बुआ की बेटी की चुदाई कहानी

नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम इझ सॅंडी, आई एम 22 ईयर ओल्ड, और मैं रायपुर चत्तीसगर्ह से हू, मैने डीके पर बहुत सी सेक्स स्टोरी पढ़ी एंड फील किया., हेहे फील मतलब तो आप सभी समझ ही गये होंगे, ऑल ओवर मेरा एक्सपीरियेन्स काफ़ी अच्छा रहा यहा पर.

फिर मैने सोचा क्यू ना अपनी लाइफ का एक एक्सपीरियेन्स आप सभी के साथ शेयर करू, मोस्ट ऑफ गाइस ने शायद ये एक्सपीरियेन्स किया होगा अपने घर मे ये मेरी फर्स्ट स्टोरी है सो छोटी-मोटी मिस्टेकस को प्लीज़ इग्नोर करें.

तो अब स्टोरी पे आते है, ये इन्सिडेंट मेरे और मेरी कज़िन सिस, पूजा के साथ हुई, उस समय मुझे सेक्स या सेडक्षन के बारे मे ज़्यादा नॉलेज नई थी, उस समय मेरी एज 14 साल की थी.

चलो अब आप लोगो को मेरी बुआ की बेटी यानी मेरी कझन दीदी पूजा से इंट्रोड्यूस करता हू, उनकी एज उस वक़्त 18 साल के आस पास होगी वो बहुत ही सेक्सी और हॉट लड़की है.

वो दिखने मे बहुत ही क्यूट थी और उनकी जवानी भी कपड़ो के उपर से ही पूरी नज़र आ जाती थी, उस वक़्त उनकी साइज़ 32-30-32 के आस पास होगी जोकि बहुत ही अट्रॅक्टिव थी.

दीदी की आँखे लाइट ब्राउन है और रंग एकदम गोरा है उनका फेस काफ़ी कुछ करिश्मा कपूर जैसा है, एक दम पर्फेक्ट बॉडी है दीदी की, जिसको देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाएगा और वो मूठ मारने पर मजबूर हो जाएगा..

ये बात 2008 की है जब मेरी पूजा दीदी और बुआ हमारे घर पर गर्मी की छुट्टियों मे आई थी, मेरी इमेज सोसायटी एंड फॅमिली मे शाय टाइप की है, मैं दीदी को हमेशा से हे बहुत पसंद करता था क्यूकी उनकी आँखें बहुत ही सुंदर थी और जवानी आते ही उनके बूब्स भी एकदम पर्फेक्ट शेप्ड हो चुके थे, पूजा दीदी बचपन से ही गाओं मे रहती थी तो उनका स्वाभाव थोड़ा चंचल टाइप का था..

और उनका सेन्स ऑफ हुमेर भी बहुत अच्छा था सब उनको बहुत प्यार करते हैं, मैने जब सुना की दीदी इस वेकेशन मे हमारे घर आ रही है तो मैं बहुत खुश हुआ, क्यू की पूजा दीदी मुझे बहुत पसंद थी बचपन से, फाइनली पूजा दीदी और बुआ और फूफा जी घर आए.

मैं दीदी को देख कर मेरा दिल बाग-बाग हो गया, वो रेड कलर के सूट मे थी और लंबे सफ़र के बाद भी वो एकदम एनर्जेटिक और बियूटिफुल लग रही थी, मेरी नज़र तो उनकी आँखो पे जा कर हे रुक गई, उफ़फ्फ़ क्या आँखें है यार उनकी, अभी मेरे मन मे दीदी के लिए कोई ज़्यादा ग़लत फीलिंग नई थी, इतने लंबे सफ़र से सभी थक गये थे इसीलिए सभी सबसे पहले तुरत फ्रेश होने गये..

इसके बाद घर मे गाओं और परिवार संबंधित बातो का सिलसिला चलने लगा, मेरा ध्यान तो बस पूजा दीदी पर ही था, मैं उनके बूब्स पर भी अपनी नज़र मार लिया करता था, मुझे स्पेशली न्यू मॅरीड भाभिस के बूब्स ज़्यादा पसंद आते है क्यूकी उनके बूब्स बड़े और टाइट भी होते है, इन्ही सब बतो मे पूरा दिन बीत गया.

