गर्लफ्रेंड के साथ मेरा पहला सेक्स-3

कहानी का पिछला भाग: गर्लफ्रेंड के साथ मेरा पहला सेक्स-2

जब उसने धीरे से अपने होंठ बढ़ाकर लण्ड के टोपे पर एक प्यारा सा चुम्बन जड़ दिया। मेरा सारा वजूद कांप गया।
“इसे लॉलीपॉप की तरह चूसो!” बरबस मेरे होंठों से शब्द कूद पड़े। मेरी आवाज खुद मुझे कराहट जैसी लग रही थी।
“नहीं ऽऽऽ!!!” उसकी आवाज जैसे किसी कुयें की तलहटी से आ रही थी।

पर नहीं कहने के बावजूद उसने लंड को अपने मुंह में ले लिया। एक बार चूसा और आजाद कर दिया। फिर उसने अपनी निगाहें उठाकर मेरी आंखों में झांका और मुस्कुरा पड़ी।
मेरी निगाहों से निगाह मिलते ही वह शर्मा उठी। पर शर्माकर निगाहें नीची नहीं कीं। शर्माती रही? मुस्कुराती रही और मेरी आंखों में झांकती रही। मैं उत्तजना से उसके बालों को अपनी मुठ्ठियों में भींचता रहा, उसके सिर को झटका देता रहा।

अचानक उसने अपनी निगाह नीचे की और मेरे लंड को अपनी छातियों में छुपा लिया।
“लो इनके साथ दोस्ती करो।” वह बोली और अपने बूब्स को दबाने लगी … ऊपर नीचे करने लगी।
उसकी इस हरकत से मेरे लंड का मस्त मसाज होने लगा। मारे उत्तेजना के मेरा पूरा बदन कांपने लगा। मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं।
मुझे आनंद में देखकर उसने अपनी हरकत और बढ़ा दी।

अब मेरे लिये खुद पर कंट्रोल करना भारी पड़ रहा था ‘आह ऽऽऽ! आह ऽऽऽ!! आह ऽऽऽ!!!’ मेरे मुंह से लगातार कराहटें फूट रही थीं। मेरा बदन अकड़ने लगा था। सांसें ऐसा लग रहा था जैसे दौड़ लगाकर आया हूं।

उसने अपने बूब्स से मेरे लंड का मसाज करने की गति और तेज कर दी।
अचानक मेरा बदन ऐंठने लगा। मेरे लंड में जोर की सनसनाहट होने लगी।
फिर मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी और झटके ले-ले कर पिचकारी छोड़ता रहा। मेरा वीर्य उसके बूब्स से लेकर गले, ठोड़ी, गालों, नाक से लेकर उसके होंठों तक बिखरता रहा। पहली पिचकारी पर वह सकपकाई पर रुकी नहीं। तब तक मसाज करती रह जब तक मेरा लंड बिल्कुल शांत होकर चुहिया सा उसकी छातियों के बिल में दुबक नहीं गया।

“टेस्ट इट!” मैंने कहा।
उसने एक बार नाक सिकोड़ी लेकिन उसकी जीभ किसी नागिन सी होंठों के बाहर निकली और होंठों व उसके आसपास फैला सारा वीर्य समेट कर वापस अपने बिल में घुस गयी।
वह आंखें बंद करके वीर्य का स्वाद ले रही थी।
“कैसा है?”
खुद टेस्ट करो!” कहती हुई वह उठकर खड़ी हो गयी और अपना गाल मेरे होंठों के सामने कर दिया।
मैंने भी उसके गालों पर फैला अपना वीर्य चाट लिया। अजीब सा नमकीन-नमकीन स्वाद था।
फिर मैंने उसके गले और ठोड़ी पर फैला अपना वीर्य एक उंगली से समेटा और उसके होंठों से अपनी उंगली लगा दी। उसने झपट कर उंगली अपने मुंह में खींच ली और चूसने लगी।
हम दोनों इन पलों का पूरा आनंद ले रहे थे। इस समय सारी दुनियां हमारे लिये बेमानी थी।

फिर मैंने अचानक उसे बेड पर धकेल दिया और खुद उसके पैरों के बीच में आ गया। मैं उसकी केले के तने सी चिकनी, सुडौल जांघें सहलाने लगा। मेरे हाथ घूमते-घूमते उसके पेट से लेकर बूब्स तक का भूगोल नापने लगे। फिर मैंने उसके पैर उठाकर अपने कंधे पर रख लिये और धीरे-धीरे झुकते हुए अपने होंठ उसकी चूत के होंठों पर रख दिये। पहले मैंने वहां पर एक किस लिया, वह चिहुंक उठी। फिर मैं उसके भगोष्ठ को ओठों से दबाकर चुभलाने – खींचने लगा। वह मदहोशी के सागर में गोते लगाने लगी।

