सबके सामने बड़ी अजीब सी स्थिति थी, पता सब को था कि असल में यह एक चुदाई पार्टी है, मगर बात शुरू कौन करे?
तो सब से पहले निकिता ने ही बात शुरू की- डीयर फ्रेंड्स, अब जैसे के हम सबको पता है कि ये एक ड्रिंक पार्टी नहीं है, इसके पीछे की कहानी कुछ और है इसलिए मैं आप मर्दों से कहूँगी कि आप असली मुद्दे पे आयें और असली पार्टी शुरू करें!
उसकी बात ने मर्दों को भी हिम्मत दी तो मेरे पति बोले- देखो दोस्तो, हम चारों के मन में एक विचार है कि हम चारों अपने अपने पार्टनर बदल कर सेक्स करें और ज़िंदगी का नया मजा लें। क्योंकि यह काम हमसे किसी ने भी पहले नहीं किया है इसलिए सबको थोड़ी थोड़ी शर्म आ रही है। शर्म मिटाने के लिए मैं चाहता हूँ कि सब एक एक पेग विह्स्की का लें, और फिर आगे बात बढ़ाएँ।
निकिता के पति ने चार पेग बनाए और हमें भी पकड़ा दिये। उस दिन पहली बार मैंने विहस्की पी… पी क्या बस अंदर उड़ेल दी।
थोड़ी देर बाद ही जैसे जिस्म में से गर्मी फूट पड़ी हो।
तब मेरे पति ने कहा- चलो अब शुरू करते हैं, सबसे पहले निकिता मेरे पास आ कर बैठेगी और माया अपने नए पार्टनर के पास! अभी सिर्फ बात करने की, छूने की, किस करने की पर्मिशन है।
निकिता उठी और जाकर मेरे पति के पास बैठ गई, मैं भी उठ कर राहुल के पास बैठ गई।
मेरे दिल में तो बहुत ही धक धक हो रही थी, आज पहली बार मैं राहुल के इतनी नजदीक बैठी थी और सोच रही थी सबसे पहले ये क्या करेगा, मुझे चूमेगा, या मेरे बूब्स दबाएगा?
मगर राहुल ने मुझे कहा- माया, अगर आप मेरी गोद में बैठ जाओ, तो मुझे ज़्यादा अच्छा लगेगा।
मैं उठ कर उसकी गोद में बैठ गई, तो उसने मुझे अपने हिसाब से सेट कर लिया। मैंने अपनी जांघ के नीचे उसके तने हुये लंड को महसूस किया।
उसने मेरी साड़ी का पल्लू मेरे कंधे से नीचे गिरा दिया, मैं अब स्लीवलेस ब्लाउज़ में उसके सामने थी और मेरे लो कट ब्लाउज़ से मेरा बड़ा सा क्लीवेज भी दिख रहा था।
मुझे शर्म सी आई, मगर राहुल बोला- वाह, क्या मस्त चूची है।
कह कर उसने ब्लाउज़ के ऊपर से ही मेरे बूब को पकड़ा।
सच में मन में एक खुशी की तरंग दौड़ी, मेरे पसंदीदा मर्द, जिसपे मैं दिल ही दिल में मरती थी, आज मैं उसकी गोद में बैठी थी और वो थोड़ी ही देर में मेरे हुस्न के जलवे लूटेगा।
मुझे हल्की सी सिरहन सी हुई, मेरे दिल में उसको चूमने की ख़्वाहिश जागी तो मैं खुद थोड़ा नीचे को झुकी, उसकी ठोड़ी को ऊंचा उठाया और अपने होंठ उसके होंठों पे रख दिये, आज तक ऐसा चुम्मा मैंने अपने पति को भी नहीं दिया था, मगर राहुल को मैंने खुद चूमा।
उसने भी मेरा नीचे वाला होंठ अपने होंठों में लेकर चूसा, और मेरे सभी गुप्तांगों में झनझनाहट सी हुई।
उसने मेरे ब्लाउज़ के बटन खोलने शुरू किए, मैं बड़े आराम से बैठी उसको सहयोग कर रही थी कि ले खोल ले मेरा ब्लाउज़ और देख मेरे बोबे… मैं कुछ ज़्यादा ही बेशर्म सी हो रही थी।
मेरे ब्लाउज़ के बटन खोलने के बाद राहुल ने मेरे दोनों बूब्स को पकड़ा और ऊपर को उठाया, जिससे मेरे बूब्स का क्लीवेज मेरे गले तक आ गया- ओह माया, मेरी जान, कितने विशाल बूब्स है तुम्हारे!
कह कर राहुल ने मेरे क्लीवेज को चूमा और क्लीवेज में अपनी जीभ डाल कर चाट गया।
मैंने उसके सर के बालों में अपना हाथ फिराया, वो वैसे ही मेरे बूब्स से खेलता रहा, चूमते चाटते उसने मेरे दोनों बूब्स मेरे ब्रा से भी बाहर निकाल लिए, और बारी बारी से दोनों निप्पलों को अपने मुंह में लेकर चूसा और बूब्स चुसवाना तो मुझे मस्त कर देता है।
मैंने अपना ब्लाउज़ और ब्रा दोनों उतार कर रख दिये, अपने गले से मैंने अपना मंगल सूत्र, और माला वगैरह भी उतार दिये, ताकि राहुल को मेरे बूब्स से खेलने में कोई दिक्कत न हो।
बूब्स चूसने के बाद राहुल ने मेरी साड़ी को ऊपर उठाया और मेरी जांघों तक उठा दिया, मेरी दोनों चिकनी जांघों को सहला कर बोला- माया तुम बहुत सेक्सी हो, आज मजा आ जाएगा तुम्हें चोद कर!
मैं मुस्कुरा दी- राहुल, मैं भी उस घड़ी का इंतज़ार कर रही हूँ।
मैंने कहा तो राहुल ने मुझे उठाया और खड़ी करके मेरी साड़ी और पेटीकोट दोनों खोल दिये, अब मैं उसके सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी, मगर मुझे इसमें कोई शर्म महसूस नहीं हो रही थी।
मैंने भी उसकी टीशर्ट उतारी, नीचे से उसने कोई बनियान नहीं पहनी थी, सीने पे हल्के बाल थे। फिर मैंने घुटनों के बल बैठ कर उसकी बेल्ट खोली, फिर जीन्स की हुक और ज़िप खोली और उसकी पैंट उतार दी।
यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!