खैर ये सोचते सोचते दस बज गए मगर राजू नहीं आया. हमें लगा कि साला चुतिया बना गया.
सनम बोली- उस मादरचोद से तो कल बदला लेंगे. साला बहन का लोड़ा हमें चुतिया बनाकर गया बहनचोद.
सनम का ये रूप मैंने पहली बार देखा था. जिसे देखकर मेरी हंसी निकल गयी.
मगर फिर हम सोने चली गयी।
फिर रात को अचानक से गेट पर दस्तक हुई तो मैंने टाइम देखा तो रात के साढ़े बारह बज रहे थे.
मुझे लगा कि राजू आ गया. मैंने दरवाजे के पास जाकर पूछा- कौन है?
तो बाहर से आवाज आयी- मैं राजू हूँ!
मैंने दरवाजा खोला और तुरंत उसे अंदर खींच लिया और बाहर देखा कि किसी ने नहीं देखा था.
जैसे ही मैं गेट बंद करके पलटी राजू ने मुझे उसकी बांहों में पकड़ लिया और मुझे किस करने लगा और टीशर्ट के ऊपर से मेरे बूब्स दबाने लगा. फिर उसने मेरी टीशर्ट उतार दी. अब मैं ऊपर से नंगी थी क्यूंकि रात को ब्रा पैन्टी उतारकर सोती हूं.
फिर मैंने सनम को आवाज़ लगाई तो वो भी उठ गयी और हमें ऐसे देखकर कूदकर राजू के पास आयी और उसे थप्पड़ मार दिया जिससे मैं चौंक गयी.
वो बोली- बहन के लंड कहाँ था इतनी देर से?
तो वो बोला- मुझे छुपकर आना पड़ता है.
उसका जवाब सुनकर सनम ने एक झटके में उसकी टीशर्ट फाड़ दी. सनम का ये रूप देखकर मैं फिर से चौंक गयी कि इस साली की चूत में कितनी आग लगी हुई है।
यह दुनिया के लिए तो सीधी दिखने वाली लड़की थी.
तभी सनम ने राजू की पैंट भी उतार दिया और कच्छा भी उतार दिया. अब राजू एकदम नंगा हम दोनों के सामने खड़ा था. उसका लंड लगभग 7 इंच का रहा होगा. वो भी एकदम तना हुआ था.
उधर मैं भी ऊपर से नंगी थी, बस नीचे मैंने एक निक्कर पहना हुआ था.
सनम ने देखा कि राजू और मैं नंगे हैं तो सनम ने अपने भी कपड़े उतार दिए. अब सनम पूरी तरीके से नंगी हो गई. सनम ने मेरी निक्कर भी उतार दी और मुझे भी पूरी तरीके से नंगी कर दिया.
हम दोनों लड़कियां पहली बार किसी लड़के के सामने नंगी हुई थी. हम को अब शर्म भी आ रही थी लेकिन अब हमारी हवस भी बढ़ती जा रही थी.
अब सनम ने एकदम से राजू को अपने कब्जे में ले लिया और उसे ज़ोर ज़ोर से किस करने लगी. वो एक हाथ से उसका लंड भी सहला रही थी.
लेकिन अब राजू एकदम पागल सा हो गया. उसने सनम को साइड में करके मुझे एकदम से पकड़ लिया और मुझे किस करने लगा, मेरे बूब्स भी दबाने लगा.
मुझे भी मज़ा आ रहा था.
फिर मैंने सनम को अपने पास बुलाया और उसको किस करना शुरू कर दिया. अब राजू ने नीचे बैठकर मेरी चूत चाटनी शुरू कर दी. उधर मैंने सनम को किस करना शुरू कर दिया और उसके बूब्स दबाने लगी.
सनम भी पागल हुई जा रही थी, उसने नीचे बैठकर राजू का लंड अपने मुंह में ले लिया.
मैं यह देख कर हैरान रह गयी कि पहली बारी एकदम से इसका लंड मुंह में कैसे ले लिया?
मुझे बहुत घिन्न आ रही थी.
लेकिन सनम तो जैसे पागल सी हो गई थी, वह बहुत जोर जोर से लंड चूसने लगी.
राजू आउट ऑफ कंट्रोल हो रहा था, वह जोर-जोर से कह रहा था- रंडियो, चूसो मेरे लंड को. रंडी हो … तुम दोनों मेरी रंडी हो. तुम दोनों को मैं अपनी रखैल बनाकर रखूंगा.
