बहन की गरम खून की चुदाई

behen ki Garam Khoon Ki Chudai हेलो दोस्तो, मेरा नाम पंकज है और मैं अपनी मा और अपनी बहन के साथ लुधियाना मे रहता हूँ. ये कहानी तब की है जब मैं 24 साल का था और मेरी मा जिसका नाम पूजा है उनकी उमर 39 साल और मेरी बहन दिशा उसकी उमर 18 साल की थी. हमारे साथ एक नोकर भी रहता था जिसका नाम राजू है और उसकी उमर 24 साल थी. मेरे पापा जिनका नाम राज कुमार है वो हमारे साथ नही रहते. मेरे मा-बाप एक साथ नही रहते क्योकि उनका तलाक़ हो रखा है और तलाक़ हुए भी 8 साल हो चुके है. बेस्ट हिन्दी सेक्स स्टोरी

सुनने मे पता चला है की मेरी मम्मी और मेरे पापा के बीच तलाक़ इसलिए हुआ क्योकि पापा मेरी मम्मी को सॅटिस्फाइड नही कर पाते थे. मेरी मम्मी की हाइट 5 फुट 5 इंच है और गोरा-चित्ता बदन, बड़े-बड़े बूब्स और गोल-गोल चुत्तर जिसको मम्मी मटकाती हुई चलती है. मेरी मम्मी पूजा बहोत ही सुंदर है और उस पर कई लोग लाइन मारते है पर मम्मी किसी को भी घास नही डालती.

हम लोग एक किराए के मकान मे रहते है और वाहा का जो मकान-मालिक है वो भी मेरी मा पर लाइन मारता है पर मेरी मा उसको भी हाँ नही करती. मेरा एक बहोत ही अछा दोस्त है जिसका नाम ललित है और उसकी बहन सोनम मेरी बहन दिशा की बेस्ट फ्रेंड है और अक्सर घर पर आती-जाती रहती है.

दोस्तो, मैं भी अब जवान हो चुका हूँ तो मुझे भी अब सेक्स की नालेज मेरे दोस्तो से मिल चुकी है. हमने एक साथ बैठ कर सेक्स वीडियोस देखी है, सेक्स स्टोरीस पड़ी है और भी पता नही क्या- क्या. एक दिन मेरे दोस्त ललित ने मुझे एक सेक्स की किताब दी जिसका नाम ‘ जवानी की नादानी’ है. मैं उसे अपने कमरे मे रखकर पढ़ने लग गया तो मुझे पता चला की उस किताब का हीरो अपनी सग़ी बहन की ही फुददी मार लेता है और दोनो एक दूसरे के साथ खूब सेक्स करते है.

ये सब पढ़ कर मेरा लंड भी खड़ा हो गया और मेरे आँखो के सामने अपनी बहन दिशा का चेहरा आ गया. मेरी बहन दिशा मेरी मम्मी की बिल्कुल परछाई है और उसके छोटे-छोटे बूब्स और चुत्तर बहोत ही ज़्यादा मस्त है. मैं अपनी बहन को खुली आँखो से चोदने के सपने लेने लग गया और उस समय जब मैं अपने लंड को हाथ मे पकड़ कर मूठ मार रहा था तब मेरे लंड से इतना ज़्यादा पानी निकला जो की आज तक नही निकला था.

अब मैने वो बुक बंद करी और अपनी अलमारी मे कोने मे छुपा दी ताकि कोई उस बुक तक ना पहॉंच पाए. अगले दिन मैं अपने दोस्त ललित के पास दोपहर मे बैठ कर शराब पीने लग गया और खूब बाते भी करी की तभी ललित फटाफट शराब पीने लग गया जिसको देख कर मुझे हैरानी हुई इसलिए मैं बोला – क्या हुआ ललित?

ललित- तुम भी जल्दी से शराब पिलो क्योकि मैने अपनी दीदी के घर जाकर उनकी चुदाई करनी है और चाहो तो तुम भी साथ चल सकते हो क्योकि उनकी ननद को भी चुदवाने का बहोत शौक है. और वैसेभी मेरे जीजू शुगर के पेशेंट है इसलिए वो दीदी को सॅटिस्फाइड नही कर पाते इसलिए उनके ही कहने पर मैं दीदी की चुदाई करता हूँ. बेस्ट हिन्दी सेक्स स्टोरी

ये बात सुनकर मैं हेरान हो गया पर मन भी बहोत किया उसके साथ जाने का पर जब आसमान के घने बादल देखा तो मना कर्दिया.

