चिकने पहाड़ी लड़कों की गांड मारी

Xxx गांड हिंदी स्टोरी में पढ़ें कि एक अमीर आदमी की बीवी उसे छोड़ गयी तो उसे लड़कों की गांड मारने की लत लग गयी. वो चिकने लड़कों को लड़की बनाकर चोदता था.

यह दो दोस्तों की सच्ची Xxx गांड हिंदी स्टोरी है. उनके नाम रवि और मोहन थे.

रवि से मेरी दोस्ती शहर की चाय की दुकान में हुई थी, जहां वह काम करता था. रवि चाय की दुकान की नौकरी छोड़कर कहां चला गया, किसी को नहीं मालूम था.

एक दिन अचानक मेरी रवि से मुलाकात दूसरे शहर में हुई.

मैंने उससे पूछा- तुम अचानक कहां चले गए थे, अब क्या करते हो?
रवि ने ये तो बताया कि वो क्या काम करने लगा है मगर यह नहीं बताया कि वो अभी कहां रहता है.

मेरे पूछने पर उसने अपने जीवन की पूरी कहानी बताई.
उसकी सहमति से मैं ये सेक्स कहानी आपके लिए लिख रहा हूँ.

रवि पहाड़ी इलाक़े के गांव में पैदा हुआ. अन्य पहाड़ी लड़कों की तरह उसका बदन गोरा और चिकना था. शरीर पर बाल बहुत कम थे.

गांव में आमदनी के साधन सीमित थे.
12वीं तक पढ़ाई करने के बाद उसने नौकरी की तलाश शुरू की.

उसने अपने गांव के दोस्त मोहन से संपर्क किया.
मोहन शहर में एक कारखाने में काम करता था.

रवि शहर जाकर मोहन से मिला.
मोहन कारखाने के पास ही रहता था.

उसने बताया कि ये कमरा कारखाने के मालिक का है, वह उससे किराया नहीं लेता है.

रवि ने मोहन से कारखाने में काम करने की इच्छा जताई.
तो मोहन ने उससे कहा कि वो रवि की नौकरी की बात कारखाने के मालिक विशाल से करेगा. बस एक शर्त है, विशाल को पहाड़ी चिकने लड़के बहुत पसन्द हैं. विशाल उसकी गांड मारता है. रवि को भी गांड मरवानी पड़ेगी.

रवि ने कभी गांड नहीं मरवाई थी. उसने मोहन से पूछा- सुना है, बहुत दर्द होता है?
मोहन बोला- हां पहले पहले दुखता है, बाद में मज़ा आता है. मैं तुझे सिखा दूँगा. मालिक कंडोम लगाकर ही चोदते और लंड चुसवाते हैं, बीमारी का ख़तरा भी नहीं है.

फिर मोहन ने एक वीडियो रवि को दिखाया.
उसमें एक लड़का बड़े उत्साह और खुशी से लंड चूस रहा था और गांड मरवा रहा था.

वीडियो देखकर रवि को गांड मरवाकर देखने की इच्छा हुई.

मोहन ने एनीमा उपकरण, बट प्लग, केवाइ जैल, कंडोम आदि रवि को सब दिखाया.

मोहन ने एनीमा की नली रवि की गांड में डाल कर पेट और गांड का छेद कैसे साफ करते हैं, ये भी सिखा दिया.
छोटे बट प्लग में केवाई जैल लगाकर उसने रवि की गांड में डाल दिया.
रवि को थोड़ा दर्द हुआ.

फिर मोहन ने बट प्लग लगाए हुए ही रवि से चलने को कहा.
रवि को चलते समय उसकी गांड में फंसा बट प्लग, एक नया मज़ा दे रहा था.

मोहन ने रवि को बताया कि वह बट प्लग लगाकर 4- 5 घंटे तक रहे, गांड का छेद थोड़ा ढीला हो जाएगा. बाद में बड़ा बट प्लग लगाकर रखना, उससे छेद और ज्यादा ढीला हो जाएगा. इससे लंड गांड में लेते समय आसानी होगी.

वह रवि की गांड मारकर नहीं सिखा सकता क्योंकि विशाल को कुंवारी गांड चाहिए.
उसे विशाल नथ उतारना कहते हैं.
लड़का यदि बाद में भी यह सब करने को राज़ी होता है, तब उसको नौकरी पर रखते हैं. नहीं तो इनाम देकर जाने देते हैं.

अब मोहन की आपबीती सुनिए.

