दोस्त की चाची को मेरा लंड पसंद आया- 1

मोटी चाची की चुदाई कहानी मेरे दोस्त की है. उसने अपनी चाची को चोद दिया था. मेरे कहने पर वो मुझे अपने साथ चाची के घर ले गया. वहां क्या हुआ?

मित्रो, मेरा नाम देव है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 28 साल है. मेरा लंड 6 इंच का है और ये सेक्स स्टोरी लॉकडाउन के समय की है.

आगे बढ़ने से पहले मैं उन सभी का धन्यवाद करना चाहूँगा, जिन्होंने मेरी पिछली सेक्स कहानी
चचिया सास की चूत की खुजली मिटा दी
को हद से ज्यादा पसंद किया और कमेंट्स के ज़रिए भी काफी प्यार दिया.

आज की मोटी चाची की चुदाई कहानी में अपनी लाइफ का एक अनुभव साझा कर रहा हूँ.

मेरे घर से कुछ ही दूर एक अलग ब्लॉक में मेरा खास दोस्त रहता है, जिसका नाम राहुल है.

राहुल कहने को मेरा दोस्त है लेकिन हम दोनों में भाइयों से ज्यादा प्यार है.
ऐसी कोई भी बात नहीं है, जो हम एक दूसरे से शेयर ना करते हों, चाहे वो एक दूसरे की गर्लफ्रेंड की चुदाई की बातें हों … या किसी और की चुदाई की बातें हों.

अभी कुछ दिन पहले ही राहुल ने मुझे बताया कि कैसे उसने अपनी सग़ी चाची को ही चोद डाला.
वो भी होली के बहाने.

होली के बहाने उसने नशे के बहाने कैसे अपनी चाची के चूचे दबाए और नशे में अपने खड़े लंड का दीदार चाची को करवा दिया.
जिसे देख कर चाची राहुल के लंड पर टूट पड़ी और कैसे चाची ने अपनी 40 इंच की मोटी हैवी गांड राहुल के लंड पर मस्त हिलाकर चूत चुदवाई.

शुरू में मुझे राहुल की बात पर ज्यादा यकीन नहीं हुआ क्योंकि राहुल एक फट्टू किस्म का लौंडा है, उस साले की किसी से बात करने में भी गांड फटती है, तो उसने ऐसा कैसे किया होगा, मुझे जरा कम समझ आ रहा था.

इसी के चलते मैंने राहुल से कहा- मुझे तेरी बात पर यकीन नहीं है.
इस पर राहुल ने कहा- कोई बात नहीं, अगले महीने मैं चाची जी से मिलने जाऊंगा, तब तू भी मेरे साथ चलना और खुद देख लेना.

मुझे राहुल की बात सुन कर कुछ समझ नहीं आया कि मैं अपने घर में क्या कह कर राहुल के साथ उसकी चाची के घर जाऊंगा … और राहुल भी मुझे साथ ले जाकर अपनी चाची को क्या बताएगा कि मैं कौन हूँ और इधर क्यों आया हूँ.

ये सब सवाल मेरे दिमाग में चल रहे थे, जो मैंने राहुल को बताए.

राहुल ने बस ये कहा- तुम बोल देना कि तुमने एसएससी का एग्जाम का फ़ार्म भरा था और उसी का एग्जाम देने आया हूँ. बाकी वहां मैं चाची को अपने आप सैट कर लूंगा, तू उसकी टेंशन मत ले.
उसकी इस बात से मेरी टेंशन भी दूर हो गई और मैंने अपने घर पर यही कह दिया कि मेरा अगले महीने एसएससी का एग्जाम है. उसे देने के लिए राहुल के साथ जाना है.

ये बात ऐसी थी कि इससे मेरे जाने पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होने वाली थी.

अब कुछ दिन गुजर गए.
फिर वो दिन भी आ गया, जब राहुल के साथ जाना तय हुआ था.

मैंने राहुल को कॉल करके जाने का कन्फर्म किया, तो राहुल ने मुझे ये भी बताया कि कैसे उसने अपनी चाची से मेरे साथ में आने की बात कर ली है.

मैं उसकी बात सुनकर हैरान हुआ और मैंने कहा- मुझे भी बता दे कि तूने अपनी चाची से क्या कहा है?

राहुल ने मुझे बताया- मैंने चाची से कहा है कि साथ में मेरा दोस्त देव भी आएगा. चाची ने इस बात पर आपत्ति जताते हुए पूछा कि मैं देव को क्यों ला रहा हूँ. तो मैंने चाची से कह दिया कि देव का एग्जाम उधर किसी सेंटर में पड़ा है … और उसको उधर के एरिया का कुछ खास आइडिया भी नहीं है, इसलिए देव वहां से अपने एग्जाम सेंटर चला जाएगा.

