कामुक भतीजी को चोद कर कली से फूल बनाया

सेक्सी हॉट बेब की चूत चुदाई का मौका मुझे मिला जब मेरी भतीजी को चोट लग गयी. मैंने उसकी मालिश की तो उसकी गांड देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया.

दोस्तो, मेरा नाम राकेश है, मैं उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का रहने वाला हूं.

मेरी हाइट 5 फुट 11 इंच है और मेरी उम्र 27 साल है. आप सभी गर्म औरतों और लड़कियों को बता दूँ कि मेरे लंड की साइज सामान्य से बड़ा है.

मैंने पिछले 8 साल में अन्तर्वासना की लगभग सभी कहानियां पढ़ी हैं.
आज मैंने भी सोचा कि मैं भी अपने जीवन के सेक्स अनुभव में से एक मस्त सेक्स कहानी आप सभी के साथ साझा करूं.
मैं आशा करता हूं कि आपको मेरी ये सेक्सी हॉट बेब की सेक्स कहानी आप सभी को पसंद आएगी.

यह सेक्स कहानी मेरे और मेरी भतीजी के बीच हुए चुदाई को लेकर है.
इसमें मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने अपनी जवान भतीजी को चोदा.

ये बात 2014 की है, जब मैं अपनी पढ़ाई को पूरा करके वापस अपने शहर आया था.
घर की परिस्थितियों की वजह से मुझे काम की जरूरत पड़ी तो मैं अपने ही शहर में काम की तलाश करने लगा.

मुझे मेरे एक दोस्त ने अपने एक जानने वाले फिजियोथैरेपी के डॉक्टर के पास मुझे रखवा दिया.
वहां मैं मन लगा कर काम करने लगा.

मेरे हाथ से किए हुए मसाज से सभी लोग बहुत खुश रहते थे.
उनमें मेरी कई महिला ग्राहक भी थीं.

उन्होंने कई बार मुझे अपने घर पर बुलाया … लेकिन उस वक़्त तक मुझे ये नहीं पता था कि वो मुझे अपने पास क्यों बुला रही हैं.

मैं अब अपने काम में इतना मशगूल रहने लगा था कि मैं अपने घर से क्लिनिक … और क्लिनिक से घर से मतलब रखता था.

एक दिन मेरे घर मेरे गांव के बड़े ताऊ के लड़के की लड़की, जो मेरी भतीजी लगती थी, वो आयी और हमारे घर में ही रहने लगी.
उसका नाम वीना था.

वीना की उम्र उस वक़्त 19 साल थी और उसके चुचे अपने आकार में आ चुके थे.

वो जब भी झुक कर घर का काम करती, तो उसके गोरे चूचे मेरे सामने आ जाते थे, जिसकी वजह से मेरा लंड खड़ा हो जाता था.

ऐसे तो मैं अपनी महिला ग्राहकों के भी स्तनों को देखता था, पर वीना मेरी उम्र से 4 साल छोटी थी.

उस वक़्त और उसकी जिस्म की बनावट उसके कपड़ों से पता चलता था जिसकी वजह से मेरा झुकाव उसकी ओर बढ़ता जा रहा था.

एक दिन मैं अपने काम से शाम को घर वापस आया तो मेरी मां ने बताया- वीना छत पर कपड़े सुखाने गयी थी और वापस आते टाइम उसका पैर सीढ़ियों से फिसल गया. इस वजह से उसको चलने में काफी दिक्कत हो रही है. तुम जाकर जरा उसके कमरे में देख लो. मैं खाना बनाने जा रही हूं.

मैं तत्काल ही उसके कमरे में चला गया तो देखा वीना बिना दुपट्टे के आराम से अपने कमरे में लेटी हुई थी.

मैंने वीना से पूछा- क्या हुआ?
वीना- कुछ नहीं चाचा, बस थोड़ी चोट लग गयी है … और बहुत दर्द है.

मैं- तो बताओ कहां दर्द है … मैं एक थैरेपिस्ट के पास ही काम करता हूं, तो मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूं.
वीना कुछ देर सोचने के बाद बोली- चाचा मेरे पैर और कमर में चोट लगी है.

मैंने उससे बोला- क्या मैं देख सकता हूं?

उसने मुझे अपना पैर दिखा दिया मगर कमर नहीं दिखाई. वो कुछ झिझक रही थी.

उसको देखने के बाद मैं अपने रूम से गर्म पट्टी और कुछ दवा ले आया. उसकी सिंकाई करके मैंने उसे दवा दे दी और पट्टी करने के बाद मैंने उसकी कमर देखने की बात कही.

वो थोड़ा संकोच करने लगी तो मैंने बोला- तुम मुझे अगर दिखाओगी नहीं, तो मैं कैसे कुछ कर पाऊंगा.

थोड़ा सोचने के बाद वीना ने अपनी कमीज को ऊपर उठा दिया.
वीना को वाकयी चोट आई थी.

अब मैं उसकी चोट को मैंने गर्म कपड़े से सेंकते हुए इलाज कर रहा था.

कुछ देर बाद मैंने उसको उल्टा लेटने को बोला और पीछे से उसकी कमर पर मसाज करने लगा.
उसकी गोरी कमर को मैं अपनी हथेलियों से हल्का हल्का दबाते हुए मसाज देने लगा.

