शत्रुता का पहला दौर- 3

कॉलेज सेक्स कहानी में पढ़ें कि भाई ने अपनी बहन की चूत चुदाई की कहानी अपने दोस्त से सुनी तो उसने बदला लेने की ठान ली. क्या किया उसने?

दोस्तो, मैं राजवीर एक बार फिर से आप सभी पाठकों का स्वागत करता हूं. आप कॉलेज में चुदाई की मेरी एक नयी सेक्स कहानी पढ़ रहे थे।

कॉलेज सेक्स कहानी के दूसरे भाग
दोस्त ने सुनाई बहन की चुदाई की कहानी
में आपने जाना था कि कैसे काव्य ने कॉलेज गर्ल ऋतु की चुदाई कर दी थी। वह उसकी मंगेतर थी।

काव्य ने ऋतु की चुदाई की कहानी रेशम को भी बता दी और उसको अहसास करवाया कि उसकी बहन काव्य के लंड के लिए कैसे मरी जाती है। रेशम उसकी बातें सुनता गया।

अब आगे कॉलेज सेक्स कहानी:

अपनी बात खत्म करके काव्य बोला- ध्यान रखना रेशम … कहीं मामा बोलने वाला अगले सेमेस्टर में ही ना आ जाये … हाहा हा हा हा!
रेशम- जो भी है जैसे भी है, अब वो तुम्हारी होने वाली बीवी है। क्या तुम्हारे प्राइवेट समय की ऐसी बातें मुझे बताना तुम्हें शोभा देता है? अगर वो सेक्सी है तो तुम्हारे साथ ही न? यानि अपने होने वाले पति के साथ ही है। उसमें बुराई क्या है? तुम्हें शर्म आनी चाहिए कि तुम मुझे ऐसी बातें बता रहे हो। मुझे यह सब जानने में कोई इंटरेस्ट नहीं है।

काव्य- पर मुझे तो इंटरेस्ट है यह बताने में कि मैं तेरी बहन चोद रहा हूं बहनचोद … बड़ा आया था मुझे प्रेसिडेंट का चुनाव हराने वाला! और सुन … हालांकि ऋतु मेरी होने वाली बीवी है मगर वह मन से बहुत बड़ी रंडी है।
हां ये सच है कि उसने मेरे अलावा अब तक किसी और से अपनी चूत नहीं चुदवायी है, मगर ये भी सच है कि हमारी काफी बार की चुदाई में उसने मुझसे रोलप्ले की डिमांड की है. उसकी रुचि के अनुसार मैं कॉलेज के ही अलग अलग लड़कों का रोल प्ले करके उसे चोदता हूं।

रेशम को यह बातें बर्दाश्त नहीं हुईं और वह काव्य को छत पर अकेला छोड़कर जाने लगा।

किंतु काव्य अब ज्यादा नशे में था। रेशम जा रहा था किंतु पीछे से काव्य बोलता जा रहा था।

काव्य ने अब एक ऐसी बात बोली जिसको सुनकर रेशम के कदम जाते-जाते रुक गए।

वो शब्द ऋतु के लिए थे और वह कह रहा था- ऋतु मन से बड़ी रंडी है और मुझसे रोल प्ले करवाती है। कभी टीचर के लिए तो कभी अपने भाई रेशम का भी … बहनचोद साली!

रेशम रुक गया था।
फिर मन में बोला- बहनचोद को ज्यादा चढ़ गयी है।

वो दो पल रुका लेकिन फिर अपने घर के लिए निकल गया।
रेशम घर आकर बिस्तर पर सो गया लेकिन नींद आने से पहले वह सोचने लगा कि क्या सच में मेरी बहन चुदाई के दौरान अपने भाई से ही चुदवाने का रोल प्ले करवायेगी?

