विदेशी स्टूडेंट के साथ पहली चुदाई

दोस्तो, मैं आप सबका ज़ीशान. मेरी पहली रियल सेक्स स्टोरी
चिकनी चाची और उनकी दो बहनों की चुदाई
को इतना सराहने के लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद.
आप सबके मैसेज और मेल से मेरा इनबॉक्स फुल हो गया है. अभी भी मुझे मैसेज आ रहे हैं. हालांकि ज़्यादातर फेक आईडी से मैसेज आए हुए थे. तब भी मैं समझ सकता हूँ कि उन्होंने मेरी कहानी को पसंद किया है. कई लोगों ने कहानी को फेक बोला, कई लोगों को मनपसंद वाली सेक्स कहानी लगी. जो भी है, एक बार फिर सभी का धन्यवाद.
चिकनी चाची और उनकी दो बहनों की चुदाई एक लंबी सीरीज है.

मेरी ये नई रियल सेक्स स्टोरी खासकर उन सबके लिए पेश करना चाहता हूँ, जिन्होंने मुझे दूसरी कहानी लिखने के लिए प्रेरित किया है.

मेरे बारे में तो आप सब जानते ही हैं. मैं ज़ीशान, हाइट 5 फुट 8 इंच, हैंडसम लड़का हूँ.

ये गंदी कहानी उस समय की थी, जब मैं 12वीं के लिए बैंगलोर आ गया था. वहां चाची को छोड़कर आने का मेरा मन ही नहीं हो रहा था, फिर भी पढ़ाई के लिए आना पड़ा था. अब तक मैंने सेक्स नहीं किया था, लेकिन मेरी वासना अंगड़ाई लेने लगी थी.

मैं बैंगलोर पहुंचा और उधर के एक बड़े कॉलेज में मैंने एडमिशन ले लिया. चूंकि स्वभावत: मैं किसी से ज़्यादा मिलता नहीं था, इसी लिए मैंने कॉलेज के पहले दिन किसी से बात नहीं की.

फिर धीरे धीरे लड़कों से बात करना शुरू हो गई. मेरी क्लास में एक विदेशी लड़की भी थी, जिसका नाम वॉयलेट था. वॉयलेट स्पेन से थी. उसका एकदम दूध जैसा रंग, जीरो फिगर … देखने में बॉलीवुड की कोई हीरोइन जैसी थी.
मैं क्लास में सिर्फ उसी को घूर रहा था. उसने मुझे दो बार यूं घूरते हुए पकड़ लिया था, फिर भी वो मुझे अनदेखा कर गई.

अभी तक मेरी उससे बात नहीं हुई थी. मैं सोचता था कि उससे पहले बात करने से अच्छा रहेगा कि उसी को मेरी ज़रूरत पड़ जाए, इस तरह से यदि शुरुआत हुई, तो सच में मज़ा आएगा.

पहला टेस्ट खत्म हुआ. लड़कियों को इम्प्रेस करने की जगह वही होती है. मैं अपनी योग्यता के आधार पर क्लास में टॉपर बन गया. अब सब लड़के लड़कियां मुझे बधाई देने आए. उनके साथ वो भी आ गई.
उसकी इंग्लिश बोलने का तरीका इतना मस्त था … और इतना फ़ास्ट था कि पहले तो मुझे ठीक से समझ नहीं आया.

खैर मैं खुश था, मेरी पहली बात तो बन गई थी. यहां मेरा एक सोच है कि जो भी लड़की सुंदर होती है, वो ज़्यादातर पढ़ाई में कमजोर होती है … ये अधिकतर की बात है, अपवाद सभी जगह होते हैं. यहां भी यही स्थिति थी. वो स्पेनिश वॉयलेट भी पढ़ाई में कमजोर थी. मैंने धीरे धीरे जान लिया था कि वो सब सब्जेक्ट्स में कमज़ोर थी.

