दोस्तो, मैं आप सबके लिए अपनी एक नयी कहानी लेकर आया हूं. मेरा नाम विकास है. कहानी शुरू करने से पहले मैं आपको अपना परिचय दे देता हूं.
मेरी उम्र 25 साल है. मेरे लंड का साइज़ 7 इंच है. मैं मुम्बई में जॉब करता हूं. मैं गे यानि लौंडेबाज हूँ. मुझे शुरू से ही बड़ी उम्र के या फिर बूढ़े लोग पसंद हैं.
मेरी पहली कहानी
पहली बार मेरी गांड की चुदाई
आपने पढ़ी होगी. अब मेरी नयी गांड कहानी का मजा लें.
एक दिन मेरे फेसबुक अकाउंट में एक बूढ़े विदेशी की फ्रेंड रिकवेस्ट आई. मैंने उसकी रिकवेस्ट को तुरंत एक्सेप्ट कर लिया. उन्होंने मैसेज किया तो वो स्पेनिश भाषा में था. मुझे उसका मैसेज समझ में नहीं आया.
गूगल ट्रान्सलेटर के बारे में मुझे पता था. वहीं से मैंने उसको रिप्लाय देना शुरू किया. अब उससे नॉर्मल बात होने लगी. कुछ महीनों तक हमारी बातें होती रहीं.
एक दिन फिर उन्होंने वीडियो कॉल किया. मैंने जब उनको कैमरे पर लाइव देखा तो वो काफी अच्छे लगे. उन्होंने मुझे अपने हाथ से फ्लाइंग किस दी. मैंने भी उनको रिप्लाइ में फ्लाइंग किस दिया.
ऐसे ही करते-करते फिर उन्होंने अपनी सिल्वर कलर की चड्डी भी उतार दी. उनका लंड अभी खड़ा नहीं हो पाया था. लंड देखने में भी छोटा ही लग रहा था.
उसके बाद मैंने भी अपने कपड़े खोल दिये और उनके साथ सेक्स चैट करने लगा. ऐसे ही उत्तेजना में हम दोनों ने लंड की मुठ मारते हुए अपना-अपना पानी निकाल दिया.
जब दोनों की वासना शांत हो गयी तो हम लोग फिर से चैट करने लगे. उन्होंने पूछा- कहां रहते हो? क्या करते हो?
मैंने उनको अपने बारे में बता दिया.
फिर मैंने उनके बारे में पूछा. उन्होंने भी अपने बारे में कुछ डीटेल्स बतायीं.
मैंने पूछा- कभी आप इंडिया में भी आते हो क्या?
वो बोले- हाँ, अगले महीने ही आ रहा हूँ.
मैंने पूछा- आप मुम्बई भी आओगे क्या?
उन्होंने बताया- हाँ, पहले मैं मुम्बई में ही आऊंगा. तुमसे मिलकर जाऊंगा.
ये सुनकर मैं खुश हो गया. मैंने कहा- ठीक है, मैं तुम्हारा इंतजार करूंगा.
उसी वक्त मेरे दिमाग में एक सवाल और आया. मैंने कहा- आपको इंग्लिश नहीं आती है. मुझे स्पेनिश नहीं आती है. तो फिर हम लोग बात कैसे करेंगे.
वो बोले- कोई बात नहीं, हमें उसके अलावा जो करना है वो तो कर ही सकते हैं.
मैंने कहा- ठीक है.
फिर जल्दी ही दिन गुजर गये और वह अंकल मुम्बई आ पहुंचे, पहुंचने के बाद उन्होंने मुझे वटसऐप कॉल किया.
मैंने मैसेज पर पूछा- कब मिल रहे हो?
वो बोले- आज तो मैं काफी थक गया हूं. आज तो मैं आराम करना चाह रहा हूं. कल मिलते हैं.
मैंने पूछा- आप अकेले ही आये हो क्या?
उसने कहा- नहीं, मेरा भाई भी साथ में है.
मैंने उनसे पूछा- तो फिर उनके सामने भी कुछ कर सकते हैं क्या?
वो बोले- उनको सब पता है. वो कुछ नहीं कहेंगे.
उनकी बात पर मैं बोला- अगर ऐसी बात है तो फिर ठीक है. अगर वो भी कुछ (सेक्स) करना चाहें तो कर सकते हैं. मुझे ग्रुप सेक्स में कोई प्राब्लम नहीं है.
उन्होंने कहा- ठीक है.
इतना कहने के बाद उन्होंने अपने होटल का पता बता दिया. मैंने होटल के नाम को मैप में सर्च किया तो पता लगा कि होटल मुम्बई स्टेशन के पास में ही है.
उनके बताये हुए समय पर मैं होटल में पहुंच गया. होटल मैनेजर को उनका नाम बताया मैंने. मैनेजर ने कहा कि थोड़ा इंतजार करें.
फिर मैनेजर ने उनके पास फोन किया. मुझे बैठे हुए पांच मिनट हो गये थे.
