हमउम्र मौसी के संग रात भर चोदमचोदी

हैलो फ्रेन्ड्स, आप सब कैसे हैं..

मैं अमित अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूँ। मेरी उम्र 20 साल है.. कद 6 फुट 3 इंच है.. एक गौर वर्ण का बन्दा हूँ।
अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ने के बाद मैं भी अपनी एक अपने साथ घटित कहानी बताने जा रहा हूँ।

यह कहानी मेरी और ध्रुविका की है.. ध्रुविका मेरी चाची की छोटी बहन है, उसकी उम्र 22 साल.. फिगर 36-28-38 का.. हाइट 5 फुट 9 इंच।

वो दिखने में बहुत खूबसूरत और सेक्सी माल है।

यह स्टोरी आज से 2 साल पहले की है जब मैं 18 साल का था और ध्रुविका 19 साल की थी।

बात ये है कि मेरे मामा का ऑपरेशन हुआ था तो उन्हें देखने मैं और मेरी चाची गई थीं। उस समय चाचा जा नहीं पाए थे क्योंकि उन्हें बिजनेस के मामले में देहरादून जाना था।

मामा से मिलने के बाद लगभग 5:00 बजे मैं और ध्रुविका घूमने बाइक पर निकले थे।

मैं बाइक तेज चला रहा था.. इसलिए वो मेरे से चिपक कर बैठी हुई थी।

अचानक से मेरे सामने एक गाय आ गई थी.. तो मुझे डिस्क ब्रेक का यूज करना पड़ा.. जिसके कारण मेरी बाइक में ब्रेक लग गए और ध्रुविका के चूचे मेरी पीठ में तो जैसे गड़ ही गए थे।

ये मदमस्त अहसास करके मेरा लंड तो खड़ा ही हो गया था.. पर मैंने किसी तरह कंट्रोल किया।

हम दोनों फ्रेंड जैसे थे क्योंकि मेरे चाचा की शादी को हुए लगभग 10 साल हो चुके थे.. तो इतने सालों में मैं ना जाने कितनी बार ध्रुविका के घर गुड़गाँव घूमने गया था।

खैर.. हम दोनों घूम कर लगभग 9:00 बजे तक घर वापस आ गए।

डिनर के बाद सब लोग सोने के लिए चले गए.. पर मैं और ध्रुविका टीवी देख रहे थे।

थोड़ी देर में उसे नींद आने लगी.. तो वो सोने के लिए अपने कमरे में चली गई।
फिर कुछ देर बाद लगभग 1:35 तक मैं भी चला गया.. कमरे में ए.सी. चल रहा था.. जिसके कारण कमरा बहुत ठंडा हो गया था।

मुझे ठंड लग रही थी तो मैं ज़मीन पर गद्दा बिछा कर लेट गया।
कुछ देर बाद ध्रुविका ने ए.सी बंद करने उठी, मुझे नीचे लेटा हुआ पाया तो उसने मुझे उठाया- अमित ऊपर आ जा..

मैंने कहा- नहीं.. मैं यहीं ठीक हूँ।
उसने कहा- ऐसे अच्छा नहीं लगता।
मैंने कहा- ठीक है.. आ जाता हूँ।

मैं ऊपर आ गया.. अब हम दोनों बातें करने लगे।

कुछ देर बाद उसने मेरे से पूछा- तेरी कोई गर्लफ्रेण्ड है?
तो मैंने कहा- नहीं है।

यूं ही कुछ समय बात करने के बाद हम दोनों सो गए। वो मेरी तरफ अपनी पीठ करके सो गई।

कुछ देर बाद लगभग 3:00 बजे मुझे महसूस हुआ कि मेरा लंड खड़ा है.. तो मैंने देखा कि उसका पैर मेरे लंड के ऊपर चढ़ा है.. और वो सीधी चित्त लेटी हुई है.. उसके चूचे उसकी नाईटी में से निकलने को हो रहे है।
इतने बड़े और लगभग नंगे चूचे तो मैंने अपनी लाइफ में कभी नहीं देखे थे।

