कजिन सिस्टर की चुत चुदाई की कहानी

मैंने मेरी कजिन सिस्टर की चुदाई की. कैसे? बहन की चूत चुदाई की इस कहानी में पढ़ें!

दोस्तो.. आप सभी को मेरे प्यार भरे लंड का नमस्कार. मेरा नाम अमित है, मैं पुणे का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 23 साल है व हाइट 5 फीट 11 इंच है. एकदम पर्फेक्ट बॉडी है और मेरे लंड का साइज़ भी 7 इंच का है. ये मेरी पहली सेक्स स्टोरी है, तो किसी तरह की भूल को नजरअंदाज करते प्लीज़ माफ़ कर दीजिएगा.

इस चुदाई की कहानी का पूरा मजा उठाने के लिए सभी लड़के अपना लंड निकाल लें और लड़कियां अपनी चूत के साथ खेलना चालू कर दें क्योंकि इस कहानी को पढ़ कर आप सबका पानी निकलना निश्चित है.

ये कहानी मेरे और मेरी कज़िन सिस्टर साक्षी की है. साक्षी मेरी मौसी की लड़की है, जो पटना में रहती है. उसकी हाइट 5 फीट 8 इंच है उसकी उम्र अभी 21 साल की है. उसका रंग थोड़ा सांवला है, लेकिन फिगर का तो क्या बोलूँ दोस्तो.. एकदम टोटा माल है. उसका फिगर 36-30-32 का है.

यह बात अभी 6 महीने पहले की है, जब मैं, मेरा भाई और मेरी मम्मी, मौसी के यहाँ कुछ दिनों के लिए गए थे. जब हम उनके घर पहुँचे तो मौसी ने हम सबका बड़े प्यार से स्वागत किया. हम सभी के लिए खाने रहने का बन्दोबस्त किया.

इस सब में सिस्टर साक्षी मौसी की हेल्प कर रही थी. तब तक मेरे मन में उसके लिए कोई ग़लत फीलिंग्स नहीं थी. एक दो दिन तो यूं ही मस्ती में गुज़र गए.

एक दिन जब मैं सुबह उठा तो मैंने देखा कि साक्षी नहा कर आई थी और उसके बाल गीले थे. वो इस वक्त बहुत क्यूट एंड सेक्सी लग रही थी. मैंने उसकी पूरी बॉडी पर नज़र घुमाई तो मैं पागल हो गया. उसने वाइट कलर का टाइट स्लीवलेस टॉप पहन रखा था, जिससे साफ पता चल रहा था कि उसने ब्रा नहीं पहन रखी है. उस सफ़ेद टॉप में उसके चूचे बहुत बड़े लग रहे थे.

नीचे मेरी सिस्टर ने ब्लैक कलर की लैंगिंग्स डाली हुई थी. जो उसकी टांगों से एकदम चिपकी हुई थी. जब मैंने ध्यान से देखा तो थोड़ी सी लैंगिंग्स उसकी गांड की दरार में घुसी हुई थी.
यह देख कर तो मेरा लंड एकदम टाइट हो गया. तब मेरे मन में उसके लिए ग़लत फीलिंग्स आनी शुरू हो गई.

फिर मैं उठ कर नहाने के लिए चला गया. मैंने बाथरूम में साक्षी की ब्रा और पेंटी देखी, जो थोड़ी सी गीली थी. उसकी ब्रा पेंटी देख कर तो मेरा मन मचल उठा. मैंने तुरंत उसकी ब्रा पेंटी उठाई और नाक के पास ले जाकर लम्बी सांस भरते हुए सूँघा. उनमें से इतनी मादक और मस्त खुशबू आ रही थी कि मैं 5 मिनट तक तो उनको सूंघता ही रहा, फिर मैंने ब्रा को अपने लंड पर रख कर मुठ मारी.

ज़िंदगी में पहली बार मुझको मुठ मारने में इतना मज़ा आया. मैंने अपना सारा माल उसकी पेंटी चुत की जगह पर छोड़ दिया और ये महसूस किया कि मैंने अपने लंड का माल अपनी सिस्टर की चूत में छोड़ दिया था.

कुछ देर बाद मैं नहा कर बाहर आ गया. अब मैंने तय कर लिया कि सिस्टर की चुदाई करके ही रहूँगा.

थोड़ी देर बाद हम सब बाहर घूमने चले गए लेकिन मेरा तो कहीं भी मन नहीं लग रहा था. मैं हर समय बस यही सोच रहा था कि इसको कैसे चोदा जाए. रात में मैं और साक्षी एक ही बेड पर बराबर बराबर में लेटे थे. मुझको नींद तो आ ही नहीं रही थी. मैं और साक्षी बातें करने लगे. वो थोड़ी शर्मीली टाइप की है.

