वर्जिन गर्ल की सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरी बीवी की कुंवारी सहेली जिद करके मुझसे चुदी. मैंने अपनी बीवी की एक सहेली को पहले चोद दिया था.
नमस्ते, मैं आर्यन फिर से हाजिर हूँ. मेरी सेक्स कहानी के पिछले दो भाग पढ़ कर मुझे आप सभी के कई मेल मिले. मैं आप सबका बहुत आभारी हूं कि आप लोगों से मुझे तारीफ मिली.
मेरी पिछली सेक्स कहानी
सेक्स की प्यासी लड़की को मजा दिया
में आपने पढ़ा था कि मैंने किंजल की बुर चुदाई करके उसे अपने लंड का दीवाना बना लिया था. वो मुझसे अभी भी खुल कर चुदती थी.
ये जानकारी किसी तरह से मेरी बीवी की दूसरी सहेली सादिका को लग गई. वो भी मेरे लंड से चुदने के लिए बेताब रहने लगी.
उसने मुझे कैसे अपने जाल में फंसाया, आइए इस वर्जिन गर्ल की सेक्स कहानी में जानते हैं.
सादिका अब मुझसे कुछ ज्यादा ही बातें करने लगी थी.
चूंकि मुझे ये समझ आ गया था कि इसको मेरा और किंजल का मालूम चल गया है और ये मुझसे चुदना चाहती भी है.
फिलहाल मैं उससे अकेले में नहीं मिलता था.
इसलिए वो मुझसे किंजल वाली बात नहीं कह पा रही थी और मुझे अपने जाल में नहीं फंसा पा रही थी.
एक दिन मेरी बीवी अपने मामा जी के घर गई थी. मैं भी उसको लेने जाने वाला था.
सादिका का मेरी बीवी के मामा जी के घर वालों से रिश्ता अच्छा था, तो वो लोग उसे भी वहीं बुला रहे थे. सादिका भी मामा जी के घर जाने को रेडी हो गई थी.
मेरी बीवी ने सादिका से फोन करके कहा- आर्यन मुझे लेने आने वाले हैं … मैं उसी के साथ में ही वापस आऊंगी. तू भी एक दिन के लिए इधर आ जा … फिर साथ ही वापस आ जाएंगे.
वो मेरा नाम सुनते ही तैयार हो गई.
उस दिन शाम को मैं मामाजी के घर के लिए निकलने वाला था.
तभी मेरी बीवी का कॉल आया- मेरी सहेली सादिका को भी साथ में ले आना, वो भी एक दिन के लिए इधर आना चाहती है.
मुझे कोई एतराज नहीं था क्योंकि मुझे कार से अकेला जाना था और सादिका का घर भी रास्ते में ही आता था.
मैं सादिका को लेने उसके घर पर शाम के 6 बजे पहुंच गया.
चूंकि सर्दी का मौसम हो गया था तो जल्दी अंधेरा भी होने लगा था.
उसके घरवाले मुझे जानते थे क्योंकि मैं उनकी बहुत हेल्प करता था. वो मुझे अच्छा और सज्जन व्यक्ति समझते थे.
वैसे तो मैं सज्जन ही हूँ … पर मचलती बुर के मामले में जरा दुर्जन भी हूँ.
मैंने सादिका के घर रुक कर उसके घर वालों से दस मिनट बातें की और हम दोनों निकल गए.
रास्ते में सादिका बातें करने लगी.
तभी किसी बात को लेकर मेरे मुँह से किंजल का नाम निकल गया तो उसने उसकी ही बात पकड़ कर चालू कर दी.
बातों ही बातों में उसने मुझे बोल दिया- मुझे पता चल गया कि आप लोगों के बीच क्या चल रहा है.
मैं उससे सर झुका कर बोला- प्लीज़, ये बात किसी को मत बताना, नहीं तो सबकी जिंदगी बिगड़ जाएगी.
वो मुझे डांटने लगी, उसके मन में जैसा आया, उसने कहा.
