चाची के साथ बस का सफ़र

bus ke safar mai chachi ki chudai सभी लंड धारियों को मेरा लंडवत नमस्कार और चूत की मल्लिकाओं की चूत में उंगली करते हुए नमस्कार। नॉनवेज स्टोरी के माध्यम से आप सभी को अपनी स्टोरी सुना रहा हूँ। मुझे यकीन है की मेरी सेक्सी और कामुक स्टोरी पढकर सभी लड़को के लंड खड़े हो जाएगे और सभी चूतवालियों की गुलाबी चूत अपना रस जरुर छोड़ देगी। मेरा नाम दानिश है और मे 19 साल का हू. मे कराची से थोड़ा दूर एक गाओं का रहना वाला हू लेकिन कॉलेज के चक्कर मे कराची अपने चाचा चाची के पास रहता हूँ. मेरी चाची का नाम एरुम है.

चाचा और चाची जी दोनो कराची मे रहते हैं जहाँ मेरे चाचा जॉब करते हैं. और क्यूंकी वो अपनी जॉब के चक्कर मे शहर से बाहर गये हुए थे और मेरी विंटर ब्रेक थी मेरी चाची और मे गाओं आए हुए थे. चाची की उमर 31 साल थी और उनका चेहरा बोहुत गोरा है.

चाची का फिगर बोहुत अछा है: लंबी टांगे, टाइट बन्स और बड़े मममे. और वो हमेशा टाइट कपड़े पहनती थी जिस मे उनका फिगर पूरा अच्छी तरह नज़र आता था.

जब मेरी विंटर ब्रेक ख़तम हुई तो मेने वापिस कराची जाने का इरादा किया, क्यूके चाचा ने अगले हफ्ते वापिस आना था घर मे मैं और चाची घर अकेले होते. हमें गाओं से मेरे कज़िन ने रात के टाइम कराची की बस मे बिठा ताकि हम वापिस जा सकें.

बस मे मेने और चाची ने सीट साथ साथ ली क्यूकी वो मुझे अब भी बच्चा समझती थी और बस मे हमेशा मेरे साथ बैठती थी ताकि मे अकेला डर ना जौन.

बस मे बैठते साथ ही मुझे महसूस हुआ की मेने गाओं से निकालने से पहले बहुत पानी पिया था और मुझे थोड़ा थोड़ा पेशाब आ रा था.

मगर बस का सफ़र सिर्फ़ 3 घंटे का था तो मेने सोचा अब कराची जा के ही पेशाब करूँगा. बस चल पड़ी मगर आहिस्ता आहिस्ता मुझे फील हुआ केइ मेरी पेशाब की फीलिंग ज़्यादा हो रही हे और अब मुझसे सही तरह बैठा नही जा रा. मे अपनी टांगे बार बार हिला रा था और अपना लंड भी पकड़ रा था.

मेरी चाची ने मुझे देखा और घुस्से से कहा “दानिश बेटा ऐसे अपने आप को हाथ नई लगाते, बुरी बात है”. मेने देखा तो चाची के गाल लाल हो गये थे.

मुझे भी शरम आई और मेने अपने हाथ अपने लंड से हटा लिये. मगर मुझसे फिर भी सीधा बैठा नही जा रा था. अब मुझे बहुत ज़ोरो का पेशाब लग रा था और मुझे जल्द ही कोई बातरूम चाहिए था.

चाची ने फिर मुझे देखा और इस्स बार उन्हें समझ आ गया.

उन्होंने पूछा “बेटा दानिश बातरूम आई है?”.

मेने शरमाते हुए कहा “जी चाची जी सूसू आई है.”

चाची ने मुझसे पूछा के मेने घर से निकलने से पहले क्यू नही सूसू किया और मेने कहा कि मुझे तब नई आ रही थी.

फिर चाची बोली के अभी तो बस चले सिर्फ़ 1 घंटा हुआ है, और 2 घंटे का सफ़र बाक़ी है. ये सुन के मे और घबरा गया के मे अब इतनी देर पेशाब केसे रोकोंगा.

चाची ने बस कंडक्टर को बुलाया और पूछा “क्या इस्स बस ने कराची से पहले कही रुकना है? इस्स बच्चे को टाय्लेट जाना है” मेरी तरफ इशारा कर के. कंडक्टर हास पड़ा और कहने लगा ” अब बड़े हो गये हो बेटा रोकना सीख लो” और चला गया.

मे और शर्मा गया क्यूकी अब इर्द गिर्द सब को पता था के मुझे अर्जेंट बातरूम जाना है और मे चाची की तरफ भीगी आँखों से देखने लगा.

20 मिनिट और गुज़रे और फिर मुझसे सूसू बिल्कुल होल्ड नई रा था. मैने चाची के कान के करीब चेहरा कर के कहा “चाची मुझसे अब सूसू बिल्कुल रोका नई जा रा”.

चाची ने पहले कंडक्टर को देखा और फिर मेरी तरफ देख कर कहा “ऐक तरीक़ा है जिसस से मे तुम्हारी सूसू रोकने मे मदद कर सकती हूँ.