फिर मन ही मन उसने काव्य को गाली दी और कहा कि इस मादरचोद को दारु के बाद ये भी होश नहीं रहता कि वो क्या बोल रहा है।
ये सोचते हुए ही रेशम को नींद आ गयी।

कल के बाद आज का दिन कॉलेज के इस सेमेस्टर के लिए काफी महत्वपूर्ण था क्योंकि बीते हुए कल में प्रेसिडेंट का बनना तय हुआ था और आज चुना हुआ प्रेसिडेंट छात्राओं के लिए एक वाइस प्रेसिडेंट को चुनने वाला था।

स्टेज पर प्रेसिडेंट बना हुआ काव्य अपनी स्पीच बोल रहा था और उसके बाद उसे वाइस प्रेसिडेंट का नाम बताना था।
कृति को पूरा विश्वास था कि वाइस प्रेसिडेंट वही बनने वाली है किंतु जब काव्य ने वाइस प्रेसिडेंट का नाम लिया तो कॉलेज के काफी छात्र छात्राओं के साथ कृति के पैरों तले से भी जमीन खिसक गई।

उसने वाइस प्रेसिडेंट के नाम पर ऋतु को स्टेज पर बुलाया और वाइस प्रेसिडेंट की स्पीच बोलने के लिए कहा।
कृति को अपनी आंखों देखी पर विश्वास नहीं हो रहा था कि उसके साथ धोखा हो गया है।

उसके भाई काव्य ने उसे वाइस प्रेसिडेंट बनाने का वादा करके अपनी मंगेतर को वह पद दे दिया।
वाइस प्रेसिडेंट बनी ऋतु अपनी स्पीच बोल ही रही थी कि तभी कृति का फोन बजा।

वह कॉल रेशम का था।
कृति ने बिना फोन उठाये इधर उधर नज़र घुमायी तो उसे छात्रों की भीड़ में रेशम नज़र आया।

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रेशम ने कृति से फोन उठाने का इशारा किया और कृति ने फोन उठाया।

फोन पर रेशम बोला- हैलो कृति, जैसा कि हमने शर्त लगाई थी कि अगर काव्य वाइस प्रेसिडेंट ऋतु को चुनेगा तो तुम मुझसे चुदवाओगी। अब यह बताओ कि मुझे तुम्हारे घर आना है या तुम मेरे घर आओगी?

कृति- फक यू बहन चोद!
ये बोलकर उसने गुस्से से झल्लाकर फोन काट दिया।
रेशम कृति को चिढ़ाने के लिए मुस्कराने लगा।

रेशम ने कृति को मैसेज किया कि आज रात मुझे कॉलेज की छत पर मिलना। चिंता मत कर तुझे चोदूंगा नहीं।
कृति ने कोई जवाब नहीं दिया।

ऋतु वाइस प्रेसिडेंट की स्पीच देकर स्टेज से नीचे उतरी तो उसे बधाई देने वालों का तांता लग गया और जब ऋतु को फुर्सत मिली तब कृति ने ऋतु का हाथ पकड़ लिया और उसे एक तरफ अकेले में ले जाकर बात करने लगी।

कृति- वाट द फक ऋतु! तू तो वाइस प्रेसिडेंट के लिए मना करती थी, फिर एकदम से तुम्हें क्या हो गया कि तुमने मेरे भाई को बहला-फुसलाकर खुद को वाइस प्रेसिडेंट बनवा लिया?

ऋतु- ओ माय डार्लिंग कृति … तुम तो जानती हो वाइस प्रेसिडेंट का रुतबा किसे नहीं चाहिए। मैंने चाहे तुम्हारे भाई को अपनी चूत का भूत बनाकर यह पद लिया हो या तुम्हें चूतिया बना कर सारे वोट तुम्हारे भाई की तरफ करवाए हों। वाइस प्रेसिडेंट और प्रेसिडेंट बनने का डिजर्व तो हम दोनों ही करते हैं। हां, अब तू मेरी लेफ्ट हैंड बन कर मेरे साथ रह सकती है। चिंता मत कर … मैं अपना पिछवाड़ा शॉवर से साफ करती हूं, तुझसे वो नहीं करवाऊंगी। हाहा हा हा हा।

इतना बोलकर ऋतु वहां से चली गयी।

कृति अपने भाई काव्य को अकेला पाकर उसके पास गयी और उससे बात करने लगी।
कृति- भाई मेरे साथ ये धोखा क्यों?

