सेक्सी मौसी की चुदाई की हिंदी कहानी में पढ़ें मैं अपनी छोटी मौसी के घर गया था. रात में मैं उनके बेड पर सोया. उनके साथ सोते हुए मौसी की चूत के मजे किए।
मेरा नाम अनिकेत है. मैं 21 साल का हूँ.
यह सेक्सी मौसी की चुदाई हिंदी कहानी एक साल पहले की है. मेरा कॉलेज पूरा होने के बाद काफी लंबी छुट्टियां पड़ने वाली थीं, तो मैंने सोचा कि कहीं घूम ही आऊं.
मैंने मम्मी से कहा, तो उन्होंने कहा- अपनी मौसी के यहां चला जा.
मम्मी ने मौसी से बात की तो मौसी ने भी कहा- हां मेरे घर भेज दो, इसमें पूछने की क्या बात है.
मैं उससे पहले मौसी के यहां करीब 8 साल पहले गया था.
मेरी मौसी की एक बेटी भी है जो 19 साल की है.
दो दिन बाद मैं ट्रेन से दिल्ली से कोलकाता चला गया.
स्टेशन पर मुझे लेने मौसी और उनकी बेटी आई थीं.
उनकी बेटी काफी खूबसूरत हो गयी थी पर अब भी वो मौसी से ज्यादा खूबसूरत नहीं हो सकी थी.
मेरी मौसी 38 साल की थीं पर एकदम माल लग रही थीं.
उन्होंने लाल साड़ी पहनी हुई थी और उस पर लाल लिपस्टिक उन्हें कातिल बना रही थी.
मौसी के कसे हुए बड़े बड़े चूचे, पतली कमर और सपाट पेट, चौड़ी गांड मुझे अन्दर तक घायल कर रही थी.
मैंने अपनी मौसेरी बहन आभा से कहा- तुझसे सुंदर तो मेरी मौसी लग रही हैं.
मेरी बात पर हम सभी हंसने लगे.
फिर हम घर पहुंच गए.
सबने बातें करते हुए खाना खाया.
मैं आपको बता दूँ कि मेरी मौसी का तलाक उनकी शादी के पांच साल बाद ही हो गया था, तब से वह अपनी बेटी के साथ ही रहती हैं.
मेरी मौसी का काफी बड़ा सिलाई सेंटर है, जिससे उनकी काफी अच्छी कमाई हो जाती है.
खैर … फिर रात हुई.
मैं काफी थक चुका था, तो मौसी ने कहा- तुम आभा के साथ सो जाना.
उनकी बेटी आभा मुस्कुराती हुई कमरे में चली गयी.
मगर मैं उसके साथ नहीं सोना चाहता था.
बचपन की बात अलग थी … पर अब हम बड़े हो गए थे.
मैंने मना किया तो मौसी ने कहा- ओके तुम मेरे कमरे में सो जाओ.
मैं मान गया.
फिर सबने डिनर किया और सोने चले गए.
मौसी और मैं एक ही पलंग पर सो रहे थे.
करीब रात दो बजे मेरी आंख खुली तो मौसी सीधी होकर पीठ कर बल लेटी थीं.
उन्होंने महरूम रंग की रिबन वाली नाइटी पहनी थी.
मौसी की नाईटी एकदम पतली थी और एसी की ठंडक के कारण उनके निप्पल खड़े साफ साफ दिख रहे थे. उनकी नाइटी घुटने से थोड़ा ऊपर आ गई थी.
मैं मौसी को देख देख कर पागल होता जा रहा था. मेरा लंड पूरा तन गया था.
मेरे हाथ मौसी के मम्मों तक कब पहुंच गए, मुझे पता ही नहीं चला.
मैं मौसी के दोनों मम्मों को बारी बारी से मगर धीरे धीरे दबाने लगा.
करीब दस मिनट तक मौसी के चूचे दबाने के बाद मैं उनकी पैंटी उतारने के लिए नाईटी को धीरे धीरे उठाने लगा.
