एक रात नए बेड पार्टनर के साथ- 4

होटल चुदाई कहानी में पढ़ें कि एक रिसोर्ट में दो कपल में बीवियों ने आपस में तय कर लिया कि वे आपस में अपने पति बदल कर चुदाई का मजा लेंगी.

कहानी के तीसरे भाग
स्विमिंग पूल में दो जोड़ों की अश्लील मस्ती
में आपने पढ़ा कि कैसे दो इंडियन कपल ने स्विमिंग पूल में और रेस्तरां में एक दूसरे के साथी के साथ मजा लेने की कोशिश की.

अब आगे होटल चुदाई कहानी:

अगला दिन खासा व्यस्त था क्योंकि वॉटर स्पोर्ट्स थे।
उन लोगों ने स्कूबा डाईविंग, पनडुब्बी का रोमांच, स्पीड बोट कई ऐक्टिविटीज़ में हिस्सा लिया।

अब चारों आपस में बहुत बिंदास हो गए थे।

शाम को समुद्र के किनारे सिगरेट और व्हिस्की का दौर चल रहा था तो हर्ष बोला- फिर कल वाली बात पक्की है न?

इस पर इससे पहले राजीव कुछ बोलता, नेहा बोली- क्यों प्रीति ने थका दिया क्या, कुछ ताकत की दवाई ले लेते हर्ष!
हर्ष बोला- उसी दवाई के लिए तो कह रहा हूँ आज तुम दे देना।
सब हंस पड़े।

पर ये तो तय था कि ऐतराज़ किसी को नहीं था।
ये हुआ कि डिनर के बाद सोचेंगे।

आठ बजे सब लोग वापिस डिनर हाल में पहुंचे।
आज तो नेहा और प्रीति गजब के छोटे कपड़ों और गहरे मेकअप में थी।
शायद मेकअप दोनों ने आपस में सलाह कर के किया था।

दोनों ने ही रेड नेल पेंट और गहरी लाल लिपिस्टिक लगाई थी।
नेहा मोतियों की ज्यूलरी और शॉर्ट फ़्रोक पहने थी। हाँ आज नीचे उसने पैंटी पहन रखी थी, पर मम्में अब भी उसके आज़ाद थे।

प्रीति बिना ब्रा पैंटी के बदन से चिपकी मिडी फ्रॉक पहने थी जो उसके घुटनों से ऊंची ही आ रही थी, पर उसके कूल्हे ढक रहे थे।
जब बार में ऊंचे स्टूल पर चारों बैठे तब नेहा की फ़्रोक के नीचे से उसकी पैंटी साफ सामने आ गई।

अब राजीव को समझ आया कि कल यहीं से हर्ष नेहा की चूत की झलक पा गया होगा।
राजीव बार बार प्रीति की टांगों के बीच झाँकने की कोशिश कर रहा था पर उसे कुछ खास नज़र नहीं आ पा रहा था क्योंकि प्रीति की ड्रेस टाइट थी।

पर उसके मटकते कूल्हे और झूलते मम्में बता रहे थे कि नीचे कुछ नहीं हैं।

मेन डिनर हाल में आज लड़कियां एक ओर बैठीं और उनके सामने उनके मर्द!

फर्क इतना रहा कि प्रीति के सामने राजीव बैठा था और नेहा के सामने हर्ष!
ऐसा पता नहीं अंजाने में हो गया या जानबूझकर प्रीति ने ऐसे बिठाया।

ऐसा लग रहा था कि प्रीति और हर्ष आज पूरे मन से आए थे कि आज रात अदल बदल कर चुदाई करेंगे ही!

