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बाप खिलाड़ी बेटी महाखिलाड़िन- 4
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बाप खिलाड़ी बेटी महाखिलाड़िन- 6
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Xxx बूर वाली कॉलगर्ल बेटी ने एक बार अपनी बाप से चुदवा कर दोबारा सेक्स नहीं करने दिया तो बाप ने एक नई जवान कालगर्ल बुला ली. नयी कालगर्ल आयी तो …
हाय दोस्तो, मैं राकेश एक बार फिर से आपके लिए बाप बेटी रमेश और रिया की कहानी का अगला भाग लेकर आया हूं.
इससे पहले वाले भाग में आपने देखा कि अपने बाप और उसके दोस्त से चुदवाने के बाद रिया घर आ गयी.
घर आने के बाद भी रमेश अपनी बेटी के साथ मस्ती करने लगा. मगर रिया अब अपने पिता के साथ कुछ और नहीं करना चाहती थी. उसने रमेश को साफ साफ मना कर दिया. वो तब भी नहीं माना तो रिया ने रेट तय कर दिया.
इस बात पर रमेश गुस्सा हो गया और रिया के लिए एक बार फिर से रवि का कॉल आ गया. वो रमेश की बेटी की Xxx बूर की चुदाई फिर से करना चाह रहा था.
अब आगे की कहानी:
उस रात रिया एक बार फिर से होटल जा पहुंची.
रवि ने दरवाजा खोला और बोला- आ गयी रंडी!
रिया- सेठ बुलाये और रंडी न आये, ऐसा कैसे हो सकता है?
वो दोनों अंदर गये और साथ में बैठ गये.
रवि- बता क्या पीयेगी?
रिया- वही कल वाला।
रवि- क्या? लंड का जूस?
हंसते हुए रिया बोली- वो तो मैं पीऊंगी ही, मगर उसके अलावा एक बीयर ही पिला दो.
रवि ने दो गिलास में बीयर डाल ली. एक रिया को दिया और दूसरा खुद ले लिया.
रिया बोली- क्यों सेठ, आज अकेले ही, वो दूसरे वाला सेठ नहीं आया?
रवि- हाँ पता नहीं, उसे बोला तो बहुत था मगर वह माना ही नहीं।
रिया- जाने दो सेठ, आज हम दोनों ही मस्ती करेंगे।
उठ कर रिया ने अपना टॉप उतार दिया और जीन्स खोलते हुए बोली- आज मैंने नयी ब्रा और पैंटी पहनी है. कहीं तुम्हें भी ब्रा और पैंटी इकट्ठा करने का शौक तो नहीं है?
रवि- नहीं, ये शौक केवल रमेश का ही है. मैं तो सिर्फ रंडियां कलेक्ट करता हूं.
दोनों हंसने लगे।
रिया ने अपना जीन्स और टॉप खोल लिया और उधर रवि भी अपने सारे कपड़े खोल कर नंगा हो गया।
तभी रवि रिया के पास गया और उसके बालों से उसे आगे को खींच कर उसके होंठों पर अपने होंठ लगा दिये.
दोनों एक दूसरे के होंठों का रस पीने लगे. अम्म … मच … पुच … अम्म … आह्ह. करके दोनों एक दूसरे के होंठों को खाने लगे.
थोड़ी देर चूमने के बाद रवि ने रिया को अलग किया और उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. उसकी चूचियों को नंगी करके वो उसके बूब्स को मुंह में लेकर चूसने लगा.
उसकी चूचियों को पीते हुए रवि ने रिया की पैंटी को खींच दिया और उसे बेड पर झुका लिया. रिया ने अपने दोनों हाथों से अपनी गांड को चौड़ी करके अपनी गांड के छेद को रवि के सामने कर दिया और रवि कुत्ते की तरह उसकी गांड को चाटने लगा.
वो कभी उसकी गांड को चाट रहा था तो कभी उसकी चूत को चाट रहा था.