मैंने देखा कि उन्होंने पैंटी तो पहनी ही नहीं थी.
अब मेरे सामने साफ चिकनी मुलायम गुलाबी चूत थी.
मैंने अपनी दो उंगलियों को चूस कर गीला किया और उनकी चूत पर रख कर उनकी चूत सहलाने लगा.
कुछ देर बाद मैंने एक उंगली चूत में डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा.
अब मौसी की हल्की हल्की सिसकारियां निकलने लगीं- अअआह आआह हह … उन्ह उफ्फ!
मुझे लगा कि मौसी अब उठने वाली हैं तो मैंने चुत सहलाना रोक दिया.
जब मौसी नहीं उठीं, तो मैंने फिर से शुरू कर दिया.
ऐसा दो तीन बार हुआ मगर मैं रुका नहीं और मौसी मादक सिसकारियां लेती रहीं.
वो एक पल के लिए भी न तो उठीं और न ही उन्होंने कोई विरोध किया.
वो अभी भी गहरी नींद में सो रही थीं या सोने का ड्रामा कर रही थीं.
कुछ देर ऐसे ही करने के बाद उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
मैं नीचे की तरफ आ गया और मौसी की चुत को अपनी जीभ से चाटने लगा.
मैंने मौसी की चुत का सारा पानी चाटकर साफ कर दिया.
जब मैं उनकी चूत चाट रहा था तब वो शायद नींद में ही अपनी चुत चटवाने के मजे ले रही थीं.
अब तक मैं एकदम हॉट हो चुका था और मुझसे और नहीं रुका जा रहा था.
मैंने अपना बॉक्सर उतारा और पूरा नंगा हो गया. मैंने अपनी मौसी की नाईटी का रिबन खोला और उनकी नाईटी को पूरी उतार दी.
उन्होंने अपनी चुचियों को एक जाली वाली ब्रा से कसा हुआ था.
उनकी ब्रा सामने से खुलने वाली थी.
मैंने वो भी उतार दी और उन्हें पूरी नंगी कर दिया.
बाहर से आती रोशनी में उनका पूरा शरीर दूध की तरह चमक रहा था.
ऐसा लग रहा था, जैसे कोई परी नंगी लेटी हो.
मैंने मौसी की चूत को फिर से चाट कर गीला किया और अपने लंड का सुपारा उनकी चूत पर रगड़ने लगा.
फिर एक ही बार में अपना पूरा लंड चुत के अन्दर पेल दिया.
मौसी के बंद मुँह से ही चीख निकली- उई मांआया अहह.
उनकी आवाज से मैं समझ गया कि मौसी चुदाई का मजा ले रही हैं.
इससे मेरी हिम्मत पूरी तरह से खुल गई और मैं अपनी मौसी को हचक कर पेलने लगा.
अब मैं धीरे धीरे धक्के देने लगा.
करीब सात मिनट बाद मौसी की चूत फिर से झड़ गई और मैंने फिर से चुत चाटकर साफ कर दी.
अब मैंने उन्हें पेट के बल किया और दोनों घुटने मोड़ दिए जिससे उनकी गांड उभर आई और गांड का छेद साफ दिखने लगा.
मैंने मौसी की गांड अच्छे से चाटी और अपनी जीभ गांड के अन्दर तक डाल कर अन्दर बाहर करने लगा.
जिससे मौसी की कामुक सिसकारियां निकलने लगीं.
मैं लंड के लिए जगह बनाता गया और मौसी की गांड का छेद लुपलुप करने लगा.
मैंने अपना लंड हाथ में लिया और लौड़े का सुपारा गांड के छेद में सैट कर दिया.
फिर एक जोर का धक्का दे दिया, जिससे दर्द के कारण उनके मुँह से आह की आवाज निकल पड़ी.
मैं मौसी की गांड मारने लगा.
करीब 15 मिनट तक मौसी की गांड मारने के बाद मैंने अपना लंड निकाला और उनकी टांगों को चौड़ा करके उनकी चूत को चाटा.
