प्यासी लड़की की वासना चुदाई से बुझी

ऑफिस गर्ल पोर्न कहानी में पढ़ें कि हमारी सहयोगी कम्पनी में एक लड़की से मेरी दोस्ती हो गयी. एक दिन वो उदास दिखी. उसका ब्रेकअप हो गया था. तो मैंने क्या किया?

नमस्कार मित्रो, मेरा नाम चन्दर है और मैं जयपुर की एक बड़ी कंपनी में हेड मार्केटिंग मैनेजर हूँ.
मेरी पहली सेक्स कहानी थोड़ी लंबी हो सकती है क्योकि मैं इस ऑफिस गर्ल पोर्न कहानी की गहराई आप को बताना चाहता हूँ पर मैं कोशिश करूंगा आपको पसंद आए. यदि मुझसे कोई भूल हो तो कृपया क्षमा करना.

ये सेक्स कहानी तब की है … जब मैं सीनियर मैनेजर था और जयपुर का कार्य भार मुझ पर हुआ करता था.

उसका नाम रीतू था. रीतू से मेरी पहचान एक मीटिंग के तहत हुई थी. वह एक बड़ी कंपनी में सॉफ्टवेयर डेवलपर थी और उसी कंपनी से मेरी कंपनी का मार्केटिंग टाई-अप था.

वो बहुत सुंदर नैननक्श वाली लड़की थी.
उसको देख कर साफ़ पता चलता था कि वो बहुत ही आत्मविश्वास से युक्त लड़की थी. उसका चाल-चलन पूर्णतया प्रोफेशनल था.

उसके व्यक्तित्व में एक गजब का आकर्षण था, जो मुझे अपनी ओर खींच रहा था. पर मैं काम और कामसूत्र को हमेशा अलग रखता हूं, हमारे रिश्ते काफी प्रोफेशनल थे.

कुछ महीनों में हमारी दोस्ती हो गई और हम काम के अलावा भी बात करने लग गए थे.
पहले हमारी व्हाट्सएप्प पर बातों का सिलसिला शुरू हुआ. फिर उसके साथ बाहर मुलाकातों का दौर चलने लगा.

रीतू बहुत अच्छी और ऊंची सोच रखती थी. वो बहुत ही हंसमुख थी.

फिर एक दिन जब हम दोनों मिले, तब उसका चेहरा उतरा हुआ था और वह बहुत उदास थी.
मैंने कारण पूछा, तो वह बात टालने लगी.

मेरे बहुत जोर देने पर पता चला कि वह पैसों की परेशानी से जूझ रही थी और उसे कोई सस्ता सा घर किराये पर देखना था.

मैंने उससे मेरे साथ मेरे घर में रहने के लिए ऑफर किया.

इधर मैं बता दूँ कि मेरा परिवार गांव में रहता था और मैं अकेला यहां पर रहता था.

मेरे ऑफर से वह शायद डर रही थी.
मैंने उससे कहा- एक सप्ताह रह कर देख लो, यदि कोई समस्या हुई … तो दूसरा घर देख लेना.

मेरे थोड़ा ज़ोर देने पर वह राज़ी हो गई. हम दोनों साथ रहने लगे.
उसका कमरा अलग था.

कुछ दिन वह यूं ही उदास बनी रही, इसलिए उसका दिल बहलाने के लिए मैं उसे एक पार्टी में ले गया.
उधर थोड़ा नाच गाना और ड्रिंक्स होने के बाद हम वहां से वापस घर के लिए निकले और कुछ ही देर बाद घर आ गए.

घर आने के बाद ड्रिंक्स के नशे में वह मुझसे खुल कर बात करने लगी.

उसने सबसे पहले मुझसे पूछा कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड है.
मैंने कहा- हां थी तो सही, पर अब हम अलग हो गए हैं.

उस पर नशे की खुमारी थी और मैं भी नशे में था. यूं ही बातों बातों में हमारी बातें कुछ सेक्स की होने लगीं.
दोनों ही सेक्स अनुभव और फैंटेसी के बारे में बात करने लगे.

उसने बताया कि मेरे बॉयफ्रेंड ने उसे धोखा दिया था.
इतना कह कर वह फिर उदास हो गई.

