शादी में पति और दो अजनबी लौड़ों से चुदी

मैं पति के साथ सहेली की शादी में गई। वहां सेक्सी लड़कियों को देख मेरे पति को ठरक चढ़ गयी. वो मुझे छोड़ने एक कमरे में ले गया. दो मर्दों ने हमें देख लिया …

सभी हॉर्नी … हैंडसम मर्दों को सिमरन का हैलो!
मेरी पिछली कहानी थी: सहेली के पति को पेशाब पिलाकर उसका माल चाटा

आपकी डोमीनेटिव सिमरन एक और लंड उत्साहक कहानी के साथ आ गयी है।
इसे पढ़कर आप कई बार अपना वीर्य छोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे।

कहानी के अंत में कमेंट सेक्शन में बताएँ कि मैंने इस सिचुएशन में जो किया वो आपको कैसा लगा? और आपके अनुसार मुझे और क्या करना चाहिए था।

तो शुरू करती हूं :

मेरे कॉलेज की दोस्त रवीना मुझे और मेरे पति शम्भू को अपने वेडिंग रिसेप्शन पर बुलाने के लिए आयी।
मैं उसकी शादी में नहीं जा सकी थी क्योंकि उन्होंने कार्यक्रम दूसरी स्टेट में रखा हुआ था।
बल्कि मेरी कई सहेलियां भी उसको विवाह बंधन में बंधते नहीं देख पाईं इसलिए उसने वेडिंग रिसेप्शन मेरे होम टाउन में रखा।

कार्यक्रम के दिन मैंने मेरे पति को कहा कि वह रिसेप्शन में जाने से पहले कई बार मुठ मार ले।
मगर उसने मेरी बात नहीं मानी और वो मुझे चुदाई के लिए उकसाता रहा।

किन्तु मैं अपने मूड और मेकअप की मां बहन नहीं करवाना चाहती थी इसलिए मैंने उसे पास नहीं फटकने दिया।

रिसेप्शन स्थल पर जाकर हमने दूल्हे और दुल्हन को बधाई दी। फिर हमने अपनी सीट ले ली।

मैंने शम्भू को व्याकुलता में उसकी टांगें मचलाते हुए देखा मगर मैं उसको चिढ़ाती रही।
मैं- मैंने कहा था न कि यहां आने से पहले मुठ मार लेना!

शम्भू ने असमंजस भरी नजर से मुझे देखा।
वो दरअसल वहां पार्टी में आई खूबसूरत बलाओं को देखकर ज्यादा ही उत्तेजित हो रहा था।
काफी टाइम से हमने चुदाई नहीं की थी। मेरे काम के कारण मौका नहीं मिल पाया था।

मगर मैं जानती थी कि अगर मैंने शम्भू को थोड़ा सा भी और उकसाया तो वह अपनी पैंट में ही वीर्य छोड़ देगा।

मैंने चारों तरफ देखा तो सब लोगों का ध्यान स्टेज पर ही था।
तो मैंने अपने व्याकुल पति की जांघों पर हाथ फेरते हुए उसके लंड को सहलाना शुरू किया।

उसका लंड तना हुआ था जिसको मैं अब और ज्यादा कड़क करने पर तुली हुई थी।

शम्भू- चलो कहीं जल्दी से (सेक्स) कर लेते हैं। मैं और नहीं रुक सकता हूं। और मेरे लंड को छूना बंद करो तुम!!
उसने मेरे हाथ पर हल्का चांटा मारा.