अब मैं फिर से अपना लंड मौसी की चूत में पेलकर चूत चोदने लगा.
मौसी की चूत मारते मारते मैं उनके मम्मों और होंठों पर किस कर रहा था और उन्हें चाट रहा था.
करीब दस मिनट बाद मैं झड़ने को आया और अपना सारा माल मैंने मौसी की चूत में ही छोड़ दिया.
मुझे बड़ा अच्छा लगा कि इतनी सुंदर मौसी को चोदने का मौका मिला.
मैं चुदाई के बाद मौसी के बगल में ही लेट गया. मैं बहुत खुश हो गया था.
फिर मैंने सोचा कि मौसी को अभी कपड़े पहना दूंगा. मगर कुछ सेकंड बाद मौसी अपनी जगह से उठीं और बाथरूम में चली गईं.
ये देख मैं एक बार को तो घबरा गया कि अब मैं पक्का कुछ गाली सुनूंगा.
मगर जब मौसी बाहर आईं तो मैं भी अपनी नजरें चुराता और लंड छुपाता हुआ बाथरूम में चला गया और अपने आपको साफ करके वापस आ गया.
वापस आया तो देखा मौसी वैसे ही पूरी नंगी लेटी हुई थीं.
इस बार वो मुझे देख रही थीं.
मैं अपनी जगह पर आया और अपना बॉक्सर पहनने लगा, तो मौसी ने कहा- ऐसे ही सो जाओ ना.
मैंने कहा- अरे नहीं, पहन लेता हूं.
मौसी ने मुझसे बॉक्सर छीना और कुर्सी पर फैंक कर बोलीं- ऐसे ही सो जाओ. मैं भी तो नंगी सोई हूँ ना!
मैं उनकी तरफ पीठ करके सो गया.
मुझे खुद पर गुस्सा आ रहा था कि चोदने में तो नहीं शर्माया और अब शर्मा रहा हूँ.
तभी मौसी ने मुझे सीधा करके अपनी तरफ कर लिया दिया और खुद नंगी मेरे ऊपर आकर लेट गईं, मेरे सीने पर वो खुद को चढ़ाकर सो गईं.
उनकी चूचियां मुझे बड़ी सुखद लग रही थीं. लंड भी चुत से रगड़ खाने लगा था.
फिर कुछ देर बाद मुझे भी नींद आ गई.
मौसी ने भी कुछ नहीं किया.
मेरी नींद सुबह छह बजे खुली, तो मौसी तब भी मेरे ऊपर वैसे ही नंगी सो रही थीं.
मैं उनको निहारने लगा कि मेरी मौसी कितनी प्यारी लग रही हैं.
वो किसी परी के जैसी मासूम लग रही थीं.
मैंने उनके बाल सहलाने शुरू किए ही थे कि तभी उनकी भी आंख खुल गई और वो मुझे देखकर मुस्कुराती हुई देखने लगीं.
मौसी ने मेरे होंठों पर एक किस किया और अपनी नाईटी पहनकर बाहर चली गईं.
वो अपनी बेटी के कॉलेज जाने की तैयारी करने लगीं.
दो घंटे बाद मैं भी नहाकर फ्रेश हो गया था और छत पर जाकर बैठ गया.
थोड़े समय बाद मौसी वहीं चाय लेकर आ गईं.
मौसी ने इस वक्त भी अपनी वही रात वाली नाईटी पहनी हुई थी.
मैंने चाय नाश्ता किया.
मैं उस समय भी उनसे आंख नहीं मिला पा रहा था.
वो मेरे पास एकदम करीब आकर बैठ गईं और मेरा हाथ पकड़ कर बोलीं- कल रात के बारे में सोच रहे हो न!
मैंने हां में सर हिलाया और कहा- सॉरी मौसी … वो मुझसे गलती हो गई थी.
उन्होंने तुरंत बोला- सॉरी क्यों … तुमने तो मुझे पूरा खुश कर दिया. ऐसा तो मुझे मेरे पति ने भी नहीं चोदा.