4-5 दिन ऐसे ही बीत गये कुछ खास नई हुआ, अगले दिन दीदी ने सुबह मुझसे कहा की मुझे थोड़ा काम है मार्केट जाना है, उस वक़्त घर मे मुझे ही थोड़ा बहुत स्कूटी चलाना आता था तो मैने हा कह दिया, इसके बाद दीदी नहा धोकर तैयार हुई और जब मैने उनको देखा तो मेरी आँखें खुली, मूह खुला का खुला रह गया वो एक ब्लॅक सूट मे थी.

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बहुत ही मस्त लग रही थी दीदी के डीप नेक सूट मे उनके बूब्स का उभार पर्फेक्ट लग रहा था एक दम गोरा जैसे दूध का पॅकेट हो और उन्होने लाइट मेकप किया था लिप्स पे न्यूड शेड पिंक लिपस्टिक लगाई थी बहोत प्यारी लग रही थी मेरी दीदी.

फिर मैं और दीदी स्कूटी से मार्केट निकले बट बॅड लक तो देखो यार दीदी एक साइड ही दोनो पैर कर के बैठी थी, इसके बाद हम घर से निकले, रास्ते मे एक ब्रेकर आ गया अचानक से जिससे मेरा बॅलेन्स थोड़ा सा बिगड़ गया पर मैने संभाल लिया.

पूजा दीदी ने कहा आराम से चलाओ मैने कहा ठीक है दीदी, इसके बाद हम स्टोर पर पहुचे तो उन्होने कुछ मेकप का समान और पर्सनल चीज़ें ली, इसके बाद हम घर वापस आने के लिए निकले तो वो इस बार पैर दोनो तरफ कर के बैठी, शायद वो ब्रेकर वाले घटना के कारण मैं वापस जाते समय वो ब्रेकर फिर पड़ा, दीदी ने कहा आराम से मैने वैसा ही किया फिर भी दीदी के टाइट हॉट बूब्स मेरे बॅक से हल्के से दब गये, उस समय मेरा लंड फुल टाइट हो गया पर मैने कंट्रोल किया हम घर पहुच गये..

फिर 2-3 दिन नॉर्मल रुटीन चलता रहा, इसके बाद मुझमे दीदी के बूब्स को लेकर और इंटरेस्ट बढ़ता जा रहा था मैं अब दीदी के बूब्स पर हमेशा नज़र रखने लगा था एक दिन दीदी नहा के निकली तो मैने नोटीस किया की पूजा दीदी ने शायद ब्रा नही पहनी है क्यूकी उनके निपल्स का उभर उनके सूट मे से सॉफ दिख रहा था, और नीचे दीदी ने दुपट्टा लपेटा हुआ था उनकी क्लिवेज भी काफ़ी कुछ दिख रही थी, दीदी पूरी सेक्स बॉम्ब लग रही थी मन तो कर रहा था की अभी उनके चुचियो को दबा के खूब चुसू.
मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था जो शायद उस वक़्त 4 इंच का होगा, मैने उल्टा मूह कर के अपने लंड को अड्जस्ट कियाऔर फिर दीदी को बोला जल्दी हटो दीदी मुझे बाथरूम जाना है, दीदी ने अपनी कातिल स्माइल की और रास्तेसे हट गई, उनकी स्माइल बहुत प्यारी और सेक्सी है, इसके बाद मैने बाथरूम मे लंड की जबरदस्त मूठ मारी और अपना ठंडा हुआ, उस दिन मैने 4-5 बार मूठ मारी थी.

यही कुछ दो दिन के बाद रात को खाना बनाने की तैयारी चल रही थी, सभी अपने अपने काम मे बिज़ी थे और मैं अकेला हॉल मे बेड पे टीवी देख रहा था जैसे की मॅग्ज़िमम लोगो को पता होगा पहले नॅशनल मे 8:30 को सीरियल “कब क्यू कैसे” आता था मैं वही देख रहा, पूजा दीदी भी किचन मे खाना बनाने मे हेल्प कर रही थी, पर बीच बीच मे वो आ कर टीवी भी देख लेती थी.

