सड़क पर नये यार का लंड चूसने का मजा

यारो, मेरी पिछली कहानी
गांड मरवा कर प्रेमी को तृप्त किया
में आपने पढ़ा कि मेरे बॉयफ्रेंड अनु ने कैसे मेरी गांड का स्वाद लिया और मेरे मन में ग्रुप सेक्स का सपना डाल दिया।
अगले 7 दिन तक सब नॉर्मल रहा, ऑफिस का काम और वैसे ही घर का काम। बीच में एक बार बॉस के साथ उनके केबिन में सेक्स किया पर बिल्कुल नॉर्मल सेक्स। जैसे बॉस ने टेबल पर लिटा कर मेरी चूत में लंड डाल दिया और फिर अपना लंड मेरे मुँह में डाल कर मुझे अपने लंड का पानी पिलाया।

फिर शनिवार का दिन था तो अनु ने मुझे एक रेस्तरां में चलने को बोला। मैं शाम को 8 बजे तैयार हो गयी; एक कट स्लीव की टॉप और नीचे लूज मिनी स्कर्ट पहन लिया और अन्दर अनु का गोआ से लाया हुआ बिकनी सेट पहन लिया जिसके ब्रा की डोरी मेरे गले के पीछे से होकर नीचे आती है तो उसमें दिख जाता है कि मेरे चुचियों की क्या शेप है। मैं चाहती थी कि बाहर सब मेरी चुचियों को देख कर अपना लंड मसल कर रह जाये।

फिर अनु मुझे मैट्रो स्टेशन पर लेने आया, हम दोनों एक रेस्टोरेन्ट एण्ड बार में गए, वहाँ साइड में डिस्को और बार भी था। पीछे के साइड स्मोकिंग ज़ोन था और अच्छी अच्छी लाईट लगी हुई थी जो बिल्कुल पीने का माहौल बना रही थी।

अनु मुझे एक टेबल पर बिठा कर बाहर चला गया सिगरेट लेने के लिये और वेटर को दारू के लिये बोल दिया।

इतनी देर में दो लड़के मेरे सामने आकर बैठ गए और मुझे बोला- हाय बेबी, कैसी हो?
मैं बिल्कुल डर सी गयी और उनको पूछने लगी- आप लोग कौन हो? यहाँ क्यों आये हो? मैं आप लोगों को नहीं जानती। फिर आप मुझसे क्यों बात कर रहे हो?
तो उनमें से एक लड़के ने बोला- आप बहुत खूबसूरत हो इसलिये हम आपके पास अपने आप खिंचे चले आये।
दूसरे ने बोला- आपके जिस्म की खुशबू हमको पागल बना रही थी इसलिये आपसे दूर नहीं रह पाये। आपके जिस्म को गॉड ने बहुत फुर्सत से बनाया है। और मिनी स्कर्ट में आपकी नंगी जांघें बहुत अच्छी लग रही है।

मुझे ये सब सुन कर बहुत शर्म आ रही थी इसलिये मैं उठ कर दूसरी जगह जाने लगी, इतने में अनु आ गया और उन दोनों से गले मिलने लगा, फिर उनका परिचय मुझसे करवाया।
एक का नाम संजय था जिसने पहले बोला था और दूसरे का राहुल था।
वो दोनों अनु के दोस्त थे।

मैं समझ गयी कि राहुल ज्यादा कमीना है उनमें से… पर उसकी बातें मेरे जिस्म में सिहरन कर गयी थी जो मुझे अच्छा लग रहा था।
फिर वो दोनों हंसने लगे और बोले- भाभी जी नमस्ते, हम दोनों बस मजाक कर रहे थे।
मुझे थोड़ा गुस्सा आया पर मैं कुछ नहीं बोली और फिर से वहीं पर बैठ गई।

राहुल थोड़ा छोटा था बिल्कुल मेरी हाईट का और संजय मुझसे करीब 4 इंच ज्यादा लम्बा था। दोनों की बॉडी बहुत अच्छी दिख रही थी। बातों बातों में पता चला कि दोनों किसी ज़िम में ट्रेनर हैं।
राहुल मेरे ठीक बराबर में बैठ गया और संजय अनु के बराबर में मेरे सामने वाली चेयर पर बैठ गया।

हम लोग हल्की हल्की दारू पीते हुए बात करने लगे। मुझे अनु के दोस्त काफी अच्छे लग रहे थे और वो दोनों बातचीत भी अच्छी कर रहे थे।
मैं बोली- मुझे भी ज़िम में जाना है, अपनी बॉडी को फिट रखना है।