डिनर करते समय प्रीति बार-बार राजीव की प्लेट से भी अपनी चम्मच से कुछ खा लेती और राजीव और नेहा से भी कहती कि वो उसकी प्लेट से कुछ लें।

असल में ताज एक्सोटिका में खाना बहुत स्वादिष्ट और आपकी व्यक्तिगत रुचि के हिसाब से शेफ बनाता था।
तो खाने की मेज पर चारों अपनी अपनी पसंद की चीज़ें मंगाते थे।
इसके चलते खूब वरायटी मेज़ पर रहती।

धीरे धीरे चारों ही एक दूसरे की प्लेट से खाना शुरू कर दिये, बल्कि प्रीति ने तो कई बार अपनी चम्मच से राजीव को खिला भी दिया।

राजीव तो निहाल हो रहा था प्रीति की ज़िंदादिली पर!

अब नेहा ने भी शर्म ताक पर रख दी। उसने हर्ष के जूस के गिलास से सिप करना शुरू कर दिया।
दोनों एक दूसरे को खिलाने भी लगे।

डिनर के बाद में नेहा और प्रीति इकट्ठे वाशरूम गईं।
वहाँ प्रीति ने नेहा को अपनी बांहों में लेकर कहा- बता क्या मन है? एक बार कर के देखें? हर्ष बहुत मस्त चुदाई करता है। उसके जैसा मोटा और लंबा लंड से शायद तुमने आज नहीं किया होगा। वो करता भी लंबी चुदाई है।

नेहा बोली- चुदाई तो राजीव की भी जबर्दस्त है, पर क्या इससे कोई प्रोब्लम तो नहीं होगी आगे?
प्रीति बोली- हम लोग एक दूसरे को जानते नहीं, सिवाय इसके कि तुम लोग भारत से आए हो और हम दुबई से! हम इसके बाद पता नहीं कभी मिलेंगे या नहीं। हाँ हम लोग एक दूसरे के फोन नंबर भी एक्सचेंज नहीं करेंगे। इससे पहले, आई एम श्योर, तुमने भी किसी और से सेक्स तो किया ही होगा, तो एक बार और सही।

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नेहा मुस्कुरा दी, बोली- चल ठीक है। पर बस आज की रात, इसके बाद नहीं।
प्रीति ने नेहा को बताया कि वो कोई कंडोम यूस नहीं करती, उसने कॉपर टी लगवा राखी है।
नेहा बोली- मैंने भी!

तो दोनों बिना किसी अतिरिक्त सावधानी के सेक्स कर सकती थीं।

पर नेहा ने प्रीति से कहा- हम पहल नहीं करेंगी, पहले इन लड़कों को खुशामद करने दो।

दोनों वाशरूम से डिनर हाल में पहुंची।
देखा तो राजीव और हर्ष किसी बात पर कहकहे लगा रहे हैं।

उन्हें आती देख कर वो खड़े हुए और चारों बाहर आ गए।

नेहा ने सिगरेट जला ली थी, उसका साथ सिर्फ हर्ष ने दिया। वो ही उसकी सिगरेट से सुट्टे लगाने लगा।

राजीव और प्रीति अलग ही आपस में किसी बात पर हँसते हुए चल रहे थे।
चारों आगे जाकर समुद्र किनारे नीचे ही रेत पर बैठ गए।

मालदीव्स में समुद्र किनारे का रेत काफी साफ रंग का है।
जहां तक साफ रेत है, वहाँ तक समुद्र शांत है।

चारों आपस में एक दूसरे का हाथ पकड़ कर पानी में चलने लगे।

प्रीति को ज्यादा मस्ती छा रही थी.
नेहा डरपोक थी तो वो तो पीछे रह गयी हर्ष के साथ!

आगे आगे राजीव और प्रीति हाथ में हाथ डाले चलते गए।
एक तेज लहर आई जो सबको भिगो गयी, बल्कि राजीव और प्रीति तो गिर ही गए।

अब गिरते समय उनके बदन आपस में लिपट ही गए और उठते उठते उनके होंठ आपस में मिल गए।
राजीव ने प्रीति के मम्मों का भरपूर नाप लिया।

उनकी देखा देखी हर्ष ने भी अपने होंठ नेहा के होंठों से मिला दिये।

अब माहौल गरमा गया था।
चारों आपस में चिपटा चिपटी में लग गए।

दोनों लड़कियां तो मानों लड़कों के होंठ खा ही जाना चाहती थीं, चुदाई की आग लड़कियों में ज्यादा भड़क रही थी।

नेहा उत्सुक थी हर्ष के लंबे और मोटे लंड को महसूस करने के लिए!

