रैगिंग ने रंडी बना दिया-32

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अब तक की इस सेक्सी कहानी में आपने पढ़ा था कि सुमन की मॉम की रिंग को टीना ने भिखारी के पजामे में डाल दी थी।
अब आगे..

टीना उसको देख कर इशारे कर रही थी कि जल्दी निकाल लो।

सुमन- नहीं दीदी मुझसे नहीं होगा प्लीज़ आप निकाल लो ना प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़..
टीना- नहीं तुझे रिंग चाहिए तो निकाल ले, वरना चल अगर कोई आ गया ना फिर तुम रिंग भूल ही जाना।

सुमन बेचारी टेंशन में आ गई। वो माँ की रिंग कैसे छोड़ सकती है और अगर चाहिए तो किसी के पजामे वो कैसे हाथ डाले, ये सोच कर ही उसको डर लग रहा था।

टीना- अरे डर मत.. निकाल ले कुछ नहीं होगा, देख ये बेसुध पड़ा है।

टीना ने उस आदमी के लंड पर हाथ फिराया और सुमन को यकीन दिलाया कि देख रिंग यही है। अब सुमन तो फंसी हुई थी, रिंग उसके लिए बहुत जरूरी थी। तो बस उसने डरते-डरते अन्दर हाथ घुसा दिया। वो अपनी उंगली से रिंग ढूँढ रही थी तब उसको अहसास हुआ कि अन्दर बाल ही बाल है यानि उसकी झांटें सुमन को महसूस हुईं। फिर उसने इधर-उधर हाथ मारा तो उस आदमी का लंड सुमन की उंगलियों से टच हुआ।

सुमन के पूरे जिस्म में करंट दौड़ने लगा। वो समझ गई कि उसने क्या टच किया है। उसकी आँखों में लंड की तस्वीर उभर आई और उसने जल्दी से हाथ बाहर निकाल लिया।
टीना- अरे ऐसे तो सुबह तक तुझे रिंग नहीं मिलेगी.. अच्छे से हाथ घुमा।
सुमन- दीदी व्व..वो इसने अन्दर कुछ नहीं पहना हुआ है, मेरा हाथ इसके व्ववो उससे टच हुआ.. नहीं दीदी मुझसे नहीं होगा।
टीना- अरे क्या वो वो.. साफ बोल ना उसका लंड टच हुआ.. उसमें क्या है.. डिल्डो को तो बहुत मज़े से पकड़े हुए थी अब असली कैसा होता है वो भी देख ले ना.. चल जल्दी कर!
सुमन- व्व..वो बड़ा अजीब सा लगा दीदी नर्म सा गिलगिला सा है।
टीना- सोया लंड ऐसा ही होता है, चल निकाल जल्दी.. बहुत देर हो गई।

सुमन ने अबकी बार हिम्मत करके हाथ अन्दर घुसा दिया। उसकी झांटों में अच्छे से हाथ घुमाया। अब उसका डर कम हो गया था, उसने लंड को भी पूरा मुठ्ठी में पकड़ लिया। उस आदमी का लंड सोया हुआ था। अब उसको ये अहसास मज़ा देने लगा और उसकी चुत में अजीब सी बेचैनी शुरू हो गई या ऐसा समझो सुमन की चुत से पानी रिसने लगा। काफ़ी देर तक उसको रिंग नहीं मिली मगर वो अब लंड को दबा-दबा कर मज़ा लेने लगी। उसके दिमाग़ से रिंग गायब हो गई थी.. वो बस लंड के मज़े लेने में लगी हुई थी, जिसे टीना ने ताड़ लिया था.. मगर वो कुछ बोली नहीं और बस देखती रही।

आदमी चाहे कितना नशे में हो मगर एक कच्ची कली के हाथ का स्पर्श लौड़ा भली-भाँति समझता है और उसके बाद आपको तो पता ही है ना.. कि वो अपना रूप लेने लगता है यानि अकड़ने लगता है। उस आदमी का भी लौड़ा ऐसे ही अकड़ने लगा। सुमन को जब ये अहसास हुआ उसने झट से अपना हाथ बाहर निकाल लिया और खड़ी हो गई। तभी दूर से कोई आता हुआ उसको दिखा।

सुमन- दीदी सामने से कोई आ रहा है यहाँ से जल्दी चलो।

टीना भी मौके की नजाकत समझ गई और वो दोनों तेज़ी से वहां से भाग गईं। सीधे टीना के घर जाकर ही उन्होंने सांस ली।

