मेरा नाम सैम है और मैं इंदौर का रहने वाला हूं. गोपनीयता की वजह से मैंने इस कहानी में नाम बदल दिये हैं. अन्तर्वासना की कहानियां पढ़ते हुए मुझे काफी समय हो गया है. मेरे मन में कई बार ये ख्याल आता था कि मैं भी अपनी कहानी पाठकों को बताऊं. लेकिन मुझे समय नहीं मिल पा रहा था. फिर मैंने समय निकाल कर अपनी कहानी पाठकों तक पहुंचाने के लिए कहानी लिखना शुरू कर दिया.
उसी कहानी को मैं आप लोगों तक लेकर आया हूं. चूंकि यह मेरी पहली कहानी है इसलिये हो सकता है कि इस कहानी को लिखते समय मुझसे कोई गलती भी हो जाये तो या फिर मैं बाकी के लेखकों की तरह अपने साथ हुई घटना को सही तरीके से आप लोगों के सामने न रख पाऊं, इसलिए मैं पहले ही आपसे कहना चाहता हूं कि यदि आप लोगों को कहानी में कोई त्रुटि मिल जाये तो प्लीज उसे इग्नोर कर देना.
अब मैं अपने साथ हुई घटना को शुरू से बताता हूँ. लेकिन उससे पहले आप मेरे बारे में थोड़ा और जान लीजिये क्योंकि कहानी को अच्छी तरह समझने में आप लोगों को आसानी होगी. तो दोस्तो, मैं एक 24 साल का नौजवान हूं और दिखने में काफी हैंडसम भी हूं. मैं अपनी तारीफ इसलिए नहीं कर रहा हूं कि मुझे किसी लड़की को पटाना है इस कहानी के माध्यम से. बल्कि ऐसा कई लड़कियों ने मुझे बोला है कि मैं दिखने में काफी स्मार्ट लगता हूं.
कई बार तो मेरे दोस्त भी मुझे हैंडसम बुलाते हैं. मेरा लंड ज्यादा बड़ा नहीं है. उसका साइज पांच इंच का ही है. बस मुझे इसी बात का थोड़ा सा दुख रहता है कि बनाने वाले ने मुझे शक्ल तो अच्छी दी है लेकिन मेरे लंड को भी थोड़ा और बड़ा कर देता तो सोने पर सुहागा हो जाता. लेकिन मुझे अपने लंड के साइज से कोई परेशानी नहीं है. वैसे भी लड़कियों को खुश करने के लिए लंड के अलावा एक कला की जरूरत होती है. मुझे लगता है कि वो कला मेरे अंदर है इसलिए मैं लड़कियों को जल्दी ही पटाने में कामयाब भी हो जाता हूं.
मैंने अपनी जवानी में आते ही बहुत सी लड़कियों को चोदा है लेकिन मेरी लाइफ की ये कहानी थोड़ी अलग है इसलिए मैं इस कहानी को अन्तर्वासना पर भी शेयर करना चाह रहा था. बाकी कहानियां तो सामान्य चुदाई की कहानियां हैं जो मेरे साथ घटित हुई थी. इस कहानी को पढ़कर शायद आपको मजा आयेगा.
मेरी एक आदत है जिसके लिए मैं हमेशा ही तैयार रहता हूं. मुझे विदेशी लड़कियों से मसाज करवाना बहुत पसंद है. मैं महीने में दो या तीन बार तो मसाज करवाने चला ही जाता हूं. बिना मसाज करवाये मेरे बदन को चैन नहीं मिलता है.
या फिर ऐसा कहें कि जब तक किसी लड़की के नर्म कोमल हाथ मेरे बदन को ऊपर से लेकर नीचे तक न सहलायें तो मुझे कुछ अधूरापन सा लगता है. इस वजह से मैं महीने में कम से कम दो बार तो मसाज करवाने जरूर जाता हूं. मुझे इस तरह मसाज करवाने की लत ही लगी हुई है.
