घर आई बुआ की बेटी को सोते समय चोदा

अब मैंने अपना लंड उसकी चूत में डालने के लिए तैयार किया तो मालिका डरने लगी और बोली, “भाई मत करो, आगे कुछ हो जाएगा तो?” इस पर मैंने उसे समझाया कि बेबी डरो मत, ऐसा कुछ भी नहीं होगा. बस शुरू में थोड़ा सा दर्द होगा, लेकिन फिर बाद बहुत मज़ा आएगा…

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम डीन है और मैं 25 साल का हूँ. मेरी हाइट 6 फुट है और मैं सामान्य एक लड़का हूँ. दोस्तों, मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ और मेरे परिवार में मेरे अलावा एक बड़ा भाई, मेरे माँ – पापा और एक छोटी बहन है.

दोस्तों, मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और इसकी लगभग सारी कहानियाँ पढ़ चुका हूँ. आज मैं आप सबको अपनी पहली कहानी सुनाने जा रहा हूँ. उम्मीद करता हूँ आप सबको जरूर पसंद आएगी.

गर्मियों का मौसम था. मैं अपने भाई के घर से छुट्टियाँ बिता कर वापस आया था. मेरे घर पर मेरी बुआ की लड़की आई हुई थी. उसका नाम मालिका है और यही कोई 32-24-34 का भरा हुआ जिस्म था उसका. उसकी जवानी देख कर ही मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था.

दोस्तों, हम दोनों की उम्र में कोई एक साल का फ़र्क था और हम दोनों अच्छे दोस्त भी थे. उस दिन मैं कई साल बाद उससे मिला था. जब मैंने उसे देखा तो पता चला कि वो काफ़ी जवान हो गई है और अब तो उसके मम्मे भी काफ़ी बड़े हो गए हैं. उस दिन उसे देखते ही मेरी नियत डोल गई.

अब क्या था! उस दिन से फिर मैं बस उसे चोदने की प्लानिंग करने लगा. फिर एक दिन मेरी किस्मत ने मेरा साथ दिया और मुझे मौका मिल गया. उस दिन घर पर मेरे और मलिका के अलावा सिर्फ मेरी दादी थीं. हम घर पर बैठे थे. फिर हम दोनों ने नॉर्मल बात करना शुरू कर दिया.

थोड़ी देर बातचीत करने के बाद उसको नींद आने लगी तो फिर कुछ देर बाद वो सो गई. दोस्तों, इसी पल का तो मुझे इंतज़ार था. अब मैं उसके पास गया और उसे ध्यान से देखने लगा. फिर कुछ देर बाद मैंने उसके बूब्स पर हाथ रख दिया और रुक कर इंतज़ार करने लगा.

इस दौरान वह सो रही थी और उसने कोई विरोध नहीं किया. इससे मेरी हिम्मत और बड़ गई. फिर मैं उसके बूब्स को हाथों में लेकर हल्के – हल्के दबाने लगा लेकिन उसने कोई विरोध नहीं किया. उसकी तरफ से कोई विरोध न होता देख मैं अपना हाथ उसकी चूत पर ले गया और आराम से उसकी चूत को सहलाने लगा.

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तभी उसकी नींद खुल गई और वो बोली कि ये क्या कर रहा है? उसे जागा देख कर मैं घबरा गया और हड़बड़ा कर बोला, “कुछ नहीं.” इतना बोल कर मैं शांत हो गया. वो भी अभी चुप ही थी कि कुछ देर बाद मेरी हिम्मत बढ़ी और मैंने कहा कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ. इस पर उसने मेरी तरफ देख कर कहा, “तो?”

उसके इस सवाल पर मैं कुछ नहीं बोला और सीधा उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिए और उसे किस करने लगा. अब उसने मुझे धक्का देकर खुद से दूर कर दिया लेकिन फिर मैंने भी उसे बेड पर धकेल दिया और उसके ऊपर जाकर किस करने लगा. मेरे लगातार किस करने से वो गर्म हो चुकी थी.

अब मैंने उसके लोअर में हाथ डाल दिया और उसकी कुंवारी चूत को दबाने लगा. अब वो पूरी तरह से गरम हो गई थी और मेरा साथ देने लगी.

इसके बाद मैंने अपना एक हाथ उसके मम्मों पर रखा और उन नाजुक मम्मों को मसलने लगा. जिससे मालिका की सिसकारियाँ निकलने लगीं. वो ‘आह भाई.. मत करो ऐसा.. ये ठीक नहीं.. आह्ह..’ करने लगी.

फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया. अब मेरे सामने वो था, जिनके लिए मैं मरा जा रहा था. क्या बताऊँ दोस्तों, क्या मस्त उठे हुए मम्मे थे! उसके मम्मों को चूसते हुए मैंने अपने एक हाथ से उसकी चूत को सहलाना जारी रखा.

अब उसे अहसास होने लगा था कि कुछ भी हो जाए लेकिन आज वो पक्का चुदने वाली है. इसलिए उसने अपनी भलाई समझी और मेरे खड़े 7 इंच लंड को अपने हाथों में पकड़ लिया.

फिर मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर लगा दिया और धीरे-धीरे चाटने लगा. मालिका तो जैसे इस चूत चटाई से बिल्कुल पागल सी हो गई थी. उसने मेरे बाल पकड़ लिए थे और सिसकारियाँ भरने लगी थी.

अब मैंने अपना लंड उसकी चूत में डालने के लिए तैयार किया तो मालिका डरने लगी और बोली, “भाई मत करो, आगे कुछ हो जाएगा तो?” इस पर मैंने उसे समझाया कि बेबी डरो मत, ऐसा कुछ भी नहीं होगा. बस शुरू में थोड़ा सा दर्द होगा, लेकिन फिर बाद बहुत मज़ा आएगा.

मेरे समझाने पर वो मान गई. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया. थोड़ी देर में मालिका और ज्यादा गरम हो गई और बोली, “भाई, अब मत तड़पाओ, अन्दर डाल ही दो.”

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मुझे तो इसी पल का इंतज़ार था. कब मैंने उसके चूतड़ों के नीचे तकिया लगाया और लण्ड को सैट करके एक धक्का दिया. इससे मेरे लंड का टोपा उसकी चूत के अन्दर चला गया और मालिका की दर्द से हालत खराब होने लगी.

उसे देख कर मैं भी एक बार घबरा गया पर थोड़ी देर में जब वो नॉर्मल हुई तो मैंने एक झटका और लगा दिया. अब मेरा लंड 4 इंच तक अंदर घुस गया था. फिर मैंने उसे और मौका नहीं दिया और उसके होंठों पर अपने होंठ जमा दिए और अपना बचा हुआ आधा लण्ड धक्का लगाकर उसकी चूत में डाल दिया.

उसे बहुत दर्द हुआ पर मैंने उसे चिल्लाने का मौका नहीं दिया. मैंने देखा कि मालिका की आँखों में आँसू थे पर थोड़ी देर बाद वो खुद ही कमर हिलाने लगी. फिर मैंने भी लन्ड को ऊपर-नीचे करना शुरू कर दिया.

अब हम दोनों को खूब मज़ा आ रहा था. तभी मैंने मालिका से पूछा कि मज़ा तो आ रहा है न? तो उसने अपनी आँखें बंद करके अपने पैरों से मेरे पिछवाड़े से जकड़ लिया.

अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मेरी स्पीड अपने आप बढ़ती जा रही थी. इस चुदाई में उसे भी मजा आने लगा था और मैं भी अब जोर – जोर से धक्के मार रहा था. तभी वो एक दम मचल सी उठी और ‘उउउ.. उउउ.. उउउह.. आहह..’ की आवाज़ करने लगी.

कुछ तक धका पेल चुदाई के बाद वो अकड़ने लगी और उसकी चूत ने पूरा पानी छोड़ दिया. लेकिन मैं अभी भी लगा हुआ था. कुछ देर उसको और चोदने के बाद मैंने उससे कहा कि मेरा भी होने वाला है, कहाँ निकाल दूँ?

इस पर वो बोली कि मेरी चूत को पहली बार किसी लण्ड ने चोदा है. उसके मुंह से यह बात सुन कर मैं उसका इशारा समझ गया और फिर मैंने भी अपनी स्पीड तेज कर दी और उसकी चूत में ही पानी निकाल दिया और निढाल होकर उसके ऊपर ही पड़ गया.

अब हम थक चुके थे. हम थोड़ी देर वैसे ही पड़े रहे और फिर उठकर अलग हो गए. उसके बाद हम रोज़ ही चुदाई करने लगे और मज़े लेने लगे.

तो दोस्तों, यह थी मेरी पहली कहानी। आपको कैसी लगी? प्लीज़, मुझे मेल करके जवाब जरूर देना. मुझे आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतज़ार रहेगा. मेरी मेल आईडी