यह बात मुझे थोड़ी सी गंदी लग रही थी लेकिन सनम तो जैसे पागल हो ही गई थी. उसे तो जैसे मजा बहुत आ रहा था. वो कह रही थी- और गालियां दे मादरचोद!
अब चूत चटाई के मजे लेने के बाद मैंने सोचा कि शर्म करके कोई फायदा नहीं होगा. तो मैंने भी मजा लेने का मन बना लिया था.
हमने एकदम से राजू को बिस्तर पर पटक दिया. राजू बिस्तर पर लेट चुका था. मैंने उसके ऊपर जाकर एकदम से उसे किस करना शुरू कर दिया.
उधर सनम ने मेरे ऊपर आकर मुझे पीछे से किस करना शुरू कर दिया. अब मैं उन दोनों के बीच में एक सैंडविच की तरह हो गई थी. नीचे से मैं राजू के मजे ले रही थी ऊपर से सनम मुझे मज़ा दे रही थी.
सनम ने एकदम से मेरी गांड में उंगली कर दी तो मैं एकदम से चीखी. उधर राजू मेरे बूब्स बहुत जोर जोर से दबा रहा था जिससे मुझे मजा आ रहा था. लेकिन दर्द भी हो रहा था.
फिर उसने एकदम से बाल पकड़कर सनम को अपने साइड में किया और उसे किस करना शुरू कर दिया. वो एक तरफ से मुझे किस कर रहा था दूसरी तरफ से सनम को किस कर रहा था.
आज तो राजू की मौज ही आ गई थी. उसे हम दोनों जैसी जवान और खूबसूरत लड़की जो मिल गई थी.
तभी राजू ने सनम को सीधा लिटाया और उसके मुंह में लंड डाल दिया और उसके मुंह में झटके देने लगा. वो जोर जोर से झटके देने लगा. तभी सनम को जोर से खांसी आने लगी. शायद लंड उसके गले तक पहुंच रहा था.
लेकिन जैसे राजू पर तो कोई असर पड़ ही नहीं रहा था, वह जोर-जोर से उसके मुंह में झटके देने लगा.
मैंने उसे रोका और बोली- क्या कर रहा है? तमीज से कर ना! हम भागी थोड़ी ना जा रही हैं?
तो वह बोला- माफ करना दीदी. लेकिन मैं पहली बार आप दोनों जैसी हसीन लड़की के साथ सेक्स कर रहा हूं तो कंट्रोल नहीं हो कर सका.
मैंने पूछा- अब तक कितनी लड़कियों के साथ सेक्स कर चुका है?
तो उसने कहा- मैंने अपनी दोनों भाभियों को बहुत चोदा है मगर किसी जवान लड़की को चोदने का मौका पहली बार मिल रहा है.
सनम ने उसे बोला- कोई बात नहीं, तू कर लेकिन आराम से कर! हम पहली बार ही कर रही हैं.
तभी उसने आराम से सनम के बाल पकड़ कर उठाया और उसके मुंह में लंड डाल दिया. धीरे-धीरे उसके मुंह में झटका देने लगा.
लेकिन थोड़ी देर में ही उसके झटके देने की स्पीड बढ़ चुकी थी. तभी 2 मिनट बाद ही उसने सनम के मुंह में अपने लंड का पानी डाल दिया जिससे सनम को उल्टी आ गई.
सनम एकदम से बाथरूम में गई और थोड़ी देर बाद बाहर आते ही उसने राजू को थप्पड़ मारा और बोली- बहन के लोड़े, तूने अपने लंड का पानी मेरे मुंह में क्यों छोड़ा?
तो राजू बोला- दीदी, मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ.
इस पर सनम का गुस्सा थोड़ा शांत हुआ.
फिर हम तीनों बिस्तर पर लेट गए. अब हमने देखा कि उसका लंड एकदम मुरझा गया था. हम दोनों के तो जैसे अरमानों पर पानी ही फिर गया. हमने तो सोचा कि हम सेक्स कैसे करेंगी? इसका तो लंड खड़ा होने में भी टाइम लगेगा.
तभी राजू बोला- ज्यादा देर नहीं लगेगी. तुम दोनों इसको जोर जोर से चूसो, यह जल्दी ही खड़ा हो जाएगा.