फर्स्ट टेस्ट में भी वो 3 सब्जेक्ट में फेल थी. चूंकि मेरी उसके साथ बात इंग्लिश में होती थी, लेकिन मैं यहां हिंदी में अनुवाद करूंगा.

उसी दिन जब वो बधाई देने के बाद मिली, तो मैंने उससे पूछा- क्या हुआ वॉयलेट, उदास क्यों हो?
वॉयलेट- अरे ये पढ़ाई मुझसे नहीं हो पा रही है … मैं 3 सब्जेक्ट में फेल हो गई हूँ.
मैं- अरे कोई नहीं, ये टेस्ट ही तो था. एग्जाम में अच्छे से कर लेना.
वॉयलेट- अगर अभी ठीक नहीं किया, तो तब कैसे ठीक करूंगी.

मैं- ट्यूशन ले लो.
वॉयलेट- ओह्ह नो … ट्यूशन वालों से अच्छा … मैं खुद पढ़ लूंगी.
मैं- थोड़ी और मेहनत कर लो, हो जाएगा.
वॉयलेट- कुछ समझ में आएगा, तब मेहनत करूंगी ना.

मैं- तुझे क्या समझ में नहीं आया, मुझसे पूछ लेना, मैं एक्सप्लेन कर दूंगा.
वॉयलेट खुश होते हुए बोली- पक्का?
मैं- अरे हां … इसमें कौन सी बड़ी बात है.
वॉयलेट- यहां के लोग किसी को हेल्प नहीं करते हैं … सब अपना देखते हैं.
मैं- डोंट वरी … मैं हेल्प करूंगा.

मेरे इस आश्वासन से वो खुश हो गई और मैं भी खुश हो गया था. उस विदेशन से मेरा पहला वार्तालाप मस्त हुआ था. हम दोनों ने एक दूसरे के नंबर एक्सचेंज कर लिए. मेरे पास साधारण फ़ोन था, लेकिन उसके पास आई फ़ोन था.

हम दोनों दोस्त बन गए. अब वो मुझे अक्सर कॉल किया करती थी. मैं भी उससे कुछ न कुछ बहाना बना कर बात कर लेता था. हम दोनों की दोस्ती ऐसे ही चल रही थी.

हम दोनों कभी कभी लाइब्रेरी में, कभी कभी पार्क में, कभी कैन्टीन में मिलते रहते थे. मुझे उसके साथ बहुत मजा आता था. मेरे मन में उसको लेकर फिलहाल कोई गलत भावना नहीं थी. बल्कि मेरा मन उसे चूमने का मन करता था … हमेशा उसको छूने का मन करता था.

एक दिन उसने मुझसे पूछा- तेरी कोई गर्लफ्रैंड है?
मैं- नहीं यार … अभी तक ऐसा कुछ फील हुआ ही नहीं है.
वॉयलेट- कैसे होगा, तू तो हमेशा पढ़ता रहता है, प्यार के लिए तेरे पास टाइम ही कहां है?
मैं- हम्म … वैसे तू अपने बारे में बता. तेरा कोई बॉयफ्रेंड है?
वॉयलेट- अभी तो नहीं है … लेकिन पहले था … उससे 6 महीने पहले मेरा ब्रेकअप हो गया था.
मैं- क्यों?
वॉयलेट- वो किसी और लड़की के साथ पकड़ा गया था.
मैं- पकड़ा गया था … मतलब?
वॉयलेट- वो कोई दूसरी लड़की के साथ उसके बैडरूम में पकड़ा गया.

मुझे समझ आ गया था कि क्या हुआ था … फिर भी मैं उससे इस मुद्दे पर और कुरेद कर पूछना चाहता था. उसके मुँह से वो बेडरूम वाली बात सुनना चाहता था.

वॉयलेट- छोड़ ना … अब उसके बारे में क्या बात करना.
मैं- बता ना … मुझे समझ में नहीं आया.
वॉयलेट- वो बन्दा दूसरी लड़की के साथ उसके बैडरूम में सेक्स कर रहा था, जब मैं उसके बैडरूम गई … उसे सेक्स करते देखने के बाद मैं उसको वहीं ब्रेकअप बोल कर आ गई.

