छोटी बहन की सील तोड़ कर चोदा मैंने

यंग सिस्टर सेक्स स्टोरी मेरी अपनी बहन की है. हम दोनों एक कमरे में सोते हैं. एक रात मैंने देखा कि उसका गाउन टांगों से हट गया था, उसकी नाजुक चूत दिख रही थी.

दोस्तो, मेरा नाम अभिषेक है.
मैं बिहार के भागलपुर का रहने वाला हूं और एक मिडिल क्लास फैमिली से हूं. मैं ग्रेजुएट हूँ.

अन्तर्वासना का मैं एक नियमित पाठक हूँ और आज मैं पहली बार एक सच्ची यंग सिस्टर सेक्स स्टोरी आप सभी के लिए लिख रहा हूं.

मेरे घर में 5 लोग हैं. मम्मी-पापा, एक भाई, जो कि मुझसे एक साल छोटा है और एक बहन है, वो मुझसे दो साल छोटी है. मेरी उम्र 21 साल की है.

मेरा रंग सांवला, कद 5 फिट 7 इंच, लम्बा मोटा 8 इंच का लंड है.

मेरी बहन का नाम रूपा है. उसकी उम्र 19 साल है. वो 12 वीं में साइंस की स्टूडेंट है.

रूपा का रंग एकदम दूध सा गोरा, कमर पतली और गांड उभरी हुई है. उसका कद 5 फिट का है और मम्मे जबरदस्त तने हुए हैं.

उसके इस कामुक रूप को जो भी लड़का देखेगा तो उसका मन मेरी बहन को चोदने का करने लगेगा.
उसका फिगर बड़ा ही हॉट है.
उसकी 32 की चुचियां बड़ी-बड़ी और एकदम तोप सी तनी हुई नुकीली सी हैं, कमर 28 इंच की है और 38 इंच की पहाड़ सी उठी हुई गांड है.

मेरी बहन के बारे में अब तक मेरा कुछ भी गलत इरादा नहीं था. हम दोनों भाई बहन एक ही रूम में अलग अलग बेड पर सोते हैं.

हुआ कुछ ऐसा कि एक दिन हम दोनों भाई बहन पढ़ाई करने के बाद खाना खाकर अपने अपने बेड पर सोने चले गए.

मेरी बहन सो गई और मैंने भी लाइट बंद कर दी.
हम दोनों सो गए.

रात को 12 बजे मेरी नींद खुली.
मुझे पानी पीने की प्यास लग आई थी.

मैं पानी पीने के लिए जागा और लाइट ऑन कर दी.
मेरी बहन सो रही थी. वो नाइट गाउन पहन कर सोई हुई थी तो उसका नाइट गाउन उसके पैरों के काफी ऊपर चला गया था.

वो एक करवट लिए लेटी थी और उसका नाइट गाउन उतना ऊपर चला गया था कि उसकी टांगों का जोड़ दिख रहा था.
मैंने देखा कि मेरी बहन ने पैन्टी नहीं पहनी थी. उसकी बुर साफ साफ दिखाई दे रही थी.

एक पल के लिए तो मैं हतप्रभ रह गया और उसके बाद मैं सर झटकते हुए पानी पीने चला गया.

जब मैं वापस रूम में आया तो मेरे होश उड़ गये.
क्योंकि मेरी बहन अब सीधी होकर सो रही थी, इससे उसकी बुर साफ़ दिख रही थी.
उसकी बुर पर हल्के हल्के से बाल उगे थे और चुत का रंग एकदम गोरा था.

बहन की गोरी चुत देख कर अब मुझे नींद नहीं आ रही थी; मेरा मन कर रहा था कि अभी अपनी बहन को चोद दूं.

कुछ देर की कशमकश के बाद मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसके पास जाकर बैठ गया.
एक दो पल मैंने अपनी बहन की चुत को निहारा और जब न रहा गया तो मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रख दिया.

मैं धीरे धीरे से अपनी बहन की जांघ को सहलाने लगा.

जब उसकी तरफ से कुछ भी प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मेरा साहस बढ़ गया और मैंने उसकी नमकीन बुर पर हाथ रख दिया.

मैं अपनी बहन की कमसिन चुत को सहलाने लगा और अपना लंड बाहर निकाल लिया.