इस बार उसकी आंखों में आंसू थे.
मुझसे ये देखा न गया, मैंने उसकी आंखें पौंछ दीं और उसको सहानुभूति के साथ अपने गले से लगा लिया.

मगर इस पल में मुझे कुछ हो गया, इसे नशा कहो या उसका आकर्षण था कि मैं उसे गले से हटाना नहीं चाहता था और ना ही वो हटने का प्रयास कर रही थी.

अनायास ही मेरे गाल उसके कोमल गालों से टच हुए और मुझमें एक बिजली सी कौंध गई.
उसके शरीर का रोमांचक कम्पन भी मैं महसूस कर रहा था और मेरी तो दशा खराब थी ही.

मैं उसे महसूस करना चाहता था, मैंने मेरे मुँह को इस तरह उसके गालों की ओर मोड़ा … मानो मैं उसे चूमने का प्रयास कर रहा हूँ.

पर हम दोनों में थोड़ी दूरी रही थी. पर तब भी इससे मेरी गर्म सांसें उसके कोमल गालों पर टकरा रही थीं.

मैं रोमांचित था … और वह भी तो अपनी आंखें बंद करके इस पल का आनन्द ले रही थी.
उसकी बढ़ती सांसें उसकी सहमति की गवाही दे रही थीं, पर मैं कोई जल्दबाज़ी नहीं चाहता था.

सेक्स में धीरज और धैर्य का मज़ा ही अलग है.

मेरी धीमी गति से रीतू की बेचैनी बढ़ने लगी और अपने शरीर की हलचल पर काबू पाने के लिए उसने मुझे कसके जकड़ लिया.
उसके नरम मुलायम स्तन मेरे सीने में गड़े जा रहे थे.

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अब मेरा भी रुकना असंभव था. मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए.

कुछ पल तक वह ऐसे ही बनी रही, फिर मैंने उसको होंठों को चूसना शुरू कर दिया, जिससे मेरे पैंट में एक तनाव से बनने लगा और अब तक रीतू भी गर्म हो चुकी थी.
जी हां … वह अपनी रफ्तार बढ़ाने लगी और मेरे होंठों को चूसने लगी.

मेरा हाथ भी उसके स्तनों पर और दूसरा उसकी टॉप के अन्दर से उसके पीठ पर चलने लगा.

तभी रीतू ने मचलते हुए कहा- चन्दर, मेरी प्यास बुझा दो … मैं भीतर से तप रही हूँ.

मैंने ये सुनते ही उसकी आंखों में देखा, तो उसकी आंखों में उदासी और वासना एक साथ थी.

वासना तो मेरे सर पर भी सवार थी. मैंने उसे फिर से चूमना शुरू कर दिया और इस बार मैं उसके हाथ, गाल, गला, कंधे पर बारी बारी चूमता रहा.

वो गहरी सांस भरती रही और समय का आनन्द उठती रही.

मैंने उसके टॉप को ऊपर उठाया और उसकी लाल ब्रा के ऊपर से ही उसके स्तनों को अपने दांतों से हल्का सा दबा दिया.

इससे उसके मुँह से हल्की दर्द भरी सीत्कार निकल गई.
‘इससस्स …’ की आवाज़ के साथ वह मेरे बदन के और करीब आ गई.

मैं उसके स्तनों की सुंदरता देखना चाहता था, उन्हें पीना चाहता था.
इसी मंशा से मैंने उसकी टॉप और फिर ब्रा खोल दी.

अब जींस पहने वो शर्म से लाल हो रही थी.
मैंने अपनी टी-शर्ट उतारी और उसे फिर से गले लगा लिया.

वो पल मुझे आज भी याद है. उसके गर्म तपते शरीर का अनुभव आज भी मुझे रोमांचित कर रहा है.

जहां मेरा बदन उसे बदन से छूता, वहां उसे झुरझुरी सी छूट जाती.
गहरी सांसों से उसका सीना ऊपर-नीचे हो रहा था जो मुझे मेरे सीने पर महसूस हो रहा था.

मेरा हाथ उसकी पीठ पर चल रहा था और मेरे हाथों के गुदगुदे अहसास से वो कसमसा रही थी.