मैं – ललित मैं जाना तो चाहता हूँ पर मेरी मम्मी की कमर के दर्द की मेडिसिन भी लेनी है और ये काले बादल कभी भी बरस सकते है इसलिए तुम चले जाओ, मैं फिर कभी चलूँगा.

मेरा इतना कहने की देर ही थी की बारिश शुरू हो गई और ललित अपनी बाइक स्टार्ट करके वाहा से निकल चुका था और मैं भी बारिश मे भीगता हुआ मेडिसिन लेने चला गया. रास्ते मे बारिश और तेज हो गई, बिजली के कडकने की भी आवाज़े सुनने लगी और बरफ के ओल्ले भी गिरने लग गये.

मैने जैसे-तैसे मम्मी की मेडिसिन ली और फटाफट अपने घर की और चल पड़ा. बारिश के तेज होने की वजह से लाइट भी बंद कर दी गई और ठंडी-ठंडी ह्वाए भी चलने लग गई. मैने रास्ते मे से एक शराब की बॉटल भी ली क्योकि मैं उसे घर मे बैठकर पीना चाहता था और फिर घर की और चल पड़ा. घर मे बिल्कुल अंधेरा हो रखा था और फिर मैं जैसे ही पहॉंचा तो सोचा पहले मम्मी की मेडिसिन दे आता हूँ फिर अपने कमरे मे बैठकर बुक पढ़ते हुए शराब पियुंगा.

इतना सोचने के बाद अब मैं मम्मी के कमरे की और चल दिया और जैसे ही मैं कमरे के पास पहॉंचा तो मुझे मम्मी के चीखने की आवाज़े सुनने लगी. मम्मी दर्द के मारे- आआहह आअहह कर रही थी. तो मुझे लगा की मम्मी का कमर का दर्द बढ़ चुका है इसलिए वो दर्द के मारे छींख रही है.

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अब मैने जब अंदर देखा तो मुझे तो कुछ और ही देखने को मिला. मेरी मम्मी पूजा ज़मीन पर घुटनो के बल झुकी हुई थी और उनके शरीर पर एक भी कपड़ा नही था और पीछे हमारा नौकर राजू अपना लंड मेरी मम्मी की चूत मे डाल कर चोद रहा था. ये देखकर मैं हैरान रह गया पर फिर भी मैं अपनी मम्मी को राजू से चुदते हुए देखे जा रहा था. बेस्ट हिन्दी सेक्स स्टोरी

राजू का लंड काफ़ी बड़ा था क्योकि मम्मी उसके लंड को पूरा नही ले पा रही थी और वो कुत्ते की तरह मम्मी को चोदे जा रहा था. राजू की आँखे भी बंद थी क्योकि अगर उसकी आँखे खुली होती तो वो मुझे ज़रूर देख लेता. दोनो चुदाई के समुंदर मे खो चुके थे और चुदाई का पूरा मज़ा ले रहे थे.

राजू मेरी मम्मी की चूत मे से लंड निकाल कर उस पर अपनी थूक लगाकर फिर से डालता जिससे मम्मी को खूब मज़ा आ रहा था और वो उनके लंड को अंदर लेकर खूब मज़े मे चुदवा जा रही थी.

राजू मज़े मे चोदता हुआ बोल रहा था- मेरी पूजा, तुझे कितने दीनो बाद चोदने का मोका मिला है, तेरा जिस्म तो और चिकना होता जा रहा है, तेरी चूत तो और टाइट होती जा रही है, मुझे बहोत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा है. आआहह पूजा आई लव यू आअहह आहह. मेरी जान, तू मुझसे ऐसे ही चुदवाते रहना, तुझे चोद-चोद कर मेरा लंड घोड़े के लंड जितना बड़ा होज़ायगा, मेरी जान बहोत मज़ा आ रहा है.

मम्मी भी मज़े लेते हुए बोल रही थी – आअहह आहह राजू, चोद मुझे जमकर चोद, बहोत तड़पति हू इसके लिए. अगर तू ना होता तो मेरी चूत तो बिना लंड के तड़प कर ही मर जाती क्योकि मेरे पति मे तो इतना ताक़त ही नही थी की वो मुझे संतुष्ट कर सके. आआहह चोद मादर्चोद, चोद, मेरी चूत का आज भरता बना दे.