राहुल ने टेबल के नीचे से मेरी जांघ पर हाथ रख दिया और सहलाते हुए बोला- भाभी, आप कहाँ पर रहती हैं, बस ये बता दीजिये, मैं वहाँ आकर आपको एक्सरसाइज़ करवा दूंगा।
अनु- भाई घर के अन्दर वाला एक्सरसाइज़ मैं करवा रहा हूँ। तू बस ज़िम वाला एक्सरसाइज़ ही बता।

सब समझ गए थे कि अनु किस चीज की बात कर रहा है।
और फिर राहुल और संजय दोनों हंसने लगे। मैंने राहुल का हाथ अपनी जांघ से हटा दिया और शर्म के मारे नीचे देखने लगी।

संजय- ये लीजिये भाभी, ये हमारा कार्ड है, आप इस पते पर आकर कभी भी जॉइन कर सकती हैं। ज़िम की फीस 1000 है और पर्सनल ट्रैनर के साथ फीस 2000 है।
अनु- तेरी भाभी के लिये भी इतना ही फीस है क्या?
संजय- भाई, हम अपनी फीस छोड़ देंगे बस ज़िम का दे देना।
मैं- ठीक है संजय जी।

मुझे संजय की ये बात ठीक लगी और फिर मैंने सोचा बिना खर्च किये ही दो ट्रेनर मिल जायेंगे।

संजय- आपको क्या खाना है, क्या पहन कर ज़िम में आना है ये राहुल बता देगा क्योंकि वो इसका एक्सपर्ट है। बाकी वहाँ कौन सी एक्सरसाइज़ कैसे करनी है, ये मैं आपको बताऊंगा।
अनु राहुल से बोला- ठीक है, तुम इसको समझा दो, हम सिगरेट मार कर आते हैं।

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अब संजय और अनु दोनों बाहर चले गये, मैं और राहुल बैठ कर दारू पीते हुए बात करने लगे। राहुल मुझे बता रहा था कि ज़िम में कैसे कपड़े पहन कर आ सकते हैं। राहुल की आँखो में मेरे लिये हवस भरी हुई थी जिसे मैं देख सकती थी।
राहुल ने अपना हाथ दुबारा से मेरी जांघ पर रख दिया और मेरे स्कर्ट के अन्दर हाथ डाल कर मेरी जांघों को सहलाने लगा।
मेरी चूत टाइट होने लगी थी और मैं हल्के नशे में थी इसलिये मैंने उसका हाथ नहीं हटाया।

मैं- राहुल जी मुझे क्या पहन कर आना होगा?
राहुल अपना हाथ मेरी चूत पर रख दिया और पेंटी के ऊपर से ही गीली हो चुकी चूत को सहलाने लगा जिससे मेरी आँखें बंद हो गयी।
मेरी चूत सहलाते हुए राहुल बोला- मैं चाहता हूँ आप नंगी ही आ जाओ। हम दोनों मिल कर आपके बॉडी की एक्सरसाइज़ करवा दें।

इस बात से मेरी चूत बिल्कुल ही टाइट हो गयी, मैंने राहुल का हाथ अपनी पेंटी के ऊपर दबा दिया। अब राहुल ने मेरी पेंटी को एक साइड कर दिया और चूत में उंगली डाल कर उंगली से ही मुझे चोदने लगा।
मुझे बहुत मजा आ रहा था पर डर भी लग रहा था कहीं कोई देख ना ले।
राहुल मेरा मोबाइल लेकर बोला- इसका लॉक खोलो!

मैंने लॉक खोल कर दे दिया, अब उसने अपने मोबाइल पर मेरे मोबाइल से कॉल कर लिया जिससे मेरा नम्बर उसके पास चला गया।

मैं अब शायद खुद भी राहुल से चुदवाना चाह्ती थी इसलिये मुझे सब अच्छा लग रहा था।
मैंने अब अपना हाथ राहुल के लंड पर रख दिया और लंड सहलाते हुए उसके कान में बोली- नंगी नहीं आ सकती, वहाँ आने के बाद हो सकती हूँ।
राहुल खुश हो गया और अपनी दो उंगली चूत में डाल कर चोदने लगा. मैं बहुत उत्तेजित हो गयी थी। फिर उसने अपनी उंगलियाँ निकाल कर बैठ गया.