तो सनम ने राजू को बिठा कर उसका लंड मुंह में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया. 2 मिनट बाद ही राजू का लंड फिर से तन कर खड़ा हो गया.
तभी उसने सनम को अपनी गोदी में उठाया और लंड उसकी चूत पर लगाकर धीरे धीरे अंदर करने लगा. लेकिन क्योंकि यह सनम का पहली बार सेक्स था तो चूत बंद होने से परेशानी हो रही थी. क्योंकि लंड बार-बार फिसल रहा था और चूत में जा नहीं पा रहा था.
तभी सनम ने मुझे कहा कि जरा कोल्ड क्रीम तो देना!
मैं जाकर कोल्ड क्रीम की शीशी ले आई जिसे सनम ने राजू के लंड पर लगा दिया. अब उसने राजू को बोला- धीरे-धीरे लंड को मेरी चूत में डाल!
राजू ने लंड डालने की कोशिश की.
लंड लगभग एक इंच ही अंदर गया होगा कि सनम की चीख निकल गयी. वो बोली- ऐसा लग रहा है जैसे किसी ने कोई गर्म चीज़ मेरी चूत में डाल दी हो.
लेकिन एकदम से मैंने जाकर सनम के मुंह पर अपनी चूत रख दी जिससे उसका मुंह बंद हो जाए.
राजू धीरे-धीरे अपना लंड उसकी चूत में डाल रहा था. अब भी सनम को दर्द हो रहा था लेकिन उसे चुप कराना भी मेरी जिम्मेदारी थी क्योंकि अगर वह चीखती तो सबको पता चल जाता कि यहाँ चुदाई चल रही है.
सनम की आंखों में आंसू आ चुके थे जिन्हें देखकर मेरी गांड फट रही थी कि अब अगला नंबर मेरा ही था.
लेकिन अब तीर कमान से निकल चुका था.
धीरे-धीरे करके राजू ने अपना पूरा लंड चूत में उतार दिया. सनम बहुत जोर से चीखती अगर मैं उसे रोकती ना तो!
मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया और उधर राजू सनम की चूत में धीरे धीरे धक्के लगा रहा था.
सनम को 10 मिनट बाद थोड़ा दर्द कम हुआ. इतने राजू रुका रहा. उसने अपना लंड एक बार निकाला और फिर धीरे-धीरे करके दोबारा से डाला. हम दोनों ही वैसे तो इस खेल में नौसिखिया थी लेकिन सेक्स करने का बुखार चढ़ा हुआ था कि हमने कुछ भी नहीं देखा.
राजू के धक्के मारने की स्पीड अब बढ़ चुकी थी. वो जोर जोर से सनम की चुत चुदाई कर रहा था और बोल रहा था- आआह्ह ह्ह्ह मेरी रंडी, मेरी रानी … तेरी चुत तो आज फाड़ दूंगा बहन की लोड़ी … मुझे मारती है. माँ की चुत तेरी … सनम बहनचोद!
सनम भी बोल रही थी- मेरी जान … मेरे राजू … मुझे चोद. आज मेरी चुत का भुर्ता बना दे, रंडी बना ले मुझे अपनी! मैं तो तुझसे शादी कर लूंगी मेरी जान!
और वह तो पागल हो गई थी. अब थोड़ी देर बाद उसने राजू को अपनी बांहों में भर लिया. सनम बोली- मेरी जान, मैं झड़ने वाली हूँ. जोर जोर से चोद मेरे राजा, जोर जोर से चोद. फट गई मेरे राजा. छोड़ना मत मेरे राजा. जोर जोर से धक्के लगा.
तभी सनम जोर से झड़ने लगी और उसकी चूत से पानी निकल चुका था. तभी राजू सनम के ऊपर से उठ गया और उसने मुझे पकड़ लिया.
मैं समझ चुकी थी कि अब मेरी चूत चुदाई की बारी आ चुकी है. लेकिन मुझे सनम की तकलीफ देख कर डर लग रहा था. मुझे पता था कि मेरी भी ऐसी ही चीखें निकलने वाली हैं.
तभी राजू ने सनम को इशारा किया और सनम ने मुझे किस करना शुरू कर दिया.
राजू अपने काम में लगा हुआ था. उसने धीरे से मेरी चूत पर अपने लंड को सहलाना शुरू कर दिया. अब मुझे मस्ती आनी शुरू हो गई थी, मेरी चूत में खुजली भी होनी शुरू हो गई थी.
