This story is part of a series:
-
keyboard_arrow_left
याराना का चौथा दौर-1
-
keyboard_arrow_right
याराना का चौथा दौर-3
-
View all stories in series
कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि विक्रम और वीना के साथ हम पति पत्नी का याराना शुरू हो गया था, हमने बीवियों की अदला-बदली के खूब मजे लिये. उसके एक सप्ताह बाद जब मेरी पत्नी रीना मेरे पास सोने के लिए आई तो मैंने उससे अहमदाबाद में अपने भाई के साथ चुदाई का किस्सा जानना चाहा. उसने कहा कि मैं अपने साले यानि उसके भाई श्लोक के मुंह से सुनूं तो बेहतर होगा.
अब श्लोक के मुंह से सुनिये अहदाबाद में भाई-बहन की चुदाई वाले याराना की घटना.
श्लोक- हमारे यहां अहमदाबाद आने के बाद बिजनेस का सारा भार मुझ पर था। मुझे ऑफिस के मालिकाना कार्य भी करने थे तथा मैनेजमेंट भी संभालना था। बिजनेस के सिलसिले में बड़े-बड़े लोगों से मीटिंग करनी पड़ती थी. इतना सारा काम एक अकेले आदमी से नहीं हो सकता था। जिस तरह आपने अपनी सहायता के लिए मेरे स्थान पर वहां विक्रम को बुला लिया था ताकि वह मैनेजमेंट का काम देख कर आपका भार हल्का कर सके मुझे भी यहां पर एक मैनेजर की जरूरत थी।
अतः मुझे मेरे कॉलेज के समय के पक्के दोस्त नील की याद आई जो कि मुंबई में किसी बड़ी कंपनी में इसी तरह का कार्य कर रहा था। अतः मैंने उसे अपनी कंपनी छोड़ कर हमारी कंपनी में शामिल होने का ऑफर दिया क्योंकि वह जिस कंपनी में कार्य कर रहा था उस कंपनी का नाम हमारी कंपनी से बहुत बड़ा था.
उसने पहली बार में तो मुझसे अपनी कंपनी में शामिल होने से मना कर दिया किंतु दूसरी बार उसे मैंने अच्छा पैकेज ऑफर किया जो कि उसके वर्तमान वेतन से करीब 50000 रूपये महीना ज्यादा था। ऊपर से अहमदाबाद में रहना मुंबई में रहने से सस्ता था. अतः उसने यह ऑफर स्वीकार कर लिया।
नील ने अपनी पुरानी कम्पनी को त्याग पत्र तो दे दिया किंतु उसे उसकी कम्पनी ने छोड़ा नहीं। उसे दो महीने तक ऑफ़िस में न सही किन्तु इन्टरनेट पर उपलब्ध रहने की शर्त पर छोड़ा गया। अतः वह हमारे साथ अहमदाबाद तो रह सकता था किंतु दो महीने तक अपना समय मेरी कम्पनी को नहीं दे सकता था।
इसी के चलते नील और मेरे बीच में यह पक्का हुआ कि दो महीने जब तक वह हमारी कम्पनी के काम के बारे में समझ नहीं जाता, वह मेरे ही साथ मेरे ही फ्लैट में रहेगा ताकि शाम के समय तथा छुट्टी के दिन उसे बिना कहीं आने जाने की जरूरत के कम्पनी के बारे में समझने का मौका मिल जाए।
अब आपको नील के बारे में बताता हूं।
नील 30 वर्षीय सुंदर, गोरे रंग वाला जवान है जिसकी शादी 3 साल पहले 28 वर्षीय रकुल से हुई थी। वे दोनों ही पति-पत्नी घरवालों से दूर मुम्बई में रहते थे क्योंकि नील की नौकरी मुम्बई में ही थी।