अब मैंने एक हाथ उसके नितम्ब पर रख कर हल्के से दबाया तो दोबारा से उसके मुँह से ‘इसस्स …’ की कामुक सिसकारी निकली.
मैंने फिर से उसके होंठों पर मेरे होंठ रख दिए और चूमते हुए उसकी जींस के दोनों बटन खोल दिए.

वो शर्म से मुझमें गड़ी जा रही थी.

धीरे से मैंने उसकी जींस नीचे की ओर सरकायी … और मैं उसे दूर करके उसे जी भर देखने लगा.

यकीन मानिए … मैंने महसूस किया कि मेरे देखने से वह शर्म और हया से भर गई और अपना बदन दोनों हाथों से ढकने लगी.

बहुत सुंदर माहौल था.
उसकी सुंदर बड़ी आंखें, पीछे की ओर बंधे हुए बाल, सुराहीदार गर्दन, दुबला पतला शरीर, सख्त गोल स्तन, जो उसके हाथों से आधे भी न ढक रहे थे.
पतली गोलाई ली हुई कमर और उस पर काले रंग की छोटी सी पैंटी.

मैं यहीं तक पहुंचा था कि उसने कहा- प्लीज ऐसे न देखो, मुझे शर्म आती है.

उसने शर्म के मारे मुझसे एक बार फिर लिपटते हुए मुझे फिर से कस लिया.
इस बार वह अपना मुँह मेरे सीने छुपाने की पुरजोर कोशिश कर रही थी.

एक लड़की जब शर्माती है, तो सबसे सुंदर हो जाती है.

मैंने उसे अपने से दूर किया और अपनी जींस धीरे से उतारने लगा.
उसकी बेचैन आंखें मेरे कमर के नीचे वाले हिस्से को टटोल रही थीं.

मैंने उसका एक हाथ अपने कंधों पर रखा और उसे गोद में उठा कर मेरे रूम के पलंग पर ले गया. वहां उसे लेटाने के बाद मैंने उसके पैरों को चूमना शुरू किया.

उसने फिर दोनों हाथों से अपने स्तन छुपा लिए और वासना की खुमारी में आंखें बंद कर दीं.

मैं उसके पैरों की उंगलियों को चूसता हुआ, पिंडलियों को चूमता हुआ धीरे धीरे ऊपर बढ़ रहा था.
उसके मुँह से मादक सिसकारियां निकलने लगीं, जिससे मेरा जोश और बढ़ गया और मैंने अपने दांत रीतू की जांघों में गड़ा दिए.

उसे दर्द हुआ और वो आह करके उछली, जिससे उसके हाथ स्तनों से हट गए और हिलते हुए स्तनों का नज़ारा मुझे देखने को मिल गया.

मैंने दांतों से उसकी पैंटी की कोर पकड़ी और धीरे से उसे नीचे खींचने लगा.
उसकी योनि की खुशबू मुझे रोमांचित कर रही थी … जो उसकी गीली पैंटी से आ रही थी.

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योनि की महक से मेरा जोश अपने उफान पर आ गया था. मैंने अपनी अंडरवियर उतारी और मेरा लिंग फुंफकारते हुए तन कर सावधान वाली मुद्रा में खड़ा हो गया.

रीतू मंत्र मुग्ध सी बस लिंग को देख रही थी कि कब इस लिंग से उसकी योनि का उद्धार हो.
पर मैं उसे और तड़पाना चाहता था.

मैंने उसकी जांघों पर झुकते हुए उसकी योनि पर अपने हाथ रख दिए और उसी वक्त रीतू के मुँह से पूरे ज़ोर से एक आह निकली.
उसकी इस आह में बड़ा सुकून था.

कुछ समय उसकी योनि का रसपान करने के बाद मैं ऊपर को हुआ और दोनों स्तनों को चूमता हुआ, गर्दन से होता हुआ मैं फिर से उसके रसभरे होंठों पर आ पहुंचा.
उसी समय मैंने अपने तने हुए लिंग को उसकी योनि से छुआ दिया.

यही वो समय था जब रीतू की शर्म हया का बांध टूट गया.
उसने मिन्नत की कि चन्दर अब कृपा कर मुझे और न तड़पाओ. मैं मर जाऊंगी, प्लीज मेरे अन्दर जो आग लगी है … उसे शांत कर दो.