पांच मिनट के बाद एक फॉरेनर मेरे पास आया. उसने मुझे इशारे से रूम नम्बर बता दिया. रूम का नम्बर 301 था. रूम नम्बर बताने के बाद वो बाहर की ओर चला गया.
उसके बताये रूम नम्बर पर पहुंच कर मैंने डोर बेल बजाई. दरवाजा खुला तो एक अंकल दरवाजे पर खड़े थे. मैं उनको देखता ही रह गया. बिल्कुल गोरी चमड़ी वाला आदमी था. दाढ़ी सफेद थी. मगर देखने में मस्त लग रहा था. पहली बार इतनी करीब से मैंने किसी विदेशी को देखा था.
उन्होंने कहा- वेलकम!
मैंने बोला- थैंक्स।
अन्दर आते ही उन्होंने मुझे हग किया. उसके बाद दरवाजा बंद कर दिया.
फिर उन्होंने मुझे गाल पर किस किया. मैंने भी उनको किस किया. हम लोग बात तो कर नहीं सकते थे. मुझे उनकी भाषा नहीं आती थी. उनको इंग्लिश भी नहीं आती थी.
हम लोग बस इशारों में ही एक दूसरे की बात को समझ रहे थे. फिर बेड के पास जाकर उसने मुझे बांहों में ले लिया. मैंने भी अंकल को बांहों में भर लिया. हमारे होंठों को मिलते देर नहीं लगी.
दोनों ही एक दूसरे को स्मूच करने लगे. उसके बाद दस मिनट तक हम एक दूसरे के मुंह में जीभ डालकर किस करते रहे. फिर उन्होंने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिये. मैंने भी उनके कपड़े उतारने शुरू कर दिये.
पांच मिनट में ही हम दोनों नंगे हो गये थे. नंगे होने के बाद एक बार फिर से हम एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे. मुझे मर्दों के होंठों को चूसना बहुत पसंद था. मैं बहुत उत्तेजित हो गया था. वो भी मेरे होंठों को उतनी ही गर्मजोशी के साथ स्मूच कर रहे थे.
उसके बाद उन्होंने मुझे बेड पर लिटा दिया. वो मेरे ऊपर आकर मेरे निप्पल चूसने लगे. एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर उसको हिलाने लगे. मैंने भी एक हाथ से उनके लंड को पकड़ लिया और उसकी मुठ मारने लगा. उनका लंड मेरे लंड से तुलना में काफी छोटा लग रहा था मुझे. फिर भी मजा आ रहा था.
मेरा लंड तो पूरा टाइट हो गया था मगर उनका लंड अभी भी वैसे ही सोया हुआ था. काफी देर तक हिलाने के बाद भी उनका लंड टाइट नहीं हुआ. शायद उनकी उम्र का असर था. फिर वो मेरे निप्पलों को चूसने लगे. मेरी पूरी बॉडी पर किस करने लगे.
उसके बाद वो किस करते हुए नीचे मेरे लंड तक पहुंच गये. फिर उन्होंने मेरे लंड को मुंह में ले लिया और चूसने लगे. जब उन्होंने मेरे लंड को मुंह में लिया तो मुझे बहुत मजा आया. उसके बाद हम लोग 69 की पोजीशन में आ गये. एक दूसरे के लंड को मुंह में ले लिया.
पांच मिनट के बाद उनके लंड में हल्का सा तनाव आना शुरू हो गया. मगर मेरा लंड तो पूरे उफान पर था. वो मेरे लंड को मजा लेकर चूस रहे थे. अंकल को लंड चुसवाने मुझे मजा आ रहा था.
दस मिनट तक लगातार मैंने उस गोरे विदेशी अंकल को लंड चुसवाया. उसके बाद मेरा पानी निकलने को हो गया. मैंने उनको हाथों से हटाते हुए इशारा किया कि मेरा निकलने वाला है.
अंकल मेरा इशारा समझ गये. फिर मैंने उनको बेड पर लेटने के लिए कहा. वो पेट के बल लेट गये. मैं उनकी पीठ और कमर पर किस करने लगा. उसकी गोरी सी गांड पर भी मैंने किस किया.
उसके बाद मैंने उसके चूतड़ों को खोलकर देखा. उसकी गांड का छेद एकदम से लाल था. मैंने उसकी गांड में थूक दिया और अपनी उंगली डालने लगा. अंकल को मजा आने लगा. मैं तेजी से अंकल की गांड में उंगली अंदर बाहर करने लगा.
गोरे विदेशी अंकल की गांड में उंगली करते हुए मुझे कई मिनट हो गये थे. अब उसके मुंह से आह्ह … आहह् … की आवाजें निकल रही थीं. उसके बाद मैंने उसकी गांड से उंगली को निकाल दिया.
फिर उन्होंने मुझे कन्डॉम दे दिया. मैं उसको खोलने लगा. उन्होंने खुद ही मेरे लंड पर कॉन्डम लगाया और फिर मेरे सामने गांड उठा दी. मैंने अंकल की गांड पर लंड को पटका. वो चुदने के लिए बिल्कुल तैयार हो गये थे.
