ आपके बीच। अगर भूलें न हों याद दिला दूँ और पढ़ी न हों तो पढ़ लें.. मेरी पिछली कहानी शीला का शील और वो सात दिन कैसे बीते थीं। असल में जिओ …