कॉलेज में साथ होने के कारण और आपस में पक्के दोस्त होने से हमें एक दूसरे की बेहद करीबी बातें पता थीं जोकि जरूरत होने पर मैं आपको बताता जाऊंगा।
अहमदाबाद में मैंने 2 बेडरूम वाला फ्लैट ले लिया था क्योंकि मुझे लगा कि जब भी आप लोग या घर से माता-पिता यहां मिलने आया करेंगे तो आसानी से रह सकेंगे। अतः कुछ दिन के लिए हमें अपना फ्लैट नील और रकुल के साथ बांटना था।
इससे पहले मैंने नील की बीवी रकुल को वास्तव में देखा नहीं था तथा उसके फेसबुक और वाट्सएप पर ही फोटोज़ देखे थे। रकुल दिखने में काफी सुंदर थी।
फिर वह दिन आ ही गया जिस दिन नील और रकुल हमारे घर रहने के लिए आए।
मैं और सीमा दोनों ने बड़े अच्छे मन से उनका स्वागत किया। सीमा खुश थी कि उसे यहाँ एक नई दोस्त मिल रही है।
हम चारों हालांकि शादी के बाद पहली बार मिले थे लेकिन चारों की गर्मजोशी से लग रहा था कि सारे काफी खुश हैं।
सीमा के बारे में तो आपको पता ही है। लम्बी टाँगें, पतली कमर, जीरो फिगर वाली मेरी बीवी सीमा, जिसे देखते ही कृति सेनन की याद आती है।
रकुल भी बेहद सुंदर थी। गोल सा सुंदर चेहरा, कद काठी में बिल्कुल जैसे अभिनेत्री रकुल प्रीत। नाभि के नीचे साड़ी बांधकर और लाल रंग के ब्लाउज में वह कयामत लग रही थी। उसके वस्त्र उसके आकर्षक शरीर को छुपा कम और दिखा ज्यादा रहे थे।
चारों ने मुस्कान के साथ एक दूसरे का अभिवादन किया और सीमा ने रकुल को उनका नया कमरा दिखाया। फिर दोनों को फ्रेश और सहज होने के लिए अपने हाल पर छोड़ दिया। सीमा ने चारों के लिए खाना बनाया और शाम के खाने के वक्त हम चारों खाने की टेबल पर मिले. यह हमारे बीच में पहला मौका था जब चारों औपचारिकता को छोड़कर बातचीत शुरू करने वाले थे।
रकुल- सीमा आप अकेले क्यों परेशान हुई? मुझे भी आपकी मदद के लिए आना चाहिये था।
सीमा- नहीं, आप आज सफर की थकान मिटा पाओ, वही काफी है।
श्लोक- कैसा लगा फ्लैट और आपका कमरा? आर यू कम्फर्टेबल? (तुम्हें कोई परेशानी तो नहीं है?)
नील- फ्लैट काफी अच्छा है. कंफर्ट की चिंता मत करो आप. यह मेरे मुंबई वाले फ्लैट से ज्यादा कंफर्टेबल है।
श्लोक- और रकुल आपको कैसा लगा?
रकुल- अच्छा है लेकिन एडजस्ट होने में थोड़ा समय लगेगा। मुझे खुशी है कि सीमा यहां पर है। हम दोनों नए दोस्तों की अच्छी कटेगी।
श्लोक- वैसे नील बहुत होशियार है, उसे इतनी सुंदर बीवी मिली इसीलिए उसने मुझे शादी में नहीं बुलाया।
नील हंसते हुए- नहीं यार, ऐसी बात नहीं है. किसी पारिवारिक मजबूरी की वजह से शादी एकदम से करनी पड़ी. मैंने तो खुद रकुल को शादी से पहले देखा नहीं था।
सीमा- ऐसे कैसे हुआ?
