जयपुर की भाभी को उसकी बहन संग चोदा

ट्रिपल सेक्स की कहानी में मैंने दो सगी बहनों को चोदा होटल के कमरे में! उनमें से एक का पति सामने बैठ कर सारा खेल देख रहा था.

दोस्तो, मेरा नाम अंश है और मैं लखनऊ का रहने वाला हूं. आप सभी कैसे हैं … उम्मीद करता हूँ कि आप सभी लोग मेरी कहानियों को पढ़ कर खूब मजे ले रहे होंगे.

आपने मेरी पिछली सेक्स कहानी
ऑनलाइन मिली भाभी की चूत और गांड चुदाई
को पढ़कर काफी पसंद किया था और मुझे भारी संख्या में ईमेल मिले थे.
उसके लिए आप सभी का धन्यवाद.

आज काफ़ी दिन बाद मैं अपनी अगली सच्ची ट्रिपल सेक्स की कहानी लिखने जा रहा हूँ.

मेरी पिछली कहानी पढ़कर बहुत से मेल आए थे, जिनमें अधिकतर भाभियों के ही थे और वो भी मुझसे मिलकर अपनी चूत की खुजली दूर करवाना चाहती थीं.

ऐसे ही एक भाभी की ईमेल का जवाब मैंने उन्हें दिया और बाद में चोद भी दिया.

मेरी सेक्स कहानी को लेकर जिन भाभी का मेल आय़ा था, वो अपनी चूत की खुजली को मेरे साथ मिटाना चाहती थीं और मैंने उनकी इस मांग को पूरा भी किया.

भाभी का नाम कोमल था, जो जयपुर की रहने वाली थीं. उनकी शादी को 8 साल हो चुके थे और उनको एक 6 साल का बच्चा भी था. उन्होंने मेरी कहानी पढ़कर मुझे मेल कर मेरा नंबर मांगा. हमने एक दूसरे से अपने नंबर शेयर किए और बात करने लगे.

अब कोई भी औरत सीधे तौर पर तो ये नहीं कह सकती है कि मुझे तुमसे चुदवाना है, तो उन्होंने भी उस समय नहीं बोला.
बस हमारी बात चलती रही.

फिर धीरे धीरे हम दोनों खुलकर बात करने लगे और फोन सेक्स करने लगे.
एक दिन उन्होंने खुलकर मुझसे बोल ही दिया कि वो मेरे साथ सेक्स करने की इच्छा रखती हैं.

मैंने भी उनके इस प्रस्ताव का खुलकर स्वागत किया और हां कर दी.
लेकिन मैंने उनसे बोला कि मैं जयपुर नहीं आ सकता. आपको ही लखनऊ आना होगा.

वो भी अकेले आने के लिए मना करने लगीं.
उन्होंने अपने पति से इस बारे में बात की और अपने पति को लखनऊ आने के लिए मनाया भी.

शुरू में तो उनके पति नहीं माने लेकिन कुछ दिन बात वो भी मान गए.
क्योंकि एक अच्छा पति अपनी पत्नी की खुशी के लिए कुछ भी कर सकता है.

मैंने उनके पति से भी बात की और उन्हें आने के लिए प्रोत्साहित किया.

खैर … वो मान गए और हमने मिलकर लखनऊ आने का दिन निर्धारित कर लिया.

तय की हुई तारीख पर वो दोनों लखनऊ आ गए और एक अच्छे से होटल में रूम भी ले लिया.
भाभी ने मुझे कॉल किया और अपने होटल का पता दिया.
मैं भी उनके बताए पते पर पंहुच गया.

जैसे ही मैं उनके रूम पर पहुंचा, तो उनके पति ने ही दरवाजा खोलकर मेरा स्वागत किया और मुझे अन्दर आने के लिए बोला.
मैं भी अन्दर आ गया.

उनकी पत्नी मेरे सामने होनी चाहिए थी, जिससे मैं इतनी सारी बात किया करता था.
वो पता नहीं कहां थी.

मेरी नजर तो सिर्फ उन्हें ही खोज रही थी, लेकिन मैडम का कुछ पता ही नहीं था.
थोड़ी देर बाद मैंने खुद ही पूछ लिया कि आपकी पत्नी कहां है?
उन्होंने बोला कि वो बाथरूम में है, थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा.

फिर उन्होंने मुझसे कुछ इधर उधर की बार की.
उसी में वो उनकी पत्नी से हुई बात के लिए पूछने लगे.