अचानक उसने अपने हाथ मेरी बगलों में फंसाये और मुझे ऊपर खींचने लगी। मैं जैसा वह चाह रही थी वैसे ही उसके ऊपर सरक आया। उसने मेरे ऊपर आते ही अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये और होंठों ही होंठों में फुसफुसाई- आई लव यू डार्लिंग!
वह हमेशा मुझे यार ही कहती थी या फिर नाम लेती थी। मैं भी ऐसा ही करता था। आज पहली बार उसने मुझे डार्लिंग कहा था।
“आई लव यू टू डार्लिंग!” मैंने भी वैसे ही फुसफुसा कर जवाब दिया।

थोड़ी देर तक हम एक दूसरे के होंठ चूसते रहे फिर मैं उठा और घूम गया।
अब हम 69 की पोजीशन में थे। मेरी इस स्थिति के कारण मेरा लंड उसके होंठों को सलामी देने लगा था। उससे मांग करने लगा था कि मुझे और प्यार करो। उसने भी लंड की फरियाद स्वीकार कर ली और उसे अपने होंठों की गिरफ्त में ले लिया। दूसरी ओर मैं भी उसकी चूत को चूस-चूस कर मदहोश कर रहा था। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में गहराई तक घुसा दी। वह कसमसा उठी।

एक बार फिर हमने एक दूसरे को मुख मैथुन द्वारा चरम सुख तक पहुंचाया। मेरा मुंह उसके चूत रस से सन गया जिसमें से काफी सारा मैं चाट गया। उसका मुंह भी मेरे वीर्य से सन गया जिसमें से काफी सारा वह चाट गयी।
“यह तो फिर से लटक गया।” वह संतुष्ट मुद्रा में मेरा लंड हिलाते हुए बोली।
“चिंता मत करो अभी फिर खड़ा हो जायेगा। तुम हो ही इतनी सेक्सी कि यह ज्यादा देर सब्र नहीं कर पायेगा कहता हुआ मैं फिर घूमा और उसके एक निपल को मुंह में भर लिया और चूसने लगा। वह अब भी मेरे लंड से खेल रही थी।

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“भगवान ने बड़ा अन्याय किया है लड़कियों के साथ।” अचानक वह बोली।
“क्या ??” मैंने चौंक कर पूछा।
“लड़कों को तो खेलने के लिये तीन-तीन चीजें दीं है पर लड़कियों को एक ही खिलौना दिया।”
उसकी बात पर मुझे हंसी आ गयी। वह भी हंस पड़ी।

थोड़ी ही देर में मेरा लंड फिर फुफकारने लगा। मैं फिर 69 की पोजीशन में आ गया। थोड़ी देर मैं उसकी चूत के होंठों से खेलता रहा फिर मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत के अंदर डाल दी और उसे ऊपर-नीचे करने लगा।
उसे और आनंद आने लगा, उसने भी मेरा लंड चूसना तेज कर दिया।

पर जैसे ही मेरी उंगली गहराई में उतरी वह मुंह दबा कर चीख पड़ी- ओहऽ लगता है यार!
“तुमने पहले कभी नहीं किया क्या?” मैंने कुछ आश्चर्य से पूछा।
“नहीं, तुम्हें क्या लगता है … मैं कोई रंडी हूं कि जिसे देखो उसके सामने बिछ जाती हूं?” मेरी बात से उसे गुस्सा आ गया और वह तमक कर बोल पड़ी।

“सॉऽऽरी यार! निकल गया मुंह से। आजकल तो आमतौर पर लड़कियां शादी से पहले रिलेशन बना लेती हैं।” मैंने बात सम्हालते हुए कहा।
“बना लेती होंगी लड़कियां … पर मैंने आज तक किसी को छूने भी नहीं दिया है।”
“सॉरी यार, माफ कर दो।” मैंने ऊपर उठकर उसके होंठों पर अपने होंठ रखते हुये कहा।
“चलो माफ किया।” मेरे होंठों की गर्मी ने उसे पिघला दिया। वह फिर मेरे से लिपट गयी।
“थैंक्यू!!!” मैंने कहा और मैंने भी उसे कसकर भींच लिया।