मैं- तुम जैसी खूबसूरत लड़की को छोड़ कर वो चूतिया दूसरी के साथ ऐसा कैसे कर सकता था.
वॉयलेट- लड़के ऐसे ही होते हैं.
मैं- मैं ऐसा नहीं हूँ.
वॉयलेट- अरे तू नहीं बाबा … तू सबसे अच्छा है.

More Sexy Stories  हवसनामा: मेरी चुदती बहन-1

अब तो हम बेस्ट फ्रेंड्स बन गए थे. इतनी बेस्ट कि उसकी ड्रेसेस भी मैं ही सिलेक्ट करने लगा था. उसकी स्कूटी में हम दोनों घूमने जाया करते थे. हम दोनों कभी मूवी, कभी पार्क में यूं ही गपशप करते रहते थे.

एक दिन उसने मुझे पार्टी के लिए बुलाया- मेरे पास पार्टी के लिए दो टिकट्स हैं, तू चलेगा?
मैं- लेकिन मैं अभी तक पार्टी में गया नहीं हूँ.
वॉयलेट- मैं लेकर चलती हूँ ना.

उसके साथ रहकर मेरी इंग्लिश भी सुधर गई थी. उसके साथ सब मस्त चल रहा था.

फिर पार्टी वाला दिन आ गया. हम दोनों पब में गए. उस पब में 21 साल वालों की ही एन्ट्री होती है. तो हमने आईडी में एडिट किया … और अन्दर चले गए.

मैं पहली बार पब में गया था. उधर की वो कलर फुल लाइट्स और उसके विदेशी दोस्तों के सामने मैं कुछ नहीं था. वो सब अच्छे लंबे और गोरे थे. मैं उन जितना गोरा नहीं था. सब लोग ड्रिंक्स ले रहे थे, मैंने कुछ नहीं पिया.

वॉयलेट ने वोडका पी. फिर डांस करने के लिए हम डांस फ्लोर पर आ गए. उसने मेरा हाथ लेकर अपनी कमर पर रख दिया और मुझसे डांस करने का बोला. हम दोनों ने डांस किया. मैं उसकी कमर पर हाथ रखे हुए नाच रहा था, कभी कभी मैं उसके चूतड़ों पर भी हाथ घुमाता जा रहा था.

कुछ समय बाद पार्टी खत्म हुई, मैंने उसको उसके घर पर ड्राप किया, वो नशे में थी … तो उसे अपनी बांहों में थाम कर उस दिन पहली बार मैं उसके घर में गया. वैसे मैं हमेशा घर के बाहर रह कर ही उससे बात कर लेता था.

उस दिन वो नशे में थी, इसलिए मैं उसे घर के अन्दर ले गया. उसकी माँ घर में थी. उसकी माँ का नाम स्टेफी था.

क्या बताऊँ यार … जैसी बेटी … वैसी माँ. वो भी एकदम मस्त कांटा माल थी. अभी भी एकदम फिट … बड़े बड़े चूचे और चिकनी गांड, गोरा रंग. मैं सोचने लगा कि ये सब विदेशी इतने सेक्सी क्यों होते हैं.

स्टेफी- हाई जीशान … प्लीज़ कम … वॉयलेट बताती है मुझे तुम्हारे बारे में. हमेशा घर के बाहर ही बात करके चले जाते हो … प्लीज़ सिट.
मैं- हां आंटी … आज वॉयलेट ने कुछ ज़्यादा पी ली है … इसलिए इसको लेकर अन्दर आना पड़ा है.
स्टेफी- ओके … राइट साइड में उसका कमरा है … प्लीज़ उसे अन्दर ले जाओ.