टीना के घर का दरवाजा खुला था दोनों अन्दर चली गईं और सीधे टीना के कमरे में जाकर सुमन ने लंबी सांस ली। इसी के साथ उसकी नज़र मॉंटी पर भी गई.. जो आराम से अपने बेड पे सोया हुआ था। वैसे टीना ने उसके बारे में सुमन को बताया था मगर उसे देखा सुमन ने आज ही था। इस वक़्त सुमन की साँसें उखड़ी हुई थीं.. उसने मॉंटी को इग्नोर किया और पास रखी बोतल से पानी पिया।

सुमन- आह दीदी आपने तो आज मरवा ही दिया था।
टीना- अच्छा पहले तो बड़े नाटक कर रही थी.. मगर बाद में उसके लंड को बड़ा दबा-दबा कर देख रही थी।
सुमन- उह.. दीदी धीरे बोलो आपका भाई सुन लेगा और ये सब झूठ है.. मैंने कोई मज़ा नहीं लिया, मैं बस रिंग ढूँढ रही थी।
टीना- अच्छा तो इतनी देर में तुझे रिंग मिली भी नहीं और उस शराबी का लौड़ा तूने दबा-दबा के खड़ा भी कर दिया।
सुमन- ओह दीदी प्लीज़ धीरे बोलो.. ये सुन लेगा आप भी ना!

टीना ने मॉंटी को ज़ोर-ज़ोर से हिलाया और आवाज़ दी मगर उस पर कोई असर नहीं हुआ।
ये सब सुमन आँखें फाड़े देखती रही।

टीना- कुछ समझ आया? ये कुंभकरण का बाप है.. ढोल नगाड़े भी बजाओ तब भी नहीं उठेगा। इस पर सुबह पानी डालना पड़ता है, तब जाकर ये उठता है।
सुमन- हा हा हा… ऐसी भी क्या नींद है, हा हा हा… दीदी ये तो दुनिया का आठवाँ अजूबा है।
टीना- इसको जाने दे.. तू बता असली लंड पकड़ कर मज़ा आया या नहीं?
सुमन- आप भी ना दीदी, कुछ भी मैंने कुछ नहीं पकड़ा.. बस रिंग ढूँढ रही थी।

जैसे ही सुमन को रिंग याद आई वो मायूस हो गई मगर टीना तो पक्की खिलाड़ी थी, दूसरी बार उसने रिंग अन्दर डाली ही नहीं थी.. अपने हाथ में छुपा ली थी।

सुमन- दीदी अब मैं माँ को क्या कहूँगी.. वो रिंग उनकी शादी की थी मजाक-मजाक में आपने ये क्या कर दिया?
सुमन का चेहरा उदास हो गया।

तब टीना ने उसके हाथ को पकड़ा और उसकी हथेली पर वो रिंग रख दी, जिसे देख कर जो ख़ुशी सुमन के चेहरे पे आई देखने लायक थी। वो बस कभी टीना को तो कभी रिंग को देख रही थी। उसकी आँखों में एक ही सवाल था कि ये सब कैसे और कब हुआ?

टीना ने उसको बताया कि दूसरी बार उसने रिंग छुपा ली थी। उसे पता था कोई भी आ सकता था ऐसे में रिंग तेरे से निकलती नहीं।

सुमन- ओह दीदी, आप सच में बहुत अच्छी हो, थैंक्स दीदी।
टीना- अब ये सबको गोली मार.. सच बता उसके पजामे में क्या फील किया?
सुमन- अब आपसे कुछ छिपा तो है नहीं दीदी… शुरू में तो अजीब लगा मगर बाद में उसका लंड पकड़ने में अच्छा लगा।

टीना- गुड… ये हुई ना बात तो यार पजामा खिसका कर आराम से दबा देती… थोड़ा चूस भी लेती तो ज़्यादा मज़ा आता।
सुमन- क्या दीदी आप भी ना.. मैं क्यों उस गंदे आदमी का लंड चूसती छी छी पकड़ना अलग बात है.. मगर चूसना छी छी उसके अन्दर कितने बाल थे ना!
टीना- अय हय.. मेरी जान को चिकना लौड़ा पसंद है.. तो ये बता अगर साफ सुथरा लंड सामने होगा तब चूस लेगी ना?
सुमन- क्या दीदी.. वो जब होगा तब देखेंगे अभी क्यों आप ये लेके बैठ गई?
टीना- तू भूल रही है ये टास्क चल रहा है.. चल बता हाँ की ना..?
सुमन- अगर अच्छा लगा तो शायद चूस के देख सकती हूँ मगर..