मैं- फोटो सेशन होने के बाद करेंगे, अभी नहीं! मैं अपनी ड्रेस और मेकअप को खराब नहीं करना चाहती।
मैंने उसे सब साफ कह दिया और अपनी हरकतें जारी रखीं।

जब मैं अपने पति के लंड को तड़पा रही थी तो एक ड्रिंक सर्व करने वाले बंदे ने मुझे देख लिया। उसने देख लिया कि मैं कैसे अपने पति के लंड को सहला रही थी।

फोटो सेशन हुआ जो काफी कमाल था।

फिर मैं और मेरी फ्रेंड्स रवीना को लेकर गईं और हमने उसके साथ बहुत सारी पोज में फोटो खिंचावायी।
एक एक करके हमने रवीना की खूब खिंचाई की और उसके पुराने आशिकों के बारे में उसे याद दिलाया।

मैं- मैं देख रही हूं कि तुमने अपने पुराने प्रेमियों को बुलाया हुआ है। क्या यहां पर ही मामला खत्म कर रही हो या इनको वाइल्ड कार्ड एंट्री दोगी?
रवीना- सवाल ही नहीं पैदा होता। मैं अब इन सारे लंडों को घर से बाहर का रास्ता दिखा रही हूं। मैं उनको अपने हस्बैंड से इसलिए मिलवा रही हूं ताकि सिक्योरिटी गार्ड उनको बता सके कि ये मेरे फैमिली फ्रेंड्स थे।
रवीना ने मुझे आंख मार दी.

कुछ देर हमने गपशप की और फिर डिनर के लिए बैठ गये।

मेरे हस्बैंड मेरे सामने ही बैठे थे। उस वक्त तक वो इतने गर्म हो चुके थे कि वो अपने पैरों से मेरे लहंगे को उठाने लगे।
मैं- रुक जाओ!! हम घर पर करेंगे!

शम्भू- नहीं बेबी … मैं जानता हूं तुम्हारा प्लान! तुम मुझे दारू पिला दोगी और फिर सेक्स को भूल जाओगी। मेरे पास एक प्लान है अभी। मैं एक ऐसी जगह को जानता हूं यहां जहां पर मैं तुम्हें इतनी चोदूंगा कि तुम रहम की भीख मांगोगी।

जब वो ऐसा कह रहा था तो वही ड्रिंक सर्व करने वाला वेटर हमारे पास आ गया।
मैं जानती थी कि वो ये सोच रहा था कि मैं बस एक सस्ती रंडी हूं और बीवी होने का बस नाटक कर रही हूं।

उसने सबको ड्रिंक देना चाहा मगर शम्भू ने ये कहकर मना कर दिया कि उसको अभी मेहनत करनी है और उसके बाद दारू का मजा लेना है।

डिनर खत्म होते ही मेरे पति मूड में आ गये और मेरा हाथ पकड़कर सीढ़ियों से ऊपर ले जाने लगे जैसे हम नव विवाहित कपल हों।
वो मुझे गत्ते के बक्सों से भरे एक रूम में ले गए जो काफी ठंडा था। लग रहा था जैसे यह खाने पीने की चीजों को स्टोर करने के लिए बनाया गया है।

शम्भू- अच्छा है न? अब मेरे पास आओ नॉटी औरत, जितना चिढाना चाहो अब चिढ़ा लो मुझे!
उसने मुझे कस कर बांहों में भर लिया। फिर मेरी गर्दन पर चूमने लगा।

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मैंने चारों ओर देखा कि कहीं कोई कैमरा लगा दिख जाए और मुझे यहां से जाने का बहाना मिल जाए।
मेरी ड्रेस बहुत महंगी थी और मैं उसे खराब नहीं करना चाह रही थी।

मैं- देखो, मैं यहां पर नंगी नहीं हो सकती हूं। बस मेरे लहंगे को उठा लो और अपना काम कर डालो। हम किसी भी तरह यहां से दो-तीन मिनट में निकल जाएँगे।

मेरी बात पूरी होने से पहले ही शम्भू ने मुझे जकड़ लिया और मेरे लहंगे को उठा लिया।
वो अपने ठंडे हाथों से मेरे गर्म चूतडों को भींचने लगा; मेरी महंगी पैंटी को वो खींच रहा था और उसकी उंगली मेरी गांड की दरार में फिर रही थी।