काव्य- मेरी बहन के साथ कैसा धोखा? किसने किया धोखा? अरे मेरी प्यारी बहन! तुझे वाइस प्रेसिडेंट बनने की क्या जरूरत है? तुझे अगर कोई भी परेशानी है तो तुम मुझसे बोलना, तेरा भाई पूरा कॉलेज हिला देगा। तुझे कोई परेशानी नहीं आने देगा। क्या फर्क पड़ता है कौन वाइस प्रेसिडेंट है। तू बस बोल कर देख अगर तेरा कहा हुआ ना हुआ तो मेरा नाम बदल देना।

कृति- यू नो व्हाट भैया … तुम्हें तुम्हारी मंगेतर की गांड में घुस जाना चाहिए! फक यू!
इतना कहकर कृति गुस्से में वहां से चली गयी।

रात 11:00 बजे का दृश्य:

रेशम अकेला कॉलेज की छत पर दारू पी रहा था। तभी कृति अपनी एक बोतल अपने साथ लिये हुए रेशम के पास गयी।
कृति- क्या तुम यहां रोज दारु पीते हो?

रेशम- नहीं, यहां से मेरा रिश्ता कल रात बना है। तुम्हारे भाई काव्य ने यहां पर मेरी बहुत बेइज्जती की है। जब तक मैं उस बेइज्जती का बदला नहीं ले लेता तब तक रोज यहां आऊंगा।

कृति- तुम्हारी बहन ने मेरी लाइफ की गांड मार दी। पूरे सेमेस्टर बोलती रही कि मुझे वाइस प्रेसिडेंट बनने में कोई रुचि नहीं लेकिन ऐन वक्त पर मेरे भाई का लंड पकड़ कर वाइस प्रेसिडेंट बन गई।

रेशम- उसने हम दोनों का चूतिया काटा है। तुम्हें पता है कि यहां एक नियम और है। कॉलेज के कंप्लेंट बॉक्स में इस सेमेस्टर के अंत तक यानि कि 6 महीने के अंदर अंदर 50% छात्र छात्राएं यह शिकायत डाल दें कि वर्तमान प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट से संतुष्ट नहीं है तो एक बार फिर चुनाव होगा।
अगले 6 महीने अगले सेमेस्टर के लिए प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट चुनाव से जीतकर दूसरे लोग बन सकते हैं। हमारे पास यह मौका है। यह मौका प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट बनने का नहीं बल्कि अपनी बेइज्जती का बदला लेने के लिए है।

रेशम आगे बोला- अब तुम या तो कुछ मेहनत कर लो या फिर साल भर अपनी घनघोर बेइज्जती सहने के लिए तैयार हो जाओ। तुम सोच लो कि अगर कुछ करना है तो फिर 6 महीने ये बेइज्जती सहनी होगी। आधे साल की बेइज्जती सहना साल भर सहने से कहीं अधिक आसान है। अब तुम सोच लो।
ये तय कर लो कि हमें यह केवल 6 महीने ही सहना है ना कि आने वाले पूरे साल। अगले सेमेस्टर में होने वाला चुनाव हमें जीतना ही होगा। उसके लिए कंप्लेंट बॉक्स में 50 प्रतिशत छात्रों से कम्पलेंट दिलवानी होगी।
मैं 30% लड़कों की कंप्लेंट बॉक्स में कंप्लेंट डलवा दूंगा। 20% लड़कियों की गारंटी तुम लो। जब जूनियर लड़कों और मेरी क्लास के लड़कों और तुम्हारी लड़कियों की गैंग का वोट मुझे जाएगा तो केवल सीनियर के वोट लेकर ऋतु और काव्य कुछ न उखाड़ पाएंगे।
जब मैं प्रेसिडेंट बनूंगा तो वॉइस प्रेसिडेंट पक्का तुम ही बनोगी। क्या तुम इसके लिए तैयार हो?

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कृति- कॉलेज के इतने साल के कैरियर में हालांकि कभी ऐसा हुआ नहीं। यह काफी मुश्किल लगता है लेकिन हां मैं फिर भी तैयार हूं।

काव्य और ऋतु प्रेसिडेंट तथा वाइस प्रेसिडेंट बने थे।
सेमेस्टर शुरू हो चुका था।
काव्य ने पूरे सेमेस्टर रेशम की बहुत बेइज्जती की।

हालांकि काव्य बाकी छात्र और छात्राओं का ध्यान रखता था और उनकी बातें मानकर अपना प्रसिडेंट का काम बखूबी कर रहा था।