मोहन बोला- मैं तुमको विशाल के बारे में बताता हूँ. विशाल सर करीब 30 साल के मजबूत शरीर के हैं. छुट्टी के दिन जब जरूरत होती है तो विशाल सर मुझको घर का छोटा मोटा काम करने के लिए अपने घर बुला लेते थे.

मैंने विशाल सर की बीवी मोनिका को देखा था. मोनिका विशाल से बहुत झगड़ा करती थी.

एक बार जब मोनिका मायके गई थी, तब विशाल सर ने मुझको कुछ दिन अपनी बीवी बनने को राज़ी कर लिया.
विशाल सर ने बताया कि वे कभी कभी मोनिका की गांड मारा करते थे. वो मेरी भी गांड मारेंगे और इनाम भी देंगे.

मैंने गांड मारने का वीडियो देखा था, मुझे वीडियो देखकर गांड मरवाकर देखने की इच्छा हुई तो मैं राज़ी हो गया.

फिर विशाल ने मुझको मोनिका के कपड़े पहनाकर खूब प्यार किया और मेरी गांड मारी.
मोनिका के वापस आने तक विशाल ने रोज मेरी गांड मारी और काफ़ी रुपये इनाम में दिए.

विशाल दयालु थे. वे अपने कर्मचारियों का ख्याल रखते थे.

एक दिन मोनिका झगड़ा करकर घर छोड़कर चली गयी.
उसने तलाक़ की अर्जी भेज दी.

तलाक़ की अर्जी के बाद विशाल चिड़चिड़े हो गए थे.
कारखाने के काम में विशाल का मन नहीं लगता था.
इससे कारखाने को नुकसान होने लगा.

विशाल हर रात बहुत दारू पीने लगे.

मैं अब विशाल के घर में रहकर उनकी देख-रेख करने लगा था.
विशाल मुझको अपने दिल की हर बात कहने लगे थे.

एक बार दारू पीते समय विशाल ने मुझसे कहा- तू भी बैठ और अपने लिए एक पैग बना.
हम दोनों पैग लगाने लगे.

विशाल ने कहा- मैंने एक ग़लती की थी. जब मोनिका झगड़ा करती थी, मैं उसे समझाता था. मुझे मोनिका को अपने दबाव में रख कर उसे काबू में करना चाहिए था. मुझे अपनी इस ग़लती की बात सोचकर, खुद पर गुस्सा आता है.

और विशाल ने ये भी बताया कि उसने देखा था कि मोनिका की मां जब मोनिका के पिता से झगड़ा करती थी. तब मोनिका के पिता उसकी मां को अपने गुस्से से उसे काबू में कर लेते थे. फिर वे दोनों अपने कमरे में चले जाते और उनकी चुदाई की आवाज़ बाहर तक आती. रात की चुदाई के बाद सुबह मोनिका की मां एकदम खुश दिखती.

मोनिका यह सब देखकर बड़ी हुई थी. मोनिका शायद विशाल से इसलिए रात को झगड़ा करती थी क्योंकि विशाल उसे उसकी मां की तरह दबा कर रखे. फिर दोनों जोरदार चुदाई करेंगे.

परन्तु विशाल मोनिका को समझाता था, जिससे मोनिका को मज़ा नहीं आता.
वह अपने माता पिता के समान ही सब करवाना चाहती थी.

मैंने सब सुनने का बाद कहा- विशाल सर, मैं आपकी बीवी के कपड़े पहनकर पहले भी आपकी बीवी बन चुका हूँ. आप कहें … तो मैं आपकी बीवी के कपड़े पहनकर, सजकर आपसे झगड़ा करने का नाटक करूंगा. आप मुझे अपने ससुर के जैसे काबू में करना, फिर मेरी दिल भरकर चुदाई करना. इससे आपका गुस्सा शांत हो जाएगा.

विशाल को बात पसंद आ गई.
मोहन के झगड़े के नाटक के बाद विशाल ने मोहन पर खूब गुस्सा किया, फिर उसकी धुंआधार गांड मारी.
इससे विशाल का गुस्सा शांत हो गया.

अब विशाल का मन काम में लगने लगा, उसका कारखाना फिर से अच्छा चलने लगा.

तब से जब भी विशाल को मोनिका की याद में गुस्सा आता, वह मोहन को मोनिका बनाकर डांटते और हचक कर चोद देते.

अब विशाल खुश रहने लगे थे, वे मोहन को खूब प्यार करते, फिर उसकी गांड मारते.