मैंने अंकल की गांड पर लंड को लगाकर एक झटका दिया. उसकी गांड उंगली करने से खुल गयी थी. वैसे भी उसकी गांड ज्यादा टाइट नहीं लग रही थी. इससे पहले भी वो गांड की चुदाई करवा चुका था शायद.
मेरा लंड अंकल की गांड में घुस गया.
अंकल के मुंह से निकला- ओह्ह माय गॉड!
फिर मैंने आराम आराम से अंकल की गांड को चोदना शुरू कर दिया. अंकल भी पांच मिनट के बाद खुद ही अपनी गांड को मेरे लंड की ओर पीछे धकेलने लगे.
दस मिनट तक मैंने अंकल की गांड की चुदाई की. उसके बाद मैंने अंकल की गांड से लंड को निकाल लिया. उनको पोजीशन बदलने के लिए कहा.
वो फिर सीधा लेट गये. अब वो पीठ के बल लेट गये थे.
इस पोजीशन में मैंने अंकल के दोनों पैरों को ऊपर उठा लिया. पैरों को उठाने के बाद मैंने उनकी गांड में अपना लंड फिर से डाल दिया. अब मैं दोबारा से तेज़ रफ्तार के साथ अंकल की गांड को मजा लेकर चोदने लगा.
मुझे भी गोरी गांड चुदाई में मजा आ रहा था और अंकल को भी अपनी गांड चुदवाने में काफी मजा आ रहा था. बल्कि अंकल को गांड चुदवाने में मुझसे कहीं ज्यादा ही मजा आ रहा था. वो मस्ती में सिसकारियां ले रहे थे. मैं भी उनकी मोटी सी गांड को मस्ती में चोद रहा था.
अब मेरा जोश और बढ़ गया. मैं अंकल के एकदम ऊपर आ गया. मैंने उनको लिप किस करना शुरू कर दिया. अब मुझे उसकी गांड चुदाई करने में अलग ही मजा आने लगा. मैं तेजी के साथ उसकी गांड में लंड को अंदर बाहर कर रहा था और साथ ही उसको होंठों पर किस भी कर रहा था.
मजे के मारे अंकल की आंखें बंद होने लगी थीं. मेरे मुंह से भी अब कामुक आवाजें निकल रही थीं. आह्ह … फक यू … आहह् … करते हुए मैं उसकी गांड को पेलने लगा.
पंद्रह मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना वीर्य निकाल दिया. कॉन्डम वीर्य से भर गया था. मैंने लंड से कॉन्डम हटा दिया और उसको डस्टबिन में फेंक दिया. उसके बाद हम दोनों उठ कर बाथरूम में चले गये.
बाथरूम में जाकर हमने शॉवर ऑन किया और फिर साथ में ही नहाने लगे. उन्होंने अपनी बॉडी पर एक बहुत ही मनमोहक परफ्यूम लगाया हुआ था. हम दोनों नहाते हुए भी एक दूसरे को किस करते रहे.
फिर उन्होंने मेरे पूरे बदन को तौलिया से पोंछ दिया. उसके बाद वो फिर से मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगे. मेरा मूड फिर से बनने लगा. मगर मुझे होटल में आये हुए काफी देर हो चुकी थी. अगर दोबारा से चुदाई शुरू हो जाती तो काफी लेट हो जाता.
मैंने अंकल को इशारे में ही वापस जाने के लिए कहा.
अंकल बोले- ओके, नो प्रोब्लम!
फिर हम लोग बाहर आ गये. बाहर आने के बाद मैंने अपने कपड़े पहने. उसके बाद उन्होंने तौलिया लपेट लिया. मुझे उन्होंने एक प्यारा सा गिफ्ट भी दिया. उस वक्त मैंने उसको खोल कर नहीं देखा.
जब मैं जाने लगा तो उन्होंने मुझे एक बार फिर से हग किया और मेरे गाल पर किस किया. मैंने भी उसको गाल पर किस किया. फिर मैं रूम से बाहर आ गया. जल्दी से अपने घर पहुंचा और मैंने गिफ्ट को खोल कर देखा.
गिफ्ट में अंकल ने मुझे स्पेनिश चॉकलेट दी थी. उसके साथ ही एक परफ्यूम की बोतल भी थी. मैं खुशी से झूम उठा. उसके साथ सेक्स का मजा तो लिया ही साथ ही विदेशी चॉकलेट भी मिली.
विदेशी अंकल की गांड चोदकर मुझे बहुत मजा आया. मैंने उस परफ्यूम को संभाल कर रखा हुआ है. मैं किसी खास मौके पर ही उसको लगाता हूं.
तो दोस्तो, ये थी मेरी कहानी. अगर आपको मेरी आपबीती कहानी पसंद आई हो तो मुझे बतायें जरूर. मुझे आप सबके रेस्पोन्स का इंतजार रहेगा. आप मुझे नीचे दी गई मेल आईडी पर मैसेज भी कर सकते हैं.
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