मेरा मन कर रहा था कि दबा दूँ.. पर मुझे डर लग रहा था कि कहीं ये चाची को ना बता दे।

उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि वो चुदास के चलते अपने मम्मों को रगड़ते हुए खुले छोड़ कर सो गई है।
मैंने हिम्मत करके उसके मम्मों पर हाथ जमा लिया.. कुछ देर रुका रहा कि वो जाग ना जाए।
जब कुछ भी नहीं हुआ तो मैंने उसके चूचे दबाने शुरू कर दिए।

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वो अचानक से हिली.. मेरी तो फट गई कि अब तो मैं गया.. पर वो अपनी टाँग फैला कर सो गई.. जिससे उसका ढीला सा पजामा उसके घुटनों से सरक कर नीचे को हो गया।

उसकी टाँगों पर बाल नहीं थे.. एकदम चिकनी टाँगें थीं।

फिर मैंने उसके चूचे छोड़ कर उसके पजामे में हाथ डाल दिया और धीरे से उसकी चूत तक पहुँच गया।

मैंने देखा कि उसने पैन्टी भी नहीं पहनी हुई थी, उसकी चूत एकदम साफ थी, उसकी चूत गीली हुई पड़ी थी।

मैंने उंगली उसकी चूत के दाने पर लगाई.. तो वो एकदम से मचली.. मेरे से रहा नहीं गया। मैं उसकी पजामी किसी तरह अपने पंजे से नीचे को खिसकाते हुए उतारने लगा।

कुछ ही पलों के बाद वो एकदम मेरे सामने नंगी पड़ी हुई थी।
वो कुछ इस पोजीशन में थी कि आरामसे लौड़ा चूत से लड़ाया जा सकता था।

अब मेरे से रहा नहीं गया.. मैंने अपना लंबा और मोटा लौड़ा उसकी चूत के मुँह पर रख दिया।

कुछ देर लौड़ा चूत की दरार पर घिसा और माहौल का जायजा लिया।
जब मैं आश्वस्त हो गया कि लाइन क्लियर है तो मैंने एक ऐसा धक्का लगाया कि मेरा टोपा बड़े आराम से उसकी चूत में घुस गया। क्योंकि उसकी चूत गीली थी।

जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत में घुसा.. वो अचानक से जाग गई और उसने कहा- ओह.. अमित ये क्या कर रहा है.. आआहहहह.. दर्द हो रहा है प्लीज़ आहहह अमित मत कर यार.. बहुत दर्द हो रहा है.. मैं मर जाऊँगी मत कर।

मैंने उसके ऊपर पूरी तरह से चढ़ते हुए कहा- बस.. कुछ नहीं होगा मेरी जानेमन.. थोड़ी देर रुक जा।

वो बहुत तेज-तेज रोने लगी.. तो मैं रुक गया और देखा कि उसकी चूत में से खून निकल रहा है।

अब मैं भी डर गया कि मैंने कुछ ग़लत तो नहीं कर दिया।

वो एकदम सील पैक आइटम थी.. लगता था कि उसने चूत में पहली बार लौड़ा लिया था।

कुछ देर बाद वो कुछ शांत हुई और उसका खून रुकना बंद हुआ।

मैंने चूचे सहलाते हुए कहा- अब तो दर्द नहीं हो रहा है?
उसने कहा- तूने ये ठीक नहीं किया।
मैंने कहा- सब ठीक है.. अभी तो ये ट्रेलर था.. पिक्चर तो बाकी है मेरी जानेमन।

यह कहते हुए मैंने उसे फिर से पटक दिया और अपना लंड थोड़ा सा बाहर निकाल कर फिर से पेल दिया।
वो फिर से चिल्लाई.. तो मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से बंद कर लिया।

थोड़ी देर बाद उसको बहुत पसीना आने लगा क्योंकि उसने ए.सी. बंद कर दिया था।
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वो पसीने के मारे लथपथ हो चुकी थी और ऊपर से हम दोनों की जवानी की आग ने इतना कहर मचा रखा था कि मेरे शॉट रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।

वो कामुक सिसकारियां ले रही थी- अहहह.. उईई.. माँआअ.. मर गई.. अहइईई.. तेरा इतना मोटा लंड.. फाड़ेगा क्या मेरी चूत.. उई माँ.. फट गई मेरी चूत.. रहने दे.. प्लीज़..