मेरी बहन बेसुध सोई पड़ी थी और उसे मेरे हाथ से कुछ भी फर्क नहीं पड़ रहा था.

अब मैंने उसकी बुर में एक उंगली अन्दर डाल दी.

तभी वह एकदम से कंप गई और कसमसाने लगी.
उसकी आंखें नहीं खुली थीं लेकिन मेरी गांड फट गई थी.

मैं वहां से भाग कर बाथरूम में चला गया और अपनी बहन के नाम की मुठ मारने लगा.

लंड का पानी झड़ जाने के बाद मुझे राहत मिली और मैं वापस अपने बेड पर आ गया.

अब मैंने देखा तो मेरी बहन अपना नाइट गाउन नीचे करके सो रही थी.
मैं भी लाइट बंद करके सो गया.

सुबह मेरी नींद नहीं खुली.

मैं अभी सो ही रहा था कि तभी बहन ने आकर मुझको नींद से जगाया और बोली- भैया उठिए … चाय पी लेना, मैंने मेज पर रख दी है.
इतना कह कर वो वापस चली गई.

मैं भी जाग गया और चाय पीकर रूम से बाहर निकल आया.

तब तक मेरी बहन बाथरूम में नहाने के लिए चली गई थी.

उसी समय मेरे दिमाग में एक आईडिया आया कि क्यों ना रूपा को नहाती हुई देखा जाए.

मेरे मकान में कमरे के बाहर गैलरी है. उसमें एक खिड़की है, जिसमें कुछ भी नहीं लगा है, केवल एक पर्दा डाल दिया गया है. उसी खिड़की से मैं बाथरूम के अन्दर झांकने लगा.

वाउ क्या मस्त नजारा था.
मेरी बहन बिल्कुल नंगी खड़ी होकर अपने बूब्स पर साबुन लगा रही थी.

फिर धीरे धीरे उसने अपनी बुर में भी साबुन लगाया और वो अपने मम्मों को रगड़ने लगी.

मैंने देखा कि वो अपनी बुर में उंगली कर रही थी और अपने मम्मों को मसलते हुए अपनी मुठ मार रही थी.

कुछ ही देर में उसके चेहरे पर कुछ अजीब से भाव आए और एकदम से वो ढीली पड़ने लगी.
शायद वो झड़ गई थी.

झड़ने के कुछ देर तक वो बाथरूम की दीवार से टिकी रही.

उसकी सांसें तेज तेज चल रही थीं और उसकी चूचियां ऊपर नीचे हो रही थीं.

वो झड़ने के कुछ देर बाद नहाने लगी और जल्दी जल्दी से नहाना खत्म करके अपने बदन को तौलिया से पौंछने लगी.

फिर उसने अपने गोर मम्मों पर काले रंग की ब्रा पहनी और लाल रंग की पैन्टी पहन ली.
उसके बाद मेरी बहन स्कर्ट और टॉप पहन कर बाथरूम से बाहर आ गई.

क्या लग रही थी वो … मानो जैसे कोई अप्सरा हो.
उसके बाद मैं भी बाथरूम में घुस गया और मुठ मारने लगा.

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मुठ मारते हुए मुझे अपनी बहन की नमकीन जवानी और उसके भरे हुए दूध ही नजर आ रहे थे.
आज उसे याद करके मैंने अपना लंड हिलाया तो कसम से बड़ा मजा आया.
झड़ते समय भी आज मेरा माल भी कुछ ज्यादा निकला.

झड़ने के बाद मैं नहाने लगा और नहाने के बाद मैंने रूपा को आवाज लगाई- तौलिया दे दो रूपा!
वो किचन में थी तो बोली- भैया मुझे टाइम लगेगा, आप बाहर निकल कर खुद ले लीजिए.

मैंने कहा- ठीक है.
मैं अपनी गीली चड्डी पहन कर बाहर निकल आया.

तभी मेरी बहन भी आ गई और उसकी नजर मेरी गीली चड्डी में तने लंड पर पड़ गई.

मेरा लंड चड्डी में तम्बू की तरह टाईट था.
यह नजारा देखकर मेरी बहन शर्मा कर चली गई.

चार दिन तक ऐसा ही चलता रहा.
मैं रोज रात में अपनी बहन को देखता रहता.
दिन में मैं कभी उसे बाथरूम में नंगी नहाती देखता, तो कभी किचन में उसकी हिलती गांड देख कर लंड सहला लेता.
साथ ही मैं रोज रात में रूपा के बूब्स को टच करता, उसकी गांड में उंगली डाल देता, कभी लंड को गांड में टच कर देता.