“क्या तरीक़ा है चाची प्ल्ज़ बताओ, प्ल्ज़ मेरी मदद करो वरना सूसू अंदर ही निकल जाएगा, अगर एक 19 साल के लड़के ने बस मे सूसू कर दिया तो सारे मेरा मज़ाक़ बनाएँगे.” मेना कहा.

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“अछा मेरी बात सुनो, अगर एक मर्द का लंड खड़ा हो तो वो सूसू नई कर सकता, तो मे तुम्हारा लंड सहलाती हूँ ताकि तुम्हे सूसू की फीलिंग कम हो.”

असल मे तो मुझे अपनी सेक्सी चाची से ऐसे मौक़े का बोहुत इंतज़ार था मगर बस के बीच ऐसे करने से मुझे डर लग रा था. शायद कोई उनको देख ले, मगर क्यूकी रात का वक़्त था और मुझे बोहुत ज़ोर से पेशाब लगा था तो में तुरंत मान गया.

चाची ने आराम से मेरी जीन्स के बटन खोले और मेरा लंड अंडरवेर के नीचे से पकड़ लिया. मेरा लंड पहले से ही सख़्त हो गया था जब से चाची ने कहा था वो मेरा लंड सहलाएँगी. उन्होंने मेरे लंड को पकड़ा और आहिस्ता आहिस्ता उससे उपर नीचे करने लगी.

उनके गोरे और मुलायम हाथ थे और छोटी छोटी कलाइयाँ थी. वो आराम आराम से मेरे लंड के साथ खेलती रही जब तक वो पूरा खड़ा नई हो गया. वो इधर उधर भी देख रही थी ताकि कोई हमे देख ना ले.

अब मुझे बहुत ज़्यादा गर्मी चॅड्ना शुरू हो गयी थी मगर मेरी सूसू की फीलिंग थोड़ी कम हो गयी थी. चाची ने मेरी तरफ देखा और बोली ” अपना पानी जल्दी मत निकालना क्यूकी फिर तुम्हे वापिस ज़ोर का सूसू आने लगेगा. वो मेरे लंड के साथ खेलती रही और मे कोशिश करता रहा के मे अपना पानी ना निकालौन.

फिर मेरी नज़र चाची के मंमौन पे पड़ी जिसमे से उनकी दूध की छोचिया कपड़े के थ्रू नज़र आ रही थी और क्यूकी वो झुकी हुई थी तो उनकी क्लीवेज भी बड़े अच्छे से नज़र आ रही थी.

इस्स से मेरा लंड और मज़बूत हो गया और चाची ने उससे ज़्यादा ज़ोर से पकड़ लिया और मेरी मुठ मारने लगी. मे थोड़ी देर और रुक ना सका और फिर मेरी मूठ अंडरवेर और चाची के हाथ पे ही निकल गयी.

चाची चोंक गयी क्यूकी मेरी इतनी ज़्यादा मुठ निकली थी के मेरी पॅंट आगे से गीली हो गयी थी. मे लंबे साँस लेता हुआ पीछे हो के अपनी सीट मे लेट गया और चाची ने अपना हाथ मेरी पॅंट के अंदर से निकाल लिया.

उनके हाथ पे बहुत सारा मुठ लगा हुआ था और वो उस्स्को देखने लगी. फिर उनकी नज़र पड़ी की कंडक्टर उठ के हमारी तरफ आ रा है.

चाची को कुछ समझ नि आया तो उन्होंने अपने हाथ से मेरी मुठ चाटना शुरू कर दिया ताकि कंडक्टर देख ना ले के क्या हो रा है. उन्होंने 4-5 सेकेंड मे अपने हाथ से सारी मुठ चाट ली और फिर वो भी सीधी हो के बैठ गयी.

इतनी देर मे कंडक्टर आ गया और कहने लगा ” बस 20 मिनिट बाद एक स्टेशन पे रुकेगी, जल्दी से जा के टाय्लेट से हो आना.”

मगर क्यूके अब मेरी पानी भी निकल आई थी तो मेरी सूसू की फीलिंग वापिस आ गयी थी और मुझे नई लग रा था के 20 मिनिट और रोक सकूँगा.

मेने फिर चाची से कहा ” चाची मुझसे 20 मिनिट नई रोका जाएगा टाय्लेट, प्ल्ज़ मेरी कोई और मदद करो ना.”

” अब और क्या मदद करू मे, इतनी जल्दी तुम्हें दोबारा एरेक्षन देना भी मुश्किल है क्यूके तुमने अभी अभी मुठ मारी है.”

चाची ने कहा मेने ज़िद्द करते हुए कहा “मुझे नई पता चाची आपको मेरी मदद करनी होगी, वरना मेरा सूसू यही सीट पे निकल जाएगा.”

चाची सोच मे पड़ गयी और फिर लंबी साँस ले के कहती हैं “चलो ठीक है मे तुम्हारी गोध मे सर रख के सो जाती हूँ.”

मुझे समझ नई आई पर उन्हों ने सर मेरी गोध मे रखा और उपर अपने बाग से निकाल के एक चादर डाल दी. फिर उन्हों ने अपनी नर्म उंगलीयूं से मेरी पॅंट खोली और अंडरवेर नीचे किया.

