तीन पत्ती गुलाब-29
This story is part of a series: keyboard_arrow_left तीन पत्ती गुलाब-28 keyboard_arrow_right तीन पत्ती गुलाब-30 View all stories in series दोस्तो! मुझे लगता है मैं कोई पिछले जन्म की अभिशप्त आत्मा हूँ। पता नहीं मैं अभी तक अपनी सिमरन को क्यों नहीं भूल पा रहा हूँ? सच कहूं तो मिक्की, पलक, अंगूर, निशा, सलोनी और …