“तुमने अब तक कितनी लड़कियों के साथ किया है?” उसने पूछा।
“मेरा भी पहला ही चांस है, यार।”
“कैसे मान लूं। लड़कों का कहीं पता चलता है।”
“मेरे इतने दिनों के बर्ताव से नहीं लगता कि मैं भी उस टाइप का लड़का नहीं हूं।”
“फिर तुमने मेरे बारे में कैसे सोच लिया? मेरे व्यवहार से क्या तुम्हें यही लगा।” बात फिर गलत साइड चल पड़ी थी। इसे यहीं रोकना जरूरी था, नहीं तो सारा कुछ मटियामेट हो जाने वाला था।
“अगेन सॉरी यार! अच्छा अब यह टॉपिक यहीं बन्द करते हैं, नहीं तो यह हमारी सारी लाइफ बरबाद कर देगा।” मैंने हकीकत बयान की।
“तो दुबारा ऐसा मत कहना कभी।”
“गॉड प्रॉमिस माई लव! अब मान जाओ … फिर से सॉरी।”

कहते हुये इस बार मैंने अपने होंठों से उसके होंठ इस तरह जकड़ लिये कि दोनों में से कोई बोल ही ना सके।
हमारा सबसे लम्बा किस था यह। इस किस ने उसकी सारी कड़वाहट धो दी। वह फिर से जोश में आ गयी।
“चलो अब कर ही डालो वह भी!” आखिर उसने ही प्रस्ताव किया।
“पर दर्द होगा पहली बार।”
“मालूम है, कुछ किया नहीं इसका मतलब यह नहीं कि कुछ जानती ही नहीं हूं।” कहकर वह हंस पड़ी।

हंसी कि फंसी। मेरी सारी आशंकायें उस हंसी के साथ ही बह गयीं।
“मतलब मेरी डार्लिंग मासूम है पर है समझदार।” मैंने उसकी ठुड्डी हिलाते हुए मस्का लगाया।
“धत्त!!!” वह मेरी नाक से नाक लड़ाते हुए बोली- लेकिन अन्दर निकालना मत।
“पक्का! प्यार में ऐसा थोड़े ही किया जाता है जिससे किसी पार्टनर को नुकसान पहुंचे।”
“यह हुई बात … आगे से कंडोम साथ रखना।” उसने फिर समझदारी दिखाई।
“पक्का! आज ही लाकर रख लूंगा एक दर्जन पैकेट।” मैं भी अपने लंड को उसकी चूत पर सेट करते हुए बोला।

“पर यार मुझे डर लग रहा है।”
“क्यों???”
“तुम्हारा इतना मोटा लम्बा जायेगा कैसे?”
“क्या इतना लंबा मोटा?” मैंने शैतानी से पूछा।
“यही!!!” उसने अपने हाथ से मेरा लंड अपनी चूत के ऊपर रगड़ते हुए कहा।
“अरे क्या यह, कुछ नाम भी तो होता है इसका!” मैंने उसकी आंखों में झांकते हुए फिर शैतानी से कहा। वह बहुत खुल गयी थी पर मैं उसे पूरी तरह से खोल देना चाहता था।
वह भी कुछ देर मेरी आंखों में घूरती रही, फिर एक झटके में बोली- लंड तुम्हारा!
कहने के साथ ही शर्मा गयी और उस शर्म में ही उसके चेहरे पर इतनी प्यारी मुस्कुराहट आई कि मुझे पूरी तरह से लूट लिया। मैं दिलो-जान से निसार हो गया उस पर।

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“तो अब यह मेरा लंड तुम्हारी चूत का उद्घाटन करने जा रहा है।”
“करो!!” कहने के साथ ही उसने बेड की चादर को अपनी मुट्ठियों में भींच लिया, जैसे आने वाले दर्द को झेलने के लिए खुद को तैयार कर रही हो।
“पर ऐसे नहीं!” मैंने उसके ऊपर से उठते हुए कहा।
“तो कैसे …?” इन हालातों में मेरे उठने से वह गड़बड़ा गयी, वह समझ नहीं पा रही थी कि मैं क्या करने जा रहा हूं।

मैं उठकर सामने अलमारी तक गया और उसमें से क्रीम की शीशी निकाल लाया। साथ ही मैंने टेबल से कोल्ड ड्रिंक की दो नई बोतलें भी उठा लीं।
“पहले चीयर्स करेंगे।” मैंने बोतलों के ढक्कन खोलते हुए कहा।
हम दोनों ने चीयर्स किया और एक सांस में बोतल खाली कर दी। बोतलें ठंडी थीं पर अब चिल्ड नहीं रह गयी थीं।
फिर मैंने अपने लंड पर ढेर सारी क्रीम मली। उसकी चूत पर भी लगाई थोड़ी सी।
“अब आसानी से जायेगा।” मैंने कहा।
उसने फिर से दोनों मुट्ठियों से बेड की चादर को पकड़ लिया।

हम दोनों ही नौसिखिये थे। दोनों ही इस खेल के बारे में जो कुछ जानते थे, अंतर्वासना की कहानियां पढ़-पढ़ कर सीखे थे।
“रेडी … वन, टू थ्री!” मैंने कहा और अपने लंड को झटका दिया। लंड का टोपा अंदर गया। पर उतने भर से ही वह चीख पड़ी- धीरे से!