रिया भी मजे में सिसकारियां लेने लगी- आह्ह … सेठ … आह्ह … आआ … आउम्म … आह्हा..स्स.. आह्ह।
कुछ देर ऐसे ही चाटने के बाद रवि उठा और अपने लंड पर थूक लगाने लगा. उसने लंड को चिकना किया और थोड़ा थूक रिया की गांड पर भी लगा दिया.
उसने लंड को सेट किया और एक धक्के से रिया की गांड में लंड फंसा दिया.
रिया दर्द से कराह उठी और बोली- आह्ह.. आईई… सेठ, सीधे गांड में ही घुसा दिया? बताया भी नहीं।
रवि- साली बोलना क्या है? तुझे तो इसकी आदत है।
रवि उसकी गांड को पेलने लगा और कुछ देर तक उसकी गांड को चोदने के बाद उसने लंड को बाहर निकाल लिया. रिया उठी और रवि की तरफ घूम कर उसने उसके लंड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी.
दो मिनट तक लंड का स्वाद रिया को देने के बाद रवि ने उसे बेड पर खींच लिया और खुद भी नीचे लेट गया. रिया ने अपनी गांड के छेद को रवि के लंड पर सेट किया और धीरे धीरे पूरा लंड अपनी गांड में समा लिया.
रिया ने पूरा लंड लेकर उसके लंड पर उछलना शुरू कर दिया और सिसकारियां लेते हुए अपनी गांड चुदाई करवाने लगी- आह्ह … ओअह … अआआ … हह … उम्म … मजा आ रहा है … सेठ. क्या लंड है तेरा सेठ … पूरा अंदर तक ठंडक कर रहा है..आह्ह … चोदते रहो.
रवि भी नीचे से धक्के लगाते हुए सिसकार रहा था- हां साली रंडी … तेरी गांड को चोद कर मेरा लंड बहुत खुश हो रहा है. आह्ह तेरी गांड इतनी मस्त है कि इसको चोदता ही रहूं. आह्ह … फक यू … आह्ह चुद साली रंडी … फाड़ दूंगा तेरी गांड के छेद को मैं. आह्हह और चुद साली… आह्ह चुदती रह!
ऐसे ही चोदते रहने के बाद रवि झड़ने के करीब पहुंच गया. वो एकदम से उठा और उसने रिया को नीचे लिटा कर उसके मुंह में लंड दे दिया और धक्के लगाने लगा.
दो पल बाद ही उसके लंड से वीर्य निकल कर रिया के मुंह में भर गया. जिसे रिया पी गयी.
रिया- क्या से ठ… बहुत ही टेस्टी है तेरा वीर्य।
रवि- तुझे पसंद आया?
रिया- अरे ऐसा माल किसे पसंद नहीं आएगा? क्या तेरी बीवी को पसंद नहीं है?
रवि- अरे उसे तो बहुत पसंद है, साली बार-बार माँगती है।
रिया- सेठ तो बोल, तेरी बेटी जैसी इस रिया को चोद कर कैसा लगा?
रवि- अरे यह भी कोई पूछने वाली बात है?
रिया- तो सेठ जब भी यहाँ आना तो मुझे जरूर याद करना।
रवि- तुझे भूल पाउँगा तब ना … तुझे तो मैं हमेशा ही याद रखूंगा.
उस रात रवि ने चार बार रिया की चूत और गांड मारी. उसके बाद दोनों एक दूसरे से लिपट कर सो गये.
सुबह रिया घर पहुंची और उसने डोरबेल बजाई.
दरवाजा खुला तो सामने रमेश खड़ा हुआ था और रिया को देख कर बोला- आ गयी रंडी, अपनी गांड चुदवा कर!
रिया मचलते हुए बोली- डैड, बड़ा ही ज़ालिम दोस्त है आपका. सारी रात रगड़ रगड़ कर गांड मारी है मेरी. अभी भी दुख रही है. तुम देखोगे?
रमेश- साली रंडी।
रिया हँसते हुए अंदर आई और अपनी गांड हिलाते हुए अपने रूम में चली गयी.