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इस सीरियल मे हॉट सीन आते रहते थे, उस दिन भी मैं टीवी देख रहा था की अचनाक से एक सुहाग्रात का सीन उसमे चालू होने लगा, मुझे तो ऐसे ही सीन का इंतज़ार रहता था मैं अपने उपर चादर डाल कर उसमे जगह बना कर वो टीवी देखने लगा जिससे कोई आए तो उसे लगे मैं सो रहा हू, अचानक से मैने देखा पूजा दीदी आई और उन्होने टीवी मे देखा.

और मेरे तरफ देखा उन्हे लगा मैं सो रहा हू पर मैं सब देख रहा था , दीदी फिर से वॉल्यूम कम करके टीवी देखने लगी और वो उस सुहाग्रात के सीन को बहुत इंटरेस्ट से देख रही थी, क्यूंकी उस टाइम गाओं मे उनके घर मे टीवी नई था सो ऐसे सीन उनके लिए रेर थे, शायद वो भी जवानी के मज़े ले रही थी, दीदी ने पूरा सीन देखा और फिर मेरे तरफ देखा की मैं जाग तो नही गया टीवी बंद कर के चली गई.

अब मुझे पूजा दीदी पर और भी प्यार आने लगा और मुझे वो और भी सेक्सी लगने लगी, अब मैं हमेशा से किसी मौके की तलाश मे रहता की कब कोई चान्स मिल जाए किसी तरह पूजा दीदी की बड़ी टच करने का, पर कोई चान्स नही मिला, नैन-सुख से ही काम चलाना पड़ता.

कुछ दिन के बाद उनके वापस जाने का भी दिन आ गया, शाम 8 बजे उनकी ट्रेन थी, इतने दीनो मे मैं पूजा दीदी को ढंग से टच भी नई कर पाया, मैं दिन भर यही सब सोच रहा था, 6.30 बजे हम सभी स्टेशन के लिए निकले स्टेशन पहुचने के बाद भी मेरे दिमाग़ मे यही सब चल रहा था की कुछ बात बन जाए.

पर शायद अब देर हो चुकी थी स्टेशन मे दीदी को बॉटल मे पानी भरना था सो मैं और पूजा दीदी पानी भरने के लिए गये अभी भी मैने उम्मीद नही छोड़ी थी मेरी हार्टबीट काफ़ी तेज हो गई थी..

फाइनली दीदी बॉट्टेल मे पानी भर रही थी, तब मैने उनसे कहा पूजा दीदी उस दिन रात को आपको मैने वो टीवी वाला सीन देखते देख लिया था..

मेरी तो गॅंड फॅट गयी जिसे दीदी के एक्सप्रेशन मैं आप लोगो को एक्सप्लेन नई कर सकता, इसके बाद दीदी बोली मैं तो कुछ नई देखी और कब की बात कर रहा है तू, चल अब बात मत कर ट्रेन छूट जाएगी और हम पानी लेकर वापस आ गये इसके बाद हमने सभी को ट्रेन मे बैठाया..

और मैने पूजा दीदी की तरफ देखा वो भी मुझे देखी, और फिर एक सेक्सी और प्यारी सी स्माइल दी जैसे वो सब कुछ जान के भी अंजान बन रही थी फिर हम घर वापस आ गये..

कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कॉमेंट सेक्षन मे ज़रूर लिखे, ताकि देसीकाहानी पर कहानियों का ये दौर आपके लिए यूँ ही चलता रहे.

आगे की कहानी नेक्स्ट पार्ट मे..

ये सेक्स स्टोरी पढ़ने के बाद अगर कोई भी गर्ल, भाभी या आंटी सेक्स मे इंटरेसटेड है तो मुझे मैल करे, स्पेशली रायपुर या आस पास की लेडीस, आई विल गिव यू फुल सॅटिस्फॅक्षन, लव यू ऑल