मैं चुपचाप सुनता रहा
फिर वो बोली- तुमने मुझमें क्या खराबी देखी, जो तुम उसके पास चले गए. मेरी तो अभी शादी भी नहीं हुई. जबकि वो तो शादीशुदा है. तुमको वो ही क्यों पसंद आई, मैं भी तो थी.
मैं मजाक करते हुए बोला- ये तुम क्या कह रही हो … मैंने कब कहा कि तुम खराब हो … तुझमें कुछ भी खराबी नहीं है. तू भी बहुत मस्त है, मुझे भी पसंद है. लेकिन किंजल एक्सपीरियंस वाली है और तुम वो नहीं हो.
वो बोली- तो तुम करवा दो न मुझे एक्सपीरियंस?
मैं बनावटी गुस्से में बोला- ये बोलने से पहले थोड़ी शर्म भी कर लेतीं.
वो एकदम से गुस्सा हो गई और बोली- उसके साथ सोने में शर्म बेच दी थी. मुझे शर्म करना सिखा रहे हो. वो भी तो सहेली है ना. मुझे शर्म-वर्म कुछ नहीं सीखना, बस तुम मुझे आज अभी ये एक्सपीरियंस कराओ.
मैंने उसे बहुत समझाया.
मगर वो नहीं मानी.
उसने चालू गाड़ी में मेरे पैंट के ऊपर से लंड पकड़ लिया और बोली- मुझे भी चुदाई करनी है, जैसे तूने किंजल की चुदाई की है, वैसे ही मुझे चोद.
वो मुझे एक तरह से उकसाने वाली बात कर रही थी.
रास्ते में अंधेरा हो गया था. वो पैंट के ऊपर से मेरा लंड नौंचने लगी.
मुझे भी मजा आ रहा था.
मैं उसे बार बार रोकने की कोशिश करता … मगर वो और जोर से नौंचने लगती.
फिर एक टाइम आया कि उसने पैंट की चैन खोल दी और मेरा लंड बाहर निकाल लिया.
वो लंड को पूरा निकाल कर ऐसे देखने लगी कि मुझे लगा साली पहली बार लंड देख रही थी.
तभी उसके मुँह से निकला- ये इतना मोटा होता है?
उसका पूरा मुँह खुला का खुला रह गया.
तभी मैंने ऊपर से जोर से उसके सर पर दबाया और उसके मुँह पर लंड लगा दिया. मेरा पूरा लंड उसके मुँह में चला गया.
उसको तो बस यही चाहिए था … वो लंड को चूमने लगी और कुछ ही पलों में वो जोर जोर से मेरे पूरे लंड को मस्ती से चूसने लगी थी.
बीच बीच में सादिका बोल रही थी- मुझे अभी ही चोद दो.
मैंने बोला- यार मैं आज तेरी चुदाई करूंगा, तो मामाजी के यहां सबको बता पता चल जाएगी.
वो बोली- वो कैसे?
मैंने कहा- जब तेरी बुर फटेगी न तो तुझसे चलते नहीं बनेगा. तेरी लंगड़ी चाल देख कर सबको पता चल जाएगा.
वो बोली- नहीं मुझे प्लीज आज ही चोदो … कुछ भी करके चोदो.
और वो रोने लगी.
मैंने उसको समझाया, तो वो यही बोल रही थी कि कोई मुझे प्यार नहीं करता, सब लोग मुझे इग्नोर करते हैं.
मैं अब भी नहीं माना.
वो बोली- साले तूने कितनी बार किंजल की चुदाई की है, बता?
मैंने बोला- मैंने गिना ही नहीं कि वो मेरे लंड से कितनी बार चुद चुकी होगी.
वो बोली- फिर भी?
मेरे मुँह से निकला यही कोई 6 या 7 बार.
वो ग़ुस्से में बोली- तूने आज मेरी 8 बार चुदाई नहीं की, तो मैं सबको बता दूंगी कि तुम दोनों के बीच में क्या है.
अब मुझे झक मारके सादिका की चुदाई करनी ही थी. मैं कार चलाते हुए माफिक जगह देखने लगा.