मैं उनकी आंखों में लगातार देख रहा था.
इस वक्त वो एक नंबर की माल लग रही थीं. बड़ी बड़ी कसी हुई चूचियां नाइटी में से निकलती हुई दिख रही थीं.
हम दोनों फिर से बातें करने में लग गए.
मौसी ने मुझसे पूछा- तेरी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- नहीं.
उन्होंने कहा- चल झूठे.
मैंने उन्हें अपना फोन दे दिया और कहा- आप खुद चैक कर लो.
उन्होंने फोन चैक करके कहा- चल आज से मैं तेरी गर्लफ्रेड.
मैं मुस्कुराने लगा. मैंने पूछा- एक बात पूछूं मौसी?
मौसी- हां पूछ ना.
मैं- अब तक आपकी चूत इतनी कसी कैसे है?
मौसी ने बता कि मेरे पति ने केवल मुझे बहुत कम बार ही चोदा था.
मैं हैरान हो गया और बोला- इतनी सुंदर बीवी को कोई चोदे बिना कैसे रह सकता है!
वो मंद मंद मुस्कुराने लगीं.
मैंने पूछा कि बताओ न … वो आपको क्यों नहीं चोदते थे?
मौसी ने कहा- उस साले का बाहर कहीं चक्कर था.
मैं हम्म कह कर उन्हें देखने लगा.
मौसी ने मुँह बनाते हुए कहा- अरे यार … उसकी बात मत करो अभी. तुम ये बताओ कि मुझे दुबारा खुश कब करोगे?
मैंने बोला- अभी कर देता हूँ.
मौसी ने कहा- तो चलो.
हम दोनों नीचे आने लगे.
मौसी नीचे आकर जीने का गेट बंद करने लगीं.
मैं पीछे ही खड़ा था, तो मैंने कसके उन्हें पीछे से पकड़ लिया और उनके खूबसूरत मम्मों को दबाने लगा.
वो सिसकारियां लेने लगीं और वहीं दीवार से लग गईं.
मैंने उनकी नाईटी की डोरी खोल दी और नाईटी उतार दी.
वो पूरी नंगी हो गईं और हम दोनों वाइल्ड हो गए.
हम दोनों एक दूसरे को लगातार जबरदस्त किस किए जा रहे थे.
उनके होंठों का रस पीने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि मैं अपनी पहली चुदाई मौसी के साथ ही करूंगा.
मेरी पार्टनर इतनी सुन्दर और इतनी हॉट होगी. ये सोच कर मैं और गर्म हो गया और मौसी को अच्छे से किस करने लगा.
मैंने उन्हें फर्श पर ही लिटा दिया.
कुछ ही देर में मौसी मेरे नीचे आ गईं और मैंने अपना लोअर उतार दिया.
मौसी ने मेरी अंडरवियर खींच कर उतार दी.
मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था.
मौसी ने खड़ा लंड देखा और हैरान हो गईं. उन्होंने कहा कि तभी मैं सोचूं कि कल रात को इतना मज़ा क्यों आ रहा था.
मैं हंसने लगा.
उन्होंने लंड मुँह में ले लिया.
वाह … मौसी तो पक्की खिलाड़ी निकलीं.
वो इतनी अच्छी तरह से लंड को चूस चाट रही थीं कि मेरा लंड एकदम सख्त हो गया.
मैंने उन्हें हिलाया और कहा- मैं आने वाला हूँ.
मौसी ने लंड चूसते चूसते ही हाथ से इशारा किया कि मेरे मुँह में ही आ जाओ.
अब मैं बिंदास मौसी के मुँह को चोदने लगा.
मुझे तो स्वर्ग का सुख मिल रहा था.
कुछ ही देर में लंड ने रस उगलना शुरू कर दिया.
मौसी ने लंड को बाहर नहीं निकाला. उनका मुँह थूक और माल से भर गया था. मेरा लंड माल की पिचकारियां मारे जा रहा था.
सारा माल मौसी ने खा लिया था. मैंने मौसी के पूरे हलक तक लंड पेलकर रस छोड़ा था.