झल्लाकर रमेश ने कहा- साली रंडी, अगर तुझे अपनी पर्सनल रांड नहीं बनाया तो मैं तेरा बाप नहीं।
रमेश ने उसी वक्त रवि को फ़ोन लगाया.
रवि- बोल दोस्त, सुबह-सुबह कैसे याद किया?
रमेश- साले, आखिर तूने उसे दोबारा चोद ही लिया!
रवि- क्या करूं यार … माल ही इतनी कड़क है कि रहा ही नहीं गया. तूने तो मना कर दिया था लेकिन लगता है तुझे अब पछतावा हो रहा है।
रमेश- मुझे क्या पछतावा होगा. वो साली है ही इसी लायक. उसे तो भरे बाजार में नंगी करके गांड मारनी चाहिये।
रवि- हाहा … मगर तुझे कैसे पता मैंने उसे रात में बुलाया था?
रमेश- कमीने तूने ही तो मुझे भी ऑफर किया था. भूल गया?
रवि- हाँ वह तो ठीक है. मगर इतनी सुबह मेरी और उसकी चुदाई की कहानी सुनने के लिए फ़ोन किया है या फिर कुछ और बात है?
रमेश- यार, अपने उस दल्ले रत्न लाल से बोल कर मेरे लिए आज रात के लिए कुछ नया इन्तज़ाम करवा।
रवि- क्यों वह रिया नहीं चलेगी?
रमेश- नहीं, कुछ अलग बोल उससे।
रवि- ठीक है. मैं फ़ोन करके तुझे बताता हूँ और हाँ, तू आज जरा थोड़ी देर में आकर मुझसे मिल ले. मैं आज ही निकलने वाला हूँ।
रमेश- ठीक है मैं आता हूँ. तब तक तू रत्न को फ़ोन कर दे। बाय।
रवि- बाय।
रिया चुपके से रमेश की सारी बातें सुन रही थी. वो नहीं चाहती थी कि उसके डैडी ऐसे किसी और रांड के साथ मुंह मारे. वो उनको रोकने का प्लान करने लगी.
इधर रमेश रवि से मिलने गया. रवि ने रात के लिए रमेश के बारे में बात कर ली थी.
फिर रवि वहां से निकल गया. रात में फिर रमेश अपने पुराने अड्डे होटल मूनलाइट में पहुंचा. वो अपने रूम में बैठ कर शराब पी रहा था कि कुछ देर के बाद दरवाजा नॉक हुआ.
उसने उठ कर दरवाजा खोला और चौंक गया. सामने खड़ी लड़की भी रमेश को देख कर चौंक गयी.
रमेश- रेहाना तुम?
रेहाना रिया की सहेली है.
रेहाना- अंकल आप?
वो वापस मुड़ते हुए बोली- सॉरी अंकल, मैं चलती हूं.
वो बाहर निकलती इससे पहले रमेश ने उसे कमरे के अंदर खींच लिया और बोला- तो तुम धंधा करने लगी हो?
रेहाना- नहीं अंकल… वो वो … वो!
रमेश- क्या वो-वो कर रही है, बता?
रेहाना- सॉरी अंकल मुझे माफ़ कर दीजिये. मुझसे गलती हो गयी।
रमेश- ग़लती हो गयी! क्या तुम्हारे बाप रहमान को यह पता है?
रेहाना- नहीं अंकल. अब्बू को कुछ पता नहीं. उन्हें बताइयेगा भी नहीं. प्लीज … प्लीज … अंकल।
रमेश- और रिया को पता है?
रेहाना- नहीं अंकल, रिया को भी कुछ पता नहीं।
रमेश रेहाना का झूठ समझ गया और नाटक करते हुए बोला- कहीं ऐसा तो नहीं कि तुम झूठ बोल रही हो और रिया भी इस गलत रास्ते पर चल पड़ी हो?
रेहाना- नहीं अंकल, रिया एक बहुत ही शरीफ लड़की है. उसे इन सब चीज़ों के बारे में कुछ भी पता नहीं। कसम से!