इसके बाद अब रवि की गांड का उद्घाटन का किस्सा सुनिए.

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चार दिन बाद मोहन ने रवि को कारखाने के मालिक विशाल से मिलाया.
उसने बोला- सर, मैंने इसे सब समझा दिया है. मालिक के कारखाने में इसे क्या काम करना है.

विशाल ने हामी भर दी.

फिर मोहन ने रवि को सब बताया और कहा- शाम को मेरे घर आ जाना, परीक्षा के लिए तैयार रहना.

शाम को मोहन ने रवि को एनीमा देकर साफ किया और विशाल के घर ले गया.
उसने रवि को विशाल की बीवी मोनिका की मैक्सी पहनाई. बिंदी और लिपस्टिक लगाई. नाटक कैसे करना है, वो सब बताया.

वो रवि को विशाल के कमरे में ले गया. विशाल शराब पी रहे थे और मोनिका की फोटो देख रहे थे.

विशाल ने मोहन को दूसरे कमरे में रुकने को कहा और बोला- यदि यह नहीं झेल पाया, तो मैं तुझे बुला लूँगा.

रवि मोनिका बनकर कमरे में खड़ा था. नाटक शुरू हुआ.

विशाल बोला- मोनिका (रवि) इधर आकर बैठ.
मोनिका बोली- मुझे नहीं बैठना है.

विशाल को गुस्सा आ गया, पर वे शांत रहे.

फिर विशाल बोले- अच्छा सोडा लाकर दे.
मोनिका चिढ़कर बोली- ख़ुद ही ले लीजिए. मैं नौकर नहीं हूँ.

विशाल ने गुस्से में मोनिका (रवि) को डांटा और गाली बक दी.
मोनिका सहम गई और बोली- और मत गुस्सा करो … मैं लाती हूँ.

विशाल ने एक पैग मोनिका के लिए बनाया.
मोनिका फिर से चिढ़ कर बोली- मुझे नहीं पीना.

तो विशाल गुस्से में बोला- साली रंडी, अकेली पीती है. मेरे साथ पीने से मना करती है. आज तुझे शराब में मूत मिलाकर पिलाऊंगा.

विशाल ने मोनिका (रवि) का सिर पकड़कर सोफे पर रख दिया.
उसने मोनिका की मैक्सी कमर तक उठा दी.

मोनिका अब झुक कर खड़ी थी.

विशाल ने मोनिका की नंगी गांड पर थप्पड़ मारा और बोला- बोल साली रंडी … मूत पिएगी?
मोनिका बोली- हां, पियूंगी.

मोनिका (रवि) की चिकनी गांड देखकर विशाल का लंड खड़ा हो गया.
उसने मोनिका को सोफे पर बैठाया, शराब में मूत मिलाकर मोनिका को दिया.
मोनिका ने पी लिया.

विशाल अब नंगा बैठकर अपना लंड सहला रहा था.
उसका लंड 6 इंच लंबा और काफ़ी मोटा था.

वो बोला- अब तेरी गांड मारूंगा.
मोनिका (रवि) का उतना बड़ा और मोटा लंड देखकर डर गया. मोनिका के चेहरे पर डर का भाव देखकर विशाल को मज़ा आ गया.

विशाल ने मोनिका (रवि) की मैक्सी उतार दी और उसे गोद में उठाकर शयन कक्ष में ले गया.

वो अपने लंड पर कंडोम लगाकर बिस्तर पर बैठ गया और बोला- अब लंड चूस.

रवि झुककर लंड चूसने लगा. विशाल का आधा लंड ही वह मुँह में ले पा रहा था.

विशाल ने रवि को उठाकर बिस्तर पर पटक दिया, उसे पीठ के बल लिटाकर बोला- अपने पांव उठाकर अपनी छाती की तरफ कर ले.

रवि की कमर के नीचे विशाल ने तकिया लगा दिया. रवि की गांड का छेद दिखने लगा.
विशाल ने के-वाई जैल रवि की गांड के छेद में और कंडोम पर लगा दिया.

वो बोला- अब तेरी नथ उतारूंगा, गांड को ढीला छोड़ दे.

विशाल ने अपना लंड रवि की गांड की छेद पर रखकर तेज धक्का दिया.
पूरा लंड गांड में समा गया.

रवि तेज दर्द से रोने और तड़फ़ने लगा.
विशाल लंड डालकर मोनिका (रवि) को देख रहा था. उसका रोना और तड़फना देखकर वह बहुत खुश हुआ.