तभी मुझे याद आया कि आगे एक छोटा सा कस्बा आने वाला है. वहां पर मेरा एक मकान है, जोकि पापा ने गांव के बाहर लेकर रखा था. कभी कभी गांव में कोई शादी वगैरह में रुकना होता था, तो काम में आ जाता.
फिलहाल खास बात ये कि मेरे उस घर की एक चाभी कार में थी और अभी दो दिन पहले ही पापा उधर जाकर आए थे, तो सब चौकस व्यवस्था होने का तय था.
मैंने कस्बे में पहुंच कर अपनी बीवी को कॉल किया कि कार बिगड़ गई है और मैं रास्ते में पड़ने वाले कस्बे के मकान पर रुक गया हूँ. सादिका भी रुकने के लिए अपनी फ्रेंड सुमन के घर चली गई है.
मुझे मालूम था कि मेरी बीवी और सादिका की एक सहेली सुमन उसी कस्बे में रहती थी.
बीवी मेरी बात मान गई.
उसने कार सुधरने की बात पूछी तो मैंने कह दिया कि आज तो कोई मिस्त्री मिला नहीं, कल गाड़ी ठीक करवा के तेरे पास पहुंच जाऊंगा.
मैंने फ़ोन रखा ही था कि तुरंत सादिका के फोन पर मेरी बीवी का कॉल आया.
उसने भी मेरी बीवी को यही बताया कि वो सुमन के घर रुक गई है.
अब हम दोनों मेरे घर के करीब आ पहुंचे.
मैं कार में से में निकला, घर खोला और आस पास देखा कि कोई देख नहीं रहा है, तो मैंने सादिका को बुला लिया.
सादिका जल्दी से घर में घुस गई.
मैंने दरवाजा बंद किया और सादिका की तरफ मुड़ा.
वो तुरंत मेरे सीने से चिपक गई. वो मुझे फिर से नौंचने लगी. वो खुद पर कंट्रोल ही नहीं कर पा रही थी.
उसने कुछ ही पलों में मेरी टी-शर्ट खींच कर निकाल फैंकी और खुद भी ऊपर से नंगी हो गई.
मैंने बोला- रुक तो जा बावली!
मगर वो मेरे ऊपर ऐसे टूट पड़ी, जैसे वो न जाने कब से लंड की भूखी थी.
जल्दी ही सादिका मेरा लंड निकाल कर हिलाने लगी और मुँह में लेकर जोर जोर से लंड चूसने लगी.
मैंने उसके दूध मसलते हुए पूछा- बोल … आज तुझे कितनी बार चुदना है.
वो बोली- पूरे 8 बार … किंजल से ज्यादा मैं चुदूंगी तुझसे.
मैं बोला- तेरी बुर मेरा ये नाग जैसा लौड़ा सह लेगी!
वो मेरे बाल खींच कर बोली- मैं मर भी जाऊं … तो भी मुझे तू इतनी बार ही चोदना.
मन में मैंने सोचा कि आज इसकी मां चोदता हूँ … साली की गर्मी निकालता हूँ. मादरचोदी की बुर बहुत फुदक रही है.
मैंने उसको पूरी नंगी किया और उसे देखा, तो एक पल के लिए तो मुझे हंसी सी आई कि साली हाड़ पिंजर जैसी तो मरघिल्ली है … छोटे टमाटर जैसे दूध हैं लेकिन साली के निप्पल बहुत बड़े थे. बुर पर बाल नहीं थे और बिल्कुल चर्बी भी नहीं थी. ये मेरा लंड कैसे झेल पाएगी. उसके हाथ के कड़े जितना मोटा मेरा लंड है.
मैं भी नंगा होकर पहले उसके ऊपर चढ़ गया और उसको बहुत जोर जोर से किस करने लगा. उसके पूरे शरीर को चूमा. उसके निप्पलों को मसला और जोर जोर से चूसा.
फिर सादिका की दोनों टांगें चौड़ी की और बुर देखी तो एकदम छोटी सी बुर थी उसकी … मुझे डर होने लगा कि इतनी छोटी बुर में मोटा लौड़ा सह भी लेगी या नहीं.