अब जहां पर मसाज की बात आ जाती है तो वहां पर फिर सेक्स की बात भी हो ही जाती है. आप लोगों को भी पता होगा कि मसाज की आड़ में कई जगह लोगों ने धंधा करने वाली लड़कियों को रखा होता है. वहां पर मसाज के नाम पर जिस्म की प्यास भी मिटाई जा सकती है.
मैं तो अक्सर ऐसे ही मसाज सेंटर पर जाता था जहां पर मसाज हैपी एंडिंग वाली होती है. मतलब तो आप समझ ही गये होंगे. मसाज के साथ-साथ वहां पर लौड़े को हिलवाने का मजा भी मिल जाता है. कई जगह तो पैसे थोड़े ज्यादा देकर चूत भी मिल जाती है.
मुझे दोनों ही काम पसंद हैं. जहां पर चूत न मिल पाये तो लौड़ा हिलवाकर ही काम चला लेता हूं. लेकिन मेरी कोशिश यही रहती है कि जब पैसे दिये ही जा रहे हैं तो क्यों न फिर लंड को चूत का मजा भी मिल ही जाये.
ऐसे ही एक बार मैं मसाज करवाने के लिए एक जगह पर गया. वो एक अच्छा स्पा था. बाहर तो स्पा की सर्विस देने का ही वादा किया जा रहा था लेकिन फिर काम की बात करने पर वो लोग बाकी सर्विस भी देने के लिए तैयार हो जाते थे. उस स्पा का पता मेरे एक दोस्त ने मुझे बताया था.
उस स्पा की एक खास बात ये थी कि वहां पर चिकनी लड़कियां मिलती थी. इसलिए मेरा वहां पर जाना बहुत जरूरी हो गया था. मुझे चिकने बदन वाली गोरी लड़कियां बहुत पसंद आती हैं. इस काम के लिए स्पा से बेहतर कोई जगह हो ही नहीं सकती थी. इसलिए पैसे चाहे कितने भी देने पड़ें लेकिन मैं अपने मन की शांति चाहता था.
तो दोस्तो जिस स्पा में मैं गया वहां पर एक लड़की असम के साइड की थी. आप तो समझ ही गये होंगे कि असम की लड़कियां कैसी होती हैं. एकदम गोरी और चिकनी. पता नहीं वहां की लड़कियां इतनी चिकनी कैसे होती हैं. इसलिए स्पा में ज्यादातर उसी तरफ की लड़कियां रखी जाती हैं.
उस चिकनी जवानी को देखते ही तो मेरा लौड़ा वहीं पर फनफनाने लगा था. मैंने अपने लंड को पकड़ कर कंट्रोल में करने की कोशिश की लेकिन साला फिर खड़ा हो जाता था. मसाज के लिए मैंने उसी लड़की को सिलेक्ट कर लिया. उसके अलावा और भी दो-तीन अच्छी लड़कियां थीं वहां पर, लेकिन मेरी नजर में वो पहली ही दफा चढ़ गई थी. इसलिए अब तो उसके सिवा कोई और पसंद ही नहीं आ रही थी.
अंदर पहुंचा और अंदर जाने के बाद उसने मुझे डिस्पोजेबल पेंटी देते हुए अपने कपड़े उतारने के लिए कह दिया. मैं कपड़े उतारने लगा. मैं केवल डिस्पोजेबल पेंटी में था. लंड तो पहले ही उछल रहा था. मैं सीधा लेट गया और लेटते ही लंड खड़ा हो गया. अंडरवियर में उसने तंबू बना रखा था. वैसे उन लड़कियों के लिए यह सब तो नॉर्मल ही होता है. इस वजह से उसने मेरे तंबू को देख कर कुछ भी ऐसा-वैसा रिएक्शन नहीं दिया. वो अपने काम में लगी रही.
