बिना कंडोम चुदी अनामिका-1

दोस्तो, मेरा नाम उम्मीद कुमार है। मैं आप लोगो के लिए कुछ अच्छी और बेहतर कहानियां प्रस्तुत करने की कोशिश करूँगा।

यह कहानी मेरी एक महिला मित्र अनामिका की है। वर्तमान अनामिका समय में अनामिका एक हाउस वाइफ है। वो स्लिम और सेक्सी है। उसकी चूचियाँ और कमर की बनावट ऐसी है कि लोग देख कर आहें भर उठते हैं।

इस कहानी को अनामिका के शब्दों में ही लिखूँगा जैसे उसने मुझे बताया था। तो आप लोग अपने लंड और बुर पर हाथ रख कर इस कहानी का आनंद लीजिये।

मैं अनामिका हूँ, मेरी उम्र 23 साल है। मेरी शादी हुए 2 साल हो गए हैं। मेरे पति सरकारी बाबू हैं, वो मुझे 2 साल से चुदाई का मज़ा दे रहे हैं। उनका लंड 6 इंच का है। मैं अपनी शादीशुदा ज़िन्दगी से खुश थी। हम रोज सेक्स करते थे। हम सेक्स के दौरान कंडोम का यूज़ करते थे। क्योंकि हम अभी बच्चा नहीं चाहते थे।

एक दिन मेरे पति ने बोला- अब हमें बच्चे की प्लानिंग करनी चाहिए।
हम दोनों ने इसका मूड बना लिया। मेरे पति सुबह ऑफिस जाते टाइम बोले- आज शाम को बिना कॉन्डम के चुदाई होगी।
मैं शर्मा गई।
मैंने अपने बुर के बाल साफ़ किये और नहाते टाइम रात के ख्यालों में खो गई।

शाम को मेरे पति जल्दी घर आ गए पर वो बहुत घबराये हुए थे। उन्होंने बताया कि उनके बड़े भाई का एक्सीडेंट हो गया है, उन्हें तुरंत गांव जाना होगा।
मैं भी घबरा गई, मैंने उनका सामान पैक किया और वो चले गए।

मैं उस रात उदास होकर सोई। मुझे एक तरफ इस बात का दुःख था कि मैं आज चुद के माँ बनने वाली थी पर दूसरी तरफ जेठ जी का टेंशन।

मेरे पति अगली सुबह गांव पहुँचे, उन्होंने बताया कि भाई साहब ठीक है लेकिन 4 दिन बाद ऑपरेशन है तो उनको गांव पर ही रहना होगा। वो शायद 4 दिन बाद आयें।
मैंने कहा- कोई बात नहीं।

2-3 दिन तो गुजर गए पर चौथी रात को मैं काम वासना में जलने लगी। इसका कारण यह था कि मेरे सहेली ने मुझे चुदाई वाली वीडियो सेंड की थी। मैंने अपनी चूचियों को अपने हाथों से दबाते हुए अपने बुर का पानी निकाल लिया। मुझे लंड की जरूरत थी पर लंड कहाँ मिलता।

मेरे जेठ जी के ऑपरेशन के बाद मेरे पति ने बताया- सब ठीक है और मैं आज रात 11 बजे तक घर वापस आ जाऊँगा।
उन्होंने कहा कि आज बिना कंडोम वाली चुदाई की जायेगी।
मेरे पति बोले- आज मैं तुमको दबा कर चोदूँगा।

सुबह से शाम हुई और मैं चुदने के लिए बेहाल हो गई थी। मेरा बुर से पानी चू रहा था। मैंने यह जानने के लिए अपने पति कॉल किया कि वो कहाँ पहुँचे।
उन्होंने कहा- वो आज नहीं आ पाएंगे।
उन्होंने जल्दबाजी में कॉल रख दिया।

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मुझे बहुत गुस्सा आया। पर मैं क्या कर सकती थी … मैं बिना खाये ही सो गई।

अब आगे की कहानी उम्मीद कुमार सुनाएंगे।

एक लड़का 25-26 साल दुबला पतला सा यानी मैं रात के अंधरे में एक खिड़की से कमरे में घुसने की कोशिश कर रहा था। मेरी किस्मत अच्छी थी क्योंकि अनामिका खिड़की बंद करना भूल गई थी। मैं कमरे में आ गया। मैं कुछ जेवर या पैसे चोरी करके जाना चाहता था।

मैं धीमे धीमे हर तरफ अपने काम की चीज़ तलाश रहा था। मैं बेडरूम में गया तो उसकी आँख खुली रह गई, वहाँ बेड पर अनामिका आधी नंगी सोई थी, उसकी चूचियाँ बाहर निकली हुई थी। एकदम गोल गोल संतरे जैसे टाइट चूचियाँ थी अनामिका की। और उसकी पतली कमर और गोल जांघ ने मेरा लंड खड़ा कर दिया, मैं भूल गया कि मैं यहाँ क्या करने आया हूँ।

मैंने टेबल लैंप बुझा दिया, मैं अनामिका के बगल में लेट गया। मैंने अपना हाथ बढ़ा कर अनामिका की चूचियों पर रख दिया और सहलाने लगा। और मैं एक हाथ उसकी मांसल जांघों पर फिराने लगा। मेरी सांसें गर्म हो गई थी। मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसके गर्दन पर किस करते करते होंठों पर पंहुचा।