फिर मैंने जोर जोर से उसकी बुर को चाटना शुरू किया. बुर पर उंगली भी रगड़ने लगा.
करीब पांच मिनट तक मैंने उसकी बुर चाट कर उसे तड़पाया. वो लंड के लिए तड़पने लगी थी.
मैंने उसकी बुर की फांकों में लंड को देर तक घिसा. उसकी बुर की ऊपर अपने लंड को ऊपर से नीचे करके रगड़ा.
उसकी बुर से पानी निकलने लगा.
मैंने लंड पर बहुत सारा तेल लगाया और उसकी बुर में उंगली से अन्दर तक तेल लगा दिया.
साली की बुर एकदम गर्म भट्ठी सी दहक रही थी.
अब मैंने अपना लंड बुर पर सैट किया. वो मोटा लंड अपनी छोटी सी बुर में घुसने से बहुत डरी दिखने लगी थी.
मैंने थोड़ा सा लंड बुर में डाला और उसको भींच लिया; उसके मुँह पर जोर से अपना हाथ दबाया और उसी पल पूरी ताकत लगा कर लंड को धक्का मारा.
वो जोर जोर से छटपटाने लगी.
उसके मुँह पर हाथ का ढक्कन लगा था, तो आवाज तो नहीं निकल पा रही थी लेकिन उसकी आंखों से आंसू आने लगे, वो रो रही थी और तड़प रही थी.
उसने मुझसे छूटने की बहुत कोशिश की, लेकिन फड़फड़ा कर रह गई.
उसकी तो जैसे जान निकल रही थी.
मैंने भी बिना रहम किए जल्दी जल्दी दो जोर के धक्के मारे. उसकी आंखें फ़ैल गईं और वो एकदम से बेहोश हो गई.
उसकी बुर से बहुत सारा लहू भी निकला. मैं खून देख कर रुक गया और उसे होश में लाने के लिए उसके गाल थपथपाने लगा.
वो होश में आई और दर्द से करहाते हुए बोली- निकालो … मुझे नहीं चुदना है.
मैंने कुछ नहीं बोला, बस उसे सहलाते रहा.
वो पांच मिनट तक मुझसे यही बोलती रही कि आह निकाल लो … मैं मर गई.
मैंने फिर से उसके मुँह पर हाथ रखा और एक और तेज धक्का दे मारा.
इस बार वो बहुत जोर से चिल्लाने को हुई लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा और गुस्से में आकर दो मिनट तक बहुत जोर जोर से चोदने लगा.
वो दर्द से तड़प रही थी. मगर जैसे जैसे धक्के लगते गए, उसकी बुर फैलती गई और उसने कसमसाना बंद कर दिया.
फिर मैंने करीब 15 मिनट से ज्यादा देर तक उसे रगड़ा. उसकी बुर में लंड डाल कर उसके निप्पल को खींचा.
वो अब थोड़ा सामान्य होने लगी थी. मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किए. वो उस टाइम बुर को इतना कस रही थी कि मेरे लंड को यही लग रहा था मानो बुर में लंड फिट हो गया है, अब लंड निकलेगा ही नहीं.
कुछ देर बाद मैंने धक्के लगाना चालू किए, तो अब उसकी चीखें सिसकारियों में बदल उठीं और कमरे में गूंजने लगी थीं.
वो अब झड़ने वाली थी इसलिए बोली- आह जोर से करो.
मैंने उसको भींच लिया और टांगें पूरी चौड़ी करके बुर खोल दी. फिर अपनी पूरी ताकत लगा कर मैंने फुल स्पीड में उसे चोदना शुरू कर दिया.
वो जोर जोर से सिसकारियां लेती हुई झड़ने लगी- आह मर गई रे … आह मैं कट गई आह.
सादिका अपनी पूरी कमर हिलाते हिलाते पानी छोड़ने लगी.
वो अब खुश थी और हंसने लगी थी. फिर भी मैंने सादिका को चोदना जारी रखा.