मैं समझने लगा था कि इसकी नींद इतनी गहरी नहीं हो सकती है कि अपनी बुर गांड में उंगली करवाए और जागे ना!

मुझे ये साफ़ लगने लगा था कहीं न कहीं उसको भी सब कुछ मालूम था.
उसका कोई विरोध ना करने के कारण मेरा भी साहस बढ़ गया था.

फिर एक दिन ऐसा भी आ गया कि मुझे मेरी बहन की चुदाई करने का मौका मिल गया.

हमारी रिश्तेदारी में से शादी का कार्ड आया था तो सबको जाना था.
उस दिन संयोग से रूपा का एग्जाम था तो रूपा ने मना कर दिया.

वो बोली- आप सब चले जाइए, मेरा एग्जाम है और मुझको तैयारी करनी है.
इस पर मम्मी बोलीं- ठीक है रूपा तू अपनी पढ़ाई कर. अभिषेक और तुम दोनों भाई बहन घर पर रह जाना.
रूपा बोली- ठीक है मम्मी.

मम्मी बोली- हम लोग 5 या 6 दिनों के बाद आएंगे. अभिषेक तू घर का ख्याल रखना.
मैंने हामी भर दी और मम्मी पापा भाई तीनों चले गए.

मैं बहुत खुश था.

फिर रूपा बोली- भैया मुझे पढ़ाई करनी है. आपको कोई जरूरत हो तो आवाज लगा दीजिएगा.
मैं बोला- हां ठीक है.

मैं टीवी देखने लगा. एक घंटा बाद मुझे भूख लगी, तो मैंने रूपा को आवाज लगाई- रूपा खाना दो.
रूपा बोली- ठीक भैया आती हूँ.

वो खाना लेकर आई और बोली- भैया मुझे भी भूख लग रही है.
मैंने कहा- हां ठीक है, हम दोनों साथ में ही खा लेते हैं.
वह बोली- ठीक है.

हम दोनों खाने लगे.
टीवी पर हॉट मूवी चल रही थी तो रूपा भी देखने लगी.

थोड़ी देर बाद रूपा बोली- भैया, मैं आप से एक बात बोलूं.
मैं- हां बोल न.

रूपा बोली- भैया, क्या आपकी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैं बोला- नहीं, पर तुम आज अचानक यह क्या बोल रही हो.

रूपा बोली- बस यूं ही कुछ नहीं.
चूंकि रूपा अब खुलने लगी थी, तो मैंने भी पूछ लिया कि क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?

मेरी बहन बोली- नहीं, कॉलेज में कई लड़के मुझे लाईक करते हैं, पर मैं किसी को भी लाईक नहीं करती.
मैं बोला- क्यों?

रूपा बोली- भैया मुझे डर लगता है … क्योंकि लड़कों पर मुझे जरा सा भरोसा नहीं है.

अब तक हम दोनों ने खाना खा लिया था.

रूपा बोली- भैया ये जो लड़का टीवी में कर रहा है, क्या आपने कभी किया है?
मैं जानबूझ अंजान बनते हुए बोला- क्या?

वो टीवी की तरफ उंगली करके बोली- वो.
टीवी में एक लड़का लड़की के ऊपर चढ़ा हुआ था और वो दोनों सेक्स कर रहे थे.

ये एक सी ग्रेड की फिल्म थी, तो इस तरह की फिल्मों में सेक्स के सीन कुछ ज्यादा ही भड़काऊ होते हैं.

मैं समझ गया कि ये सेक्स के लिए पूछ रही है. मैं बोला- नहीं.
तो रूपा बोली- भैया झूठ मत बोलिए. आप मुझे आपको हर रोज नहाते हुए देखते हैं, फिर मेरी पैन्टी में न जाने आप क्या कर देते हो.

ये सुनकर मैं एकदम से सन्न रह गया कि ये क्या बोल रही है.

मैं धीमे से बोला- यार मेरी गर्लफ्रेंड नहीं है न … तो इसलिए अपने हाथ से ही मुठ मारके काम चला लेता हूँ.
अब रूपा बोली- भैया, क्यों ना आप मुझको ही अपनी गर्लफ्रेंड नहीं बना लो. आपकी ये कमी भी पूरी हो जाएगी.

