यह पोर्न हिंदी स्टोरी है कि मैंने कैसे अपने ऑफिस की एक शादीशुदा महिला को पोर्न फोटो दिखाकर उसकी चूत चुदाई की!
मैंने अपनी मरजी से दूसरे डिपार्टमेन्ट में बदली करवाई थी। मैं उस डिपार्टमेन्ट का चीफ अधिकारी बन गया था। मेरे हाथ के नीचे रूपा नाम की शादीशुदा महिला को टाईपिस्ट की हैसियत से नियुक्त की गई थी।
रूपा एक आजाद ख्याल की थी। बहुत पैसे कमाना उसका मकसद था लेकिन शायद वो उसके लिए उतनी होशियार नहीं थी। वह एक बच्चे की मां थी। सेक्स उसका मन पसंद विषय था। वह पोर्न में बेहद दिलचस्पी रखती थी। हम दोनों की पसंद में बहुत कुछ समानता थी, जिसके कारण हम दोनों काफी आत्मीय हो गए थे।
हम दोनों के बीच खुली दोस्ती का नाता बन गया था। वह विदेशी लेखक हेरोल्ड रोबिन्स के सभी उपन्यास पढ़ चुकी थी। मैंने भी इस लेखक की सभी कहानियां पढ़ ली थीं। बेटसी मेरी फेवरिट उपन्यास थी। मालिक नौकरानी के शारीरिक संबंध का ब्यौरा मुझे हमेशा उकसाता रहता था। मैं रूपा के साथ वैसा ही शारीरिक संबंध स्थापित करना चाहता था। मैं प्यार से, एक समझौते से, उसे अपनी बेड पार्टनर बनाना चाहता था। तब मैंने जिंदगी की एक बहुत बड़ी सच्चाई को जाना था।
कोई भी लड़की के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करने में पोर्न ब्लू-फिल्म एवम पोर्नोग्राफी बहुत मदद करता है।
रूपा का बच्चा अभी केवल 3 महीने का था। उसके स्तनों में दूध का सागर उमड़ रहा था। मैं उसके दूध पीने को उतावला हो रहा था। मैंने मौका देखकर उससे सवाल किया था।
‘तुम नंगी तस्वीरें देखना पसंद करोगी?’
‘जरूर मैं ऐसी तस्वीरें देखने के लिए पागल हूँ।’
‘ठीक है.. मैं कल लेकर आऊंगा। लेकिन उसे देखने के लिए हमें कोई एकांत जगह ढूंढनी पड़ेगी।’
‘कोई बात नहीं.. हम लोग किसी होटल के फैमिली रूम में बैठे जाएंगे।’
उसकी ये बात सुनकर मेरा लंड उछलने लगा था।
दूसरे दिन शाम को मैं उसे होटल के फैमिली रूम में ले गया था।
मुझे सुनहरा मौका मिला था। मैं किसी भी हालत में उसे चोदने को हरगिज तैयार नहीं था। मैंने वेटर के हाथ में 50 रूपए का नोट को थमाकर उससे कहा- हमें कम से कम आधे घंटे तक डिस्टर्ब नहीं करना।
रूपा बड़ी बेताबी से तस्वीरें देखने के लिए मरी जा रही थी। मैंने दिखानी शुरू कीं.. एक नंगा पुरूष एक नंगी महिला की चूचियों को मुँह में लेकर उसका दूध पी रहा था। यह देखकर मैं भी अपने होशोहवास खो बैठा था।
फिर भी मैं एक सीधे आदमी की तरह उससे कह रहा था- मुझे तुम्हारे बूब्स को देखना है।
रूपा नंगी तस्वीरें देखने में मगन थी। उसने मेरे सवाल को सुना और अनसुना कर दिया। वह तस्वीर की लड़की के विशाल उन्नत मम्मों को घूर रही थी। यह देखकर मैंने उसको उत्तेजित करने के लिए उसकी सराहना करने के इरादे से कहा।
‘इस लड़की से ज्यादा तो मुझे तुम्हारे चूचे काबिले तारीफ दिखाई दे रहे हैं। मुझे विश्वास है.. तुम्हारे मम्मों की तुलना में तस्वीर वाली के कुछ भी नहीं है। मैं तुम्हारे मम्मों को देखकर इस बात की तसल्ली करना चाहता हूँ।’
वह अब भी पोर्न तस्वीरें देखने में तल्लीन थी.. लेकिन मेरी बात पर उसने हल्की सी मुस्कान बिखेरते हुए कहा- गो अहेड ना!