मैं हैरान था … ऐसे कैसे कोई माँ बोल सकती है. शायद विदेशी परिवार ऐसे ही होते हैं.

मैंने उसको उसके बेड पर सुला दिया. वो नशे में ही मुझे बाय बोल रही थी. इस वक्त वो बहुत खूबसूरत दिख रही थी. मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैंने उसके माथे पर किस किया और बाई बोला.
इसके बाद मैं वहां से निकल गया.

दूसरे दिन कॉलेज में सब साफ था. वो पार्टी के बारे में कुछ नहीं बोल रही थी. सब नार्मल से बात कर रही थी.

वॉयलेट- ज़ीशान एग्जाम नज़दीक आ रहे हैं यार … मुझे कुछ आता ही नहीं.
मैं- बता ना कौन से सब्जेक्ट में डाउट है.
वॉयलेट- सारे सब्जेक्ट में डाउट ही डाउट है.
मैं- ठीक है बाबा.
वॉयलेट- इस संडे में घर आ जा प्लीज़ और कुछ पढ़ा देना यार … फिर चले जाना.
मैं- ठीक है.

मेरे मन में अब भी उसके लिए कोई गलत विचार नहीं थे. दो दिन बाद संडे आ गया और मैं उसके घर पहुँच गया.

मैंने डोर बेल बजाई … वॉयलेट ने दरवाजा खोला. मैं उसको देख कर चौंक गया. वो एक छोटे से शॉर्ट्स में थी और क्रॉप टॉप पहने हुए थी. उसके शॉर्ट्स और टॉप के बीच में बड़ा गैप था. उस गैप में से उसकी नाभि साफ दिख रही थी. उसके घर पर कोई नहीं था.

मैं पूछने लगा- घर पर कोई नहीं है क्या?
वॉयलेट- मॉम फ्रेंड्स के साथ बाहर गई हैं. मैं अकेली ही हूँ.
मैं- आज तू बहुत सुंदर लग रही है.
वॉयलेट- अरे वाह … तुझसे मिले 6 महीने हो गए हैं … और तुझे मैं आज खूबसूरत दिख रही हूँ. अगर ऐसा है, तो मैं कॉलेज में रोज़ क्रॉप टॉप पहनकर आऊंगी.
मैं- अरे नहीं …

मैं हंस दिया, वो भी मुझसे गले लग कर मिली.

फिर हम दोनों ने सब्जेक्ट को पढ़ा. उसका मन पढ़ाई में नहीं लगा. उसने कहा- स्टूडेंट पढ़ नहीं पाएगा.
मैं फिर हंस दिया.
वॉयलेट- क्या सच्ची में मैं तुमको इतनी अच्छी लग रही हूँ.
मैं- हां … बहुत मस्त लग रही हो.

मैं उसके मम्मों और नाभि की ओर देख रहा था और मेरा लंड खड़ा हुए जा रहा था. मुझसे अपने आपको कंट्रोल करने मुश्किल था.

हम दोनों पढ़ाई की बात ही नहीं कर पा रहे थे.

मैं- तू कैसे इतनी खूबसूरत है. तेरे देश वाले सब इतने खूबसूरत है क्या?
वॉयलेट- ऐसा कुछ नहीं.
वो हंसने लगी.
मैं- तुझे खा जाने का मन करता है.
वॉयलेट- अच्छा. … यू नॉटी..

ये कह कर वो मेरे गाल को पकड़ने लगी. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
मैं- कैन आयी किस यू!

वो चुप रह गई. हम सोफे पर बैठे थे. वो मेरी तरफ मुड़ गई और मेरे आगे आ गई. मैं उसको किस करने सामने आ गया और उसके होंठों के करीब अपने होंठों को कर दिया. हम दोनों की गर्म सांसें एक दूसरे को महसूस होने लगीं. उसने भी अपने होंठ आगे कर दिए. मैंने उसके होंठों पर अपने होंठों को लगा दिया … और अगले ही पल हटा भी लिए.