मेरे पति की सांसें भारी हो गई थीं।
बहुत दिनों बाद चुदाई मिलने के कारण वो काफी जंगली सा हो गया था।
मुझे गांड पर चांटें खाना पसंद है मगर तब नहीं जब ये ज्यादा हो जाए और मुझे गालियां देने लगे।

मैं- अपनी जुबान को काबू करो, मुझे रंडी या ऐसा कुछ मत करो। वरना मैं तुम्हारी गोटियों में लात मारूंगी। और मेरी गांड से खेलना बंद करो … आह्ह।

उसने मुझे गाली देना तो बंद कर दिया मगर चांटें मारता रहा और अपनी भड़ास निकालता रहा।

मैं उस रूम से बाहर जाना चाहती थी इसलिए मैंने उसकी जिप खोली और लंड को बाहर निकाल लिया।
यह तनाव में था मगर जैसे ही मैंने मुठ मारना शुरू किया तो यह और ज्यादा कड़क होने लगा।

फिर शम्भू ने अपने लंड को मेरी हल्की गीली चूत पर लगाया और अंदर घुसाकर तेजी से चोदने लगा।
यहां पर न कोई किस हो रही थी और न कोई ऐसा मजा था जिससे मैं खुश हो सकूं।
बजाय इसके, वो अपने ही मजे के बारे में सोच रहा था और मेरी चूत में लंड को अंदर बाहर किए जा रहा था।

मुझे नहीं पता उसके अंदर इतनी ताकत कहां से आई कि उसने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और मेरी गांड में लंड को अंदर तक घुसाकर चोदने लगा।

अचानक से मुझे मजा आने लगा।

जैसे ही मैंने उसकी कमर को थामा और अपनी ठुड्डी को उसके कंधे पर रखा ताकि मैं इस वाइल्ड सेक्स का मजा ले सकूं, मैंने देखा कि दरवाजा हल्का खुल रहा था और एक सिर दरवाजे के अंदर झांकने की कोशिश कर रहा था।

मैं- साले हरामी!!
शम्भू- इसका क्या मतलब था? मजा नहीं आ रहा क्या? रुको मैं तुम्हें दिखाता हूं!

शम्भू अपनी चुदाई में इतना मशगूल था कि उसे खबर ही नहीं थी कि कोई हमें देख रहा है।
वो आदमी रवीना की सहेलियों में से एक का पति था।
जब से मैं स्टेज पर गई थी वो हरामी मुझे ही घूरे जा रहा था।

मुझे चुदती हुई देखकर उसने अपने सांवले लंड को निकाल लिया और वहीं पर मुठ मारने लगा।
यहां तक कि वो इशारे में मेरे पति से मेरी चूत चुदवाने के बाद मुझे उसके साथ चुदाई के लिए उकसा रहा था।

अगर उसका लंड मोटा और लम्बा नहीं होता तो मैं उसकी झांटों में लात मारकर उस जगह की हड्डी तोड़ देती।
मैं- आह्ह … कितना बड़ा लंड है!!

शम्भू- आह्ह बेबी … तुम्हें ऐसे ही कहना चाहिए … मुझे अच्छा लगता है।
मैं मस्ती में सिसकार रही थी जब उस मर्द के लंड को चखने की सोच रही थी।
और मेरा चूतिया पति उस वक्त उसकी झूठी तारीफ को सच समझ रहा था।

यदि मैं सहेली के पति को आसानी से अपनी चुदाई करने देती तो मैं रंडी कहलाती।
मगर मेरे पास एक प्लान था। मैंने शम्भू के साथ चूत गर्म करने की सोची। मैं उसके लंड पर चूत को तेजी से ठेलने लगी।

उसका मजा दोगुना हो गया और वो दो मिनट से ज्यादा टिक नहीं पाया।
मेरे पति ने मेरी जांघों पर अपना पानी छोड़ दिया और अपनी पैंट को ठीक करने लगा।