जब से प्रीति ने हर्ष के लंड और उसकी लंबी चुदाई के बारे में बताया तो नेहा की चूत में सुरसुरी तो हुई थी।

नेहा ने हाथ नीचे सरका कर हर्ष का लंड बेरमुडा के ऊपर से ही पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया।

तभी उधर कुछ जोड़े और आते दिखाई दिये तो ये चारों थोड़ा संभल गए और समुद्र से बाहर निकल गए यह सोच कर कि होटल में सेक्स करेंगे और अपने अपने कॉटेज की ओर चल दिये।

कॉटेज के पास पहुँच कर हर्ष ने राजीव से कहा- बडी, अगर नेहा और तुम्हें कोई इशू न हो तो क्यों न आज की रात …
राजीव ने पहले नेहा और फिर प्रीति की ओर देखा।

नेहा तो चुप थी पर प्रीति बोली- नेहा, तू आज चख ले हर्ष को … मस्ती कर ले पूरी, मैं निचोड़ती हूँ तेरे वाले को! और हाँ, कोई किसी से किसी तरह की जबर्दस्ती नहीं करेगा। बस मस्ती करनी है और केवल आज की रात, फिर इसके बाद अपने अपने के साथ!

यह सुन कर नेहा ने राजीव के पास जाकर उसे एक जोरदार लिप किस किया और हर्ष का हाथ पकड़ कर अपनी कॉटेज में चली गयी।
जाते जाते हर्ष ने भी प्रीति को लिप किस करके ‘हेव फ़न’ कहते हुए बाय की।

प्रीति को राजीव ने गोद में उठा लिया और प्रीति की कॉटेज में चला गया।
राजीव की बांहों में झूलते हुए प्रीति ने उसके होंठों से अपने होंठ जड़ दिये।

कॉटेज के बाहर पानी रखा था, दोनों ने अपने पैर, जिन पर रेत चिपका था, धोये और अंदर सीधे शावर के नीचे गए।

राजीव ने अपना बरमुडा और प्रीति की मिडी उतार दी।

प्रीति के मम्में खूब भरे हुए थे, दोनों आपस में चिपट गए।
राजीव ने शावर खोल लिया।

प्रीति तो राजीव को खा ही जाना चाहती थी।
राजीव ने प्रीति से पूछा की क्या बाहर पूल में चलें या बेड पर!

प्रीति बोली- मुझे तुम्हारा लंड चाहिए, बेड पर ही चलो।

बेड के पास जाकर प्रीति ने राजीव को बेड पर धक्का दिया और सीधे उसके लंड पर धावा बोला।
उसने बड़ी बेरहमी से उसके लंड के सुपारे को चूमा और फिर ढेर सारा थूक लगा कर उसकी चमड़ी को अपने हाथों और होंठों से ऊपर नीचे करने लगी।

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राजीव समझ गया कि आज मेहनत ज्यादा करनी पड़ेगी क्योंकि नेहा के मुक़ाबले प्रीति की हवस ज्यादा है।

अब राजीव ने भी प्रीति को ऊपर खींचा और उसकी टांगें चौड़ा कर अपनी जीभ उसकी चूत में घुसा दी।
प्रीति की चूत नेहा के मुक़ाबले ज्यादा खुली हुई थी.
जाहिर सी बात है कि प्रीति अनगिनत लंड अपनी चूत में ले चुकी थी।

पर फिर भी प्रीति ने अपने को मेंटेन कर रखा था।
उसकी चूत पूरी मखमली थी और मम्मों का कसाव बरकरार था।

प्रीति के पैर के नाखून भी कुछ लंबे और अच्छे से तराशे हुए थे।
उसके जिस्म पर बाल का एक रोयाँ नहीं था और त्वचा बिल्कुल चिकनी रेशम जैसी थी.