नील- बस दादा जी का अंतिम समय आने वाला था और उन्होंने अपनी इच्छा रख दी कि जल्दी से जल्दी नील की शादी करवाओ. अतः आनन-फानन में हम दोनों की शादी हुई।
श्लोक- वाह यार नील, बिना देखे भी तुम्हारी किस्मत तो चमक गई. तुम देख कर भी शादी करते तो भी रकुल से ज्यादा खूबसूरत लड़की तुम्हें नहीं मिलती।
इस पर हम चारों हंसने लगे।
नील- सही कहा श्लोक, शादी होने से कुछ समय पहले ही सुना था कि रकुल बहुत खूबसूरत है लेकिन मुझे मलाल था कि मैं बिना किसी को देखे कैसे किसी से शादी कर सकता हूं, लेकिन शादी के बाद जब मैंने रकुल को सुहागरात के समय देखा तो मेरी सारी शिकायतें दूर हो गईं।
इस पर हम चारों फिर हंसने लगे।
रकुल- बस भी करो नील।
सीमा- नहीं यार रकुल। बहुत ही क्यूट चेहरे वाली हो तुम।
नील- वैसे तेरी शादी में ना आने का मुझे काफी मलाल है श्लोक। कहां से ढूंढी ये कृति सेनन की जुड़वा बहन?
श्लोक- बस नसीब अपना-अपना!
चारो फिर हंसने लगे।
चारों के बीच दोस्ताना वाला माहौल बन चुका था और समय गुजरने लगा था। शाम को हम चारों जब भी फ्री रहते मस्ती मजाक करते थे, खेल खेलते थे। कभी बाहर खाना, कभी सिनेमा देखने जाना। जीवन बड़े मजे से चल रहा था।
नील अपनी पुरानी कम्पनी को अब कम समय देकर हमारी कम्पनी को समय देने लगा था और कम्पनी के बारे में समझने भी लगा था।
विदेश में हमने साथ पढ़ाई की थी और जैसा कि आपको बताया था वहां हम गोरी वेश्याओं के पास भी जाते थे। कभी अपने फ्लैट में बुलाकर चुदाई करते थे. कभी जब पैसे कम होते थे तो दोनों पूरी रात एक ही वेश्या के साथ पूरी रात चुदाई करते थे।
वहीं से मुझे पता चला था कि नील का लन्ड सामान्य लन्ड से काफी बड़ा है। उसका लिंग करीब साढ़े 9 इंच लम्बा और अच्छा चौड़ा था। इधर मेरी लम्बी चुदाई वाली खूबी का भी उसे पता था। हम जब भी किसी वेश्या को बुलाते तो वह जाते वक्त हमेशा कहती थी कि तुम जैसे पैसा वसूल करते हो वैसे आज तक किसी ग्राहक ने नहीं किया।
एक शाम हम दोनों हमारे विदेश के पुराने दिन याद कर रहे थे कि कैसे हमने वहां मजे किए।
नील- यार बड़े मजे किए हमने. वो दिन भी काफी याद आते हैं। बड़ी बड़ी एस्कार्ट हमसे परेशान थी।
श्लोक- हां यार, क्या दिन थे वो भी।
नील- साले तेरा तो ऑर्गाज़्म भी बड़ी मुश्किल से होता था।
श्लोक- और तेरा लम्बा लन्ड देख कर कोई भी वेश्या पैसा बढ़ाने की मांग करती थी।
दोनों जोर से हंसने लगे।
नील- और बता कैसा है तेरा वैवाहिक जीवन? सीमा कैसे झेलती है तुझे?
श्लोक- हां-हां। वैसे ही जैसे तेरे लम्बे तगड़े लन्ड को रकुल झेलती है।
नील- उसे तो आदत हो गयी है मेरे लन्ड की। मजे से चल रहा है जीवन। पूरी लम्बाई वसूल करती है।
श्लोक- और सीमा भी लम्बे समय तक चुदाई को वसूल करती है।
नील- अच्छा चल एक बात कहता हूं। जब तूने मुझे तेरी इस कम्पनी का इतिहास सुनाया कि ये कैसे शरू हुई और कैसे इतनी बड़ी हुई तो सब ऐसे लग रहा था कि जैसे सब पहले सुना हुआ हो। जाना पहचाना हो कि कैसे एक गाँव से बढ़कर ये एक शहर में आई और कैसे जीजा-साले ने इसे इस मुकाम पर पहुंचाया। इस कम्पनी के मालिक भी तो तुम्हारे जीजा ही हैं!