मैंने सोचा कि वो मुझसे कहेगा कि तुम अपनी ड्रेस को ऊपर करके बाहर आ जाओ।
मगर उसने एक शब्द नहीं बोला और वो कुत्ता मुझे उसी हालत में छोड़कर बाहर चला गया।

मैंने सोच लिया कि एक दिन इस बात का बदला भी लूंगी इससे।

जैसे ही शम्भू निकला, वो दूसरा आदमी अंदर आ गया।
वो अपनी हथेली रगड़ते हुए आ रहा था जैसे कि यहां पर उसे खाना मिलने वाला हो और वो कई दिन से भूखा हो।

मैं- आओ, आओ मेरे प्यारे लौंडे … क्या नाम है तुम्हारा?
उस कमीने ने अपना नाम राज बताया।

वो मेरी ही हाइट का था और शरीर से थोड़ा भारी था। मगर उसका लंड बहुत मोटा और तगड़ा था।

मैंने उसका लंड पकड़ लिया और प्यार से मुठ मारने लगी। उसने भी मेरी गांड को पकड़ लिया और मेरा लहंगा उठाने लगा तो मैंने रोक दिया।
मैं- राज, ये ऐसे नहीं होगा। मैं कोई रंडी नहीं हूं … समझे?

उसने मेरी गंभीर नजर को देखा और चकरा सा गया। मैंने उसकी गोटियों को भींचकर ये जता दिया कि मैं उससे चुदने वाली नहीं हूं।
मैं- मैं तुम्हारे बड़े लंड को चाहती हूं मगर तुम्हें मेरी बात माननी होगी। अगर तुम मेरी चूत में ये लंड देना चाहते हो तो जैसे मैं बोलूंगी वैसे ही करोगे!

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राज- तुम मुझे लूटने वाली तो नहीं हो?
उसने घबराहट भरी मुस्कान से कहा।

मैं- मोटे सूअर, अपने पैसे अपने पास रख! (मैंने उसे गोटियों में मारा)। मैं तुम्हारे इस मर्दाना अंदाज को लूटना चाहती हूं।

वो बोला- ओह्ह … (वो गुर्राया मगर तभी ठीक भी हो गया) तुम सीधे क्यों नहीं कह देती कि तुम मेरे लंड को लेना चाहती हो, रंडी!

मैं- क्योंकि तुम मोटे सूअर हो। (मैंने फिर से उसे गोटियों में लात मारी) मैं लंड भले ही पसंद करूं मगर उसके साथ जो चेहरा और सलीका होता है वो भी मायने रखता है। अब चुप रहो और अपनी मालकिन को साफ करो।

राज हंसने लगा और मेरी लातों को अपनी गोटियों पर इंजॉय करने लगा।
उसने एक रूमाल निकाला और एक एक करके मेरी जांघों को पौंछने लगा।

राज- काश कि तेरा पति तेरी गांड पर पानी छोड़ देता।
उसने मेरी गांड पर उंगलियों से सहलाते हुए कहा.
मैं- पहले अपना ये काम खत्म करो। मेरे पास तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है।

उसने जल्दी से मेरी जांघों से वे धब्बे साफ कर दिए।
मैं- अब मेरे छोटे से मोटे सूअर, नीचे लेटो और मेरी गीली चूत को मजा देने के लिए तैयार हो जाओ।

राज ने तुरंत मेरा आदेश माना और वो वहीं पर गिरे वीर्य की बूंदों पर लेट गया।
मैंने अपना लहंगा उठाया और मेरी कोमल गांड की दरार को उसके होंठों पर रख दिया।

मैं- अपनी जीभ को मेरी गांड के छेद में डालो, इसे अच्छे से साफ करो। खुद को भाग्य वाला समझो कि ये सब करने को मिल रहा है तुझे हरामी!