वॉयलेट- यही था तुम्हारा किस?
मैं- हां.
वॉयलेट- पागल इसको किस नहीं बोलते हैं.
मैं- तो फिर किस क्या होता है?

उसने धक्का देकर मुझे सोफे पर गिरा दिया और मेरे ऊपर आ गई. उसने मेरे होंठों में अपने होंठों को लगा दिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी.

More Sexy Stories  रिश्तों में चुदाई स्टोरी-4

मेरा लंड की हालत खराब होने लगी. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैंने उसे कसके जकड़ लिया और मैं भी उसका सहयोग करने लगा.

मैंने उसे किस करते करते उसके मम्मों पर हाथ डाल दिया. वो दो सेकंड के लिए रुक गई, फिर नार्मल किस करने लगी. कुछ ही देर में हम दोनों भूखे परिंदों के तरह एक दूसरे को चूस रहे थे.

फिर मैंने उसको ऊपर उठाया. उसको खड़ा करके किस करने लगा. उसके मम्मों को सहलाने लगा.

अब वॉयलेट भी किस करने के साथ साथ मेरी शर्ट के बटन खोल रही थी. मैंने उसके शॉर्ट्स को नीचे खींच दिया. उसने भी अपने पैरों से उसको नीचे निकाल दिया.

वो मेरे पेंट की बेल्ट खोल रही थी. मेरा लंड पैंट के ऊपर उसके हाथ का स्पर्श से और तन गया. उसका घर हमारे चुम्बनों की आवाजों से गूंज रहा था. हम दोनों कुछ बात नहीं कर रहे थे. बस दोनों अपने काम में लगे थे.

फिर हम दोनों ने किस को रोका. वो मेरी लटकी हुई शर्ट को उतारने लगी, मैं उसका टॉप निकालने लगा. उसने मेरा पैंट भी उतार दिया. अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था … वो ब्रा और पैंटी में थी. वो अंडरवियर के ऊपर से मेरे लंड को मसलने लगी.

वॉयलेट- तेरा काफी लंबा है … तुझे देखकर लगा था कि तेरा लंड लुल्ली होगा. ये तो काफी बड़ा है.
मैं- अभी तुमने अंडरवियर निकाला नहीं है.
वो बोली- मैंने टटोल कर महसूस कर लिया है.

फिर उसने मेरा अंडरवियर निकाला और लंड को मसलने लगी. तब मेरा लंड कुछ साढ़े छह इंच का होगा. मैं उसके मम्मों दबा रहा था … फिर उसकी ब्रा को निकाल दिया. उसके एकदम शेप्ड मम्मों को देख कर मेरे तो होश उड़ गए. उसके चूचे एकदम गोरे और निप्पल पिंक कलर के थे. जैसे पोर्न मूवीज में पोर्न ऐक्ट्रेस के होते हैं, वैसी चूचियां थीं.

मैं वॉयलेट की चूचियों को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और उसके मम्मों को बारी बारी से पागलों की तरह चूस रहा था.
वॉयलेट- अरे रुक जा … हमारे पास काफी टाइम है … चल बैडरूम में चलते हैं.

मैं उसको अपनी गोद में उठा कर बैडरूम में ले आया. हम दोनों बेड पर आ गए और एक दूसरे को किस करने में लग गए. दोनों ही पागलों की तरह सेक्स में डूब गए थे. मैं कुत्ते की तरह उसका पूरा बदन चाट रहा था. उसकी नाभि छोटी सी ब्राउन कलर की थी … मैं उसके अन्दर जीभ डालने लगा. वो मचल गई.

मैं एक हाथ से उसके मम्मों को सहला रहा था और नीचे उसकी पैंटी के पास अपना मुँह ले आया.

मैंने दांतों से पैंटी को खींचते हुए निकाल दिया. मेरे सामने अब उसकी पिंक चूत थी … उसके ऊपर छोटे छोटे भूरे रंग के बाल थे. मस्त छेद दिख रहा था. मैंने चूत पर किस किया.