टीना- ये अगर मगर बाद में करना.. वो देख मॉंटी सोया हुआ है। जा उसके पास और उसके लंड को कैप्री से निकाल कर चूस कर दिखा।
सुमन- आपका दिमाग़ खराब हो गया क्या? ये सोया हुआ है और आप क्या बोल रही हो?
टीना- तुझे अभी तो बताया था ये उस शराबी से भी ज़्यादा गहरी नींद में है। जब उसका पकड़ सकती है इसका क्यों नहीं?
सुमन- दीदी प्लीज़ आप समझो.. ये आपका भाई है इसके साथ में कैसे कर सकती हूँ?
टीना- मेरा भाई है.. तेरा तो नहीं ना? चल चल जल्दी कर, अब इतना सोच मत.. लंड पकड़ ना!

दोस्तो, उस भिखारी के लंड को पकड़ कर सुमन को अच्छा लगा था और अभी भी उसका मन था। मगर थोड़ा नाटक तो करना पड़ता है ना.. आख़िर वो एक शरीफ बच्ची है।

टीना के बार-बार कहने पर सुमन मॉंटी के पास जाकर बैठ गई और उसकी कैप्री को नीचे खिसका दिया.. उसके सोए लंड को गौर से देखने लग गई।

सुमन- दीदी ये तो बहुत छोटा सा है।
टीना- अरे सोया लंड ऐसा ही होता है.. ज़रा इसको सहला प्यार कर फिर देख कैसे खड़ा होता है और तुझे सलामी देता है।

सुमन अब मॉंटी के लंड को हाथ से सहलाने लगी.. उसको उंगली से गोल-गोल घुमाने लगी थी। सुमन की चुत तो उस भिखारी के लंड से ही गीली थी, अब दोबारा उसमें दोबारा खुजली शुरू हो गई।

टीना ने मौका देखकर मोबाइल ऑन कर लिया और उसका वीडियो बनाने लगी।

सुमन अब लंड की दीवानी हो गई थी.. उसको कुछ भी ध्यान नहीं था। लंड भी उसके कोमल हाथों का स्पर्श पाकर उठाव लेने लगा था।

थोड़ी देर में लंड ने अपना पूरा आकार ले लिया। एकदम गोरा चिकना लंड देखकर सुमन के होंठ सूख गए। उसने अपनी जीभ हल्के से उसके सुपारे पर घुमाई, उसको एक अलग ही मज़ा मिला।

टीना- अरे ऐसे क्या कर रही है इसे केले की तरह पूरा मुँह में लेके चूस.. फिर तुझे असली मज़ा आएगा।
सुमन तो खुद यही चाहती थी, बस टीना के कहने की देर थी। उसने झट से लंड को मुँह में भर लिया और मज़े से चूसने लगी।

मॉंटी नींद में था.. मगर लंड तो जगा हुआ था। ऐसी चुसाई का वो पूरा मज़ा ले रहा था। वैसे सुमन अनाड़ी थी इतनी अच्छी चुसाई नहीं कर पा रही थी मगर लंड भी तो नया था। अब दोनों का ये पहली बार था तो भरपूर मज़ा आ रहा था। जिसका सबूत लंड से आने वाली पानी की बूंदें थीं।

लंड के पानी का टेस्ट सुमन को अजीब सा लगा, उसने जल्दी से लंड को मुँह से निकाल दिया।

टीना- क्या हुआ.. चूस ना, मज़ा नहीं आ रहा क्या तुझे?
सुमन- मज़ा तो बहुत आ रहा था मगर इसमें से अजीब सा पानी निकल रहा है जिसका टेस्ट भी अजीब है?
टीना- अरे पागल.. यही वो अमृत है जिसके लिए लड़कियां तरसती हैं। शुरू में अजीब लगेगा, फिर मज़ा आएगा.. तू कंटिन्यू कर।

सुमन ने लंड को गौर से देखा फिर उसको चूसने लगी।

दोस्तो, कुँवारी लड़की का मुँह भी चुत की तरह होता है। उसकी गर्मी ऐसी होती है कि अच्छे से अच्छे लंड पिघल जाएं। फिर मॉंटी तो बेचारा बच्चा था.. वो कहाँ तक टिक पाता। उसकी नसें फूलने लगीं, वो नींद में था.. फिर भी बदन को कड़क कर लिया और एक तेज पिचकारी सीधे सुमन के गले में उतर गई। वो कुछ समझ पाती, तब तक और पिचकारी उसके मुँह को वीर्य से भर गई। जल्दी से उसने लंड को मुँह से निकाला तब तक और भी रस निकला जो उसके हाथ पर लग गया।

मेरे प्यारे पाठको, आप इस सेक्सी कहानी पर कमेंट्स मर्यादित भाषा में ही करते हुए सेक्स स्टोरी का आनन्द लें।
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सेक्सी कहानी जारी है।

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