मम्मी की ये सब बाते सुनकर राजू उसे ज़ोर ज़ोर से चोदने लग गया और बोला – आअहह बेहेन्चोद, ले मेरा मोटा लंड अपनी चूत मे, साली तू तो जवान होती ही जा रही है मुझे तुझे चोदते हुए 8 साल हो चुके है और तू है की जवान होती जा रही है. अब मेरे लिए कोई नयी चूत का भी बंदोबस कर दे, वैसे तेरी बेटी भी अब जवान हो गई है, उसी की चूत देदे अपने राजू को, तुम दोनो मा- बेटी की दिन रात मैं सेवा करूँगा.

मम्मी उसकी बाते सुनकर अपनी गॅंड उसके लंड पर रगड़ने लग गई की तभी राजू ने मेरी मा की गॅंड मे लंड डाल दिया और उनकी कमर पकड़ ज़ोर ज़ोर से उन्हे चोदने लग गया. मैं बाहर खड़ा ये सब देखता रहा और मुझे तो इतना भी ख्याल नही आया की मेरे हाथ मे मम्मी की मेडिसिन है.

राजू मेरी मा को चोदे जा रहा था और तभी वो मम्मी के उपर चढ़ के उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लग गया और अपना लंड उनकी गॅंड मे ज़ोर ज़ोर से पेलने लग गया और बोला – आअहह पूजा मेरा निकला, मैं तो गया, आअहह आअहह.

इतना कहते ही वो ज़ोर ज़ोर से गॅंड मारने लग गया की तभी मम्मी ने ज़ोर से आगे हो कर लंड बाहर निकाल लिया और अपनी चूत पर राजू का हाथ रख उसका लंड मूह मे ले कर चूसने लग गई. राजू भी उनके निकले पानी से उनकी चूत को मल रहा था और मैं ये सब देख कर समझ गया था की मम्मी अंदर क्यो नही लेना चाहती थी.

अब मैं भी अपने लंड को पकड़ कर अपने कमरे मे आ गया और खुद के लिए शराब बनाने लग गया और तब तक राजू भी मम्मी को चोदकर बाहर चला गया था और मम्मी भी अपनी सहेली के घर के लिए निकल चुकी थी. मेरा मूड तो पहले ही ललित ने खराब कर दिया था पर जब मम्मी को नोकर राजू से चुदते हुए देखा तो मेरा हाल बुरा हो गया और मैने अपने लंड को पकड़कर उपर नीचे करना शुरू कर दिया.

मैने अपना निकालने से पहले देखना चाहा की घर पर कोई तो नही है इसलिए मैं अब अपनी अलमारी से सेक्स की बुक लेने के लिए उठा तो वो बुक मुझे वाहा नही मिली तो मैं एक दम से डर गया और घर के हर एक कोने मे जाकर बुक को देखने लग गया. मैं सब जगह देख ही रहा था की मुझे अपनी बहन दिशा के कमरे से आअहह आअहह की आवाज़े सुनने लगी तो मैने देखा की दिशा और सोनम एक दूसरे के साथ नंगी चिपकी हुई थी और मेरी बहन दिशा सोनम की चूत मे जीब डाल कर चाट रही थी.

सोनम मज़े मे आअहह आअहह कर रही थी और बोल रही थी- आअहह दिशा, और चाट मेरी चूत पूरी लाल कराडे, निकाल इसका पानी, आअहह आअहह. बेस्ट हिन्दी सेक्स स्टोरी

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ये सब सुनकर मेरा लंड भी खड़ा हो चुका था और मैने देखा की मेरी बुक भी वही बेड पर खुली पड़ी थी और दोनो अपने मे मस्त हो रखी थी. मेरी आँखो के सामने ही दोनो 69 ली पोज़िशन मे आ कर एक दूसरे को प्यार कर रही थी.

ये सब देख कर मेरा तो दिमाग़ ही हिल गया था और मैं अब अपने रूम मे आ गया और वाहा पर मेरा फोन रिंग कर रहा था. मैने देखा तो फोन ललित का था जो की मैने पिक करलिया.

ललित- भाई यहा तो सब उल्टा हो गया, घर पर गेस्ट आ रखे है जिसकी वजह से मैं अपनी बहन को चोद भी नही पाया और अपना खड़ा लंड वापिस ले कर आ गया. तू भी यहा आजा, दोनो बैठकर दारू पीते है.

मैं- ललित अगर मज़े लेने ही है तो मेरे घर आ, तुझे सील बंद चूत का मज़ा दिलाता हूँ. आज तुझे अपनी बहन दिशा की चूत देता हूँ.

