दोस्तो, मेरा नाम नितिन है और मैं अपनी वकालत की पढ़ाई के लास्ट ईयर में हूँ.
मेरे सभी दोस्त मुझे निट्स कहते हैं, मैं अन्तर्वासना की कहानियाँ हर रोज पढ़ता हूँ. यह मेरी पहली कहानी है जो आप लोगों को बताने जा रहा हूँ. आशा करता हूँ आप सबको बहुत पसंद आएगी.
आपको सबसे पहले मैं अपने बारे में बताता हूँ. मैं खंडवा का रहने वाला हूँ और मेरा लंड 7 इंच लंबा है. मेरी हाइट 5.5 इंच है, रंग गोरा और डेली जिम जाने से बॉडी पूरी कसी हुई है. मतलब ये कि मैं दिखने में किसी हीरो से कम नहीं लगता हूँ.
हुआ यूं कि मेरी एक दूर की बहन है उसने एक व्हाट्सअप ग्रुप बनाया, उसमें एक लड़की ऐड थी, उसका नाम जूही था, ये नाम बदला हुआ है. जूही दिखने में कोई अजंता की मूरत से कम नहीं थी. उसका गोरा रंग, तीखे नयन गुलाबी होंठ और गाल सेब जैसे थे, उसका फिगर 34-28-32 का था. ऐसा मदमस्त हुस्न कि जो भी देख ले, लंड से पानी छोड़ दे.
पहले तो वो मुझसे बहुत कम बात करती थी.. हैलो हाय बस उससे आगे नहीं. फिर एक दिन वो मुझे रात 12 बजे ऑनलाइन मिली.
मैंने उसको हाय लिख कर सेंड किया और पूछा- क्या आपका कोई बॉयफ्रेंड है?
उसका रिप्लाय ‘नहीं..’ में आया, समझो मेरी तो जैसे निकल पड़ी. उस दिन के बाद से हमारी रोज बात होने लगी. हमारे बीच काफी हंसी मजाक होता था.
एक दिन मैंने मजाक मजाक में उसको ‘आई लव यू..’ कह दिया तो उधर से भी ‘आई लव यू टू..’ का रिप्लाई आया.
मेरी तो ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा उस नाईट हम लोगों ने सुबह 5 बजे तक प्यार भरी बातें की. फिर हम अधिकतर बाहर मिला करते थे.. मतलब पार्क में या फिर रेस्टारेंट में.
इस बीच मैं उसे बहुत किस करता, उसकी चूची को कपड़ों के ऊपर से दबा देता. उसकी चुत को ऊपर से सहलाता, जिससे उसकी चुत पूरी गीली हो जाती. उसको भी बहुत मजा आता. पर कभी हम लोगों को ऐसा मौका नहीं मिला कि हम ठीक से चुदाई कर सकें.
इस बीच मेरे एग्जाम आ गए और मेरे एग्जाम टाइम में ही मेरे बड़े पापा के लड़के की शादी भी निकल आई. घर के सभी मेम्बर माँ पापा और मेरे दो भाई गांव चले गए. मेरे एग्जाम के कारण मैं शादी में नहीं जा पाया.
मैं घर पर अकेला था और जूही को चोदने का इससे अच्छा मौका मिल भी नहीं सकता था.
मेरा पूरा परिवार दोपहर में 1 बजे गाँव जाने के लिए तैयार हो गया, मैंने कार में सब सामान जमाया और सब लोग चले गए.
उनके जाते ही मैंने जूही को कॉल किया और कहा- घर के सब लोग बाहर गए हैं. क्या तुम आ सकती हो, घर पर मैं अकेला हूँ.
जूही ने कहा- मैं 3 बजे तक घर पर आ जाऊंगी.
बस फिर क्या था. मैं बार बार घड़ी की तरफ देखता रहा कि कब 3 बजें और चुत नसीब हो.
मैं बेड पर लेटा रहा और अचानक नींद आ गई. क्योंकि एग्जाम चल रहे थे तो पूरी रात पढ़ता रहता था. इसलिए नींद पूरी नहीं हो पाती थी.
करीब 3:15 पर घर की डोरबेल बजी और अचानक मेरी नींद खुल गई.
मैंने गेट खोला तो सामने जूही खड़ी थी, उसे देखा तो मेरे होश उड़ गए. वो ब्लैक कलर का सूट पहन कर आई थी. दोस्तो, वो इतनी गजब की लग रही थी कि शब्दों में बयान नहीं कर सकता. वो एक जन्नत की परी लग रही थी.
मैं उसमें इतना खो गया कि उसने आगे आकर कहा- गेट पर ही खड़े रहने दोगे या अन्दर भी आने दोगे?
मैंने उसे अन्दर बुलाया.. वो सोफे पर बैठ गई. मैं उसके लिए पानी लेकर आया और उसके साथ सट कर सोफे पर बैठ गया. मैं उसकी जाँघों पर हाथ रख कर सहलाने लगा और उसके होंठों पर होंठ रख कर चूसने लगा.
सच में दोस्तो, ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत में विचरण कर रहा हूँ.
वो भी मेरे लंड को लोअर के ऊपर से सहला रही थी. मेरा लंड पूरी तरह खड़ा हो गया था. साला लंड लोअर फाड़ कर बाहर आने को मचल रहा था.
हम दोनों चुदाई की वासना में इतने खो गए कि गेट लॉक करना ही भूल गए. जब दोनों को होश आया तो देखा गेट खुला ही है. फिर मैं उठ कर गेट बंद करके आया और फिर हम दोनों मेरे रूम में आ गए
कमरे में आते ही मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसने मेरा लोअर उतार दिया. अब मैं सिर्फ टी-शर्ट और चड्डी में था और वो पेंटी और सूट में थी.
फिर मैंने उसका सूट उतार दिया और अब वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में जलवा बिखेर रही थी. वो ब्रा पैंटी में इतनी गजब की माल लग रही थी कि मन कर रहा था कि साली की ब्रा खोल कर नहीं, फाड़ कर इसके चुचे आजाद कर दूँ, पर मैंने अपने आप पर काबू रखा. फिर प्यार से उसकी ब्रा उतार दी और उसको लेके बेड पर आ गया. मैं उसके चुचों पर ऐसे टूट पड़ा, जैसे भूखा शेर शिकार पर टूट पड़ता है.
जूही के चुचे रुई की तरह सॉफ्ट थे और उसके निप्पल पिंक थे. मैं बारी बारी से दोनों चुचों को मुँह में लेता और खूब चूसता. उसकी सिसकारियों से पूरा रूम गूंज रहा था.
फिर मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी. उसकी चुत पर हाथ रखा तो वो पूरी तरह गीली हो गई थी और भट्टी की तरह गर्म थी.