मैं अपने यार से होटल में चुद आयी

मेरे प्यारे दोस्तो, अंतर्वासना पर मेरी चुदाई कहानी में आपका स्वागत है. मेरा नाम रश्मि है, मैं दिल्ली से हूं. मैं एक हाउसवाइफ हूं, मेरी उम्र 29 साल है.

मैं एक भरे हुए बदन की औरत हूं. मेरे बूब्स का साइज 32″ है और हिप्स का आकार 36″ है.
तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मैं कैसी दिखती हूं.

मैं आज आपको अपनी एक सच्ची सेक्स कहानी बताने आई हूं.

मैं अंतर्वासना पर बहुत समय से कहानियां पढ़ रही हूं. मुझे कहानी पढ़ने में बहुत मजा आता है. मैं अंतर्वासना पर कमैंट्स भी पढ़ती हूं.

एक बार मैंने एक कमेंट का रिप्लाई किया जो किसी कहानी के नीचे होते हैं. उसके उत्तर में एक लड़के का कमैंट आया।
वह लड़का बहुत अच्छा था. उसके चैट करने के तरीके से ही मुझे भी काफी अच्छा लगा.

उस दिन हमारी कुछ बातें हुई. उस लड़के ने मेरे बारे में पूछा. मैंने उसके बारे में पूछा.

फिर हम लोगों ने अपने नंबर एक्सचेंज कर लिए. क्योंकि वह बहुत अच्छा था इसलिए मुझे उसे नंबर एक्सचेंज करने में कोई परेशानी नहीं हुई.
दोस्तो, यह सच्ची कहानी है जो मेरे साथ घटी है.

उसकी प्यारी बातों से मुझे अनजान उस पर पूरा भरोसा हो गया.

फिर हमारी और बातें होने लगी. हम बहुत गंदी गंदी बातें करते लगे.

एक दिन उसने मुझसे कहा- भाभी, मुझे आपसे मिलना है।
क्योंकि मुझे वह बहुत अच्छा लगा था तो मैंने उसे मना नहीं किया. मैंने उसे कहा- ठीक है, आप होटल बुक कर लेना, मैं आ जाऊँगी.

एक दिन टाइम निकाल कर मैंने उसे फोन करके कह दिया कि मैं मिलने आ रही हूँ. उसने होटल बुक करके मुझे बता दिया.

मैं उससे मिलने के लिए होटल में चली गई.

होटल में वह मुझे देखते ही पागल सा हो गया और मुझसे कहा- भाभी, मैं आपको टूट कर प्यार करना चाहता हूं.
मैंने उससे कहा- यार … अभी मैं आपकी हूं, जो चाहे करो.

वो मुझे रूम में ले गया. जाते ही उसने गेट बंद किया और बहुत तेजी से मेरी साड़ी उतार दी. वो तो जैसे मेरे नंगे जिस्म से खेलने के लिए, मेरी चूत चुदाई के लिए बेताब था.

मैंने काली ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी तो उनमें मेरा गोरा बदन में बहुत चमक रहा था. वह ब्रा पेंटी में मुझे देखते ही मुझसे चिपक गया और मेरे होंठों को चूसने लगा.

मैं भी गर्म होने लगी थी. मैंने भी अपने हाथ उसके कंधे पर रख दिया और किस करने लगी. हम दोनों एक दूसरे में खो गए.
फिर उसने मुझे बेड पर पटक दिया और मेरी ब्रा और पेंटी को भी मेरे बदन से अलग कर दिया और सीधा मेरे बूब्स चूसने लगा.

मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था क्योंकि हम दोनों दोस्त थे तो मुझे कोई परेशानी नहीं थी उसके साथ सेक्स करने में!

वह मेरे बूब्स को अपने दोनों हाथों से बहुत तेज तेज दबा रहा था चूस रहा था। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, नीचे मेरी चूत में आग लगी हुई थी, वह पानी छोड़ छोड़ कर गीली हो गई थी.

फिर वह मेरे पेट पर किस करते हुए मेरी चूत तक चला गया और मेरी चूत को चाटने लगा. मेरी क्लिट को चूसने लगा.
मुझे चूत चटवाना बहुत अच्छा लगता है तो मैंने अपनी दोनों नंगी टांगें उसकी कमर पर रख ली और वह अंदर तक मेरी चूत को चूसने लगा.

बहुत देर तक ऐसे ही चूसने के बाद जब मेरी चूत पूरी गीली हो गई तो उसने मुझसे कहा- भाभी, अब आप मेरा लौड़ा चूसो।
मैं बहुत गर्म हो गई थी तो मैंने उसे मना नहीं किया और उसका लौड़ा पहले तो अपने हाथ में लेकर सहलाया, उसके सुपारे पर जीभ फिरायी, फिर उसे अपने होंठों में दबा लिया और चूसने लगी.

मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैंने उसके लोड़े को चूस चूस का पूरा गीला कर दिया. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मेरी चुत लंड लंड पुकार रही थी तो मैंने उसे कहा- यार अब तू मेरे ऊपर आ जा.

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फिर उसने मुझे सीधा लेटाया और मेरी चूत की दरार में अपना लंड रगड़ने लगा. मजे के कारण मेरी सांसें तेज चलने लगी. मैं उसकी कमर पर अपने नाखून गड़ाने लगी. मुझे बहुत मजा आ रहा था.

मैंने उसे कहा- मादरचोद, तू अब मेरी चूत में अपना लौड़ा घुसायेगा भी या बाहर ही माँ चुदवाता रहेगा?

मेरी गालियाँ सुन कर उसे जोश आ गया और उसके मेरी चूत के छेद में लंड टिका कर एक धक्का मारा और एक बार में ही उसका पूरा लंड अंदर था. मुझे थोड़ा दर्द सा हुआ तो मेरे मुख से सिसकारी निकल गयी- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
मजा आ गया था.

वो मुझे उचक उचक कर चोदने लगा और मुझे मेरी चूत में एक एक धक्के का अहसास हो रहा था।

और मैं ऐसे ही उसकी बांहों में झड़ गई। क्योंकि मैंने बहुत समय से सेक्स नहीं किया था इसलिए मैं जल्दी ही झड़ गई।

लेकिन अभी उसका पानी निकलना बाकी था इसलिए वह और तेज धक्के मारने लगा. अब मुझे थोड़ा दर्द होने लगा था। तो मैं अब उसकी बांहों में छटपटाने लगी। मेरे छटपटाहट को देखकर वह जल्दी झड़ गया और उसने अपना सारा वीर्य मेरी चूत की गहराई में निकाल दिया.

मैंने उसको अपने सीने से चिपका लिया. कुछ देर तक हम ऐसे ही एक दूसरे से चिपके हुए लेटे रहे।

फिर 15-20 मिनट बाद उसका लंड फिर से खड़ा हो गया और उसने मुझे दोबारा अपना लंड चूसने को कहा.

मैं फिर से उसका लंड चूसने लगी और अपने दोनों हाथ उसके टट्टों पर फिराने लगी।

उसका लंड पूरा टाइट हो गया था तो उसने मुझे अपने ऊपर आने को कहा.

मैं उसके ऊपर बैठकर उसका लंड अपनी चूत में ले लिया और धक्के मारने लगी.
ऐसे में मुझे भी बहुत मजा आ रहा था क्योंकि एक तो लंड चूत में था और दूसरा वह मेरे बूब्स नीचे से चूस रहा था।

पूरे कमरे में हम दोनों की ही मादक सिसकारियां गूंज रही थी. पूरा कमरा चुदाई की आवाज से गूंज रहा था.

कुछ देर इसी पोजीशन में मेरी चूत चुदाई करने के बाद उसने मुझे घोड़ी बनने को कहा. मैं उसके लिए बेड पर घोड़ी बन गई और उसने फर्श पर खड़े होकर पीछे से अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया.

वो मुझे घोड़ी बनाकर चोदने लगा, मेरी कमर पर किस करने लगा, मेरी नंगी कमर पर अपने हाथ फिराने लगा।

ऐसे में मुझे भी बहुत मजा आ रहा था. बीच बीच में वो हाथ आगे लाकर मेरी चूचियों को भी पकड़ कर मसल देता था जिससे मुझे बहुत आनंद आ रहा था.

वो मेरे नंगे चूतड़ों पर हल्के से थप्पड़ मारता जिससे मुझे बहुत मजा आ रहा था।

फिर उसने कहा- भाभी मुझे मजा आने वाला है.
तो मैंने उसे कहा- इस बार मेरे चूतड़ों पर अपना पानी निकाल दो.
उसने लंड चूत से बाहर निकाल कर मेरे हिप्स पर अपना सारा पानी निकाल दिया।

फिर हम थक कर लेट गए.

कुछ देर बाद हमने खाना मंगवाया और खाना खाने के बाद हम एक बार फिर से तैयार थे सेक्स करने के लिए!
मुझे भी सेक्स बहुत पसंद है इसलिए मेरा भी फिर से चूत चुदाई का मन करने लगा था।

मैंने उसके सोए हुए लंड को जगाने की कोशिश की. मैंने उसका लंड चूसना शुरू कर दिया था ताकि लंड जल्दी खड़ा हो जाए और मेरी जमकर चुदाई करे.

धीरे-धीरे लंड ने अपना आकार ले लिया और वह जोर से मेरे मुंह को चोदने लगा. सारा थूक उसके लंड पर लिपट रहा था.

कुछ देर लंड ऐसे ही चूसने के बाद मैंने उसका लंड अपने मुंह से निकाल दिया और उसे मेरी चुदाई करने को कहा.