मैं गुस्से में- क्या हुआ?
राहुल- यहाँ पूरी हो जाओगी तो फिर मिलने के लिये कैसे तड़पोगी?
मैं समझ गयी थी कि राहुल बहुत ही अच्छा खिलाड़ी है चुदायी के खेल का; मैं मुस्कुरा कर उसको देखने लगी।

इतनी देर में अनु और संजय भी आ गये और साथ में पीने लगे।

अब तक रात के 10 बज गये थे तो मुझे लगा अब चलना चाहिये। अब अनु और राहुल बात करते हुए आगे चलने लगे संजय और मैं पीछे पीछे चल रहे थे।
संजय- भाभी राहुल ने सब समझा दिया ना?
मैं- हां, क्या पहन कर आना है बस इसी पर बात हुई। क्या खाना है ये बाद में बतायेगा।
संजय- ठीक है, कार्ड में मेरा नम्बर है अपको कोई जरूरत हो तो मुझे बता दीजियेगा।
मैं मन में सोच रही थी जरूरत तो आज रात तुम्हारे लंड की है, दे दो।

संजय- कहाँ खो गयी?
मैं- कहीं नहीं, बस सोच रही थी कि ज़िम ज्वाइन करने से पहले घर पर थोड़ा सा एक्सरसाइज़ कर लूं जिससे ज्यादा प्रोब्लम नहीं होगी वहाँ।
संजय- इट्स ए गुड आइडिया।
अब हम लोग बाहर आ गये।

अनु- नेहा, तुमको राहुल अपनी बाइक से घर छोड़ देगा, उसका घर भी उधर ही है। मैं संजय के साथ जा रहा हूँ, इसका घर मेरी तरफ है।
राहुल मुस्कुराते हुए- हाँ भाभी, चलिये मैं आपको छोड़ दूंगा।
मैं भी मन ही मन मुस्कुरा रही थी और जान रही थी कि राहुल मुझे छोड़ना नहीं चोदना चाहता है।

मैंने अनु को बोला- ठीक है, चलते हैं, नहीं तो ज्यादा लेट हो जायेगा।
अब संजय और अनु सिगरेट पीने लगे और मैं राहुल के पीछे बैठ गयी।
अनु मेरे पास आया और मेरे होंठों को चूम कर गुड नाइट बोला।
यह पहली बार था जब कोई बाहर खुले में मुझे किस कर रहा था। मेरी बॉडी में सिहरन हुई जिसे अनु और राहुल दोनों ने महसूस किया।

अब हम जाने लगे तो रास्ते में राहुल ने बोला- भाभी, आप अकेले रहती हो?
मैं- नहीं छोटा भाई भी साथ में रहता है।
राहुल- तो उसे दारू महक आ गयी तो?
मै- हाँ इस बात का डर तो मुझे भी लग रहा है।

राहुल ने अपने जेब से कुछ निकल कर खा लिया और बोला- इसका इलाज है मेरे पास!
मैं- तो वो मुझको भी बता दो वर्ना मेरा भाई घर पर सब बता देगा।
राहुल- आप तो इतना दूर बैठी हैं तो कैसे पता चलेगा आपको?
मैं राहुल का मतलब समझ गयी और मैंने पीछे से राहुल को पकड़ लिया जिससे मेरी चुची उसकी पीठ पर चुभने लगी।
राहुल- आआह्ह्ह मजा आ गया।
मैं अब फुल नशे में आ रही थी- क्या मजा आया देवर जी?
राहुल- भाभी, आपकी चुचियाँ मजा दे रही हैं।

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सड़क पर कोई नहीं था, आस पास घने पेड़ और झाड़ियाँ थीं तो मैंने पीछे से राहुल के लंड पर हाथ रख दिया और बोली- मेरे देवर के यहाँ मजा आ रहा है क्या?
राहुल- इसका नाम यहाँ नहीं है भाभी।
मैं उसके लंड को दबा रही थी और उसकी पीठ में अपनी चुचियाँ दबा रही थी।

मैं- तो क्या बोलते हैं देवर जी?
राहुल- क्यों आपको नहीं पता?
मैं- नहीं, बस ये हथियार है आपका जिससे आप बिस्तर में लड़ाई करते हो अपनी गर्लफ्रेंड से।
राहुल हंस रहा था और बोला- आपके पास भी कोई हथियार है?
मैं- नहीं, मैं तो बस हाथ से ही लड़ती हूँ।
राहुल- पर अनु के साथ तो और भी चीजें लड़ा देती हो आप।

मुझे लगा अनु ने इसको चुदायी के बारे में कुछ बता दिया है इसलिये मैं शॉकड होकर पूचा- क्या लड़ाया है अनु से?
राहुल- अभी पार्किंग में होंठों को लड़ा दिया था।
मैं शर्म से लाल हो गयी और राहुल के कान को मुँह में लेकर चूसने लगी और बोली- तो मेरे होंठों के हथियार से अपना हथियार लड़ाना है क्या?

