गाँव की भाभी और मैं

हेलो दोस्तो, मैं आपका दोस्त ऱिशभ आपके लिए एक कहानी ले कर आया हूँ. जो की मेरे साथ ही बीती हुई है. वैसे तो मैने बहोत सारी कहानिया पड़ी है जिसको पड़ कर मेरे अंदर कहानिया लिखने का भूत सवार हुआ है.

वैसे ये अच्छा ही है की मैं अपनी स्टोरी आपके आगे रख रहा हूँ. मैं ये नही जानता की मेरी ये स्टोरी आपको कैसी लगेगी पर जैसे भी लगेगी मुझे ज़रूर बताना.

अब मैं कहानी पर आपको ले चलता हूँ.

तो दोस्तो ये बात आज से एक साल पुरानी है. मेरा एक दोस्त है अभिशेक जिसकी फैमिली साथ मैं काफ़ी क्लोज़ हूँ. और हो भी क्यो ना आख़िरकार वो मेरे बचपन का दोस्त जो है.

हम दोनो काफ़ी खेलते है और काफ़ी मज़े भी करते है. हम एक दूसरे को बहोत प्यार भी करते है. और कही घूमने जाना होता है तो हम हमेशा एक साथ ही जाते है. हमारी दोनो की एक कॉमन बात है की हम बे वजा किसी से नाराज़ नही होते है.

तो दोस्तो ये तो मैने अपने दोस्त के बारे मे बता दिया. अब मैं आपको अपनी मेन कहानी पर ले चलता हूँ. दोस्तो, मेरे दोस्त की एक भाभी है जो की गाओं मे रहती है. मैं अभिशेक की फैमिली के साथ उनके गाओं के लिए निकल लिया.

उस टाइम अभिषेक हमारे साथ नही था क्योकि उसे एक्साम्स देने के लिए जाना पड़ता था क्योकि उसके एक्साम्स चल रहे थे. तब मैने भी उसे इतना फोर्स नही किया और चुप छाप अभिशेक के मम्मी दादी के साथ चल दिया.

मैं उनके साथ भी बाते मारता हुआ जा रहा था और हम .फिर सुबह सुबह उस छोटे से गाओं मे पहोच गये. वाहा जब घर पहोचे तो पता चला की वो अभिशेक के चाचा का लड़का है और उसकी बीवी ही है जो वाहा रहते है.

जब मैने भाभी को देखा तो मैं देखता ही रह गया. क्या मस्त पटाका लग रही थी. कहने को वो गाओं मे रहते थे पर थी पूरी आइटम पीस. मैं उन्हे देखता ही रह गया क्या मस्त माल थी.

अब जब हम वाहा थे तो वाहा भाभी ने हमारी सेवा भी करी और फिर अगले दिन सुबह मैं भाभी के साथ खेत मे चला गया. भाभी वाहा खेतो मे थोड़ी खिचाई करती थी तो मैं भी उनके साथ चला गया.

काम करते वक़्त भाभी की साड़ी का पल्लू नीचे गिर गया जिसका भाभी को ध्यान नही था और ये सब देख कर मेरा मूड कराब हो रहा था. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

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फिर भी मैने खुद को कंट्रोल किया पर जब भाभी खाना खाने बैठी तो भाभी ने जान बूज कर पल्लू नीचे गिरा दिया. तब मैं समझ गया की भाभी भी यही चाहती है. फिर भाभी ने मुझे कमर दबाने को कहा तब मैं उनके पीछे बैठ कर उनकी पतली कमर दबाने लग गया.

क्या मस्त कमर थी और मेरा लंड उनकी गांद मे लग रहा था जिससे लंड पूरा खड़ा हो गया था. फिर मैने ऐसे ही लंड को उप्पर नीचे किया और तब मैने देखा की भाभी भी इसके मज़े ले रही है.

कुछ ही देर मे मैने ब्लाउस निकाल दिया. और मैने भाभी की ब्रा भी फाड़ दी. और फिर मेरे सामने मोटे मोटे बूब्स आ गये. जिसे देख कर मैं पागल हो गया. मैने बिना देर किए भाभी के बूब्स को मसलना शुरू कर दिया. मैं करीब 5 मिनिट्स तक भाभी के बूब्स को अपने दोनो हाथो से मसलता रहा.