यह सुनते ही मैंने अपने लिंग को मेरे ही थूक से हल्का गीला कर लिया.
उसकी योनि कामरस से पहले ही गीली थी. मैंने अपने लिंग को बड़े प्रेम से धीरे धीरे योनि में प्रवेश करवा दिया.

अभी मेरे लिंग का अग्र भाग ही अन्दर गया होगा कि रीतू छटपटा उठी.
उसने बहुत दिनों से सेक्स नहीं किया था.

पर अब रुकना मेरे लिए मुश्किल था. मैंने उसके दर्द को अनदेखा करते हुए अपने लिंग को योनि की जड़ तक पूर्ण प्रवेश करवा दिया.
उसकी आंख से आंसू बह निकले पर इन आसुओं में दर्द से ज़्यादा आनन्द के भाव थे.

कुछ समय के लिए मैंने बहुत ही धीमे धक्के लगाए, जिससे लिंग अन्दर बाहर तो कम हुआ, पर इससे उसकी योनि के बाहरी भाग पर घर्षण ज़्यादा हुआ.

ये कला मैंने अपने अनुभव से सीखी है.
इसमें कुछ स्त्रियां बहुत ज्यादा कामोत्तेजित हो जाती हैं … और कुछ को असीम आनन्द की अनुभूति होती है.
ये आनन्द चरम सुख से अलग और मीठा होता है.

रीतू भी इससे बहुत उत्तेजित हो गई और कहने लगी- अब ज़ोर से करो … तेज़ बहुत तेज़.

ये सुनकर मैंने अपनी गति बढ़ा ली और लिंग को ज़ोर ज़ोर से उसके अन्दर बाहर करने लगा.
तेज़ तेज़ करने से स्त्रियों को उतनी ही तेज़ी से चरम सुख मिलता है … और हुआ भी यही.

रीतू का एक बार स्खलन हो गया था. वो निढाल हो गई थी और उसके हाथ मुझे रोकने लगे थे.
मैं उसकी मनोदशा को समझ लिया और रुक गया.

एक मिनट बाद हम दोनों ने अपनी पोजीशन बदल ली.
अब वह मेरे ऊपर आ गई.

इस पोजीशन में कुछ देर तक उसने .. फिर मैंने धक्के लगाने शुरू किए.

इस आसन में उसके उछलते हुए स्तनों को देखने का आनन्द मैं आज भी कई बार याद करता हूँ.

इस पोजीशन में हम दस मिनट रहे होंगे और उसका एक बार फिर हो गया. इस बार वह काफी थक गई थी. पर अब तक मेरा होना बाकी था.

मैंने उससे पोजीशन बदलने के लिए कहा.
अंग्रेज़ी में जिसे रिवर्स काऊगर्ल (riverse cow girl) पोजीशन कहा जाता है, उस पोजीशन में आने के लिए कहा.
इस पोजीशन में मेरा भी जल्दी हो जाता है.

वो झट से आ गई इस पोजीशन में … हम कुछ 8 मिनट दौड़ते रहे और दोनों एक साथ झड़ गए.

थकान और फूली हुई सांस के वजह से रीतू उसी पोजिशन में निढाल हो गयी; वो मेरे लिंग को अपने अन्दर रखे हुए ऐसे ही मेरे पैरों पर सो गई.

सुबह जब मैं उठा तो रीतू बहुत खुश थी.
नाश्ता और चाय दोनों तैयार थे.

उसने मुझे माथे पर चूम कर धन्यवाद किया और प्रेम से ‘आई लव यू …’ कहते हुए मेरी गोद में बैठ गई.
उसकी उदासी मानो छू-मन्तर हो गई थी.

हम दोनों ने साथ में चाय पी और तैयार होकर साथ ही ऑफिस निकल गए.

दोस्तो, अगर मेरा ये सेक्स अनुभव आपको पढ़ने योग्य लगा हो, तो मेल ज़रूर करें. अगर आप कहेंगे, तो मैं इसके आगे की ऑफिस गर्ल पोर्न कहानी को भी पोस्ट करूंगा.
आपका अपना चन्दर सिंह
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