मेरे लंड का उभार अलग से ही दिखाई दे रहा था. बल्कि लंड उछल भी रहा था और बार-बार झटके भी दे रहा था. एक तो मैं बिना कपड़ों के लेटा हुआ था और ऊपर से वो चिकनी चमेली मेरे सामने थी इसलिए लंड का बुरा हाल हो रहा था.
जब उसने मेरे शरीर पर हाथ लगाया तो हालत और खराब होने लगी. लंड पागल सा होने लगा था. उसने मेरे अंडरवियर पर तौलिया डाला हुआ था लेकिन लंड बार-बार उस तौलिया को ऊपर उछाल रहा था.
वो अपने मसाज के काम में व्यस्त रही.
जब मुझसे रुका नहीं गया तो मैंने उसको सेक्स करने के लिए ऑफर दिया लेकिन उसने मना कर दिया. वो मसाज करती रही. फिर मैंने अपना तौलिया हटा दिया ताकि उसको गर्म कर सकूं और वो कम से कम मेरे लंड को पकड़ कर हिला दे और मुझे थोड़ा चैन मिल जाये. उसने मेरे अंडरवियर में तने हुए मेरे लंड को देखा लेकिन उसने कोई रिएक्शन नहीं दिया.
जब वो मेरी जांघों की मसाज कर रही थी तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रखवाने की कोशिश की लेकिन वो साली नहीं मानी और गुस्सा होकर चली गई क्योंकि उसका टाइम खत्म हो गया था. मैं और मेरा लंड प्यासा ही रह गये.
लंड ने उछल-उछल कर पानी छोड़ दिया था इसलिए लंड को शांत करना जरूरी था. मैं उठ कर बाथरूम में चला गया और लंड की मुट्ठ मार कर आ गया. फिर मैंने कपड़े पहने और बाकी की पेमेंट करने के बाद मैं वापस अपने घर आ गया.
मगर उस चिकनी के ख्याल मेरे दिमाग से निकल ही नहीं रहे थे. मैंने कई दिनों तक उसके नाम की मुठ मारी. मैंने सोचा कि उसकी चूत तो चोदनी ही पड़ेगी. ऐसे तो मुझे चैन नहीं मिलने वाला.
फिर मैं दोबारा से एक दिन उसी स्पा में गया और वहां जाकर मैंने उसी चिकनी को सिलेक्ट किया. दोस्तो उसके बारे में आपको क्या बताऊं मैं, एकदम मस्त माल थी वो. उसका 36 का फिगर था. एकदम से गोरी-चिट्टी, उसकी बड़ी-बड़ी गेंद देख कर तो किसी का भी लंड फिसल सकता था.
मेरे जाते ही उसने भी मुझे पहचान लिया था. उस दिन वो थोड़ी नॉर्मल लग रही थी. मैंने अंदर जाकर कपड़े निकाल लिये. उसने मेरी मसाज शुरू कर दी. मैंने सिर्फ अंडरवियर ही पहना हुआ था. मसाज करते हुए मैंने उससे बात करने की कोशिश की लेकिन वो कुछ खास जवाब नहीं दे रही थी क्योंकि उनको क्लाइंट से इस तरह प्राइवेट में बात करने की मनाही थी.
जब वो मेरी मसाज कर रही थी तो मेरा लंड फिर से तन गया. लेकिन इस बार मैंने अच्छा प्लान बनाया था. मैंने पहले से ही अपने अंडरवियर में दो हजार रुपये दबा कर रखे हुए थे. उससे नजर बचा कर मैंने चुपके से अपने अंडरवियर से पांच सौ रुपये के चार नोट निकाल लिये और उनको अपने अंडरवियर की इलास्टिक में दबा लिया. जब उसने नोट देखे तो वो देख कर मुस्कराने लगी.
उसने नोट मेरे अंडवियर से निकालने के लिए अपना हाथ बढ़ाया तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया. मैंने उसका हाथ सीधा अपने लंड पर ही रखवा दिया और उसका नर्म हाथ लगते ही मेरे लंड ने जोर का झटका मारा.