फिर भाभी बोली तुम इसे मसालते रहोगे या चूसो गे भी. भाभी के कहते ही मैने भाभी का राइट वाला बूब्स अपने मूह मे डाल दिया. और ज़ोर ज़ोर से चूसने लग गया. एक हाथ मे भाभी का लेफ्ट वाला बूब्स था जिसे मैं चूस रहा था. मैने भाभी के निप्पल्स को अपने दातो से काटना शुरू कर दिया. भाभी के मूह से मस्ती से भारी आहह उई मा धीरे से करो ऐसी मस्त आवाज़ें आने लग गई.

ये सुन कर मैं और भी मस्त हो गया. मैं और ज़ोर से दोनो बूब्स को चूसने लग गया. दोनो बूब्स को अच्छे से चूसने के बाद मैने भाभी की साड़ी और पेटिकोट एक साथ उप्पर उठा दिया. और बड़े प्यार से उनकी पैंटी उतार दी.

भाभी की चूत पर बाल थे पर बालो मे छुपी हुई गुलाबी चूत मेरी नज़रो से छिप नही पाई. मैने उनकी दोनो टाँगे खोली और अपना मूह उनकी चूत पर सेट कर लिया. भाभी आज पहली बार चूत को चटवा रही थी. इस लिए वो बोली मेरे राजा ये तुम क्या कर रहे हो.

मैने कहा मेरी जान बस तुम देखती जाओ. मैं भाभी की चूत के बाल साइड मे किए. और भाभी की चूत को चूमने और चाटने लग गया. मेरी जीब ने जैसे ही भाभी की चूत के दाने को टच किया. तो भाभी एकदम कांप उठी. वो अपने हाथ ज़ोर ज़ोर से बेड पर मारने लग गई.

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भाभी को बहोत मज़ा आ रहा था. मैने ज़ोर ज़ोर से उनकी चूत को चूसना शुरू कर दिया. जिससे करीब 10 मिनिट मे उनकी चूत पानी छोड़ दी. मैं उप्पर आ कर उनके बूब्स चूसने लग गया. ताकि भाभी फिर से गरम हो जाए.

कुछ ही देर मे भाभी के मूह से आ आ की आवाज़ें आने लग गई. मैं समझ गया की भाभी गरम हो गई. मैने फिर भाभी को अपना लंड चूसने को कहा. पर भाभी ने मुझे सॉफ ही मना कर दिया. मैं भाभी के साथ कोई भी ज़बरदस्ती नही करना चाहता था.

इसलिए मैने अपना लंड उनकी चूत पर सेट कर एक ज़ोर दार धक्का मारा. जिससे लंड एक ही बार मे पूरा चूत मे घुस गया. और लंड अंदर जाते ही भाभी को बहोत दर्द हुआ. उनका मूह और आँखें खुली की खुली रह गई. भाभी की आँखों मे से आँसू बाहर आ गये. पर अब मेरे लिए रुकना बहोत मुश्किल था.

इसलिए मैं बहोत ज़ोर ज़ोर से धक्के मारता रहा. और भाभी की चूत को चोदता रहा. भाभी पहले तो चिल्लाति रही पर कुछ देर बाद वो भी मज़े लेने लग गई. उसके बाद भाभी ने मुझे अपनी बाहों मे ले लिया. और अपनी चूत का सारा पानी मेरे लंड के उप्पर निकाल दिया.

भाभी का पानी तो निकल गया था. पर मेरा अभी बाकी था. इस लिए मैने भाभी को घोड़ी बना दिया. और भाभी की गांड पर लंड सेट करके एक ही धक्के से लंड गांड मे फिट कर दिया. भाभी की मानो जान ही निकल गई थी.

कहानी पढ़ने के बाद कृपया अपना फीडबैक नीचे कॉमेंट सेक्शन मे ज़रूर लिखिए, या फिर आप मुझे ईमेल भी कर सकते है और अब फॉलो कीजिए देसिकहानी फ़ेसबुक और गूगल+ पर.

मैने भाभी की कमर पकड़ी और ज़ोर ज़ोर से उनकी गांड मारने लग गया. मेरा लंड भी गांड मे जा कर बहोत खुश था. मैं बहोत ज़ोर से भाभी की गांड मार रहा था. और आख़िर मे अपने लंड का सारा पानी भाभी की गांड मे ही निकाल दिया.

उस दिन की चुदाई के बाद भाभी 5 बार ओर मुझसे चुदि. और मेरी रंडी बन गई अब मैं जब भी गाओं जाता था. तब मैं भाभी की गांड ज़रूर मार कर आता था.

दोस्तो आप को मेरी आज की कहानी कैसी लगी. मुझे नीचे कॉमेंट कर के ज़रूर बताना,