वॉयलेट एकदम से सिहर गई. वो चुदास से भरे स्वर में कहने लगी- आंह … उंह अब जल्दी से अन्दर डाल दे.

मैंने पोर्न तो देखा है … लेकिन ये मेरा पहला सेक्स था. मैंने लंड निकाला और चूत में डालने की कोशिश करने लगा.
वॉयलेट- पहली बार है क्या?
मैं- हां.

उसने अपने पैरों को अलग किया और ऊपर उठा लिया. अब मैं ठीक से लंड को अन्दर डाल सकता था. मैंने उसकी चूत के अन्दर लंड डाला … मेरा लंड एक झटके में आधा अन्दर चला गया.
वो चीख पड़ी- आँआह … उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह माय गॉड … यू आर सो डीप..

मैंने उसके होंठों पर मेरे होंठों को रख दिया और फिर से एक ज़ोर का झटका लगा दिया. इस बार मेरा पूरा लंड अन्दर घुस गया.
वॉयलेट एकदम से तड़फ गई … उसने मेरे होंठ काट लिए … मुझे दर्द होने लगा.
मैं- आआंह … मुझे दर्द हुआ.
वॉयलेट- मुझे भी..

मैं ज़ोर ज़ोर धक्के मारने लगा था, कुछ ही देर में वो भी नीचे से गांड उठा उठा कर चुदाई का मजा लेने लगी.

पांच ही मिनट में मैं झड़ गया … क्योंकि मेरा पहला सेक्स था.
वॉयलेट- कोई बात नहीं … तेरा पहला है ना, इसीलिए जल्दी हो गया.

फिर हम दोनों ने थोड़ा रेस्ट किया. खाना खाया और फिर किस करना शुरू कर दिया. मेरा लंड खड़ा करने के बाद उसने मुझे नीचे कर दिया और वो मेरे ऊपर चढ़ गई.

उसके ऊपर चढ़ने के कारण मेरा लंड पूरा उसके अन्दर जा रहा था. वो लंड के मज़े ले रही थी. उसके चूचे हवा में उछल रहे थे. मैं उसके मम्मों को उछलने से रोकने की कोशिश कर रहा था.

दस मिनट ज़ोरदार चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला हो गया था. मैंने उसको अपने ऊपर जकड़ लिया … और ज़ोर ज़ोर से धक्के नीचे से मारने लगा. वो झड़ गई … और एक ज़ोरदार चीख मारते हुए मेरे सीने पर गिर गई.

मैंने भी उसे कसके पकड़ा और ज़ोर से लंड पेलते हुए झड़ गया.

वॉयलेट मेरी सेक्स की गुरु बन गई थी. उसी ने मुझे चुदाई सिखाई थी.

कुछ देर बाद डोर बेल बजी. उसकी मॉम स्टेफी आ गई थीं. हम दोनों ने जल्दी से कपड़े पहन लिए. अब मुझे स्टेफी के लिए भी गलत भावना आने लगी थी. लेकिन सब इतना जल्दी होने वाला नहीं था.

हम दोनों ने एक साल अच्छे से एन्जॉय किया. फिर वॉयलेट मॉडलिंग के लिए मुम्बई चली गई और मैं इंजीनियरिंग की जॉब पर चला गया.

करीब 5 साल बाद मैं स्टेफी से मिला. वो रियल सेक्स स्टोरी मैं आपको जल्द ही बताऊंगा.

अन्तर्वासना की फ्री सेक्स कहानी साईट नयी हिंदी सेक्स स्टोरीज़ साईट

आशा करता हूँ कि आपको मेरी रियल सेक्स स्टोरी आपको पसंद आई होगी. आपके कमेंट्स का इंतजार रहेगा.
इंस्टाग्राम आईडी है @handsome_hunk2307
ईमेल आईडी है [email protected]
धन्यवाद.

What did you think of this story??