थोड़ी देर में जब वो सो गई, तो मैंने उसकी तरफ देखा. सिस्टर को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. कमरे में नाइट बल्ब जल रहा था, मैंने देखा कि उसके मम्मे ऊपर नीचे हो रहे हैं. उसका चेहरा भी एकदम परी जैसा लग रहा था. मन तो कर रहा था कि इसको अभी चोद डालूँ लेकिन मैं सही मौके का इन्तजार कर रहा था.

अगले दिन बड़ी सुबह हम सबको कहीं बाहर जाना था, लेकिन साक्षी को फीवर आ गया था इसलिए वो नहीं जा पाई.
मौसी ने मुझसे कहा कि अमित तू भी यहीं इसकी देखभाल के लिए रुक जा.

मैं तो इसी मौके का वेट कर रहा था. मेरी खुशी का तो कोई ठिकाना नहीं रहा. जब सब चले गए तो मैं फिर से बेड पर आके सो गया.

साक्षी को फीवर था इसलिए वो तो दवा की वजह से गहरी नींद में थी. थोड़ी देर बाद जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि साक्षी का एक हाथ उसके मम्मों पर रखा है और दूसरा उसकी पजामी में है. इस वक्त वो वही पजामी पहने हुए थी, जो वो रात को सोते वक़्त पहनती थी. उसकी ये पजामी एकदम स्किन टाईट थी, जिससे उसकी कदली सी जांघें बड़ी मस्त दिख रही थीं.

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ये देख कर मेरा बुरा हाल हो गया. फिर मैंने बेबस होकर बाथरूम में जाकर अपने आपको शांत किया और वापस आ गया. कमरे में आकर मैंने अपनियो बहन साक्षी को ब्रेकफास्ट के लिए उठाया.
वो बोली- भैया बाहर से कुछ ले आइए.
मैं बाहर से ब्रेकफास्ट ले आया.

सिस्टर ने कहा- भैया आप जाकर नहा लीजिए जब तक मैं चाय बना लेती हूँ.

मैं नहा कर आया, तो वो ब्रेकफास्ट बेड पर ही लगाने लगी. जब वो प्लेट रखने के लिए नीचे झुकी तो मुझे उसके मम्मों के दीदार हो गए. इतने मस्त और बड़े मम्मों के बीच उसकी क्लीवेज साफ नज़र आ रही थी.

इसी दरमियान उसने मेरे लंड का उभार भी देख लिया, लेकिन वो कुछ बोली नहीं. फिर हमने ब्रेकफास्ट का मजा लिया और बातें करने लगे.

कुछ देर बाद साक्षी मुझसे बोली कि भैया मुझे ठंड लग रही है.
मैंने उससे बोला- तू लेट जा, मैं तेरे पैरों की मालिश कर देता हूँ.

उसने लेट कर चादर ओढ़ ली. मैं उसके पैरों की मालिश करता रहा. फिर भी उसे कोई आराम नहीं मिला. वो कंपकंपा रही थी. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूँ.

तभी मेरे दिमाग में एक आइडिया आया. मैंने उससे बोला कि अगर तू बुरा ना माने तो मैं भी तेरी चादर में आकर लेट जाऊं.. तो इससे थोड़ी गर्मी आ जाएगी.

उसने हाँ कर दी, मैं तो खुशी के मारे पागल हो उठा. मैं तुरंत उसके साथ लेट गया. थोड़ी देर में मैंने अपना हाथ उसके राइट चूचे पर रख दिया. उसने कोई विरोध नहीं किया, इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई. फिर मैंने उसके दूसरे मम्मे को दबा दिया, तब भी कोई हरकत नहीं की.

अब मैं उसके दोनों मम्मों को दबाने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैं धीरे धीरे उसके पेट को भी सहलाने लगा. उसका पेट इतना कोमल था कि मन कर रहा था कि अभी खा जाऊं.

तभी वो एकदम से उठी और मुझपे चिल्लाने लगी- भैया, ये आप क्या कर रहे हैं, मैं आपकी बहन हूँ और आप मेरे साथ ही ये सब कर रहे हैं छी:..
मैं डर गया. मैंने उससे कहा कि साक्षी मैं तुझसे बहुत प्यार करता हूँ और तुझको ठंड लग रही थी न, इसलिए मैं ये सब कर रहा था ताकि तुझको ठंड ना लगे.