श्लोक- हां … लेकिन तुम्हें सब जाना पहचाना क्यों लगा?
नील- मैंने भी ये सोचा मगर समझ नहीं आया. फिर एक दिन अचानक से याद आया कि यह कहानी तो मैंने अन्तर्वासना पर पढ़ी है।
श्लोक – मैं कुछ समझा नहीं।
फिर नील ने मुझे अन्तर्वासना खोल कर याराना और भाई-बहन, जीजा-सलहज का याराना पढ़ाई।
श्लोक राजवीर से- सच बताऊं तो जीजाजी, मुझे नहीं पता था कि आपने अपने साथ घटी हुई घटनाओं को कहानी बनाकर किसी सेक्स कहानी वेबसाइट पर डाला हुआ था। बस नाम बदल कर हूबहू वही बातें और वही घटनाएं जो हमारे साथ हुईं।
मुझे उस वक़्त आप पर बहुत गुस्सा आया कि आपने इसे कहानी बना कर पूरी दुनिया को परोस दिया और मैंने आनन-फानन में नील से मना किया कि ये हम नहीं है। केवल इत्तेफाक से इस कहानी और कम्पनी की शुरुआत में समानता है. फिर मैं अपने कमरे में आ गया।
मैंने रीना दीदी से इसके बारे में फोन पर बात की और बात करने पर पता चला कि उन्हें आपके याराना कहानी लिखने का पता है।
उन्होंने मुझे समझाया और सामान्य होने में भी मदद की क्योंकि इससे हमारे वास्तविक जीवन पर कोई प्रभाव नहीं था. बात भी सच ही लगी क्योंकि वास्तविक पहचान बदली हुई थी।
लेकिन जो सवाल नील का था उसका सही जवाब देना मुश्किल काम था क्योंकि उस कहानी में मैंने अपनी बहन के पति के साथ अदला-बदली करके चुदाई की थी। मैं कैसे स्वीकर करता कि मैं बहनचोद हूं और मेरी बीवी सीमा ने भी मेरे जीजू के साथ चुदाई की है! मगर नील के साथ गहरी दोस्ती ने यह असलियत उसके सामने स्वीकार करना आसान किया।
अब नील पुरानी कम्पनी पूरी तरह से छोड़कर मेरे साथ हमारी कम्पनी में आ गया था। हम अपनी तरह एक ही केबिन में बैठते थे।
श्लोक- नील! आज एक दोस्त से मैं अपना राज बांटने जा रहा हूं। वह याराना वाली कहानी हमारी ही है … भाई बहन जीजा सलहज की चुदाई तक!
राजवीर के शब्दों में-
पाठकों को बता दूं कि यह घटना होने तक याराना का तीसरा दौर अन्तर्वासना पर नहीं डाला गया था क्योंकि इसी वक्त वीना-विक्रम वाला किस्सा जो कि याराना का तीसरा दौर में लिखा गया है, मेरे और रीना के जीवन में घट रहा था।
नील यह सुनकर आश्चर्य चकित हो गया। कुछ देर चुप रहने के बाद बोला- वाह यार… श्लोक क्या मजे किए हैं जीवन में तुमने! मैंने जब अन्तर्वासना पर याराना कहानी पढ़ी थी तो सच में मन में आया था कि लाइफ हो तो ऐसी। जब कहानी इतनी उत्तेजक थी तो असल में क्या माहौल रहा होगा यार!
यह बोलते-बोलते नील तालियां बजाने लगा और खुशी से मेरे गले लग गया फिर बोला- मेरी प्रिय कहानी के चरित्र को सामने देखकर आज मजा आ गया। यार जो मैं मुंबई जैसे बड़े शहर में न कर सका तुमने जयपुर में कर लिया।
श्लोक- नहीं कर सका मतलब? क्या तुम भी वाईफ स्वैपिंग के शौकीन हो?