उसने मुझे फिर से घोड़ी बनाया और मेरी गांड पर क्रीम लगाई. फिर अपना लंड मेरी गांड में डालने लगा. मुझे शुरू में थोड़ा दर्द हुआ मैंने उसे मना भी किया लेकिन वो नहीं रुका.
थोड़ी कोशिश करने के बाद उसका पूरा लंड मेरी गांड में चला गया।

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कुछ देर तो दर्द हुआ लेकिन फिर मुझे मजा आने लगा और मैं पूरे जोश से उसका साथ देने लगी. वह मेरी कमर पर दांतों से काट खा जा रहा था जिससे मेरी सारी कमर लाल हो गई थी और उसके दांतों के निशान बन गए थे।

और हम गंदी गंदी बातें भी कर रहे थे.
उसने मुझसे कहा- भाभी, आपके जैसी सेक्सी भाभी मुझे कभी नहीं मिली.
तो मैंने उससे कहा- आपके जैसा अच्छा इंसान भी मुझे कोई नहीं मिला.

और फिर हम जमकर चोदन करने लगे.

फिर उसने अपना लंड मेरी गांड में से निकाल कर मुझे अपना लंड चूसने को कहा।
शुरू में मैंने उससे मना किया लेकिन उसकी जिद करने पर मैं अपनी गांड से निकला हुआ लंड मुंह में लेकर चूसने लगी. वह अपने हाथ से मेरे सर को दबाकर अपना लंड पूरा मेरे मुंह में डाल देता जिससे बहुत सारा थूक आ जाता था.

फिर उसने मुझे सीधा लेटा कर मेरी चूत में फिर से अपना लंड डाल दिया.

सच कहूं तो वह दिन मेरी जिंदगी का बहुत अच्छा दिन था क्योंकि वह मुझे बहुत अच्छे तरीके से चोद रहा था जैसे हमेशा से मैं चाहती थी.

अन्तर्वासना से मिला मुझे मेरा वह दोस्त मुझे सेक्स के बहुत मजे दे रहा था।

बहुत देर तक मेरी चूत को ऐसे ही चोदने के बाद मेरी चूत लाल हो गई थी और अब मुझे दर्द भी होने लगा था तो मैंने उससे कहा- प्लीज बेबी, अब जल्दी कर लो! अब मुझसे और नहीं हो रहा.
तो उसने और तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए जिससे मुझे और दर्द होने लगा और मैं चिल्लाने लगी.

मुझे चिल्लाती देख एक बार फिर से वो मेरी चूत में झड़ गया और मैंने उसे अपने सीने से चिपका लिया. हम दोनों की सांसें बहुत तेज चल रही थी और एक दूसरे को अपनेपन का अहसास करा रही थी.

बहुत देर तक हम ऐसे ही लेटे रहे आराम करते रहे.

फिर मैं नहाने चली गई तो उसने मुझसे कहा- बेबी मैं भी चलता हूं.
हम दोनों साथ में नहाए और नहाकर मै वापिस अपने घर आने के लिए तैयार हो गई.

तो उसने मुझसे कहा- भाभी, आप मेरा साथ कभी मत छोड़ना.
मैंने उससे कहा- अगर मैं साथ छोड़ने वाली होती तो मैं तुमसे कभी नहीं मिलती और कभी भरोसा नहीं करती.
और मैं उसकी तरफ देख कर मुस्कुरा दी।

लेकिन फिर उसने मुझसे कहा- मुझे आपसे एक काम है।
मैंने कहा- क्या … बोलो?
“आप जाते जाते एक बार मेरा लंड चूस कर जाओ. मेरा बहुत मन कर रहा है.”

मैंने उससे कहा- डीयर, मैंने तो अब कपड़े भी पहन लिए हैं.
उसने मुझसे कहा- नहीं, ऐसे ही कर दो प्लीज!

तो मैं नीचे अपने घुटनों पर बैठ कर उसका लंड चूसने लगी और बहुत देर तक ऐसे ही लंड चूसती रही।

बहुत देर तक चूसने के बाद वह मुठ मारने लगा और मेरे मुंह पर ही उसने सारा पानी निकाल दिया।
मैंने एक टिशु से अपने चेहरे को पौंछ लिया.
वो बोला- भाभी, मुंह दो लो.
मैं बोली- नहीं … आज मैं ऐसे ही घर जाऊँगी.

उसने मुझे थैंक्स कहा।

मैं जानती हूं कि आज के समय में भरोसा करना मुश्किल है लेकिन कभी-कभी आपको वह मिल जाता है जो आप दिल से चाहते हैं।
मुझे भी थोड़ा भरोसा करने लायक एक दोस्त मिल गया था.

दोस्तो यह थी मेरी एक सच्ची सेक्स की कहानी जो मैंने आप अंतर्वासना पर लोगों के साथ शेयर की.
आपको मेरी होटल में चुदाई की कहानी कैसी लगी? कृपया मुझे यह मेल कर के जरूर बताएं. मैं अपना ईमेल आईडी दे रही हूं।
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