तभी मैंने राजू को बोला- राजा धीरे धीरे डालना शुरू कर!
लेकिन राजू मुझे जैसे तड़पाने की सोच कर आया था. वह अपना लंड नहीं डाल रहा था. वह धीरे-धीरे मेरे अपने लंड को मेरी चूत पर सहला रहा था. मैं पागल हुई जा रही थी लेकिन वह मान ही नहीं रहा था.
तभी मैंने उसको पकड़ा और बोला- राजू भोसड़ी के … अंदर डाल!
राजू ने धीरे से अपना लंड मेरी चूत में डाला.
उसका लंड मेरी चूत में थोड़ा सा ही गया होगा कि मैं जोर से चीखी. अच्छा हुआ कि सनम मुझे किस कर रही थी वरना मेरी चीख उसकी तरह बाहर निकल जाती.
खैर धीरे धीरे राजू ने पूरा लंड मेरी चूत के अंदर घुसा दिया. अब वह जोर जोर से झटके देने लगा. मेरी चीख निकल रही थी, मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी. मगर एक हवस थी जो मुझे सब करने के लिए मजबूर कर रही थी.
मैंने अपने ऊपर भरोसा रखा. लेकिन मैं ज्यादा देर तक टिक नहीं पा रही थी, मेरी चूत में बहुत जोर से ऐसा लग रहा था किसी ने सरिया घुसा दिया हो. मैं पागल हो गई थी लेकिन सनम मेरा पूरा साथ दे रही थी.
उसने मेरे बूब्स को चूसना शुरू कर दिया और एक हाथ से मेरी चूत को उसके राजू के लंड के ऊपर से सहलाने लगी.
अब मुझे धीरे-धीरे मजा आ रहा था सनम और राजू दोनों मिलकर मुझे अच्छी तरीके से चोद रहे थे. अब धीरे-धीरे मेरा दर्द भी जा रहा था लेकिन अभी भी जलन बहुत ज्यादा हो रही थी. लेकिन मैं फिर भी बर्दाश्त कर रही थी.
राजू की स्पीड भी बढ़ गई थी, अब वह मुझे जोर जोर से चोद रहा था. लगभग 5 मिनट चोदने के बाद राजू का पानी निकलने को हुआ.
वह बोला- दीदी, मैं झड़ने वाला हूं!
लेकिन मैंने उसको बोला- चूत के अंदर पानी मत निकाल देना.
राजू ने बड़ी मुश्किल से अपना लंड बाहर निकाला और मेरे ऊपर आकर मेरे पेट पर अपना सारा पानी निकाल दिया और फिर मेरी बगल में आकर लेट गया.
हम तीनों ही लेटे हुए थे. राजू बीच में था. सनम धीरे धीरे उसका लंड सहला रही थी.
तभी राजू थोड़ी देर बाद उठा और बोला- मुझे जाना होगा, मेरे घरवाले मेरा इंतजार कर रहे होंगे.
फिर वह अगले दिन आने का वादा करके चला गया.
हम दोनों सहेलियां बिस्तर पर नंगी ही पड़ी हुई थी, दोनों की चुत सूज गयी थी. फिर हम दोनों सो गयी.
अगले दिन हम दोनों से कोई चलने परेशानी हो रही थी तो हमने स्कूल ना जाने का सोचा और हम दोनों नाश्ता करके सो गयी।
उसके बाद अक्सर हम अपनी रात राजू के साथ रंगीन करने लगी. बीच बीच में हम उसे धमकी भी दे देती थी कि अगर उसने किसी से इस बारे में कहा तो हम उसे झूठे केस में फंसवा देंगी.
तो राजू भी किसी से न कहने का वादा करता रहा.
इस बीच मुझे याद आया कि राजू ने बताया था कि वो रोज रात को ख़ुफ़िया रास्ते से हॉस्टल में आता है.
मैंने उससे वो रास्ता पूछ लिया.
और अब सनम और मैं जब मन करता है, उस ख़ुफ़िया रास्ते से बाहर निकल जाती हैं और पूरी रात मस्ती करती हैं।
दोस्तो, कैसी लगी आपको हम दो सहेलियों की पहली बार की चुदाई की यह कहानी?
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धन्यवाद।
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