नील- हाँ, याराना पढ़कर ही तो मन में ये ख्वाब पाल लिया। वाह रे मेरी किस्मत, याराना के चरित्र से ही मेरा साक्षात्कार हो गया। सीमा को देखकर लगता नहीं कि वो भी याराना की यार है। वाह यार श्लोक…
श्लोक- तो अब क्या इरादा है जनाब?
नील- यार जो मजा सबकी रजामंदी से बीवी बदलकर चुदाई करने में है वो किसी भी तरह की चुदाई में नहीं। बस अब तो हमें भी याराना का यार बना ले।
श्लोक- मतलब मेरी बीवी सीमा पर नजर थी तुम्हारी? कमीने दोस्त!
नील- नहीं यार, नजर तो नहीं थी लेकिन बात माननी पड़ेगी कि सीमा गजब का माल है। हम भी तो देखें कि कितनी नमकीन है हमारी कृति सेनन? और चिंता मत करो, रकुल प्रीत की चुदाई करना भी तुम्हारे लिए फायदे का ही सौदा है।
श्लोक- तो रकुल मेरा लन्ड घण्टे भर तक ले तो लेगी न?
नील- हां … बिल्कुल वैसे ही जैसे सीमा मेरा लम्बा लन्ड अपनी चूत में ले लेगी।
दोनों का ही लंड एकदम सख्त हो गया था. माहौल ही ऐसा हो चला था. एक दूसरे की बीवियों के बारे में ऐसी बाते करने से हमारा लन्ड फनफना गया था।
ये सच था कि एक दूसरे की बीवियों को चोदने के लिए हम काफी उत्तेजित हो गए थे।
मुझे नहीं पता था कि सच्चाई बताने का प्रभाव ऐसा होगा कि हम दोनों बीवी की अदला बदली की बात के लिए इतनी जल्दी बात पक्की कर लेंगे।
श्लोक- तो क्या आज हमें अपनी बीवियों से इस बारे में बात करनी चाहिए?
नील- नहीं यार … सीमा के लिए भले ही ये अजीब न हो पर रकुल के लिए ये सब नया है। सीमा ने ये पहले किया है लेकिन रकुल से तो इस बारे में बात करने की मेरी हिम्मत भी नहीं है।
मैं(श्लोक)- सीमा ने भले ही पहले किया हो लेकिन उसके साथ भी इसके लिए बात करना आसान नहीं है।
नील- तो फिर हमें क्या करना चाहिए?
श्लोक- वही जो बिना प्लान किए हो सकता है।
नील- क्या मतलब!
श्लोक- मतलब तुम सीमा को पटाओ और मैं रकुल को। वो भी ऐसे कि हमारी बीवियों को इसके बारे में पता न चले। अगर वो शिकायत भी करेंगी तो अपने पतियों से ही तो करेंगी और हम तो हैं ही खलनायक!
दोनों हंसने लगे।
नील- मतलब हम अलग-अलग दोनों को चोद लेंगे पटा कर? अदला बदली भी हो जाएगी और उन्हें पता भी नहीं चलेगा?
श्लोक- नहीं। केवल पटा लेते हैं। चुदाई तो बताकर ही करेंगे क्योंकि मेरे राजवीर जीजू कहते हैं कि ‘जो मजा बीवियों को उनकी मर्जी से बदलकर चुदाई करने में है वो मजा और किसी में नहीं।’
तो प्यारे पाठको, शुरू होने वाला है मजेदार खेल। मेरे साले श्लोक ने अपने दोस्त नील के साथ मिल कर क्या प्लान किया और कैसे उन्होंने अपनी बीवियों की अदला-बदली की, जल्द ही आपको कहानी के अगले भाग में रोमांचक ढंग से परोसा जायेगा.
आप लोग बने रहिये अन्तर्वासना के साथ और पढ़ते रहिये यारों का ये सेक्सी याराना. साथ ही अपना प्यार अपने मैसेज और कमेंट के जरिये हम तक पहुंचाना न भूलें. सभी को मेरे खड़े लंड से नमस्ते!
[email protected]