मैंने लंड बाहर निकाला और फिर से चूत पर सेट कर हल्के-हल्के झटके देने लगा। लंड धीरे-धीरे आधा उसकी चूत में प्रवेश कर गया। वह कराहने लगी पर रुकने को नहीं बोली। उसने अपने दांत भींच रखे थे।
मैं उसी स्थिति में आधे लंड को ही आगे-पीछे करने लगा। जब लंड थोड़ा सी सहजता से मूव करने लगा तो मैंने एक और जोर का झटका पूरी ताकत से दिया।

इस बार वह अपनी चीख नहीं रोक पाई। हालांकि उसने अपनी दोनों हथेलियों से अपना मुंह दाब लिया था पर फिर भी एक लम्बी सी “आऽऽऽहऽऽ!!! कमरे में तैर गयी।
मैं एक बार फिर रुक गया और वैसे ही उसके ऊपर लेट गया। लंड तीन चौथाई से ज्यादा अंदर जा चुका था।
“बहुत लग रही है?” मैंने व्यग्रता से पूछा।
“हां, सच में! मेरी तो जान ही निकल गयी।” आंसू उसकी आंखों की कोरों पर लटक आये थे।

जब वह थोड़ा सामान्य हुई तो मैंने फिर लंड को आगे पीछे करना शुरू किया। लंड बिल्कुल फंस कर जा रहा था। उसका चेहरा बता रहा था कि बहुत दर्द हो रहा है पर वह अब भी दांत भींचे दर्द को बर्दाश्त कर रही थी।
कुछ देर यूं ही हल्के-हल्के लंड को आगे-पीछे करने के बाद मैंने एक बार फिर जोर का झटका दिया।
उसकी एक चीख और निकली पर इस बार पूरा लंड भीतर जा चुका था।

मैं फिर एक बार उसी स्थिति में उसके ऊपर शांत लेट गया और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिये और पूरे प्यार से उन्हें चूसने लगा। दस मिनट तक मैं प्यार से उसके होंठ चूसता रहा। मुझे अपने लंड पर कुछ गीला-चिपचिपा सा महसूस हो रहा था। जाहिर है उसकी सील टूट चुकी थी और उसी से निकला खून था वह।

एक बार फिर मैंने लंड को हरकत देनी शुरू की; पर बड़े ही आहिस्ता-आहिस्ता कर रहा था अब मैं। उसकी घबराहट भी अब कम हो गयी थी। धीरे-धीरे उसका दर्द भी कम हो गया और उसे भी मजा आने लगा। हम दोनों के ही मुंह से आनंद भरी सीत्कारें निकलने लगीं।

कुछ ही देर में उसका शरीर ऐंठने लगा। मेरे लंड में भी चींटियां सी रेंगने लगीं; मुझे लगने लगा कि मैं किसी भी पल झड़ सकता हूं। मैं फौरन फिर से 69 की पोजीशन में आये और अपने-अपने मुंह से पार्टनर को संतुष्ट करने लगे। कुछ ही पलों में वह ठंडी पड़ गयी। उसके तुरंत बाद मेरे लंड ने भी पिचकारी छोड़ दी।
हम दोनों बड़ी देर तक यूं ही शांत पड़े रहे।
“अब यार, जाना भी होगा।” वह धीरे से बोली।
“हां, यार।” मैं भी बोला।
“तो फिर उठो।”

तो दोस्तो, यह थी मेरी पहली बार सेक्स करने की कहानी। नीतू और मैं आज भी एक दूसरे को अथाह प्रेम करते हैं और हर हफ्ते का ऑफ पूरा दिन एक साथ बिताते हैं। अब साथ दिन बिताने में जी भरके सेक्स तो होता ही होता है।
अब हमारे घर वाले भी हमारे संबंधों के बारे में जानते हैं और उन्हें कोई शिकायत नहीं है हमारे रिश्ते से … तो जल्द ही हम दोनों शादी भी करने वाले हैं।

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