मगर उसकी रेशम और रेशम की गैंग से बिल्कुल नहीं पटती थी। उनमें पूरे सेमेस्टर काफी झड़पें हुईं। काफी लड़ाई हुई। कभी-कभी तो काव्य की गैंग ने रेशम की गैंग वालों के कपड़े तक उतार दिये। कॉलेज में ऐसे वाद विवाद चलते रहे।

हालांकि ऋतु भी कृति की बेज्जती करने में कोई कमी नहीं रखती थी. ऋतु भी कृति को बात बात में नीचा दिखाती थी। इस बीच काव्य का रोजाना रेशम के घर जाना और जोरदार चुदाई करने का कार्यक्रम चलता रहा।

काव्य रोज ऋतु को चोदने रेशम के घर जाता और रोजाना उनकी जोरदार चुदाई की आवाजें रेशम के कमरे तक आतीं।
प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट का याराना मजेदार था।

इस वर्ष का ये सेमेस्टर पूरा हुआ और नये सेमेस्टर के पहले दिन कॉलेज के नोटिस बोर्ड पर लगा नोटिस देखकर ऋतु और काव्य के होश उड़ गये।

नोटिस 50% छात्र छात्राओं के प्रेसिडेंट तथा वाइस प्रेसिडेंट से असंतुष्ट होने का था।
यह कॉलेज के इतिहास में पहली बार हुआ था।
इस साल के 6 महीनों के लिए किसी और प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट का चुनाव एक बार फिर होना था।

यह देखकर काव्य के पैरों तले से जमीन खिसक गई क्योंकि काव्य की केवल रेशम से ही दुश्मनी थी।
काव्य रेशम के ही दोस्तों और रेशम को ही परेशान करता था। बाकी पूरे कॉलेज में उसका व्यवहार काफी अच्छा था और उसने छात्र-छात्राओं की सारी समस्याओं का निवारण भी यथासंभव किया था।

काव्य को यह समझते देर नहीं लगी कि इस पूरे आधे सेमेस्टर के अंदर रेशम और उसकी बहन कृति ने उसके खिलाफ वोट कंप्लेंट बॉक्स में डलवाये हैं।

अतः सेमेस्टर शुरू होने के 7 दिन बाद ही चुनाव का दूसरा चरण संपन्न होना था। रेशम तथा काव्य दोनों की पार्टियों ने वापस अपना प्रचार शुरू कर दिया था।

किंतु जो रेशम आधे प्रतिशत वोट कंप्लेंट बॉक्स में डलवा सकता था अब कृति से मिलकर उसकी वोट की ताकत काफी ज्यादा बढ़ गई थी। अतः यह साफ दिख रहा था कि इस बार के चुनाव में विजेता रेशम ही रहेगा।

काव्य को रेशम के द्वारा पिछले सेमेस्टर में किए गए सारे बुरे बर्ताव और सारी बुरी बातें याद आने लगी थीं। काव्य समझ गया था कि अगर वह यह चुनाव हार गया तो रेशम अपने पिछले किए हुए व्यवहार का बदला लेगा।

अतः वही हुआ जिसका काव्य को डर था। 6 महीने के लिए बनने वाले प्रेसिडेंट चुनाव में आज रेशम जीत गया था।
बिना किसी बड़े विवाद के भी केवल 6 महीने में प्रेसिडेंट बदला गया था। यह कॉलेज के इतिहास में पहली बार हुआ था। सब इससे स्तब्ध थे।

रेशम ने पूरे कॉलेज को जमकर पार्टी करवाई। अब कल लड़कियों के लिए कॉलेज हेड यानि वाइस प्रेसिडेंट का नाम नये प्रेसिडेंट रेशम के द्वारा घोषित होना था।

दिन के 2 बजे थे।
जब से चुनाव का परिणाम घोषित हुआ था तब से काव्य और ऋतु दोनों गायब थे।
शायद वे अपनी हार से निराश कहीं अपना गम बांटने के लिए चले गये थे।

रेशम ने भी पार्टी का आयोजन करवा कर पूरे कॉलेज को पार्टी में व्यस्त कर दिया तथा अपने घर चला गया।

उसने कृति को फोन कर अपने घर बुलाया।

कॉलेज सेक्स कहानी पर अपनी राय देना न भूलें। जल्दी ही कहानी के अगले मोड़ से पर्दा उठेगा।
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कॉलेज सेक्स कहानी का अंतिम भाग: शत्रुता का पहला दौर- 4