वो रोने लगी और उसने मुझको कमरे से बाहर जाने को कहा. मैं उसे चुप कराने की कोशिश कर रहा था. मैं उसे समझाने लगा कि ये सब ग़लत भावना से नहीं कर रहा था.. मैं बस तेरी हेल्प कर रहा था.

कुछ देर बाद वो समझ गई. फिर मैंने सिस्टर के चेहरे को ऊपर किया और उसके आँसू पोंछे. अब मैं धीरे धीरे अपने होंठों को उसके होंठों के पास ले गया और उसे किस कर दिया.

वो बोली- भैया ये सब ठीक नहीं है.. अगर किसी को पता चल गया तो बहुत बदनामी होगी.
मैंने उसे सहलाते हुए कहा- ये बात तेरे और मेरे बीच ही रहेगी.

फिर मैंने उसके होंठों का रस पीना स्टार्ट किया. वो भी पूरा साथ दे रही थी. करीब 10 मिनट तक हमने किसिंग की.

अब तो वो भी पूरी गरम हो चुकी थी. मैं उसकी गर्दन पर अपनी जीभ घुमाने लगा. वो गरम होने लगी और इस सब का वो पूरा मज़ा ले रही थी.

मैंने उसके टॉप में हाथ डाल दिया और मम्मों को दबाने लगा. वो बस ‘उह्ह्ह्ह आआअहह..’ करे जा रही थी.

मैंने उसका टॉप उतार दिया. उसने ब्लू कलर की ब्रा पहन रखी थी. मैंने एक ही झटके में उसे भी उतार दिया. ब्रा उतरते ही उसके चूचे ऐसे बाहर आए, जैसे किसी कबूतर को पिंजरे से आज़ाद कर दिया हो. उसके इतने बड़े और सॉफ्ट चूचे देख कर तो मैं उन पर टूट पड़ा. मैं उन दोनों मम्मों को बारी बारी से बड़े मज़े से चूस रहा था. वो बस मादक सिसकारियां ले रही थी, जो मुझे और ज़्यादा उत्तेजित कर रही थीं.

उसके चूचे चूसने के साथ साथ मैं उसकी चूत को ऊपर से ही सहला रहा था. फिर मैंने अपना हाथ उसकी पेंटी के अन्दर डाल दिया और चुत पर फेरने लगा.

उसने टांगें खोल दीं और मजे से मेरे हाथ का मजा लेने लगी. मैंने उसकी पजामी और पेंटी भी उतार दी. उसकी चूत पर हल्के हल्के से बाल थे, जो उसकी चूत को और खूबसूरत बना रहे थे.

मैं अपनी जीभ उसकी चूत पर फिराने लगा, वो तो जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी थी. उसके मुँह से बस ‘आआआअहह ऊऊऊऊओह प्लीज़ भैया मज़ा आ रहा है.. और करो..’ किए जा रही थी.

मैं अपनी जीभ उसकी चूत में अन्दर तक घुसेड़ने लगा. वो मेरा सर अपनी चूत पर लगातार दबाए जा रही थी. थोड़ी देर में उसका पानी निकल गया और मैं सारा चूत रस चाट गया.

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फिर मैं खड़ा हुआ और उससे मेरे भी कपड़े उतारने के लिए कहा. उसने तुरंत मेरे कपड़े उतारे. वो मेरे 7 इंच के लंड को देख कर बोली- हाय भैया कितना बड़ा है ये.. ये तो मेरी जान ही ले लेगा.. मेरी जरा सी चूत में कैसे घुसेगा ये?
मैंने बोला- सब हो जाएगा तू टेंशन मत ले.. लेकिन उससे पहले इसके साथ खेल.. इसको चूस.

पहले तो वो लंड चूसने के लिए मना करने लगी. फिर काफ़ी जिद के बाद उसने लंड चूसना स्टार्ट किया. शुरुआत में उसे लंड का स्वाद थोड़ा अजीब लगा लेकिन बाद में वो उसको लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी थी. मैं तो सातवें आसमान पर था.

फिर वो बोली चलो- भैया अब और मत तरसाओ, बना लो मुझको अपनी रंडी.. मैं अब और नहीं रुक सकती.
मैंने उसको सीधा बेड पर लेटाया और अपना लंड उसकी चूत के ऊपर वाले हिस्से पर रगड़ने लगा.

उससे सहा नहीं जा रहा था और वो बस यही बोले जा रही थी कि प्लीज़ भैया अब देर मत करो, मेरी प्यास जल्दी से शांत कर दो.
मैंने अपना लंड सैट किया और एक धक्का दे मारा, लेकिन उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड फिसल गया. कुंवारी चूत थी तो कसी हुई होना तो लाजिमी था.