माल खाने के बाद सेक्सी मौसी ने मेरे टट्टे चूसे और खड़ी हो गईं.
मैं उन्हें वापस किस करने लगा.
मैंने मौसी को हॉल में पड़े बिस्तर पर लाकर उन्हें लिटा दिया और उनकी चूत चाटनी शुरू कर दी.
चुत चाटते हुए मैंने मौसी को लंड के लिए पूरा तड़पा दिया.
मौसी ने चुत का रस छोड़ा, तो मैंने चुत का माल थोड़ा पी लिया और बाकी का अपने मुँह में ही रख लिया था.
मैंने वही रस मौसी की गांड में लगा दिया और गांड में जीभ डालने लगा.
कुछ देर बाद मैंने अपना लंड मौसी की गांड में दे दिया.
वो भी एक झटके से लंड घुसने के कारण एकदम से तड़प गईं.
मौसी कराहती हुई बोलीं- आंह मर गई मांआ … मेरे शोना धीरे कर न … सब कुछ तुम्हारा ही है.
अब मैं आराम आराम से मौसी की गांड चोदने लगा.
उनसे बिल्कुल सहा नहीं जा रहा था. उनकी गांड बिल्कुल खुली नहीं थी. रात में भी यही हुआ था.
कुछ समय गांड मारने के बाद मैंने मौसी से कहा- अब आप मेरे ऊपर आ जाओ.
मौसी जब घूमीं, तो उफ्फ क्या क़यामत लग रही थीं.
खुले लंबे बाल दाएं कंधे से सामने आते हुए उनके एक मम्मे को ढक रहे थे. लाल होंठ, गोरा रंग, आंखों का काजल और नशीली नजरें देख कर मैं अपनी मादक मौसी पर फिदा हो गया था.
मौसी बोलीं- कमरे में चलो.
मैंने मौसी को गोद में ऐसे उठाया, जैसे दूल्हा दुल्हन को उठाता है.
मैं उन्हें बेडरूम में ले आया और कहा- पिछली रात आपकी चुदाई कम मस्त हुई थी. अभी पूरी मस्ती से चोदूंगा.
मैं मौसी को किस करते हुए उनकी चूत चोदने लगा.
मौसी दो बार झड़ गई थीं और वो मुझसे कहने लगीं कि जल्दी आ जाओ … मुझे जलन हो रही है.
मैंने मौसी की ताबड़तोड़ चुदाई करना शुरू कर दी और झड़ने को आ गया तो मैंने उनसे पूछा- कहां छोड़ूँ?
मौसी ने अपना मुँह खोल दिया और जीभ बाहर निकाल दी.
मैं समझ गया कि उन्हें मुँह में चाहिए.
मैंने अपना लंड उनके मुँह में दे दिया और पूरा झड़ गया.
मौसी सारा माल नहीं पी पाईं, कुछ बेड पर भी गिर गया.
पूरा झड़ने के बाद मौसी मेरे लौड़े को ऐसे ही चाटने लगीं.
कुछ समय बाद मैं भी उनके बगल में लेट गया और दोनों कुछ समय तक एक दूसरे को पकड़ कर नंगे ही पड़े रहे.
फिर मौसी उठीं और कपड़े वगैरह सही करके खाना बनाने चली गईं.
मैं भी फिर से फ्रेश हुआ और लेट गया.
करीब दोपहर बाद मेरी मौसी की लड़की भी स्कूल से आ गई.
अब मौसी और मैं हर रोज चुदाई करने लगे थे.
दिन में दो तीन बार चुदाई तो पक्की थी. कभी कभी चार पांच बार भी हो जाती थी.
मेरी मौसी की चुदाई के साथ मेरे बहुत से किस्से अभी बाकी हैं. वो सब मैं अगली किसी सेक्स कहानी में आगे बताऊंगा, तब तक के लिए अलविदा.
आप मुझे मेरी सेक्सी मौसी की चुदाई हिंदी कहानी के लिए मेल कर सकते हैं.
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