राहुल ने अब बाइक एक साईड में रोक लिया और उतर कर मुझे पकड़ लिया।
मैं- क्या कर रहे हो?
राहुल कुछ नहीं बोला और मेरे होंठों पर अपना होंठ रख दिया।
मैं बिलकुल सीधी खड़ी होकर उससे अपने होंठ चुसवा रही थी और धीरे-धीरे मुझे मजा आने लगा तो मैंने भी राहुल को बांहों में ले लिया और उसके मुख में जीभ डाल कर चूसने लगी।

अब राहुल एक हाथ से मेरी चुचियों को दबा रहा था और दूसरे हाथ को मेरी पेंटी के अन्दर डाल कर मेरी चूत रगड़ रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था मैंने राहुल के लंड को पैंट से बाहर निकाल लिया और जैसे ही उस पर हाथ लगाया डर से मेरी आँखें फैल गयी।
राहुल ने मेरा हाथ अपने लंड पर दुबारा रख लिया और हिलाने लगा।

राहुल का लंड बहुत मोटा था जिससे मेरे एक हाथ के पकड़ में नहीं आ रहा था तो मैंने दोनों हाथो से लंड पकड़ लिया और मुठ मारने लगी।
राहुल- भाभी, आपको चोदने का मन कर रहा है। चुदवाओगी मुझसे?
मैं उसके कान में- यहाँ सड़क पर कोई देख लेगा, फिर कभी कर लेना।

अब राहुल ने मुझे दुबारा बांहों में ले लिया और कान में बोला- मुँह में लंड लोगी?
मैं- हाँ, मुझे ओरल सेक्स, लंड चूसना पसन्द है।

राहुल ने मुझे नीचे बिठा दिया और अपना लंड मेरे मुँह में देने लगा। मैंने राहुल के लंड को पकड़ लिया और जीभ से चाट लिया, फिर धीरे-धीरे लंड को मुँह में लेने लगी पर लंड मुँह में पूरा नहीं घुस पाया बस सुपारा ही थोड़ा सा अन्दर ले पायी।

अब राहुल ने मेरे सर को पकड़ लिया और मेरे मुँह को चोदने लगा, मैं राहुल के आण्ड सहला रही थी।
15 मिनट मुँह चोदने के बाद राहुल ने अपना माल मेरे मुँह में डाल दिया। राहुल के लंड का वीर्य अभी तक का सबसे ज्यादा टेस्टी वीर्य था और बहुत ज्यादा था, मैं थोड़ा थोड़ा करके पीने लगी। फिर जब पूरा पी लिया तो राहुल के लंड को चाट कर साफ कर दिया।

राहुल- नेहा बेबी, मस्त लंड चूसती हो। किस से सीखा ये ओरल सेक्स करना?
मैंने बस मुस्कुरा कर उसके लंड को चूम लिया।

अब राहुल को सुसु आने लगी तो उसने मुझे खड़े होने को बोला और सुसु करने साइड में जाने लगा, जाकर सुसु करने लगा.
मुझे पता नहीं क्या हुआ, राहुल के लंड के पानी ने मेरे अन्दर कुछ नशा सा कर दिया था। मेरे मन में खयाल आया कि जब इतना टेस्टी वीर्य है तो मूत कितना टेस्टी होगा।
और मैंने जल्दी से जाकर राहुल के लंड को मुँह में ले लिया, राहुल मुझे हटा रहा था पर मैंने उसकी कमर को कसकर पकड़ लिया था।

फिर राहुल ने मेरा सर पकड़ लिया और मेरे मुँह में मूतने लगा। मैं राहुल का मूत पी रही थी और साथ में अपनी चूत में उंगली भी डाल रही थी।
थोड़ी देर में मेरी चूत भी सुसु करने लगी, अब मेरे मुँह में राहुल मूत रहा था और मैं जमीन पर मूत रही थी। फिर मूतने के बाद राहुल ने मुझे खड़ा किया और अपने रुमाल से मेरा मुँह पौंछ दिया फिर मुझे गले लगा लिया।

राहुल- तुम बहुत गर्म माल हो।
मैं- तुम्हारा देख कर गर्म हो गयी।
राहुल- गरमी कैसे निकलेगी तुम्हारी?
मैं- वो तुम सोच लेना, अब घर चलो।

उसके बाद राहुल मुझे मेरे फ्लैट पर छोड़ कर किस किया और चला गया।

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