ये सब सुन कर मुझे राहुल पर गुस्सा आया कि ये साले किस तरह की सैटिंग की है, मैं उसकी चाची के घर से चला जाऊंगा, तो मुझे इसकी और इसकी चाची की चुदाई देखने को कैसे मिलेगी. जबकि मैं तो ये सोच रहा था कि कहीं मौक़ा मिला, तो मुझे भी चाची कि जवानी पर हाथ फेरने का मौका मिल जाएगा. साले से मेरी इन सब हसरतों पर पानी फेरते हुए ऐसा कह दिया है.

जब ये बात मैंने राहुल से कही- तूने चाची को एग्जाम सेंटर वाली बात कही ही क्यों?
तो राहुल बोला- साले तुम्हारे सामने रहते चाची और मैं चुदाई कर ही नहीं पाएंगे, इससे बेहतर था कि तुम कुछ देर वहां बैठ कर एग्जाम सेंटर जाने की बोलना … और वहीं बाहर कहीं साइड में खड़े हो जाना. मैं दरवाजे बंद करने जैसे ही आऊंगा, तुम चुपके से अन्दर आ जाना और चुपके से खिड़की की साइड में खड़े हो जाना. ध्यान रखना कि बिल्कुल भी आवाज़ ना आए.

ये सब सुनकर मुझे अपने प्यारे से दोस्त पर बहुत प्यार आया. जिसे मैं इतना भोसड़ समझता था, वो तो अब जाकर पता चला कि ये इतना गांडू भी नहीं है.

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मैं सब उसके सारे आइडिया सुन कर काफ़ी खुश हुआ.

खैर … राहुल और मैं चाची से मिलने 12 बजे घर से निकल गए.

चाची जी जवानी देखने के लिए करीब 40-45 मिनट के बाद हम दिनों चाची के घर पहुंच गए.
राहुल ने घर के बाहर लगी बेल बजा दी.

कुछ देर बाद साड़ी में एक भरे हुए जिस्म की दूध जैसी गोरी महिला ने दरवाजा खोला.

उसे देख मेरे तो होश ही उड़ गए.
वो तो ऐसी कयामत माल लग रही थी, जैसे मेरे लिए वो ही सब कुछ हो.
मेरे मन में बस यही ख्याल आया कि काश में राहुल होता और इसकी चूत चाट रहा होता.

खैर … अन्दर आते ही चाची ने राहुल को अपनी बांहों में भर लिया. राहुल का हग पूरा होते ही मैंने भी अपने हाथ हग के आगे कर दिए. चाची ने मुझे भी सामान्य वाला हग कर लिया.

चाची की बांहों में आते ही मैंने उत्तेजना में चाची की कमर पर हल्का सा दबाव दे दिया, जिससे उनके भारी चुचे मेरी छाती में दब से गए.
इस तरह के दबाव से चाची एकदम से हड़बड़ा गईं और मुझसे झट से अलग हो गईं.
शायद उन्हें अपने मम्मों का ये दबाव पसन्द नहीं आया था.

खैर … अब हम दोनों अन्दर आ गए.

चाची के बारे में जितना राहुल ने मुझे बताया हुआ था, चाची उससे कहीं ज्यादा खूबसूरत थीं.

चाची का नाम अनीता था. चाची एक 35-36 साल की गर्म महिला थीं, जिनके चुचे देखने में काफ़ी बड़े थे. शायद 40 से कम तो नहीं ही होंगे.
उनकी थोड़ी उभरी हुई गांड मेरी आंखों को अलग ही मजा दे रही थी. साथ ही वो इतनी ज्यादा गोरी थी, जैसे मलाई में नहाई हुई हों.

वहीं दूसरी ओर मेरी नज़र एक फोटो फ्रेम पर गई, जो एक फैमिली फोटो फ्रेम था. जिसमें चाचा जी और चाची जी के साथ में एक 9 साल का लड़का था.

चाचा को देखने में ऐसा लग रहा था, जैसे चाचा को फोटो क्लिक करवाने के लिए भी किसी ने सहारा दे रखा हो. मतलब चाचा जी इतने दुबले पतले दिख रहे थे जैसे कि पंखा चलने पर ही उड़ जाएं और कद में भी चाची के जितने ही थे.
फोटो से साफ़ समझ आ रहा था कि जैसे चाची की शादी किसी मच्छर से कर दी गई हो.

तभी राहुल ने मेरा ध्यान भंग कर दिया.
उसने चाची से पूछा- चाचा तो वहीं ड्यूटी पर होंगे?
इस पर चाची बोलीं- हां 10 बजे गए थे … अब रात 11 बजे ही आएंगे और तुझे तो पता ही है कि मेरा बेटा नीरज अपनी स्कूल की छुट्टियों के कारण अपने मामा के घर गया हुआ है. बस मैं ही अकेली हूँ तो एकदम बोर हो जाती हूँ.