रमेश मन ही मन सोचता है ‘रन्डी तुझे झूठी कसम खाने की कोई जरूरत नहीं, मैं तुम दोनों सहेलियों के रन्डीपन को जान गया हूँ।’
तभी रेहाना बोली- अंकल मुझे माफ़ कीजिये. मैं जा रही हूँ. यह बात आप किसी को नहीं बताइयेगा।
रेहाना का हाथ पकड़ कर खींचते हुए रमेश बोला- अरे कहाँ चली, जिस काम के लिए पैसे लिये हैं उसे पूरा तो करती जा?
रेहाना- नहीं अंकल, यह गलत है. मैं आपके पैसे लौटा दूंगी।
रमेश- तुम पैसे तो लौटा दोगी, मगर मेरा मूड जो अभी किसी को चोदने का कर रहा है उसका क्या?
रेहाना- अंकल मैं आपकी बेटी की सहेली हूँ, बिल्कुल आपकी बेटी की ही तरह!
हंसते हुए रमेश बोला- हां, मगर करती तो तू भी धंधा ही है ना!
रेहाना- अंकल, मैं आपके साथ कैसे … नहीं … अंकल।
रमेश- कैसे मतलब? मैं यहाँ तुम्हारा कस्टमर हूँ. तुम मेरे साथ भी वैसा ही रेस्पोन्स दो।
रेहाना- मगर अंकल?
रमेश ने रेहाना के होंठों पर अपनी उँगली रखते हुए कहा- श्श्शस् स… सोचो मत रेहाना. यह तुम्हारा काम है और एक अच्छी रंडी को किसी के बारे में ज्यादा सोचने की कोई जरूरत नहीं होती।
रेहाना- मगर अंकल!
रमेश- अगर मगर कुछ नहीं. अब मान भी जाओ ना डार्लिंग।
रेहाना- ठीक है अंकल जैसी आपकी मर्ज़ी. मैं अपना काम पूरी ईमानदारी के साथ करूंगी. ऊपर वाला मुझे माफ करे।
रमेश- अरे इतना अच्छा काम करती हो, ऊपर वाला नाराज़ होगा भी क्यों? वह तो तुम्हें माफ़ करेंगे ही।
रमेश की बात पर रेहाना जोर-जोर से हंसने लगी.
रमेश- हां … हंसी तो फँसी।
रेहाना- आप जैसा तजुरबे वाला आदमी हो तो कोई भी लड़की पट जाए. फिर मैं कैसे ना फंसती?
रेहाना को अपनी ओर खींचते हुए रमेश बोला- आ जा आज तेरी इस चूत और गांड का स्वाद भी चख लूँ।
रेहाना- एक बार चख कर तो देख लो अंकल, कसम से बार-बार इस लड़की को याद करोगे।
रमेश- अच्छा तो यह बात है।
रमेश ने रेहाना की कुर्ती को उपर उठा कर उसके बदन से निकाल दिया और सीधे उसकी ब्रा में कसे बूब्स को अपने हाथ में ले कर दबाने लगा।
फिर रमेश अपना हाथ रेहाना के आगे ले गया और उसके ब्रा के हुक को खोल दिया. रेहाना के बूब्स आजाद हो गये. रमेश ने उसे सोफे पर पटक दिया.
रेहाना सोफे पर बैठ गयी. रमेश ने उसके होंठों को अपने होंठों से लॉक कर दिया और उसके बूब्स को सहलाते दबाते हुए उसको चूसने लगा. दोनों एक दूसरे में खो गये.
कुछ देर होंठों को चूसने के बाद रमेश नीचे खिसक गया और उसके चूचों को मुंह में लेकर चूसने लगा- उम्म … पुच … पुच … आह्ह … ऊंह … हम्म … आह्ह … क्या बूब्स हैं तेरे रेहाना. बहुत मस्त चूची हैं यार।
रमेश के हाथ रेहाना की सलवार को खोल कर उसकी पैंटी को खींचने लगे. रेहाना ने गाडं उठा कर पैंटी निकालने में मदद की. रेहाना नंगी हो गयी. रमेश ने उसे उठाया और सोफे पर झुका लिया.