मैंने कहा- मुझे जो भी बात करनी थी, मैंने आपकी पत्नी के साथ कर ली. अब आप सिर्फ हम लोगों के साथ मजे कीजिए.

दोस्तो, वो भाभी एक जाने माने स्कूल की प्रिन्सिपल थीं जो उन्होंने बाद में मुझे बताया था और उनके पति जयपुर में ही एक इंजीनियर की जॉब करते थे.

थोड़ी देर बात उनकी पत्नी यानि कि मेरी मैडम मेरी नजरों का इंतजार खत्म करते हुए बाहर आईं.
मैं तो उन्हें देखता ही रह गया.
क्या लग रही थीं … मेरी तो नजर ही नहीं हट रही थी.

मैं उस समय सिर्फ उनके बदन को निहार रहा था और वो भी मुझे देखकर हल्की सी मुस्कराहट से साथ मेरा स्वागत ऐसे कर रही थीं मानो कब से वो मेरा इंतजार कर रही थीं.

थोड़ी देर बाद भाभी मेरे ही बगल में आकर बैठ गयी और मुझसे पूछा- कुछ खाया या नहीं?
मैंने कहा- जो खाना पीना था, सब हो गया. अब तो जिस काम के लिए आया हूं, उसे पूरा करते हैं.

उन्होंने कहा- कुछ देर इंतजार करो, कोई और भी है, जो तुमसे मिलना चाहता है.
मैं अचंभित हो गया कि अब और कौन है, जो मुझसे मिलना चाहता है.

मेरे पूछने पर उन्होंने कहा तुम्हारे लिए मैं एक तोहफा भी लायी हूँ, वो तो देख लो.
उन्होंने अपने फोन से किसी को कॉल किया और मुझे इंतजार करने के लिए बोला.

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मैंने भी इंतजार करना ही उचित समझा.

थोड़ी देर बाद दरवाजे की घंटी बजी और उनके पति ने दरवाजा खोला.
आगंतुक को देख कर मैं तो जैसे एकदम सन्नाटे में आ गया.

मेरे सामने एक बहुत ही सुंदर औरत लाल रंग की साड़ी पहन कर खड़ी थी.

मैंने भाभी से पूछा- ये कौन हैं?
तो भाभी ने बताया कि वो उनकी बड़ी बहन हैं और हम दोनों एक साथ मजा लेना चाहती हैं.

ये सुनकर मेरी तो जैसे किस्मत ही खुल गई, जैसे किसी जगह एक के साथ एक फ्री मिल गई.
भाभी ने अपनी बहन की जान पहचान करवाते हुए हम दोनों को एक दूसरे के बारे में बताया.

फिर भाभी मेरे पास आकर धीरे से बोलीं- संभाल लोगे न दोनों को?
मैंने कहा- आप मेरी चिंता न करें. अब आप ये सोचिए कि आप दोनों का क्या होगा?

भाभी के चेहरे पर एक अलग ही खुशी दिख रही थी.

थोड़ी देर बाद हम सबने मिलकर कमरे का माहौल बनाना शुरू किया और कुछ ही पलों बाद पूरा कमरा हल्के से संगीत और वाइन के साथ तैयार हो गया.

अब हमने अपना खेल शुरू किया.

हम तीनों बेड पर पहुंच गए तो मैंने भाभी से पूछा- क्या हमारे साथ आपके पति नहीं आएंगे?
मैडम ने कहा- उनके साथ तो हमेशा ही होता रहता है. आज हम कुछ नया करेंगे.

इस पर उनके पति ने मुझसे कहा- मैं देखकर ही मजे लूंगा.
मुझे भी कोई आपत्ति नहीं थी.

इसके बाद हम तीनों ने एक दूसरे के कपड़े उतारने शुरू किए.
थोड़ी ही देर में हम तीनों नंगे हो गए.

दोस्तो, मैं बता नहीं सकता कि दोनों बहनें बिना कपड़ों के क्या मस्त माल लग रही थीं.
मेरी तो नजरें ही नहीं हट रही थीं.

भाभी की चूचियों से उनकी बहन की चूचियां काफी बड़ी थीं. दोनों बहनों की बड़ी गांड थी.
एक बार को तो मेरा मन कर रहा था कि अगर दोनों को पकड़ लूँ, तो कभी छोड़ूंगा ही नहीं.

फिर धीरे धीरे दोनों बहनों ने अपना रंग दिखाना शुरू किया.
मुझे तो समझ में नहीं आ रहा था कि मैं उनको चोदने के लिए आया था या वो मुझे!