फिर उन्हों ने मेरा चिप चिपा लंड निकाला और अपने मूह मे डाल लिया. उन्हों ने लंड को मूह मे सहला के थोड़ा सख़्त किया मगर वो पूरी तरहा से खड़ा नई हो रा था. फिर चाची ने एक हाथ मेरे नीचे डाला और मेरी गान्ड भी सहलाने लगी.

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अब मेरा लंड थोड़ा और खड़ा हो रा था और मे वो उनको मूह मे ही देता जा रा था. चाची अपनी दो उंगलियों से मेरी गान्ड सहला रही थी और मेरा लंड ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी. इस्स से मेरा लंड काफ़ी ज़्यादा खड़ा हो गया और मेरी पेशाब की फीलिंग कम होने लगी.

मगर अब भी फीलिंग पूरी तरह नीचे नई जा रही थी और मेरा लंड पूरी तरह खड़ा नई था. अचानक से चाची ने अपनी एक उंगली मेरी गान्ड के छेद मे डाली और मेरी छोटी सी चीख निकल गयी.

मेरा लंड पूरी तरहा खड़ा हो गया और चाची मेरी गान्ड मे उंगली हिलने लगी और मेरे लंड को और ज़ोर से चूसने लगी. अब मेरी पेशाब की फीलिंग कम हो गयी थी मगर थोड़ी ही देर मे मेरी मुठ फिर से निकल गयी. इस्स बार चाची ने सीधी मेरी पानी निगल ली और मेरे लंड को वापिस पॅंट मे डाल के अपना सिर उपर कर लिया.

“अब बस रुकने मे सिर्फ़ 10 मिनिट हैं तुम बस सूसू रोक के रखो बेटा दानिश, फिर तुम टाय्लेट जा सकोगे.” मेरी चाची ने कहा. मगर जैसे ही मेरा लंड वापिस नरम हुआ मुझे फिर से ज़ोर का पेशाब लग गया.

अब बस 10 मिनिट इंतेज़ार करना था और अब चाची भी मेरी कोई और मदद नई कर सकती थी तो मेने अपने लंड को अपनी टाँगौन के बीच दबा लिया ताकि मे पेशाब रोक सकौन.

मेने अपने लंड को टाँगौन के बीच छुपाया था और उसको नीचे की तरफ किया हुआ था. मे बार बार अपनी हिप्स हिला रा था क्यूके मुझे बहुत ज़ोर का सूसू आ रा था और अभी भी बस रुकने मे 5-6 मिनिट थे.

अचानक से मुझे बोहुत ज़ोर का पेशाब आया और थोड़ा सा पेशाब मेरी पॅंट मे ही निकल गया. क्यूके मेरा लंड नीचे की तरफ था तो पेशाब अंडरवेर की निचली साइड पे लगा और मेरी पॅंट नीचे से गीली हो गयी.

“बेटा दानिश तुमसे सूसू नही रोका गया?” उन्हों ने अपने मूह पे हाथ रखते हुए कहा.

“बस चाची थोड़ा सा निकला है बाक़ी मे बाहर कर लौंगा” मेने शर्मा के जवाब दिया.

जेसे ही बस रुकी मे भागता हुआ गया और बस से उतर गया. मुझे बस के लोगों की आवाज़े सुनाई दे रही थी.

“उस लड़के ने पॅंट मे ही पेशाब कर दिया.” एक औरत ने कहा.

“इतने बड़े हो कर भी लौग पॅंट मे सूसू कर देते हैं मा?” एक बच्चे ने अपनी मा से पूछा.

और बस का कंडक्टर ट्स्क ट्स्क कर रा था.

मे बस रुकते साथ ही बस से उतर गया, इतने ही टाइम मे मेरा थोड़ा और पेशाब छूट गया और मेरी ऐक टाँग घुटने तक गीली हो गयी. इतनी देर मे मेने बस से दूसरी ऑर देख कर अपनी पॅंट नीचे खेंची और ज़ोर से पेशाब करने लगा.

मुझे पता था के बस के सारे लौग मेरी गीली गान्ड और पॅंट देख सकते हैं मगर मेरे पास कोई और चारा नई था. मेने पेशाब करना ख़तम किया और अपनी पॅंट उपर कर ली.

पॅंट अब बहुत ज़्यादा गीली हो गयी थी और मुझे अपनी गान्ड और टाँग गीली और ठंडी लग रही थी. मे शरम के मारे सिर नीचे रख के बस मे वापिस आया तो मेने देखा के बहुत से लोग मुझपे हास रहे थे.

मे जाके अपनी चाची के साथ गीली सीट पे बैठ गया और देखा के चाची मुझे प्यार और दुख से देख रही हैं.

उन्हों ने मेरे सिर को पकरा और अपनी छाती से लगा लिया और मुझे कहने लगी “कुछ नही होता बेटा, सब के साथ होता है ऐसा कभी ना कभी, अगली बार से घर से निकलने से पहले सूसू किया करो.”