तभी अनामिका शायद जग गई। उसने अपनी बांहों में मुझे जकड़ लिया और बोली- कहाँ थे अब तक? मैंने तुम्हारा कितना इंतज़ार किया।
वो शायद सपना देख रही थी या किसी और को समझ रही थी।

मैंने मौका का फायदा उठाया और उसके गर्दन और ओंठों पर जम कर किस किया। वो उत्तेजित हो गई थी, उसने भी मेरा पूरा साथ दिया। मैंने उसे पूरी नंगी किया और खुद भी नंगा हो गया। मेरा लंड 7 इंच का मोटा सा लंड था। मैंने उसके पूरे शरीर पर चुम्बन लेते हुए उसकी बुर को चूसना शुरू किया। उसका बुर एकदम गीली होकर पानी छोड़ रही थी। मैं समझ गया कि लोहा गर्म है। मैं उसके ऊपर आया और उसकी दोनों टांगें फैला दी और अपने लंड का सुपारा उसकी बुर के मुख पर रख कर धीरे से धक्का दिया।

अब आगे की कहानी अनामिका से सुनिए।

अचानक मेरी नींद खुल गई। मैंने सोचा कि ये क्या हो रहा है मेरे साथ। मैं तो सपना देख रही थी! कौन है मेरे ऊपर और मेरे बुर में किसका लंड उतर रहा है?
मैं चिल्लाना चाह रही थी … पर मज़ा भी बहुत आ रहा था। उस टाइम दिमाग कुछ भी काम नहीं कर रहा था।

अहा … कितना सुखद अहसास है। मेरे बुर में वो लंड धीरे धीरे घुस रहा था। मैंने महसूस किया कि वो लंड मेरे पति के लंड से काफी मोटा और कड़क है। पर जब मेरी बुर बुरी तरह फटने लगी तो मुझे अहसास हुआ कि वो मेरे पति से काफी बड़ा भी है।

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कमरे में घुप्प अँधेरा था. मैंने उस अजनबी लड़के को कस कर पकड़ा था और अपने नाख़ून उसकी पीठ में गड़ा रही थी। मेरे बुर की दीवारों से पानी रिस रहा था और वो अपना लंड घुसा रहा था। उसने जोर का एक धक्का दिया और मेरे मुख से चीख निकल गई उम्म्ह… अहह… हय… याह… उसका पूरा लोहे जैसा कड़क लंड मेरे बुर में समा गया था।

अब वो धक्का मारने लगा। लंड को पूरा जड़ तक डालता फिर बाहर खींचता। मैं पूरी तरह से पागल हो गई और अपने टाँगों को हवा में उठा लिया। इतना मोटा और लंबा लंड जैसे मेरे बुर को खीरे की तरह फाड़ रहा हो। मैं झड़ने के करीब पहुँच गई। मैं अपना पैर सिकोड़ने लगी तो उसने जबरदस्ती मेरे पैरों को घुटने से मोड़ कर फैला दिया और अपना मोटा लंड फचाफच बुर में पेलने लगा। मुझे तो जैसे स्वर्ग का आनंद मिलने लगा।

तभी मैं जोर से चीखी और बेहोश सी हो गई और अपने कामसुख में खो गई।

करीब 5 मिनट बाद मुझे होश आया तो वो लड़का अभी भी मुझे चोद रहा था और मेरी बुर में अभी भी गुदगुदी हो रही थी।

वो मुझे 10 मिनट तक चोदता रहा। फिर उसने मुझे कंधे से कस कर पकड़ लिया और मेरे बच्चेदानी तक जोर जोर से धक्का मारने लगा। मैं उससे कहना चाहती थी कि वो मेरी बुर में डिस्चार्ज ना हो पर तब तक मुझे दोबारा मज़ा आने लगा था।

मैंने अपनी कमर हवा में उठा दी और एक बार फिर से डिस्चार्ज हो गई।
और मेरे साथ ही हो भी मेरे अंदर ही डिस्चार्ज हो गया।

यह मेरा पहला अहसास था बिना कंडोम के। उसका गर्म गर्म वीर्य मेरे बुर में अंदर की ओर जा रहा था। पर मेरे अंदर बिल्कुल शक्ति नहीं थी कि मैं बाथरूम जाकर मूतकर उसे निकाल सकूँ।

मैं वैसे ही पड़ी रही। वो मेरे गर्दन पर सर रखकर हाँफ रहा था।
मैंने पूछा- तुम कौन हो?
वह कुछ नहीं बोला।

मुझे अपनी गर्दन पर कुछ गीला गीला महसूस हुआ।
वो रो रहा था।
मैंने उसको अपने से अलग करने की कोशिश की पर उसने मुझे कस कर पकड़ा था।

अचानक वो उठा और कमरे से बाहर जाने लगा। मैंने अपना गाउन पहना और तुरंत उसके पीछे गई पर वो खिड़की से जा चुका था। मैं खुश थी पर जानना भी चाहती थी कि वो कौन था।

अगर आप भी जानना चाहते हैं तो कमेंट करें।
मैं आगे की कहानी जरूर लिखूंगा।
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