वो हाथ छुड़ाने लगी तो मैंने नोट निकाल कर उसकी तरफ बढ़ा दिये. फिर वो लंड पर हाथ रख कर उसको दबाने लगी. लेकिन एक-दो बार दबा कर उसने फिर से हाथ हटा लिया.
मैंने उससे फोन नम्बर ले लिया और उसको ज्यादा पैसे देने का वादा किया तो वो कुछ सोच कर मान गयी. उस दिन मैं बहुत खुश हो गया. मछली मेरे जाल में फंस गई थी. फिर घर आकर मैंने उसको फोन किया. उसने फोन नहीं उठाया तो मैंने सोचा कि शायद अभी वो स्पा में ही होगी. रात को मैंने दोबारा से फोन किया तो वो उसने फोन पर बात की और मैंने उससे मिलने के लिए कहा.
वो मान भी गयी.
फिर जिस दिन हम लोगों को मिलना था तो मैंने उस दिन पहले से ही बीयर लेकर रखी हुई थी. मैं उस चिकनी के साथ पूरे मजे लेना चाहता था.
मैं कार लेकर उसको लेने के लिए चला गया. मैंने बियर अपनी कार में ही रख ली थी. फिर उसको बुला कर मैंने कार में अपने साथ बैठा लिया और हम लोग एक हाइवे की तरफ निकल गये. रास्ते मैं मैंने उसको बियर की बोतल खोल कर दे दी. वो बियर पीने लगी.
मैंने उससे कहा- मुझे भी पिला दो.
उसको पता था कि अगर वो मेरे कहे अनुसार काम करेगी तो उसे पैसे मिलेंगे इसलिए वो वैसा ही कर रही थी जैसा कि मैं उसको बता रहा था.
लेकिन उस दिन साली किस्मत भी खराब थी. जब हम हाइवे पर जा रहे थे पुलिस चैकिंग मिल गई और मेरा चालान कट गया. एक तो बियर थी और साथ में लड़की भी. बड़ी मुश्किल से मैंने पैसे देकर पुलिस वालों से पीछा छुड़वाया.
अब मैं बाहर सड़क पर कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था इस लिए मैं अपने ऑफिस की तरफ चला गया. गार्ड से मेरे अच्छी पटती थी. मैंने पहुंचने से पहले ही उसको सारी बात बता दी थी. उसने पहले से ही दरवाजा खोल कर रखा हुआ था और हम दोनों के लिए ऊपर छत पर इंतजाम भी कर दिया था.
मैं उस चिकनी के साथ बैठ कर बियर पीने लगा. कुछ ही देर के बाद उसको पेशाब लग गया तो मैंने उसको कहा कि साइड पर जाकर कर ले. वो सच में जल्दी से उठ कर चली गई. पांच मिनट के बाद वो वापस आ गयी. उसे हल्का-हल्का नशा हो चुका था और मुझे भी सुरूर सा चढ़ गया था.
वापस आते ही मैंने उसको किस करना शुरू कर दिया. एक बार तो वो मना करने लगी लेकिन फिर मेरा साथ देने लगी. मेरा लंड तो उसको छूते ही खड़ा हो गया था.
मैं जोर से उसको चूसने लगा और वो भी मेरे होंठों को चूसने लगी. मेरा लंड पगला गया और मैं उसके चूचों को जोर से दबाने लगा. आह्ह … बहुत ही मस्त चूचे थे साली के। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था और मैं उसकी चूत मारना चाह रहा था. लेकिन वो साली बिना कॉन्डम के तो मेरा लंड नहीं लेने वाली थी.
इसलिए मैं नीचे गया और मैंने बैग में जाकर कॉन्डम चेक किया. मैं कॉन्डम को लेकर फटा-फट छत पर वापस आ गया. मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसके हाथ में पकड़ा दिया. वो लंड को अपने हाथ में लेकर हिलाने लगी. मैं दोबारा से उसके होंठों को चूसते हुए उसके चूचों को दबाना शुरू कर दिया और उसकी स्कर्ट को खोलने लगा.