जैसे ही उसने मेरी चूत चाटनी शुरू की मैंने आगे झुक कर उसके लंड को चूसना शुरू कर दिया।

मैंने उसको थूक से चुपड़ा और मेरे गले में धकेले जाने से पहले उसे सेट कर लिया।
उसके लंड से उत्तेजित मेरी चूत से निकला पानी राज के नथूनों में जाने लगा।

उसने मेरी गांड को धकेला और चूत का सारा खट्टा पानी थूक दिया।
मैं उसकी हालत पर मुस्कराई और उसे खड़ा होकर नंगा होने के लिए कहा।

राज मेरे सामने नंगा हो गया और उसके लंड की नसें साफ फड़कती दिख रही थीं।
मैंने उसको दीवार से सटकर हाथ उठाने को कहा।
फिर जैसे ही मैंने अपनी गांड उसके लंड से सटायी तो उसने मेरी गांड को पकड़ लिया।

मैं- मुझे हाथ मत लगाओ, सूअर!
मैंने उसके तने लंड पर थप्पड़ मारा और आदेश याद दिलाया।

मैं बोली- अपने हाथ ऊपर रखो। इस लायक नहीं हो कि मुझे छू सको।

मैंने उसका लंड अपनी चूत में लिया और गांड को उसके मोटे पेट की ओर धकेलने लगी।
उसका मोटा लम्बा कड़क लंड मेरी चूत में अंदर तक जाने लगा और मुझे अब तक का सबसे ज्यादा मजे वाला अनुभव मिलने लगा।

ज्यादा से ज्यादा मजा लेने के लिए मैंने अपने पंजे छू लिए और अपनी मोटी गांड को उसके लंड पर पीटने लगी।

मैं चुद ही रही थी कि मेरी नजर फिर से दरवाजे पर चली गयी जो खुल रहा था।

मैंने उम्मीद की थी कि ये मेरा पति होगा। मगर यह तो वही ड्रिंक सर्व करने वाला वेटर था!

मैं- तेरी प्राब्लम क्या है साले? यहां आ हरामी की औलाद!
मैंने उसका कॉलर पकड़ा और अंदर रूम में ले आयी।
मैं- तू काफी किस्मत वाला है जो ये सीन देख पा रहा है। मेरे पास तेरे लिए एक स्पेशल ड्रिंक है। जरा रुक बस तू …

मैंने उसकी चड्डी खोली और नीचे करके उसके सोये लंड को पकड़ लिया।
इस बीच राज को मौका मिल गया कि वो मेरी चूत में फिर से लंड घुसा दे।
वो पीछे से फिर मुझे चोदने लगा।

राज पीछे से मेरी चुदाई कर रहा था। मैं आगे झुकी हुई उस वेटर के लंड की मुठ मारने लगी।
वो बेचारा चकरा सा गया था मगर उसको मजा भी आ रहा था।

कुछ देर बाद राज ने लंड को बाहर निकाल लिया और अपना वीर्य मेरी गांड पर छोड़ दिया।
मैंने उन दोनों को अपनी गांड चाटने में लगा दिया। उन दोनों की जीभ मेरी गांड में जाने के लिए टकरा रही थीं।

जब वो दोनों मेरी गांड को चाट रहे थे मैंने उन दोनों के कपड़े उठा लिए और नीचे रख लिये।

जब से रिसेप्शन में आई थी मैंने मूता नहीं था। जो भी ड्रिंक्स पिए थे वो सब अब बाहर आना चाहते थे।

मैंने उन कपड़ों पर अपना गर्म पेशाब निकाला और अपने मूत की खुशबू से उनके कपड़े महका दिए।

उनमें से एक मेरी गांड पर हल्के से चांटे मारते हुए मेरे मूत का मजा लेने लगा।
शायद वो वेटर ही ज्यादा प्यासा था.

तो दोस्तो, कैसा था मेरा ये वाइल्ड सेक्स एक्सपीरियंस?
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