रेहाना की गांड रमेश के सामने थी. रमेश ने अब रेहाना की गांड पर अपना मुंह लगा दिया और उसकी गांड के छेद पर अपनी जीभ को गोल-गोल घुमा कर चाटता हुआ उसकी Xxx बूर को भी चाटने लगा.
चूसने चाटने की आवाजें होने लगीं- ऊम्म … हम्म … ऊउहह … याल्ला … चाटो अंकल, आह्ह मजा आ रहा है. हाह … और चाटो अंकल … आई लव यू अंकल … मेरी चूत आह्ह … चूस लो इसे.
रेहाना बेकाबू हो चली थी. फिर रमेश उठा और अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया.
रमेश के लंड को देख कर रेहाना हैरानी से बोली- बाप रे! इतना बड़ा और मोटा! इस उम्र में भी इतना टाइट खड़ा है?
रमेश- रंडी तू भी पड़ गयी न हैरत में? अरे मैं तो अभी भी तेरी जैसी रंडियों को पानी पिला दूं।
रेहाना- क्यों और कौन हैरत में पड़ गयी आपके करारे लंड को देख कर?
रमेश- थी एक तेरी ही जैसी रंडी … साली कुतिया। चल यह सब छोड़ और इसे चूसना शुरू कर!
रेहाना रमेश को देख कर मुस्कराई और सोफे से नीचे आकर अपने घुटनों पर बैठ गयी. रमेश का लंड हाथ में लेकर उसने मुंह में भर लिया और उसको जोर जोर से चूसने लगी.
कुछ देर लंड चुसवाने के बाद रमेश ने उसे गोद में उठाया और बेड पर ले जाकर पटक दिया. उसकी दोनों टांगों के बीच में बैठ कर उसने अपने लंड को रेहाना की Xxx बूर पर लगा दिया और धीरे धीरे घुसाते हुए पूरा लंड उसकी चूत उतार कर धक्के मारने लगा.
रेहाना मजे में सिसकारियां लेने लगी- आह्ह अंकल … ऊउउ … आह्ह … हम्म … फक मी … आह्ह … चोद दो अंकल।
कई मिनट तक वो रेहाना की चूत में धक्के लगाता रहा और फिर उसने लंड निकाल लिया. लंड को उसने रेहाना के मुंह के सामने कर दिया और रेहाना उसको मुंह में लेकर चूसने लगी.
फिर रमेश ने रेहाना को लिटा कर उसके दोनों पैरों को हवा में उठा कर उसके सिर के ऊपर मोड़ दिया और रेहाना की गांड अपने आप हवा में उठ गयी. अब रमेश खड़ा हो गया और अपना लंड रेहाना की गांड के छेद पर लगा कर पूरा उसकी गांड में उतार दिया. वो बिना देर किये धक्के मारने लगा.
रेहाना अब मजे से रमेश के लंड से अपनी गांड चुदाई का मजा लेने लगी. रमेश रगड़ रगड़ कर रेहाना की गांड मारता रहा और रेहाना चिल्ला चिल्ला कर मजा लेती रही.
वो इतनी चुदासी हो गयी कि उसने रमेश को नीचे पटक लिया और खुद ही उसके लंड के ऊपर बैठ कर उसके लंड पर कूद कूद कर चुदने लगी- आह्ह … ओह्ह यस बेबी … आह्ह फक मी … आह्ह उम्म … आह्ह … मर जाऊंगी मैं … हह याल्ला।
उसका ऐसा रूप देख कर रमेश भी अपने वीर्य वेग को नहीं रोक सका और उसने पांच मिनट में ही अपना सारा वीर्य रेहाना की गांड में खाली कर दिया. रेहाना अपनी उंगली से रमेश के वीर्य को गांड से निकाल निकाल कर चाटने लगी.
रेहाना- उम्म … बहुत टेस्टी है अंकल.