वो बोला- साली मोनिका, तूने मुझे बहुत सताया है. तुझे रुलाकर और तड़फ़ा कर मुझे मज़ा आ रहा है.

कुछ देर बाद वह रवि को धीरे धीरे चोदने लगे.
रवि का दर्द अब कम हो गया था, उसे दर्द के साथ मजा आने लगा.

विशाल ने रवि के गले में कुत्ते का पट्टा पहना दिया और बोले- अब कुतिया की तरह पलंग के किनारे खड़ी हो जा.

रवि अपने हाथ और घुटनों के बल कुतिया बनकर खड़ा हो गया.

विशाल ने कहा- पैर फैला.
पैर फैलाने पर गांड का छेद दिखने लगा.

विशाल ने ज़मीन पर खड़े होकर अपना पूरा लंड एक ही झटके में रवि की गांड में डाल दिया.

रवि को फिर से तेज दर्द हुआ.
उसके मुँह से चीख निकली- आ आ मर गई.

रवि ने आगे खिसकने की कोशिश की.
तो विशाल ने रवि की कमर एक हाथ से पकड़ी, दूसरे हाथ से एक जोरदार चांटा रवि की गांड पर मारा और बोला- साली मोनिका भाग कर कहां जाएगी, आज तेरी गांड फाड़ कर ही दम लूँगा.

रवि कूं कूं करने लगा.

विशाल बोला- अपनी जगह से हिलना मत. नहीं तो साली और तेज गांड मारूंगा. बिना जगह से हिले, चीखना, रोना, तड़फना जो करना है, तू कर सकती है.

वह रवि को अब ज़ोर ज़ोर से चोदने लगे.

रवि का शरीर हर धक्के के साथ हिल जाता, उसके पैर कांप रहे थे. मुँह से आह निकल रही थी.

विशाल मस्ती से रवि की गांड चोद रहे थे.

थोड़ी देर बाद रवि का दर्द कम हुआ.
अब उसे दर्द के साथ मज़ा आने लगा.

विशाल ने कहा- अब पेट के बल बिस्तर पेर लेट जा. अपनी गांड हाथों से फैला ले … और बोल कि मालिक आइए और मेरी गांड मारने का मजा लीजिये. साली आज मैं तेरा मालिक हूँ और तू मेरी गुलाम है.

रवि ने वैसा ही किया.
विशाल ने अपना लंड रवि की गांड में डाला और रवि के ऊपर लेट गए.
रवि विशाल के वजन के कारण हिल नहीं पा रहा था.

आधे घंटे धुंआधार चुदाई के बाद विशाल रवि की गांड में झड़ गए.
अब विशाल का गुस्सा शांत हो गया.

उसने कहा- मोनिका, तू क्यों इतना झगड़ा करके मुझे गुस्सा दिलाती है. मैं तुझसे इतना प्यार करता हूँ.

विशाल रवि के बगल में लेट गया, उसे चूमने और सहलाने लगा.

रवि की गांड दुख रही थी. उसने अपनी गांड पर हाथ लगाया, तो उसके हाथ कुछ चिपचिपा सा में लगा. उसने अपना हाथ देखा. उसमें खून लगा था, वह डर गया.

विशाल ने उसे समझाया कि पहली बार जब कुंवारी गांड का उद्घाटन होता है, थोड़ा खून निकलता है. इसलिए मैं उसे नथ उतारना कहता हूँ. जा तू अपनी गांड धोकर आ, मैं दवाई लगा दूँगा.

चलने में रवि को मुश्किल हो रही थी, वह पैर फैलाकर चल रहा था.

रवि गांड धोकर आ गया.

विशाल ने उंगली से रवि की गांड की छेद में अन्दर तक बोरोलीन लगा दी.
इससे रवि को थोड़ा आराम मिल गया.

विशाल ने दर्द निवारक गोली रवि को खिलाई और कहा- थोड़ा आराम कर ले. थोड़ी देर बाद तुझे प्यार से चोदूंगा.

मोहन दूसरे कमरे से रवि के मार खाने, चीखने, रोने, चोदने की आवाज़ सुन रहा था.
उसे मालूम था कि अन्दर क्या हो रहा है. उसके साथ भी यह सब हुआ था.

विशाल ने बाहर आकर सोफे पर बैठकर एक पैग बनाया, उसने मोहन को भी पास बुलाया.

फिर कहा कि वह रवि से पूछे. क्या रवि फिर से चुदने के लिए तैयार है?