उसके मुँह से इतना साफ़ सुनकर मुझको तो अन्दर से बड़ी खुशी हो रही थी.
पर यह सब अपनी बहन के मुँह से सुन कर मुझे कुछ अजीब भी लग रहा था.

मैंने जरा गुस्सा होकर कहा- तुमको शर्म नहीं आ रही है. तुम मेरी बहन हो और हम दोनों भाई बहन हैं.
रूपा सर झुका कर बोली- भैया, प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो.

मैं- रूपा यह ग़लत है, मम्मी पापा को पता चलेगा तो क्या होगा?
रूपा बोली- मगर भैया, ये बात तो सिर्फ हम दोनों के बीच में रहेगी. यह बात मम्मी पापा को कैसे पता चल सकती है.

अब मैंने भी कहा- ठीक है.
मेरा तो पहले से पूरा मन था रूपा को चोदने का.

उसी वक्त रूपा मुझसे लिपट कर बोली- आई लव यू भाई.

उसने मेरे होंठों पर होंठ रख दिए और किस करने लगी.
मैं भी उसका साथ देने लगे.

हम दोनों भाई बहन आपस में एकदम से खो गए. हमारी जीभें आपस में कब लड़ने लगीं, कुछ पता ही नहीं चला.

जल्दी ही हमारे कपड़े अलग होते चले गए और हम दोनों अपने अंदरूनी कपड़ों में रह गए थे.

मेरी बहन रूपा केवल चड्डी और ब्रा में मेरे सामने थी.
मैंने रूपा को नजर भर कर देखा और उसे उठा कर उसकी चड्डी उतार दी और अगले ही पल उसकी ब्रा भी उतार दी.

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अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी.
मैंने अपनी चड्डी उतार दी और पूरा नंगा हो गया.

फिर मैंने अपनी बहन रूपा के मम्मों को मुँह में लेकर चूसना और दबाना शुरू कर दिया.

कुछ देर बाद मैंने अपनी बहन की बुर में मुँह लगा दिया और उसकी चुत के जीभ अन्दर डाल दी.

मैं उसकी बुर चाटने और चूसने लगा.

रूपा कामुक सिसकारियां भरने लगी.
फिर मैंने रूपा को इशारा किया तो वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेने लगी और मस्ती से लंड चूसने लगी.

कुछ देर बाद मेरी बहन जोर जोर से बोलने लगी- आंह भैया … अब नहीं सहा जा रहा है … प्लीज़ जल्दी से अपनी बहन को चोद डालो. अपनी बहन की सील तोड़ दो भाई … अब चोद डालो.

मैं रूपा को गोद में उठा कर मम्मी पापा के कमरे में ले गया और उसे बेड पर लिटा दिया.
वो अपनी टांगों को खोल कर अपनी चुत मसलने लगी.

मैंने पोजीशन बनाई और उसकी दोनों टांगों को फैला कर अपने लंड को बुर में सैट कर दिया.
वो मस्ता रही थी कि जल्दी से पेलो … लंड डाल कर चोदो.

मैंने एक जोर से झटका दे मारा, तो मेरा दो इंच लंड बुर में घुस गया.

अभी लंड ने बुर में एंट्री ली ही थी कि रूपा चीखने लगी- उई दैया रे मर गई … आंह भैया … इसे बाहर निकालो … आंह बहुत दर्द हो रहा है.

मेरी बहन की बुर काफी टाईट थी. उसने अभी तक कभी भी किसी से सेक्स नहीं किया था, बस उंगली ही की थी.

तब मैं बोला- अभी ठीक हो जाएगा रूपा … जरा सब्र कर ये पहली बार है न इसी लिए तुझे दर्द हो रहा है … अगली बार से तुझे बस मजा ही आएगा.

मैंने उसे किसी तरह से समझाया और मुँह पर हाथ रख कर धीरे धीरे लंड चुत में अन्दर-बाहर करने लगा.
ऐसे ही करते करते कुछ मिनट बाद अब रूपा भी चुदाई का मजा लेने लगी.

