Do Biwiyon Ne Ek Dusri Ke Pati Se Choot Chudwai

उसके बाद धीरे धीरे हम लोगों में आपसी मेल मिलाप बढ़ने लगा, अक्सर एक दूसरे के घर से दाल सब्जी की कटोरी शेयर होने लगी। खाना भी वो बहुत अच्छा बनाती थी।
कभी कभी हम एक दूसरे के घर भी आते जाते, मगर हम दोनों औरतों का आपस में रोज़ का मिलना था, धीरे धीरे हम दोनों आपस में खुलने लगी।

उसकी लव मैरिज थी।
अब बोलती ज़्यादा थी तो यह भी पता चल गया कि शादी से पहले ही इसने अपने पति के साथ सब कुछ कर लिया थ और शादी से पहले ही उसका बड़ा बेटा उसके पेट में आ चुका था, इसलिए जल्दबाज़ी में शादी करनी पड़ी।

अब जब सेक्स की बातें हमने शेयर कर ली तो मैंने उसके साथ और भी बहुत कुछ शेयर करना शुरू किया, मसलन उसे किसी और से सेक्स करने की इच्छा हो, या कोई और साधन वो इस्तेमाल करती हो, या कोई चक्कर हो किसी से!

इतना उसने ज़रूर बताया कि उसका चक्कर तो नहीं किसी के साथ मगर एक दो बार उसके पति ने उससे कहा है कि अगर 2-3 जोड़ें एक साथ सेक्स करें तो, वो इसका मज़ा लेना चाहेगा।
निकिता को भी इस से कोई खास ऐतराज नहीं था, वो भी इसे एक खेल के तौर पे ले रही थी।

मगर दिक्कत यह थी कि मैं अपने पति को इस बात के लिए कैसे राज़ी करूँ।
इसके लिए मैंने अक्सर उनके सामने निकिता की सुंदरता की, उसके सेक्सी बदन की बातें करने लगी। अब जब मर्द के सामने उसकी बीवी से ज़्यादा सुंदर और सेक्सी औरत हो तो उसकी दिलचस्पी तो यकीनन उस पराई औरत में बढ़ ही जाएगी।

यही हुआ, धीरे धीरे मेरे पति भी निकिता की बातें बड़े चाव से सुनने लगे।
मैं अक्सर उनको झूठ ही बोल देती- आज निकिता आई, इतना खुला गला पहना हुआ कि क्या बताऊँ… निकिता की जीन्स इतनी टाइट थी कि जैसे उसकी टाँगों पर पेंट ही किया हो। आज तो निकिता इतना सुंदर मेकअप करके आई, इतनी सुंदर लगी कि मैंने तो उसे चूम ही लिया।

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मैंने देखा में मेरे पति को निकिता के बूब्स और हिप्स में खास इंटरेस्ट था। फिर मैंने उन्हे थोड़ा और गर्म करना शुरू किया, जब भी हम सेक्स करते, मैं निकिता की बातें करनी शुरू कर देती और अपने पति से पूछती- अगर इस समय मेरी जगह निकिता लेटी होती तो आप क्या करते?

सच में वो मुझे और प्यार करते और ज़्यादा मजा लेकर मेरे साथ सेक्स करते। कभी कभी तो सेक्स करते करते ‘ओह निकिता… मेरी जान, मजा आ गया तुम्हें चोद कर… क्या मस्त चूत है तेरी!’ और ऐसी ना जाने कितनी बातें कहते।
मतलब वो भी अब निकिता को चोदने के सपने देखने लगे थे।

कभी अगर निकिता उनके होते घर आती तो मैं नोटिस करती के मेरे पति उसके खूबसूरत बदन को बड़े अरमान से देखते। मैं भी जानती थी कि ये मन में क्या सोच रहे होंगे।

फिर एक दिन मैंने मौका देख कर निकिता के आगे अपनी प्रोपोज़ल रखी- निकिता यार एक बात सुन, देख तुझे ग्रुप सेक्स से कोई
ऐतराज नहीं, मुझे नहीं तो क्यों न हम चारों मिल कर किसी दिन कुछ तूफानी करें?

निकिता ने पहले तो मेरी तरफ बड़े ध्यान से देखा, फिर बोली- मुझे पता था कमीनी, तेरे मन में क्या चल रहा है!
हम दोनों हंस दी।

‘तो फिर पूछ के देख अपने पति से?’ मैंने कहा।
‘क्यों तुमने भाई साहब से पूछ लिया क्या?’ उसने कहा।
मैंने कहा- पूछ लिया, अरे वो तो मरे फिरते हैं तेरे लिए!
‘सच में?’ निकिता बोली- मैं तो भाई साहब को बड़ा शरीफ समझती थी?
मैंने कहा- क्यों शरीफ आदमी का खड़ा नही होता क्या?
हम फिर हंस पड़ी।

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निकिता बोली- मेरे पति की कोई दिक्कत नहीं है, मगर फिर भी मुझे उनसे पूछना पड़ेगा।
मैंने भी अपने पति से रात को यह बात बताई, जब वो मेरी चूत चाट रहे थे। बस निकिता की रजामंदी सुनते ही उन्होंने वो चटाई की कि मेरा पानी छुड़वा कर ही हटे।

उसके बाद एक दिन निकिता ने भी हामी भर दी।

हम दोनों का तो सेट था, मगर दोनों के पति एक दूसरे के सामने आने में झिझक रहे थे तो हमने एक छोटी सी ड्रिंक पार्टी का प्रोग्राम रखा जिसमें एक दो पेग लगाने के बाद सबकी शर्म उतर जाए और हम चारों खुल कर खेल सकें।

अब बात पतियों को भी पता चल चुकी थी, तो इस बार मुझे निकिता के पति की नज़र भी बदली बदली सी लगी। मुझे सबसे बड़ी खुशी इस बात की थी कि मैं अपनी पसंद के मर्द के साथ पहली बार सेक्स करने जा रही थी।

हमने निकिता और उसके पति को अपने ही घर बुलाया।

शाम का वक़्त था, थोड़ी सी औपचारिक बातचीत के बाद मर्दों ने पेग शेग का प्रोग्राम शुरू कर दिया। हम दोनों लेडीज़ के लिए वाइन लाई गई।
मैंने और निकिता ने एक एक गिलास वाइन का लिया और मर्दों ने अपने अपने गिलास विह्सकी से भर लिए। चीयर्ज कह कर सबने एक एक घूंट भरी।

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