स्कर्ट को खोल कर मैंने नीचे कर दिया तो उसकी पैंटी में उसकी चूत उभरी हुई थी जिस पर मैंने हाथ से मसल दिया. फिर मैंने उसको किस करते हुए वहीं फर्श पर लेटा लिया और उसकी पैंटी को निकाल कर उसकी चूत को चाटने लगा. वो सिसकारियां भरने लगी.
फिर मैंने कुछ देर तक उसकी चूत को चाट कर मजे लिये और फिर उसको चोदने के लिए तैयार होने लगा. मैंने अपनी पैंट निकाल दी तो वो भी उठ गई. उसने मेरे लंड पर कॉन्डम पहना दिया और मैं उसके ऊपर लेट गया. मैंने एक हाथ से लंड को उसकी चूत पर लगा कर अपना लंड उस चिकनी की चूत में उतार दिया. लंड आराम से उसकी चूत में उतर गया.
वो साली पहले भी चुद चुकी थी. इसलिए लंड बड़े ही आराम से चला गया. मैं उसकी चूत में धक्के लगाने लगा.
वो भी चुदाई के मजे लेने लगी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
मैंने उसके टॉप को उठा रखा था और मैं उसके दूध जैसे सफेद चूचों को भी चूस रहा था. मेरा लंड उसकी चूत में गच-गच की आवाज करते हुए पूरा अंदर तक जा रहा था. साली बहुत ही मस्त माल थी. एकदम चिकनी और बिल्कुल मक्खन की तरह।
पूरा मजा आ रहा था उसके चिकने बदन को चूसने में. मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और तेजी से उसकी चूत को रौंदने लगा. वो भी आराम से चुदाई के मजे लेती रही. मेरा साथ देती रही.
फिर मैंने उसकी टांगों को उठा कर अपने हाथ में पकड़ कर अपने कंधे पर रखवा लिया और उसकी गुलाबी चूत में फिर से अपना लौड़ा पेल दिया. अब मैं फिर से उसकी चूत में धक्के देने लगा.
उसकी चूत की चुदाई करते हुए इतना मजा आ रहा था कि मैं उस आनंद को यहां पर बता नहीं पा रहा हूं. हां अगर वो बिना कॉन्डम के ही चुदने के लिए तैयारा हो जाती तो फिर तो बात ही कुछ और थी. लेकिन कॉन्डम के साथ भी उसकी चूत की गर्मी मुझे अपने लंड पर अलग से ही महसूस हो रही थी.
मेरे हर धक्के के साथ उसकी चूत में जब लंड जा रहा था तो वो पीछे सरक जाती थी. मैं उसकी चूत की चुदाई करते हुए उसको फाड़ देना चाहता था. वो भी साली पूरे मजे ले रही थी मेरे लंड के.
मैंने दस मिनट तक उसकी चूत रगड़ी और फिर मैं झड़ गया. मैंने कॉन्डम को निकाला और गांठ मार कर एक तरफ फेंक दिया. उसने अपनी स्कर्ट ऊपर कर ली और मैंने भी अपने कपड़े पहन लिये.
फिर हम लोग नीचे आ गये और कार में बैठ कर मैंने उसको पैसे दिये. वो खुश हो गई और मैंने उसको उसकी जगह पर छोड़ दिया.
इस तरह से मैंने उस चिकनी को कई बार अपने रूम पर बुला कर चोदा. जब तक मेरा मन नहीं भर गया मैंने कई बार उसकी चुदाई की.
तो दोस्तो, ये थी मेरी कहानी. अगर आप लोगों को मेरी कहानी पसंद आई हो तो मुझे मेल करना. मैं आप लोगों की प्रतिक्रिया का इंतजार करूंगा. आगे भी आप के लिए और भी अपनी जीवन की सत्य घटनाएं लेकर आता रहूंगा. मैंने अपनी मेल आई-डी नीचे दी हुई है.
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