थोड़ी देर बाद उसकी बड़ी बहन ने मेरे लंड के साथ खेलना शुरू कर दिया और उन्होंने खुद अपनी बड़ी बड़ी चूचियां मेरे मुँह पर रख दीं.

मैंने भी देर न करते हुए भाभी की बड़ी बहन की दोनों चूचियों को बारी बारी से चूसना शुरू कर दिया.
भाभी की बहन ने मेरा लंड मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया था.

जल्द ही पूरे कमरे में सिर्फ हम तीनों की आवाज़ के साथ चौथी आवाज भी आने लगी थी जो उनके पति की थी.
मैंने देखा, वो भी अपने लंड को बाहर निकालकर उसके साथ खेल रहे थे.

मुझे भी अपने लंड को चुसवाने में बहुत मज़ा आ रहा था.
हम तीनों जन्नत के मजे ले रहे थे.

थोड़ी देर बाद हमने अपनी पोजीशन बदली और भाभी की बड़ी बहन ने अपनी चूत को मेरे मुँह पर रख दिया.
छोटी बहन यानि भाभी ने लपक कर मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और हम तीनों ने एक दूसरे को संतुष्ट करना शुरू कर दिया.

मैं बहुत चाव से बड़ी बहन की चूत को चूस रहा था और छोटी बहन मेरे लंड बहुत अच्छे से चूस रही थी.
वो अपने हाथों से अपनी चूत में उंगली कर रही थी.

थोड़ी देर के बाद हम तीनों ने फिर से अपनी पोजीशन बदली और मैं भाभी की चूत का कामरस लेने में लग गया.

जबकि भाभी की बड़ी बहन अपनी बहन की चूचियों को दबा दबा कर मजा ऐसे लेने लगीं मानो वो भाभी का दूध निकालने में लगी हों.

लगभग आधा घंटा बाद हम तीनों का पानी निकल गया और हम आराम करने लगे.

करीब 15 मिनट बाद भाभी की बड़ी बहन फिर से मेरे लंड को चूसने लगीं और भाभी ने अपनी चूत को मेरे मुँह पर रख दिया.

हम तीनों ने जमकर एक दूसरे को खूब मजे देने शुरू कर दिए.

अब तक मेरा भी लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था.
मैंने भाभी को बेड पर लिटाया और उनकी बहन से अपनी चूत को भाभी के मुँह पर रखने को कहा.
उन्होंने वैसा ही किया.

मैंने अपने लंड को धीरे धीरे बड़ी बहन की चूत में डालना शुरू कर दिया.
अभी थोड़ा सा लंड ही अन्दर घुसा था कि उनकी आवाज़ निकल गई- सिस्स्स … आराम से डालो ना … मैं कहां भागी जा रही हूं … आंह मैं यहीं तो हूँ तुम्हारे पास.

मैंने उनकी बात पर ध्यान न देते हुए धीरे धीरे अपने लंड को अन्दर घुसाना शुरू कर दिया.
कुछ पल बाद उन्हें भी बहुत मज़ा आ रहा था.

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वो ऐसे रिएक्ट कर रही थीं मानो जैसे हर एक चीज को यादगार बनाना चाहती हों. वो हर चीज का बहुत मज़ा ले रही थीं.

थोड़ी देर तक तो मैंने धीरे धीरे ही किया लेकिन फिर जैसे ही मैंने अपनी स्पीड बढ़ाना शुरू की तो बड़ी बहन का भी मजा बढ़ता चला गया.

भाभी की बड़ी बहन और मैं दोनों एक दूसरे के होंठों को खा जाना चाहते थे.

करीब बीस मिनट तक हमने ऐसे ही मजे लिए और उसके बाद हमने अपनी पोजीशन बदल ली.

अब बड़ी बहन ने अपनी छोटी बहन को बेड पर लिटाया और खुद घोड़ी बनकर अपना मुँह छोटी बहन की चूत पर रख दिया.

अब वो अपनी छोटी बहन की चूत को बड़े मजे से चूस रही थीं.
उधर मैंने अपने लंड को भाभी के मुँह में दे दिया.
भाभी ने भी मेरे लंड को चूस कर चूत में घुसने लायक बना दिया.

मैंने अपनी जगह बदली और पीछे से भाभी की बड़ी बहन की चूत पर लंड रख दिया.