और मैंने बेसब्री से उसका पल्लू गिराकर उसका ब्लाउज उतार दिया। उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी। यह देखकर मैं अचंभित रह गया। ये बात मैं उससे पूछे बिना नहीं रह पाया। उसने मुझे बताया कि तीन महीने पहले उसने अपने पहले बच्चे को जन्म दिया था। तब से उसने ब्रा पहनना कुछ समय तक छोड़ दिया है।
मैंने ‘धन्यवाद’ कह कर उसके मम्मों को अपने हाथों से दबाना शुरू किया तो मेरा लंड सख्त हो गया। मैंने उसको अपने करीब खींचकर उसकी चूचियों को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। वह तब भी तस्वीरें देखने में मगन थी। मैंने उसका हाथ पकड़कर मेरे लौड़े पर रख दिया। इससे मेरे लौड़े की साईज बढ़ती ही जा रही थी। वह देखकर रूपा ने अपना ध्यान पोर्न तस्वीरों से हटाकर मेरे लौड़े पर केन्द्रित कर दिया। वह मेरा लंड अपने मुँह में लेना चाहती थी। मैंने भी उसी के अंदाज में कह दिया- तुम खुद मेरी पेन्ट की जिप खोलकर मेरा लंड मुँह में ले लो।
उसने भी तुरंत ही मेरी बात पर अमल करते हुए मेरे लौड़े को मुँह में लेकर बड़े मजे से उसे चूसना शुरू कर दिया।
वह जिस तरह से मेरे लौड़े को चूस रही थी.. उससे मानो प्रतीत हो रहा था कि उसने इतना बड़ा लंड देखा नहीं था। उसकी शादी को मुश्किल से एक साल हुआ था और वह मेरे साथ इतनी आत्मसात हो रही थी।
हम दोनों नंगे होकर एक-दूसरे को चोद रहे थे। मैं भी पेट भर के रूपा का दूध पी रहा था।
अब वह मेरी गोद में बैठकर तस्वीरों का मजा ले रही थी और मेरा लंड उसकी गांड से मस्ती कर रहा था।
यकायक उसने मुझसे कहा- मुझे पेशाब करना है।
‘भला ऐसे होटल में बाथरूम कहाँ होता है?’ मैंने सहज भाव से सवाल किया।
वह भी मेरी बात समझ रही थी।
मैंने उसे रास्ता सुझाते हुए पानी का खाली जग उसकी चूत के सामने रखने का कहा।
मैंने पानी का जग उसकी चुत के सामने करते हुए कहा- तुम इसमें पेशाब कर दो।
वह मेरे सामने चूत को दो हाथों से पकड़कर पेशाब कर रही थी और मैं उसे बड़ी उत्सुकता से घूर रहा था। बीच-बीच में उसकी पेशाब को अपने हाथ से लेकर पीने में भी मुझे आनन्द मिल रहा था।
उसके बाद मैंने भी पानी के जग में ही अपना पेशाब निकाल दिया। मैं मन ही मन सोच रहा था कि हम दोनों की मिश्रित पेशाब का स्वाद कैसा लगेगा?
मैंने पेशाब के कॉकटेल को दो अलग अलग गिलासों में भर लिया और हम एक-दूसरे को अपने हाथों से पेशाब पिलाने में लग गए।
मैंने अब तक कभी भी अपनी बीवी का पेशाब नहीं चखा था। कभी ऐसा करने का ख्याल भी नहीं पैदा हुआ था। लेकिन रूपा न जाने किस मिट्टी की बनी थी। उसे देखकर मेरा दिमाग बड़ी तेजी से काम करने लगा था।
वह जिस तरह से चुदाई का मजा ले रही थी, यह देखकर मुझे लगा। वह कई दिनों से सेक्स से दूर रही थी।
वह अब भी मुझसे चुदवाना चाहती थी। मैंने उसको अपनी गोद में बिठाकर मेरा लंड उसकी चूत में दाखिल कर दिया। उसने अपने दोनों पैर मेरी कमर के इर्द-गिर्द कस दिए।
‘अह.. मेरी खूब चुदाई करो। तुम अपने इस मूसल लौड़े से मेरी चुत को फाड़ डालो। जब तक मेरी चूचियों का सारा दूध खत्म न हो जाए तब तक मेरी चुदाई जारी रखो।’
‘फिर तुम अपने पति को कौन सा दूध पिलाओगी?’ मैंने मजाक में उससे सवाल किया।
उस पर उसका चेहरा गंभीर हो गया। मुझे अपने सवाल पर शर्म महसूस होने लगी। यह देखकर उसने मुझे सच्चाई से अवगत कराते हुए कह दिया- मेरा पति मर्द नहीं है। उस भोसड़ी वाले ने आज दिन तक मुझे हाथ भी नहीं लगाया है।
‘फिर यह बच्चा?’
‘ये बच्चा मेरे ससुर ने मेरी चुदाई करके दिया है।’
‘क्या तुम्हारा पति यह बात जानता है?’
‘पति तो क्या मेरी सास, ननद, देवरानी सब लोग जानते हैं।’
रूपा की बात सुनकर मैं चौंक उठा।
‘मुझे और बच्चे चाहिये.. हम रोज मिलेंगे। तुम मेरा दूध पीते रहना। हम दोनों इस तरह एक-दूसरों की पेशाब को पीते रहेंगे। मेरी चुत तुम्हारे लंड की मलाई का प्रसाद खाती रहेगी और हमारी चुदाई का दौर सदा जारी रहेगा।’
मैंने होटल से बाहर निकलते हुए उसके होंठों को चूम लिया। उसके ब्लाउज में हाथ डालकर उसके बूब्स को बड़ी बेरूखी से मसल डाला।
रूपा इस सबसे बहुत ही खुश जान पड़ रही थी। उसकी बॉडी लेंग्वेज देखकर मानो ऐसा लग रहा था कि अभी भी उसका दिल भरा नहीं था। उसकी छाती का दूध उत्तेजना में उसकी चूचियों से बाहर निकल आया था। उसका ब्लाउज पूरी तरह भीग चुका था और मैं उसके ब्लाउज को मुँह में लेकर उसके दूध को बिल्ली की तरह चाट रहा था।
यह देखकर रूपा ने मेरा लंड पकड़ कर मेरा धन्यवाद किया था और दूसरे दिन चुदाई का एपिसोड जारी रखने का वादा किया था।
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