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मैंने कहा- बस थोड़ी देर और ले ले मेरी जान।

बस फिर थोड़ी देर में हम दोनों एक साथ झड़ गए।

फिर कुछ देर बाद मैंने कहा- अब मुझे तुम्हारी गांड मारनी है.. तो उसने मना कर दिया।
पर मैंने कहा- बस एक बार दे कर तो देख, फिर तुम देखना.. कितना मज़ा आएगा।
उसने कहा- कैसे?
मैंने कहा- एक मिनट रूको.. मैं आता हूँ।

मैं किचन में गया और सरसों का तेल ले कर आ गया।
मैंने तेल अपने लंड पर लगाया और उसकी गांड पर मल दिया।

जैसे ही मैंने उसकी गांड पर लगाया.. तो वो उछल पड़ी। तेल लगते ही मैंने अपना सुपारा उसकी गांड में सैट करके पेल दिया।
लौड़ा घुसते ही वो चिल्लाने लगी- हाय.. मर गई मैं.. फट गई मेरी गांड..

मैंने उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया और बस उसकी गांड मारता रहा।

मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरा लंड आग की भट्टी में घुस गया हो।

उसकी गांड में मैं लगभग 10 मिनट तक लौड़ा पेलता रहा।

पूरा कमरा ‘फच.. फॅक फॅक..’ की आवाज़ से गूँज रहा था। हमें इस शोर से कोई डर नहीं था.. क्योंकि ये कमरा दूसरी मंजिल पर था.. जहाँ कोई नहीं सुन सकता था।

कुछ देर बाद मैंने अपना सारा पानी उसकी गांड में ही निकाल दिया था।
उसने कहा- ये क्या किया।
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा.. गांड में से थोड़ी बच्चा निकलता है।

मैंने उसे उस दिन उसे 3 बार चोदा..

उसने मुझसे कहा- अब सो जाते हैं।
मैंने कहा- एक बार और कर लेते हैं।

तो उसने कहा- नहीं.. बस आज के लिए इतना काफ़ी है।

हम दोनों लगभग 5:00 सुबह के सोए थे सो गए और चूंकि हम दोनों इतना थक गए थे कि दोपहर 1:00 बजे उठे थे।

जब देर से उठे.. तब पता चला कि घर में कोई नहीं है.. सब मामा को ले कर हॉस्पिटल गए हैं.. क्योंकि उनको टांकों में में पस पड़ गया था।

कुछ देर की छेड़छाड़ के बाद हम दोनों फिर से गरम हो गए और मैंने उसे फिर से चोदा।
इस बार उसने भी बहुत मस्ती से चूत चुदवाई।
फिर फ्रेश होने के लिए चले गए, एक साथ नहाते हुए हम दोनों ने एक साथ एक-दूसरे को मसलते और चूमते हुए मजा किया।
उसने मेरा लौड़ा पकड़ कर चूस लिया।
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था कि कोई लड़की मेरा लंड चूस रही है।

लौड़ा चूसने के बाद मैंने उसके एक पैर को पकड़ कर वाशबेसिन पर रख दिया और पीछे से लौड़ा चूत में लगा दिया।
उसने भी चूत खोल कर लौड़े को खा लिया।
दस मिनट तक धकापेल चुदाई करते रहे।

उस दिन के बाद मैंने आज तक कम से कम उसकी 40 बार ली होगी।

अब उसकी शादी हो गई है। उसका पति आर्मी में मेजर है.. तो उसे छुट्टी नहीं मिलती है।

इसलिए ध्रुविका ने मुझे बुलाया है। दोस्तो, मैं आपको यह कहानी अगले कड़ी में बताऊँगा.. आपके मेल का इन्तजार रहेगा।
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