जैसे ही मेरा लंड उनकी चूत में गया, उनके मुँह से फिर से चीख निकल गई- आआअअ … आह धीरे से डालो … बहुत दिनों से मैंने किसी से नहीं चुदवाया है.

इस बार मैं किसी बात को नहीं सुनने वाला था.
मैंने एक ही बार में अपना आधा लंड उनकी चूत में डाल दिया.
उन्होंने दर्द से सिहरते हुए मुझे रोकने के लिए बोला भी लेकिन मैं नहीं रुका.

बस अगले झटके के साथ ही मैंने अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया और तेजी से चोदने लगा.
थोड़ी देर बाद उन्हें भी मजा आने लगा.

करीब 15 मिनट चोदने के बाद मैंने उनसे बोला- आपकी गांड को देखकर मेरा मन कर रहा है कि मैं आपकी गांड भी मार लूँ.
इस पर उन्होंने हंसते हुए कहा- हम दोनों आज तुम्हारी ही तो हैं, तुम्हें जो अच्छा लगे, करो. हमें भी बस मजे लेने हैं. जिस छेद में तुम्हारा मन करे, पेल दो और मेरी गांड को फाड़ दो.

मैंने भी तुरंत तेल लिया और गांड के छेद पर लगा दिया. थोड़ा तेल अपने लंड पर लगाया और एक ही बार में पूरा लंड उनकी गांड में डाल दिया.
उनके मुँह से बहुत ज्यादा ही तेज चीख निकल गई- आअअ … मर गई … आह.

उनकी आंखों से आंसू भी निकल आए.
मैंने पूछा- अगर ज्यादा दर्द हो रहा हो तो निकाल लूँ क्या?
लेकिन उन्होंने मना कर दिया और थोड़ी देर बाद उन्होंने खुद ही झटके मारने शुरू कर दिए.

अब मैंने भी पूरी स्पीड से उनकी गांड को चोदना शुरू कर दिया.
वो भी गांड उछाल कर मजे ले रही थीं.

थोड़ी देर बाद वो बोलीं- क्या सिर्फ मेरी ही गांड मारोगे? मेरी बहन की भी गांड मारो न … उसे भी तो मजे लेने दो.
मैंने कहा- ठीक है.

अब मैंने भाभी की बहन गांड से अपने लंड को बाहर निकाला और उनकी बहन की गांड में डाल दिया.
भाभी की भी चीख निकल गई- आंह इस्स्स … बहुत मोटा है … आह मर गई. आह आराम से डालो … मैंने कभी भी गांड नहीं मरवाई है … बड़ा दर्द हो रहा है.

भाभी की बहन ने उनको समझाया कि थोड़ी देर दर्द होगा लेकिन बाद में बहुत मज़ा आएगा.
तो भाभी मान गईं और गांड मरवाने लगीं.

थोड़ी देर के बाद सारा दर्द मजे में बदल गया.
इस बीच मैं भाभी की चुत में उंगली भी कर रहा था और भाभी अपनी बहन की चुत चाट रही थीं जिस वजह से दोनों बहनें दो बार झड़ चुकी थीं.

कुछ देर बाद मैंने कहा कि मेरा होने वाला है.
बड़ी बहन ने कहा- हम दोनों को लंड की रबड़ी का स्वाद लेना है.

मैंने तुरंत अपना लंड भाभी की गांड से निकाला और दोनों के मुँह की तरफ कर दिया.
दोनों बहनों ने बहुत अच्छी तरह से मेरे लंड को चूस लिया और मेरा सारा वीर्य पी गईं.

ट्रिपल सेक्स के बाद अब हम तीनों बहुत थक चुके थे, सो हमने थोड़ा आराम किया, ड्रिंक के साथ कुछ खाया और बातें करने लगे.
थोड़ी देर बाद हम सब फिर से मजे लेने के लिए तैयार हो गए.

उस दिन मैंने उन्हें बहुत जमकर चोदा उन्होंने भी खूब मजे लिए.
बाद में हम चारों सो गए.

लखनऊ के होटल में पति के सामने मैंने उसकी पत्नी और साली को एक साथ चोद कर इस मुलाकात को हसीन बना दिया था.
उस दिन के बाद आज भी जब भी हमें समय मिलता है, मैं जयपुर जाकर या वो यहां आकर मुझसे खूब जमकर चुदाई करवाती हैं और हम सब खूब मजे करते हैं.

दोस्तो, आपको मेरी यह ट्रिपल सेक्स की कहानी कैसी लगी. आप अपने सुझाव मेरी मेल पर लिख भेजें.
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