मोहन रवि के कमरे में गया. रवि लेटकर अपनी गांड सहला रहा था.

रवि बोला- मेरी गांड दुख रही है, उस नाटक के कारण मुझे विशाल सर के थप्पड़ की मार और गाली भी खूब खानी पड़ी.

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सब सुनने के बाद, मोहन बोला- विशाल सर तेरी गांड एक बार और मारना चाहते हैं, क्या करूं?
रवि चुप था.

मोहन ने रवि को समझाया- मान जा यार … अब की बार विशाल सर प्यार से गांड मारेंगे. तुझको मजा आएगा. तेरी नौकरी भी तू पक्की समझ!

रवि फिर से अपनी गांड मरवाने के लिए मान गया.
तब तक दवाई के असर से रवि का दर्द कम हो गया था.

मोहन ने रवि से कहा- अब तू खुद को मोनिका समझना, विशाल को अपना पति, तुझे गांड मराने में ज्यादा मज़ा आएगा.

रवि का चेहरा धुलवाकर मोहन ने उसे लाल लिपस्टिक, बिंदी लगा दी और रवि को चादर ओढ़ा दी.

उसने कहा- कपड़े मत पहन, विशाल के आने तक थोड़ा आराम कर ले.

फिर मोहन ने विशाल के पास जाकर कहा- रवि दूसरी बार गांड मरवाने के लिए राज़ी है.
विशाल नंगा बैठकर दारू पी रहा था.

पैग ख़त्म होने पर वह बेड रूम में गया.
रवि उनका इंतजार कर रहा था.

विशाल रवि के बाजू में लेट गए, उसके माथे, आंखों, होंठ पर चुंबन लेकर उसके सिर पर हाथ फेरने लगे.

धीरे से विशाल ने रवि की चादर हटा दी, रवि के नंगे बदन को अपने नंगे बदन से चिपकाकर उसे आलिंगन में ले लिया.

विशाल कहने लगे- मोनिका मैं तुमको बहुत प्यार करता हूँ.
बोलकर विशाल रवि के होंठ चूसने लगे.

रवि भी जोश में विशाल के होंठ चूसने लगा.
फिर वह रवि का एक निप्पल चूस रहे थे, दूसरे निप्पल को उंगली से दबा और मरोड़ रहे थे.

रवि को लग रहा था कि वह मोनिका ही है, रवि को अभूतपूर्व आनन्द आ रहा था.

थोड़ी देर बाद विशाल ने रवि की गांड पर चुंबनों की बौछार कर दी.

रवि की गांड का छेद फैलने और सिकुड़ने लगा. वह चुदाई का बेसब्री से इंतजार करने लगा.

विशाल ने कंडोम पहना, उस पर केवाई जैल को लगाया.
फिर रवि को सीधा लिटाकर विशाल उसकी कमर के नीचे तकिया लगाने लगे.

रवि ने अपने पैर अपनी छाती की तरफ करके अपने घुटनों को पकड़ लिया.
विशाल अपने घुटनों के बल बैठकर अपना लंड रवि की गांड की छेद में घिसने लगे.

अब विशाल रवि की आंखों में देख रहे थे.
रवि की आंखों में चुदाई शुरू करने का आमंत्रण था. वह अपनी गांड ऊपर करके लंड अन्दर लेने की कोशिश कर रहा था.

विशाल ने धीरे धीरे अपना पूरा लंड रवि की गांड में डाल दिया और रवि के होंठ और निप्पल चूसने लगे.

धीरे धीरे चुदाई शुरू हुई. रवि को बहुत मज़ा आ रहा था.

थोड़ा चोदने के बाद विशाल ने रवि को पलंग के किनारे घोड़ी बनने को कहा, खुद ज़मीन पर खड़े होकर रवि की कमर पकड़ कर उसकी गांड मारने लगे.

उत्तेजना से रवि का लंड भी खड़ा हो गया.

रवि कहने लगा- आंह और ज़ोर से!

उसके बाद रवि को पेट के बल लिटाकर विशाल ने अपना लंड रवि की छेद में डाला और उसके ऊपर लेटकर चोदने लगे.

रवि ने अपने पैर फ़ैला दिए और गांड मरवाने का आनन्द लेने लगा.

कुछ देर बाद रवि अपने लंड को बिना छुए झड़ गया.

रवि को इतना आनन्द आया, उसका शब्दों में बयान करना मुश्किल है. सिर्फ़ गांड मरवाकर ही उस आनन्द का अनुभव किया जा सकता है.