राहुल बोला- अरे तो अब क्या टेंशन है चाची … मैं आ गया हूँ ना आपकी सारी बोरियत उतारने.
ये सुन चाची एकदम से शर्मा गईं और उन्होंने खुद को सम्भालते हुए राहुल को इशारा किया कि मैं भी हूँ. जिसे मैंने देख लिया कि चाची मेरे सामने ही ऐसे शरीफ़ बन रही हैं.

हालांकि मुझे तो राहुल सब कुछ पहले ही बता चुका था कि उसकी चाची कैसे खड़े लंड पर कूदने की शौकीन हैं.

कुछ देर बाद चाची जी चाय और नाश्ता ले आईं.

चाची ने राहुल से ऐसे इशारा किया मानो वो उससे पूछ रही हों कि मैं कब जाऊंगा.
उनकी इशारेबाजी को नजरअंदाज करके मैं नाश्ता करने लगा.

कुछ देर बाद मैंने राहुल से कहा- अब मैं एग्जाम के लिए निकलता हूँ.
राहुल ने भी मुझे देख कर हंसता हुआ बाय बोला.

मैं प्लान के मुताबिक घर से बाहर कुछ दूर जाकर एक पेड़ की आड़ में खड़ा हो गया जिधर से मैं घर के गेट को दिख सकूं.

कुछ देर बाद राहुल दरवाजा बंद करने के लिए आया और उसने चुपके से मुझे इशारा करके आने को कहा.
मैं दबे पांव अन्दर आ गया और उसने मुझे रसोई की तरफ जाने का कहा.

मैं चुपचाप रसोई में जाकर फ्रिज की आड़ में छिप गया. रसोई की खिड़की से बेडरूम का नजारा दिखाई देता था.

यदि बेडरूम का दरवाजा खुला हो तो इधर से पूरा बेड का नज़ारा साफ़ दिखाई दे रहा था.

इतने में राहुल दरवाजा बंद करके चाची के रूम में आ गया.
कमरे में आते ही राहुल और चाची दोनों एक दूसरे पर लगभग टूट पड़े.
राहुल चाची के ऊपर से ही उनकी चूचियां मसलता हुआ लिपकिस करने लगा.

तभी चाची भी पैंट के ऊपर से राहुल के तने हुए लंड को दबाने लगीं.
राहुल ने अगले ही पल चाची की साड़ी उतार का साइड में रख दी और ब्लाउज के हुक खोलने लगा.

चाची का ब्लाउज खुलते ही उनके 40 डी साइज़ के भारी-भरकम चुचे खुलकर हवा में हिलने लगे.

राहुल बड़ी बेरहमी से दोनों मम्मों को पकड़ मसलने लगा.
वो चाची के एक दूध के निप्पल को अपने होंठों में दबा कर खींचने लगा और दूसरे मम्मे का हलवा बनाने लगा.

चाची भी एकदम से गर्मा उठीं और वो राहुल की पैंट खोलने लगीं.
उनकी बेताबी से साफ़ लग रहा था कि उन्हें लंड जल्द से जल्द चाहिए था.

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पैंट से लंड आज़ाद हुआ तो मैंने भी राहुल का लंड पहली बार देखा.
उसका लंड दिखने में 5 इंच लम्बा था और मुझसे थोड़ा कम मोटा था.

चाची ने राहुल के लंड को हाथ से पकड़ा और दबा दबा कर मसलने लगीं.
अपना मुँह ऊपर करके वो राहुल के होंठों को चूम चूस रही थीं.
वो दोनों पूरी तरह निर्वस्त्र होकर एक दूसरे को चूम रहे थे.

तभी राहुल चाची का जूड़ा पकड़ कर चाची को झुकाने लगा.
वो अपना लंड चुसवाने के लिए उन्हें नीचे कर रहा था.

चाची ने लंड मुँह में ले लिया और लंड को पकड़ कर उसके सुपारे पर जीभ से चटखारे मारने लगीं.
फिर उन्होंने पूरा लंड मुँह में भर कर ऐसे चूसना शुरू कर दिया, जैसे वो कोई आइसक्रीम चूस रही हों.

इस वक्त चाची का मुँह लंड से खेल रहा था तो राहुल ने खिड़की की ओर मुझे इशारा करके दिखाया कि कैसे चाची उसका लंड चूस रही थीं.