ललित – क्या सच मे ?

मैं – हाँ भाई सच मे, बस आते हुए एक बॉटल शराब की लेता आईओ.

मैने इतना कहकर फोन कट कर्दीया पर उसे ये ऩही पता था की मैं अपनी बहन की चूत तो तुझे दे रहा हूँ पर मैं भी बदले मे तेरी बहन सोनम की चूत मारूँगा.

अब इतना कहते ही मैं अपनी बहन के कमरे को खोल दिया तो दोनो एक दूसरे को प्यार करती हुई मुझे देख शॉक हो गई और मेरे पैरो मे आकर माफी माँगने लग गई.

दिशा- भैया, ये मम्मी को मत बताना और हमे माफ़ करदो.

मैने उसकी बात सुनकर उसे उपर उठाया और उसके बूंस को दबाते हुए और सोनम की चूत पर हाथ रखते हुए बोला – देख बहनो, तुम भी जवान हो गई हो और मुझे इनसे कोई दिक्कत नही पर तुम्हारी चूत को शांत सिर्फ़ लंड ही कर सकता है जिसका जुगाड़ मैने कर लिया है. अब तुम कहो तो मैं आहे बादू.

मेरी ये बात सुनकर दोनो हैरान हो गई और मुझे देखने लग गई. अब मैने अपनी पैंट उतारी और सोनम को अपने कमरे मे भेंज दिया. सोनम ऐसे ही मेरे कमरे मे जाकर बैठ गई और मैने अपनी बहन दिशा को सारी प्लानिंग बता दी. इतने मे अब ललित भी आ गया था जिसके साथ मैने दो ग्लास शराब के बनाए और कहा – ले मेरी बहन की जवानी की चूत. चोद दे साले.

ललित- सच मे, तेरी बहन की चूत तो फाड़ दूँगा.

ललित के इतना कहने के बाद मैने उसे अपनी बहन के हवाले कर अपने कमरे मे इंतेज़ार करती सोनम के पास जा पहॉंचा और उसको शराब पिलाते हुए उसके जिस्म को चाटने लग गया.

सोनम- भैया आप ये क्या कर रहे हो, मेरा जिस्म जल रहा है, मेरी चूत तड़प रही हैं, मुझे अपना लंड दो, मेरी प्यास को शांत करो और मेरी चूत की तड़प भी ख़तम कर दो.

सोनम की बात सुनते ही मैं समझ गया की मुझे अब कोई देरी नही करनी चाहिए इसलिए खुद उसके उपर आकर 69 की पोज़िशन मे लेट गया और उसके मूह मे अपना लंड डालकर चुसवाने लग गया और खुद उसकी गुलाबी चूत को चाटकर उसका पानी पीने लग गया और जीब अंदर डाल कर उपर नीचे करने लग गया.

सोनम बड़े मज़े से मेरे लंड को चूस रही थी और मुझे भी खूब मज़ा आ रहा था और सोनम भी मज़े मे धीरे-धीरे आआहह आअहह कर रही थी.

अब मैने उसके मूह से अपना लंड निकाला और उसकी चूत पर रख के ज़ोर से धक्का दे दिया और मेरा लंड उसकी कुवारि चूत को फाड़ते हुए अंदर चला गया.

सोनम दर्द के मारे आअहह आअहब करी जा रही थी और मैं भी धीरे-धीरे उसकी चूत चोदे जा रहा था फिर कुछ देर चोदने के बाद हमे मज़ा आने लग गया और मैं अपनी बहन को चोदते हुए उसके बूब्स को मूह मे लेकर चूसने लग गया. बेस्ट हिन्दी सेक्स स्टोरी

मैं – मेरी बहना, मुझे आज तो मज़ा ही आ गया, आज पहली बार मुझे चूत मिली वो भी बहन की , आआहह आआहह.

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मैं उसे चोदता ही रहा और यही हाल ललित मेरी बहन दिशा के साथ कर रहा था और मैं सोनम के साथ. अब कुछ ही देर बाद मेरे लॅंड ने ज़ोर ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया और हम दोनो का एक ही साथ निकल गया और मेरा पहला पानी सोनम की चूत मे ही रह गया.

हम दोनो एक दूसरे को प्यार करने लग गये और दिशा और ललित की आवाज़े भी हमे सुनाई देने लग गई और जब वो दोनो फ्री हुए तो हम दोनो उनके पास चले गये.