वो बोलने लगी- आह मत करो … आह अब फिर से लग रही है.
मैंने कहा- साली तुझे भी पूरी किंजल बना कर छोडूंगा.
वो कहने लगो- आह क्या तुम किंजल को अभी भी चोदते हो!
मैंने बोला- हां.
सादिका ने किंजल की चुदाई की सुनकर अपनी कमर फिर से चलाना शुरू कर दी वो फिर से गर्मा गई थी. उसकी बुर अभी भी गर्म थी.
मैंने उसे जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया. इस बार वो खुद से पूरी टांगें चौड़ी करके चुद रही थी.
मुझे उसे चोदते समय अन्दर बुर के अलावा बाकी सब जगह हड्डियां ही महसूस हो रही थीं.
फिर भी लंड उसकी बुर में बच्चेदानी को छूकर सलाम कर रहा था.
मेरे झड़ने के करीब आने से रफ्तार तेज हो गई तो मैंने उसकी ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी.
सादिका समझ गई और बोली- अपना अन्दर ही निकालना … पहली बार है.
हम दोनों ने साथ में पानी छोड़ दिया.
वो हांफते हुए बोली- आह मजा आ गया.
उसकी बुर पूरी लाल हो गई थी और सूज गई थी. पूरी बेडशीट उसके खून और पानी से लाल थी.
वो उठी तो दर्द से गिर पड़ी.
मैंने देखा तो उससे चलना तो दूर, वो मुश्किल से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी.
फिर उसको साफ करने के लिए बाथरूम ले गया और वहां पर उसकी सफाई करते करते लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया वो भी लंड को पकड़ कर सहलाने लगी.
मैंने उधर ही उसको खड़े खड़े प्यार से चोदा.
चूंकि वो वजन में काफी हल्की थी तो मैंने उसकी दोनों टांगें हवा में करके उसको जोर जोर से धक्के मारते हुए चोदना शुरू कर दिया.
इस बार उसको बहुत मजा आ रहा था. पूरा लंड उसकी बुर में जाता और बाहर निकलता दिख रहा था.
वो भी अपनी कमर को जुम्बिश देने लगी और इससे बुर और लंड दोनों जोर के धक्के से टकराते, तो वो जोर जोर से सिसकारियां लेती.
फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी बुर में धक्का देना शुरू कर दिया. वो लंड के हर धक्के पर आगे को हो जाती, तो मैंने उसकी कमर पकड़ी और जोर जोर से चोदने लगा. वो मस्त हो गई थी.
तभी वो बोली- बिस्तर पर चलो.
मैंने उसे बाथरूम से बेड तक धक्के मारता हुआ ले गया और उसको बेड के किनारे से हाथ टिका कर घोड़ी बना दिया.
अब वो आगे नहीं जा सकती थी तो मैंने पूरी ताकत से उसकी बुर में लंड पेलना चालू कर दिया. मेरा पूरा लंड बुर में गहराई तक उतर रहा था.
फिर मैंने उसकी बुर से लंड निकाला और घुटनों के बल बैठ कर उसकी बुर चाटने लगा. वो इससे खुश हो गई और गांड हिलाते हुए बुर चटवाने लगी.
एक मिनट बाद मैंने उसको उठाया और अपने ऊपर 69 में लटका लिया.
इस पोजीशन में मैं उसकी बुर चाट रहा था और उसके मुँह में लंड डाल कर धक्के देने लगा.
वो लंड को मुँह के अन्दर लेते हुए गों गों कर रही थी. उसकी बुर चाटते वक्त मेरी नजर उसकी छोटी सी गांड पर चली गई और मेरा मूड बन गया.
दोस्तो, वर्जिन गर्ल की सेक्स कहानी में मजा आ रहा है न … इसके अगले भाग में आपको और भी ज्यादा मजा आएगा, जब मैं सादिका की गांड चुदाई की कहानी लिखूंगा.
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वर्जिन गर्ल की सेक्स कहानी जारी है.