वोडोफोन वाली लड़की की चुदाई

हेलो दोस्तो मेरा नाम मनीष है और मेरी उमर 21 साल है. मैं जवान हैंडसम और स्मार्ट भी हूँ. ये मेरी पहली कहानी है अगर मुझे अपनी इस पहली कहानी का अच्छा रिस्पांस मिला तो मैं ज़रूर आप को अपनी लाइफ की और चुदाई के किससे बताऊंगा. आज जो मैं आप को बताने जा रहा हूँ. वो एक दम सच है. क्योकि ये मेरे साथ उस लड़की की चुदाई की कहानी है जिसे मैं आज भी जम कर चोदता हूँ.

आज की तारिक़ मे मैं उसे अपनी रंडी बनाया हुआ है. उसे मैने केसे पटाया और कैसे पहली बार चोद कर ही उसे अपना दीवाना बना लिया. ये सब अब मैं आप को अच्छे से डीटेल मे बताऊंगा. मुझे उमीद है आप को मेरी ये पहली कहानी बहोत ही पसंद आएगी. चलिए फिर जल्दी से कहानी शुरू करते है.

दोस्तो ये बात आज से 2 साल पहले की है. मैं वैसे तो दिल्ली से हूँ पर अपनी +2 पास करने के बाद घरवालो ने मुझे चंडीगढ़ स्टडी करने के लिए भेज दिया. क्योकि दिल्ली का मोहल स्टडी के लिए बिल्कुल भी ठीक नही था. मैं बी.टेक मे था और चंडीगढ़ मुझे बहोत अच्छा लगा. वाहा पर जाते ही मैने पहेले साल मे ही एक लड़की को पता लिया.

और 2 वीक मे ही उसको चोद दिया और 2 साल तक चोदता रहा. तीसरे साल मे आते ही मेरा और उसका ब्रेकप हो गया. अब मैं अकेला हो गया और मेरा लंड भी अब मुझे आंटी और भाभीया बहोत अच्छी लगने लग गयी. मैं सारा-सारा दिन चंडीगढ़ के माल मे ही रहता था और लड़किया और आंटी देखता था. बिना चूत के मेरा जीना बहोत मुश्किल सा हो रहा था.

मुझे अब चूत की स्कॅट ज़रूरत थी. एक तो मैं पहले से ही लड़की के चक्कर से बहोत परेशान था. और उप्पर से मेरे वोडाफोन के सिम का हर रोज बैलेंस कट हो जाता था. एक दिन मैं गुस्से मे उनके कस्टमर केयर मे गया. और वाहा पर जाते ही मेरा सारा गुस्सा गायब हो गया. क्योकि वाहा पर एक बहोत ही खूबसूरत लड़की बैठी थी जिसे देखते ही मेरा दिल उस पर आ गया था.

मैने टोकन लिया और अपने नंबर का वेट करने लग गया. वाहा पर तीन काउंटर थे. जिनमे से एक उस लड़की का था. मैं उसे ही देख रहा था और भगवान से प्रे कर रहा था की मेरा नंबर उसके पास ही आए. कुछ ही देर बाद वो उठ कर चली गयी मेरा दिल टूट सा गया. पर मेरी किस्मत देखो दोस्तो जैसे ही मेरा नंबर आया तो वो वापिस आ गयी. मेरा दिल और मैं बहोत खुश हो गया.

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मैं झट से उसके पास जा कर बैठ गया. उसने मुझे कहा की सर मैं आप की क्या हेल्प कर सकती हूँ. मैने कहा दिव्या दरअसल मेरे नंबर पर कोई स्कीम एक्टिवेट हो गयी है. जिसकी वजह से हर रोज मेरे पैसे कट रहे है.

उसने मुझे सॉरी कहा और मेरी प्रॉब्लम सोल्व कर दी . मैं वापिस तो आ गया पर मेरा दिल उसके पास रह गया. मेरी आँखो मे उसकी तस्वीर सी छाप गयी थी. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

अगले दिन मैने जान कर अपने नंबर पर कुछ एक्टिवेट करवा लिया और फिर से उसके पास गया. अब मेरा ये रोज का काम हो गया था. मैं हर रोज अपने नंबर पर कुछ एक्टिवेट करवा लेता. और फिर उससे मिलने के लिए चला जाता. अब वो मुझे अच्छे से जानने लग गयी. एक दिन मैं उसके पास 4 दिन बाद गया. जैसे ही मैं गया तो मुझे देखते ही बोली क्या हुआ मनीष जी आप आए ही नही 4 दिन से सब ठीक तो है.