कुछ पल बाद चाची ने राहुल को बेड पर धकेल दिया और उसे अपने नीचे लिटा लिया.
उन्होंने 69 में होकर राहुल के मुँह पर अपनी रसभरी चूत रख दी और राहुल के लंड को अपने मुँह में लेकर किसी भूखी कुतिया की तरह लंड चूसने लगीं.

उधर राहुल की जीभ चाची की चूत का पानी पीने लगी थी.
वो दोनों 69 की पोजीशन में एक दूसरे को चूस रहे थे.

कुछ देर बाद चाची की चूत ने पानी राहुल के मुँह पर ही छोड़ दिया, जिससे राहुल का पूरा चेहरा गीला हो गया.
राहुल तब भी अपनी चाची की चूत चाटने में लगा था.

फिर राहुल ने चाची के चूतड़ों पर हल्की थपकी मार उनको उठने के लिए बोला- चलो जान, अब सीधी हो जाओ.
चाची उठ सीधी लेट गईं.

राहुल उठ कर चाची की टांगें चौड़ी करके उनके दोनों पैर अपने कंधों पर रख कर चुदाई की मुद्रा में आ गया.
इस समय चाची की चूत पूरी खुल कर दिख रही थी, जिसे देख मेरे लंड में भी आग लगने लगी थी.

राहुल चाची के उस खुले हुए भोसड़े में लंड डालने लगा.
गीली और खुली चूत में लंड सट से अन्दर जाने लगा.

चूत के अन्दर लंड के जाते ही चाची की ‘आह … आह …’ निकल गई.

राहुल अपने 5 इंच के लंड से चाची की चूत में धक्के मारने लगा.
लंड से चुदती हुई चाची ‘आह आआ …’ करती हुई अपना भोसड़ा राहुल से चुदवाने में मस्त होने लगी थीं.

मोटी चाची की चुदाई करते करते राहुल का माल निकलने को हो गया था.
वो चाची से पूछने लगा- माल चूत में ही छोड़ दूँ क्या?
चाची ने हामी भर दी और राहुल ने अपना सारा माल चाची के भोसड़े में छोड़ दिया.

इस तरह दोनों शांत हो गए थे लेकिन ये सब देख कर मेरा लंड बुरी तरह फटने को हो गया था.

उन दोनों पूरी चुदाई देखने के बाद मैं अपने लंड को शांत करने के लिए टॉयलेट में चला गया.

वहां खूंटी पर टंगी चाची की चुन्नी और पैंटी पर मेरी नज़र पड़ी तो मैंने चाची की पैंटी उठाई और अपनी नाक से लगा कर सूंघी.
उनकी चूत की मादक महक से मेरा मन मचल गया और मैंने लंड पर पैंटी लपेट कर मुठ मारनी शुरू कर दी.

कुछ ही देर में मैंने अपने लंड का सारा माल चाची की पैंटी में निकाल दिया.

फिर चाची की माल से सनी हुई पैंटी को वहीं लटका कर वापस रसोई की खिड़की की तरफ़ आ गया, वहां से धीरे से बाहर की ओर निकल गया.

मैंने बाहर से राहुल को मैसेज करके बता दिया कि अब मैं बाहर आ गया हूँ. कुछ मिनट बाद मैं चाची के सामने बाहर से अन्दर आऊंगा.

इस पर राहुल ने ओके लिखते हुए बताया कि 30 मिनट बाद आना.

मैं आधा घंटा बाद सामान्य तरीके से घर के बाहर आया और बेल बजा दी.

राहुल ही दरवाजा खोलने आया जबकि गेट तो खुला हुआ ही था, बस यूं ही उड़का था.

कुछ ही देर में चाची भी कपड़े पहन कर कमरे से बाहर आ गईं.

इस बार चाची ने एक मैक्सी पहनी हुई थी, जिसमें से उनके निप्पल साफ़ दिख रहे थे. चाची ने ब्रा पैंटी कुछ नहीं पहनी थी, बस एक मैक्सी डालकर अपने शरीर को ढका हुआ था.

मेरी नज़र उनके कड़क निप्पलों पर ही थी.
चाची ने मेरी नजरों को ताड़ लिया था और चाची समझ गई थीं.

वो अपनी मैक्सी का गला ठीक करने लगीं और वहीं मैं भी अपना लंड अड्जस्ट करने लगा. चाची ने ये सब देख लिया था.

अब अगले भाग में चाची की मदमस्त जवानी को कैसे अपने लंड के नीचे लाकर भोगा, वो सब लिखूंगा. चाची को मेरा लंड कैसा लगा, इस सबका भी वर्णन लिखूँगा. आप मुझे इस सेक्स कहानी के लिए मेल जरूर करें.

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मोटी चाची की चुदाई कहानी का अगला भाग: दोस्त की चाची को मेरा लंड पसंद आया- 2