वो अपनी गांड उठाती हुई जोर जोर से बोलने लगी- आंह भाई मजा आ रहा है … आंह चोद डालो … अपना पूरा लंड डाल दो अपनी छोटी बहन की बुर में … आंह डाल दो पूरा.
ये सुनकर मैं भी अपनी छोटी बहन की चुत को जोर जोर से चोदने लगा.

रूपा ने इस पहली चुदाई में अब तक तीन बार पानी छोड़ दिया और मेरा भी पानी निकलने वाला हो गया था.

मैंने रूपा से कहा- मेरा पानी निकलने वाला है, क्या करूं?
रूपा बोली- पहली धार तो आप मेरी बुर में ही निकाल दो.

मैंने उसे ज़ोर ज़ोर से चोदना चालू किया और मैं उसकी चुत में झड़ गया.

हम दोनों काफी देर से सेक्स कर रहे थे तो काफी थकान हो गई थी.

एक घंटे बाद हम दोनों फिर से चुदाई में लग गए और उस दिन मैंने अपनी बहन की 3 बार चुदाई की.
चुदाई के बाद हम दोनों नंगे ही सो गए.

शाम को 5 बज चुके थे.
तब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि चादर एकदम लाल हो गई थी और रूपा की बुर पर भी खून की पपड़ी जम चुकी थी.

रूपा भी उठ गई थी. वो उठ कर बाथरूम में जाने को हुई तो दर्द के मारे रूपा से चला भी नहीं जा रहा था.

मैं अपनी प्यारी बहन रूपा को अपनी गोद में उठा कर बाथरूम में ले गया.
उधर उसने सुसु की और मैंने अपनी बहन की बुर धोकर साफ़ की.

मैं इस बार उसको अपने कमरे में ले जाकर तौलिया से पौंछ कर बुर में महलम लगाकर कर उसे लेटने के लिए कह दिया.
इसके बाद मैंने मम्मी के बिस्तर की चादर लाकर धोई.

फिर मार्केट से दर्द की दवाई और गर्भनिरोधक दवा लाकर बहन को खिला दी.

शाम हो गई थी तो खाना चाहिए थे. मेरी बहन को दर्द हो रहा था, तो मैं होटल से खाना लेकर घर आ गया.

रूपा अब भी नंगी सोई हुई थी.

मैंने उसे उठाया और दोनों ने मिलकर खाना खाया.

फिर उसे नाईट गाउन पहना कर हम दोनों साथ में ही सो गए.

रात में 2 बजे रूपा जगी और उसने मुझको भी जगा दिया.
फिर से मेरी यंग सिस्टर सेक्स मांग रही थी, उसे चुदास चढ़ गई थी तो उसने मेरे सारे कपड़े खोल दिए और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर जोर जोर से चूसने लगी.

मैंने भी अपनी बहन रूपा के मम्मों को मुँह में लेकर चूसना चालू कर दिया.

फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और कुछ देर बाद मैंने अपना लंड रूपा की बुर पर सैट कर दिया.

लंड अन्दर पेल कर मैंने धीरे धीरे अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया.
वो मचलने लगी तो मैं उसे जोर जोर से चोदने लगा.

उसकी बुर अभी भी टाईट थी, जिसके कारण रूपा फिर से बोलने लगी- दर्द हो रहा है भैया, प्लीज़ धीरे धीरे से चोदो.

मैं भी धीरे-धीरे चोदते चोदते हुए आगे बढ़ा और अपनी रफ्तार तेज कर दी.
अब रूपा भी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी.

इसी तरह हम दोनों ने दो बार चुदाई का मजा लिया.

अब सुबह हो गई थी और रूपा भी ठीक हो गई थी.
उसे मुझसे चुदवा कर अच्छा लगने लगा था.

जब तक मम्मी पापा और भाई नहीं आ गए, तब तक हर रोज रूपा मुझसे चुदवाने लगी.

छह दिन बाद मम्मी पापा भाई भी आ गए तो अब हम दोनों को दिन में चुदाई का मौक़ा नहीं मिलता था.

लेकिन रात में मैं अपनी बहन को रोज 1-2 बार चोद लेता था.

हम दोनों एक ही रूम में सोते थे और रात भर नंगे रह कर चुदाई का मजा लेने लगे थे.

तो दोस्तो, ये मेरी यंग सिस्टर सेक्स स्टोरी आपको कैसी लगी, प्लीज़ कमेंट में लिखकर जरूर बताएं.
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