मैने कहा सब ठीक है मैं तो बस ये देखना चाहता था की आप को मेरी याद आती है या नही. उसने कहा याद मुझे आप की बहोत आई सच मे. मैने कहा चलो इसी बात पर मेरे साथ लंच करते है आज. तो वो बोली अभी मेरे लंच होने मे 2 अवर्स है. मैने कहा कोई बात नही मैं आपका यही पर वेट कर रहा हूँ.

अगले 2 अवर्स मैं उसके सामने बैठा रहा और उसे ही देखता रहा. वो भी मुझे बार-बार देख रही थी और मुस्कुरा रही थी. मुझे पता चल गया था की अब दिव्या मेरी है. उसके बाद हम दोनो ने लंच किया और मैने उससे काफ़ी बातें करी. उसके बाद हम दोनो ने सनडे को मिलने का प्लान बनाया. मैने कहा की पहले हम मूवी देखेंगे और फिर लंच भी करेगें. वो मेरी बात झट से मान गयी.

दोस्तो मैं आप को दिव्या के बारे मे तो बता दू. वो एक मस्त और सेक्सी लड़की है उसका जिस्म भरा हुआ है. जिसे देखते ही लंड खड़ा हो जाता है. उसके मोटे मोटे बूब्स पर मैं पहली बार मे फिदा हो गया था. पहली बार मे देखते ही ऐसा मन कर रहा था की अभी के अभी मूह मे डाल कर खा जाऊँ. बस उसके बाद उसके जिस्म की मस्त चीज़ उसकी गांड थी जिसे देखते ही लंड उसकी गांड मे जाने को मचल उठा था. मैने सोच लिया था की मोका मिला तो दिव्या की चूत और गांड को चोद ही डालूँगा.

सनडे के दिन मैं शुबह 10 बजे उसके घर के बाहर उसे लेने के लिए अपनी बाइक पर आ गया. पहले हम थोड़े घूमने के लिए गये फिर 11 बजे माल मे गये और मूवी देखी. उसके बाद हम दोनो पिज़्ज़ा हट गये और सारा दिन वहीं पर बैठे रहे. हम दोनो को बातें करते हुए रात के 9 बज गये. जब तक हम दोनो 4000 रुपए से ही उप्पर का खा लिया था. जब उसे पता चला की इतना टाइम हो गया है तो वो ज़ोर-ज़ोर से रोने लग गयी. क्योकि उसके घर वाले उसे बहोत बोलेगें.

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मैने कहा तुम परेशान ना हो. क्योकि बाहर देखो बारिश हो रही है इसलिए तुम अपने घर वालो को कहो की तुम अपनी किसी फ्रेंड के घर रुक गयी हो. क्योकि बाहर बहोत ही बारिश हो रही है. और रात भी काफ़ी हो गयी है इसलिए इस टाइम घर आना ठीक नही है. उसे मेरा आइडिया बहोत अच्छा लगा इस लिए उसने अपने घर फोन कर दिया.

अब हम दोनो बाइक पर चल पड़े तो रास्ते मे बहोत ही तेज बारिश होने लग गयी. हम दोनो बारिश मे भीग चुके थे और फिर हम घर पहुँच गये. घर पहुंचते ही लाइट चली गयी तो मैने अपने फोन की लाइट से मैने लॉक खोला और दरवाजा खोल दिया.

दरवाजा खोलते ही मैने पीछे मूड कर देखा तो वो अपनी चुननी को हाथ मे ले कर निचोड़ने लग गयी थी. उसका वाइट सूट सॉफ-सॉफ चमक रहा था और उसके नीचे उसका भीगा बदन तो बहुत ही मस्त लग रहा था.

अब हम दोनो अंदर आ गये तो मैने उसको कपड़े चेंज करने को कहा तो वो मान गयी और फिर मैने अपने कपड़े दे दिए. वो मेरे कमरे मे जा कर कपड़े चेंज करने लग गयी. मेरे कमरे मे दो दरवाजे है तो मैं अब अंदर चला गया.

वो कपड़े चेंज कर ही रही थी की मैं उसके सामने खड़ा था की तभी लाइट आ गयी और फिर मैने उसको बाहो मे भर लिया. बाहो मे आते ही वो घबरा भी गयी पर गरम बदन होने की वजह वो भी गरम हो गयी तो मैने अपना लंड उसके मूह मे डाल दिया और फिर मै उसका मूह चोदने लग गया.

उसने बहुत ही मज़े तरीके से लंड को चूसा और फिर मैने अपना पानी उसके मूह मे निकाल दिया और फिर उसकी चूत मे लंड डाल दिया. तो वो चिल्ला पड़ी और फिर मैने उसकी चूत को जबरदस्त चोदाऔर अपना पानी उसकी चूत मे निकाल दिया और हम सो गये और सुबह मैने उसकी गांड चोद डाली और वो ऑफीस भी नही गयी.