रमेश- और पीना चाहोगी?
रेहाना- बेशक।
रमेश- उसके लिए तुम्हें मुझसे दोबारा चुदने के लिए आना होगा।
वो बोली- अंकल मैं तो आपकी दीवानी बन गयी हूँ. जब बुलाओगे चली आऊँगी।
रमेश- अच्छा इतना पसंद आया मेरा लंड तुम्हें?
रेहाना- बिल्कुल।
उस रात रमेश ने रेहाना को किसी गली की कुतिया की तरह रात 3 बजे तक चोदा और अलग अलग पोजीशन में उसकी गांड मारी. उसके बाद वो दोनों एक दूसरे से लिपट कर सो गये.
सुबह ही दोनों की आंख खुली. रेहाना बाथरूम से फ्रेश होकर आयी और अपने कपड़े पहनने लगी.
रमेश- अपनी ब्रा और पैंटी रहने देना यहीं पर।
रेहाना- मतलब?
रमेश- मुझे चुदाई के बाद तुम जैसी रंडियों की ब्रा और पेंटी कलेक्ट करने की आदत है. एक बार मेरे सामने अगर किसी औरत की ब्रा और पैंटी खुल गयी तो खुल गयी। फिर वो मेरी हो जाती है.
रेहाना- अच्छा तो यह बात है, मगर मैं घर कैसे जाऊँगी?
रमेश- घर क्या तुम ब्रा और पेंटी में जाओगी? चुपचाप अपने ऊपर के कपड़े पहनो और चली जाओ।
वो मुस्करा कर उसके पास आई और उसका फोन उठा कर नम्बर लगाने लगी.
रमेश- किसको फोन लगा रही हो?
रेहाना केवल मुस्करा दी.
तभी रेहाना के फोन पर रिंग बजी और रमेश से बोली- यह मेरा नम्बर है. जब भी आप मुझे बुलाना चाहो, मुझे डायरेक्ट फोन कॉल कर देना. मैं चली आऊंगी.
रमेश भी मुस्करा दिया.
फिर रेहाना ने रमेश को उसका फोन वापस किया और कपड़े पहन कर जाने लगी और जाते हुए बोली- ये बात किसी को बताना नहीं.
फिर वो रूम से निकल गयी.
फिर रमेश भी कपड़े पहन कर वहां से निकल गया और घर पहुंचा.
दरवाजा रिया ने ही खोला.
रमेश ने रिया को देख कर एक शैतानी मुस्कान दी और उसके गले लगाते हुए बोला- गुड मॉर्निंग डार्लिंग!
रिया- गुड मॉर्निंग।
रमेश- पता है आज मैं बहुत खुश हूँ. मुझे कुछ नया मिला है।
रिया रमेश की बात सुनकर उलझन में पड़ गयी और बोली- क्या?
रमेश- यह तो सरप्राइज है. मैं आकर बताऊंगा. तब तक इंतज़ार करो।
रमेश मुस्कराते हुए अपने कमरे में चला गया.
रिया रमेश की बातें सुन कर सोच में पड़ गयी.
तभी उसका फ़ोन बजा.
रिया- हाँ बोल रेहाना, इतनी सुबह-सुबह कैसे याद किया?
रेहाना- मुझे तुझसे मिलना है।
रिया- ठीक है 1 घंटे में आती हूँ तेरे घर पर!
रेहाना- मुझे तुझसे अभी मिलना है।
रिया- अभी?
रेहाना- हाँ अभी, बहुत ही अर्जेंट काम है।
रिया- अब इतना भी अर्जेंट क्या है, तू मुझे फ़ोन पर ही बता दे।
रेहाना- अरे यार, यह फ़ोन पर बताने वाली बात नहीं है।
रिया- ऐसा भी क्या है जो तू मुझे फ़ोन पर नहीं बता सकती. जब हम फ़ोन पर अपने बिज़नेस की बातें कर सकते हैं तो फिर उससे बड़ी और क्या बात हो सकती है?