तो राजीव की जीभ हर ओर फिसलती गयी।
उसने उसके पैर के अंगूठे से लेकर जांघों को चूमते हुए उसकी चूत में अपनी उँगलियों से मसाज चालू राखी।

प्रीति उसकी उँगलियों को अंदर लेने को बेताब थी।
उसने अपने थूक से अपनी चूत की फाँकों को और चिकना किया।

जब राजीव अपनी जीभ से उसकी चूत को चूस रहा था तो प्रीति ने अपने हाथों से उसके सिर को पकड़ कर उसे अपनी चूत की ओर धकेला।

पर जल्दी ही राजीव ने उसे परेशान कर दिया और चूत अब राजीव के लंड को लेने के लिए बेचैन हो उठी।

प्रीति बड़बड़ा रही थी- राजीव, आज मजा आ गया, आज की रात मेरी चूत को फाड़ ही दो … आज इसको भरपूर मजा दो! अब और मत तड़फाओ … अंदर आ जाओ! आ जाओ मेरे राजा! मैं भी तो देखूँ कितना दम है तुम्हारे लौड़े में!

राजीव अभी और तड़फाना चाहता था प्रीति को!
वो बिना प्रीति के ऊपर वजन डाले उसके ऊपर लेट गया और अपने होंठ उसे होंठों से भिड़ा दिये।

उसकी चौड़ी छाती प्रीति के मम्में दबा रही थी और उसका लंड प्रीति की चूत के मुहाने पर सरजीकल स्ट्राइक कर रहा था।
वो बिना अंदर जाये उसकी चूत के ऊपर ही रगड़ मार रहा था।

प्रीति तड़फ उठी।
उसने अपने हाथ से राजीव का लंड पकड़कर अंदर करना चाहा पर राजीव बार बार उसे आगे पीछे कर देता।

अब प्रीति ने खुशामद सी की- जानू … मत तड़फाओ प्लीज़!
राजीव ने आगे होकर अपना लंड प्रीति के मुंह में दिया जिस पर चूमते समय प्रीति ने ढेर सारा थूक लगा दिया।

अब राजीव ने पीछे होके एक ही झटके में पूरा लंड पेल दिया प्रीति की चूत में!
अचानक हुए हमले से प्रीति की चीख निकल गयी जो निश्चित रूप से नेहा और हर्ष के कानों तक पहुंची होगी।

राजीव बोला- क्या हुआ?
प्रीति ज़ोर से हंसती हुई बोली- पराई चूत है, फाड़ ही डालोगे क्या?
राजीव ने सॉरी बोला तो प्रीति बोली- नहीं यार … मुझे तो आदत है, पता तो आज नेहा को पड़ेगा। हर्ष आज उसकी चूत का पूरी रात में भोसड़ा बना देगा। चलो तुम अब स्पीड बढ़ाओ अपनी!

ये सुन कर राजीव भी जोश में आ गया। उसने प्रीति के दोनों पैरों को नीचे टखने से पकड़ कर चौड़ाया और अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी।
प्रीति को बहुत मज़ा आ रहा था।
आज डेढ़ साल के बाद हर्ष के अलावा उसे एक नया लंड मिला था।

अब राजीव नीचे होकर उसके मम्में भी चूम रहा था।
राजीव ने प्रीति को बताया कि जब उसने पहली बार प्रीति को देखा तभी उसके मन में ये बात आ गयी थी कि इसकी चूत जरूर मारनी है।

अब प्रीति ने राजीव को नीचे पलटा और चढ़ गयी उसके ऊपर!
उसने अपने हाथों से लंड को चूत में सेट किया और अपने लंबे नाखूनों से राजीव की छाती पर नोचने खरोंचने लगी।

प्रीति की आग पूरी भड़की हुई थी।
सही मायने में वो भूखी शेरनी की तरह राजीव से अपनी हवस बुझा रही थी।

धकापेल के बाद दोनों का ही एक साथ काम तमाम हो गया और प्रीति राजीव के ऊपर ही लुढ़क गयी।

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