विशाल ने चोदने की गति तेज कर दी, उनका लंड और कड़ा हो गया, विशाल भी झड़ गए.

तब विशाल ने रवि से पूछा- मज़ा आया?
रवि बोला- बहुत … और आपको?
विशाल बोला- तुमने मुझे खुश कर दिया.

बाद में मोहन ने देखा कि रवि ठीक से नहीं चल पा रहा है, वह पैर फैलाकर चल रहा है, पर खुश है.

विशाल, मोहन और रवि ने साथ में खाना खाया.
फिर सभी सो गए.

सुबह जब विशाल बाथरूम गए तो मोहन ने रवि को पूछा- कैसी रही दूसरी बार की चुदाई?

रवि बोला- मस्त … ऐसी चुदाई तो अब मैं रोज चाहूँगा.
मोहन हंसकर बोला- फिर मेरी चुदाई कब होगी?

विशाल बाथरूम से सब सुन रहे थे. वे मोहन की मन की स्थिति समझ गए कि रात को मोहन ने दूसरे कमरे से चुदाई की आवाज़ सुनी थी.
मोहन की भी गांड मरवाने की इच्छा हो रही थी.

चाय नाश्ते के बाद, विशाल ने कहा- मोहन और रवि, तुम दोनों एनीमा लेकर आ जाओ. मैं तुम दोनों की गांड मारूंगा.

विशाल ने दोनों को घोड़ी बनकर पलंग के किनारे खड़े होने को कहा.

इसके बाद विशाल दोनों की गांड बारी बारी मारने लगे.
जब विशाल को लगता, वो झड़ने वाले हैं तो वह अपना लंड बाहर निकाल लेते. अपने लंड की जड़ को गोटी के पास कस कर पकड़ लेते और लंबी लंबी सांस लेने लगते. इससे उनका झड़ना टल जाता. विशाल फिर से चुदाई करने लगते.

करीब 45 मिनट की चुदाई के बाद विशाल कंडोम में झड़ गए.
मोहन और रवि भी इस बीच झड़ चुके थे.
तीनों खुश हो गए.

विशाल ने कुर्सी पर बैठकर 4 गिलास पानी पिया. विशाल का इतना पानी पीना देखकर मोहन मुस्कुराने लगा, उसे मालूम था कि अब क्या होगा.

थोड़ी देर बाद, विशाल ने कहा- मोहन, रवि तुम दोनों बाथरूम में चलो, मैं तुम दोनों को नहलाऊंगा.

दोनों अभी नंगे ही थे. मोहन ने एक प्लास्टिक का चश्मा पहना, एक रवि को पहनाया. मोहन बाथरूम के फर्श पर मुँह खोल कर बैठ गया.

मोहन ने रवि से कहा- तू भी मेरी तरह बैठ जा, अब नमकीन अमृत बरसेगा.

विशाल बाथरूम में आए और उन दोनों के मुँह और बदन पर मूतने लगे.
जो मूत मोहन के मुँह में गिरता, वो उसे पी जाता.

रवि ने मोहन को पेशाब पीते देखा, तो वह भी मूत पीने लगा.
उसके लिए यह नया अनुभव था, उसे अच्छा लगा.

विशाल का मूतना ख़त्म होने के बाद, तीनों ने एक दूसरे को साबुन पानी से नहलाया.

फिर मोहन और रवि ने दोपहर का खाना बनाया, तीनों ने खाना खाया.
विशाल ने इनाम में दोनों को अच्छे पैसे दिए.

रवि और मोहन अपने घर चले गए.

अब रवि कारखाने में काम करने लगा.

अगले दिन विशाल, मोहन और रवि को लेकर डॉक्टर के पास गए.
जांच से पता लगा कि तीनों को कोई यौन रोग नहीं है.

विशाल बारी बारी मोहन और रवि को अपने घर चुदाई के लिए बुलाते.
विशाल अब मोहन और रवि को बिना कंडोम लगा लंड चुसवाते, उनको वीर्य पीने को कहते.

वो कहते कि वीर्य में काफ़ी पोषक तत्व होते हैं, वीर्य पीना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है.

वह मोहन और रवि की गांड मारने के बाद गांड का छेद वीर्य से भर देते.

अब विशाल का गुस्सा काफ़ी शांत हो गया था. कभी कभार ही मोनिका के झगड़े और पिटाई से काबू का नाटक करना पड़ता था. बाकी दिनों में विशाल प्यार से गांड मारते. तीनों खुश और संतुष्ट थे.

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