रेहाना- उससे भी बड़ी बात है।
रिया- अच्छा तब तो मुझे अभी जानना है कि ऐसा क्या है?
रेहाना- नहीं, तू मुझसे मिल पहले, तभी बताऊंगी।
रिया- नहीं, तू अभी बता।
रेहाना- नहीं, तू मिल तो सही।
रिया- रेहाना, तुझे तेरी बिज़नेस की कसम तू अभी बता।
खीझकर रेहाना बोली- साली तू बहुत ज़िद्दी है. ऐसे नहीं मानेगी. ठीक है अभी तू कहाँ है?
रिया- घर में।
रेहाना- पहले तू घर से कहीं बाहर निकल तब बताऊँगी।
रिया- ओहो! यार क्या ड्रामा है ये, लोचा क्या है बताएगी मुझे? चल ठीक है आती हूं. रुक।
रति को आवाज देते हुए रिया बोली- मां, मैं गार्डन में हूं.
रति- ठीक है बेटा।
रिया गार्डन में गयी और फिर से रेहाना से बात करने लगी.
रिया- हां अब बोल, क्या बात है?
रेहाना- पहले तू प्रोमिस कर मेरी बात का बुरा नहीं मानेगी.
रिया- नहीं मानूंगी. अब बतायेगी भी कि क्या बात है?
रेहाना- वह तो तुझे पता है ना कि कल रात रत्न लाल ने मुझे किसी कस्टमर के पास भेजा था।
रिया- हाँ तो क्या?
रेहाना- रिया वह कस्टमर कोई और नहीं, तेरे डैड रमेश अंकल ही थे।
रिया यह सुन कर चौंक गयी और नाटक करते हुए बोली- रेहाना, तू होश में है ना?
रेहाना- मैं सच बोल रही हूँ, कसम से!
रिया- रेहाना, कहीं तू डैड से चुदी तो नहीं?
रेहाना- सॉरी यार, रमेश अंकल की बातों में आकर मैं उनसे चुद गयी।
रिया- रेहाना, यह तू क्या बोल रही है?
रेहाना- हाँ रिया, उन्होंने मुझे जमकर चोदा और तो और सुबह मेरी ब्रा और पैंटी भी नहीं पहनने दी और मेरी ब्रा और पैंटी उन्होंने खुद ही रख ली।
रिया-क्या? अच्छा, ऐसा क्या?
रेहाना- वह तेरे बारे में भी पूछ रहे थे।
रिया- क्या? तो फिर तूने उन्हें कुछ बताया तो नहीं?
रेहाना- नहीं रिया, मगर अब तू ज़रा संभल कर रहना और कहीं भी जाने से पहले अपने कस्टमर के बारे में जान लेना।
रिया- हे भगवान! यह तूने क्या कर दिया?
रेहाना- अब जो होना था सो हो चुका. मगर एक बात तो है. अंकल बूढ़े जरूर हो गए हैं लेकिन उनके लंड में आज भी इतनी ताक़त है कि जवान लड़कियों को भी पानी पिला दें। हाय कितना मोटा था उनका लंड!
रेहाना की बात पर रिया खुश हो गयी और नाटक करते हुए बोली- तू पागल हो गयी है क्या?
रेहाना- हाय … अगर ऐसा लंड तुझे भी मिलता ना, तो तू भी पागल हो जाती।
रिया- चुप साली रंडी!
रेहाना- अब जो भी बोल ले तू, मुझे तो बहुत मजा आया. मैंने तो उन्हें अपना नम्बर भी दे दिया. जब चाहे बुला लें।
रिया- छी …
रेहाना- चल मेरा काम था तुझे बताना सो मैंने बता दिया. तू ज़रा ध्यान देना. बाय. अब रखती हूँ।
रिया- बाय!
इतना कह कर रेहाना ने फोन रख दिया.
Xxx बूर की कहानी अगले भाग में जारी रहेगी. कहानी पर अपना फीडबैक देते रहें. आप लोगों की प्रतिक्रियाओं का इंतजार है.
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