फिर मैंने पास में ही रखे गरी के तेल को अपने लंड पर और उसकी चूत पर लगा कर फिर से लंड को चुत पर सैट किया. इस बार मैंने जब धक्का मारा तो मेरे लंड का सुपारा उसकी कोमल चूत में जा चुका था. वो ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी.

“उउइईईई माँ माँ मर गई.. प्लीज़ बाहर निकालो इसे.. मुझे नहीं करना प्लीज़ मुझ पर रहम करो…”
पर मैं कहाँ सुनने वाला था. मैं थोड़ी देर वैसे ही रुका रहा और उसे किस करने लगा. जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने फिर से एक झटका मारा. इस बार मुझे ऐसा लगा जैसे कोई चीज़ मेरे लंड से टकरा कर टूट चुकी है. जब मैंने नीचे देखा तो उसकी चूत से खून निकल रहा था, मैं समझ गया कि इसकी सील टूट चुकी है.

साक्षी दर्द के मारे बेहोश सी होने लगी, उसकी आँखों में आँसू आ गए थे और बस वो अपने आप को मुझसे छुड़ाने की नाकाम कोशिश कर रही थी.

फिर मैंने फाइनल झटका मारा और पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया.
वो बहुत ज़ोर से चिल्ला बैठी- बहन के लंड.. मादरचोद.. हरामी बाहर निकाल..

उसके मुँह से गालियाँ सुनके मुझे और जोश आ गया. मुझे तो ऐसे लग रहा था जैसे मैं स्वर्ग में हूँ. मैं धीरे-धीरे अपना लंड आगे पीछे कर रहा था.

फिर उसे भी मज़ा आने लगा और वो बोलने लगी- मेरे राजा कहां थे अभी तक.. ये सुख मुझे पहले क्यूँ नहीं दिया.. प्लीज़ फक मी हार्डर.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… उऊहह यसस्स्स.. यस.. फक फक..
वो बड़बड़ाए जा रही थी. मैंने अब अपनी स्पीड बढ़ा ली थी. उसके चूचे तो झूला झूल रहे थे ‘आआआहह यस्स भैया.. प्लीज़ फक मी फक मी.. और अन्दर डालो.. जान निकाल दो मेरी.. भोसड़ा बना दो इस चूत का..’

धकापेल चुदाई का खेल चलने लगा. इस बीच वो 2 बार झड़ चुकी थी. अब मेरा भी निकलने वाला था.
मैंने उससे पूछा- कहाँ निकालूँ?
वो बोली- अन्दर मत छोड़ना, मैं आपका रस पीना चाहती हूँ.

मैं अपना लंड उसके मुँह के पास लाया और ज़ोरदार पिचकारी मारी.

मेरा पूरा रस उसके मुँह पर फैल गया था और वो उसे चाट रही थी. उसने मेरा लंड चाट के साफ किया. फिर हम दोनों साथ में नंगे ही सो गए. उठने के बाद देखा कि उसकी चूत सूज गई है, उससे चला भी नहीं जा रहा.

मैं उसको किसी तरह बाथरूम ले गया और हम दोनों साथ में नहाए.

वापस आके मैंने अपनी कजिन सिस्टर की चूत की सिकाई करी. अब वो थोड़ा नॉर्मल फील कर रही थी.

वो मुझसे बोली- भैया आज आपने जो मुझे सुख दिया है, वो मैं कभी नहीं भूलूंगी. प्लीज़ आप हमेशा मेरी चूत की ऐसे ही सेवा करते रहना.
मैंने कहा- हाँ मेरी रंडी बहन आज से ये लंड तेरा गुलाम है, जो तू बोलेगी, वही होगा.
मेरी सिस्टर मुस्कुरा कर मुझसे लिपट गई.
मैंने उससे बोला- मुझे तेरी गांड भी मारनी है.
वो बोली- आज नहीं.. कभी और ले लेना.. आज जितनी चाहे चूत मार लो.

हमने किस किया और दूसरा राउंड खेला. शाम तक हमने 3 बार सेक्स किया. फिर सब घर वाले आ गए.

अब हमें जब भी मौका मिलता, हम दोनों भाई बहन चुत चुदाई के मज़े करते. अगली सिस्टर की चुदाई की स्टोरी में बताऊँगा कि बहन की गांड कैसे मारी.

दोस्तो, मेरी सिस्टर की चुदाई की स्टोरी कैसी लगी, मुझे लिखिएगा.
[email protected]

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