कुछ देर ऐसा करने से वो भी गर्म होने लगी और उसने अपने आपको ढीला छोड़ दिया.

मैं वीना से बोला- क्या तुम अपनी सलवार को थोड़ा सा नीचे कर सकती हो?
वो मेरी तरफ देखने लगी.

फिर उल्टी लेटी हुई ही बोली- आपको जैसे मन करे, वैसा करो. मुझे काफी अच्छा लग रहा है.
मैं उसकी इस बात को हरी झंडी समझ कर मालिश में लग गया.

अब मैं उसके नितम्बों तक हाथ लगा कर मसाज देने लगा था.
वो थोड़ी सी कांपने लगी थी.

जैसे जैसे मेरा हाथ उसकी चूत के पास जा रहा था, वो धीरे धीरे गर्म होती जा रही थी.
क्योंकि पहली बार कोई मर्द उसकी चूत के पास तक पहुंचा था.

इसका अंदाजा मुझे इस बात से लगा कि जब मैंने उसको सीधा लेटने के लिए बोला तो उसकी चूत की तरफ मुझे कुछ भीगा हुआ लगा.

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मैं समझ गया कि वीना गर्म हो गयी है. मैं ये मौका छोड़ना नहीं चाहता था इसलिए मैं उससे बिना बोले ही चूत को सलवार के ऊपर से ही छूने लगा.

वो बिना कुछ विरोध किए अपनी आंखें बंद करके मज़े ले रही थी.

फिर जैसे ही मैंने उसकी चुत को छुआ, तो वो मेरे मन को समझ गयी और फिर हल्की हल्की आवाज करने लगी.
ये सब होते ही मेरा लंड खड़ा हो चुका था.

अब मैं वीना से बोला- क्या मैं सलवार को उतार दूँ?
उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और बोली- अभी नहीं चाचा, अभी सभी लोग जगे हुए हैं.

इतना सुनने के बाद तो मैं उसके होंठों को अपने होंठों से चूसने लगा.
मेरा एक हाथ उसकी एक चूची पर जम गया था जबकि दूसरा हाथ उसकी चुत को सलवार के अन्दर से सहला रहा था.

वीना बोली- अभी ज्यादा कुछ न कीजिएगा चाचा … क्योंकि आपकी मसाज बहुत ही मस्त थी. मेरा पानी आपकी इसी मस्त मसाज से ही निकल गया है. अगर आपने इससे ज्यादा कुछ किया, तो मैं पागल हो जाऊंगी और मेरी आवाज निकलने लगेगी. इसलिए अभी आप कुछ करेंगे तो सभी लोग जान जाएंगे. जब सही वक्त आएगा तो हम दोनों फिर मिलेंगे.

मैंने भी वक्त की नज़ाकत को समझते हुए आगे कुछ नहीं किया और उसके साथ चुम्मा चाटी के बाद अलग हो गया.

मैं बाहर आया तो मां ने खाना बना लिया था.

उन्होंने पूछा- क्या तुमने उसको दवा दे दी?
मैंने हां में सिर हिलाया और जाकर बैठ गया.

कुछ देर बाद सब लोग मिल कर खाना खाया.
वीना आज बहुत खुश लग रही थी और मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी.

मैंने सोच लिया था कि अब मैं इसको चोद कर रहूंगा … क्योंकि वीना जैसी जवान और खूबसूरत लड़की लड़की बहुत ही नसीब से मिलती है. जिसकी हाइट 5 फिट 3 इंच, पतली कमर, चूची की साइज 32 इंच हो और जिसके होंठ सुर्ख गुलाबी हों.
ऐसी माल को चोद पाना और वो भी शायद पहली बार चोद पाना, मेरे लंड का नसीब जागने जैसा था.

अब जब वो आपने आप को मुझे सौंपने के लिए तैयार थी तो मेरा लंड उसकी चुत में घुसने को बेकरार हो गया था.

मैंने अपने लंड को शान्त करने के लिए इतना हिलाया कि मेरा लंड का गाढ़ा पानी निकल गया.

उसके बाद मैं मौके की तलाश करने लगा.
साथ ही जब भी मुझे वीना अकेली मिलती, मैं उसके साथ कपड़ों के ऊपर से ही सब कुछ कर लेता.

अब तक वीना के कहे अनुसार मुझे मालूम चल गया था कि वो एक अनछुई कली थी इसलिए मैं अपने काम को अंजाम आराम से देना चाहता था.
क्योंकि बड़े बुजुर्गों ने कहा है कि जल्दी का काम शैतान का होता है … और सब्र का फल मीठा होता है.

इसी इतंज़ार में मैं दिन काटने लगा कि कब वीना की चूत का स्वाद मेरे लंड को मिलेगा.

फिर एक दिन मेरी मां ने मुझे बताया कि तुम्हारे ताऊ की तबियत अचानक खराब हो गयी है तो मैं और तुम्हारे पापा उनको देखने जा रहे हैं. वीना की क्लास रहती है तो उसको नहीं बताया है. मैं उसको यहां अकेला छोड़ कर जा रही हूं. तुम रात में जल्दी आ जाना, हमें आने में 2 या 3 दिन लग सकते हैं.

इतना सुनने के बाद तो मेरा लंड और मैं खुशी से झूम उठे क्योंकि अब मेरे घर में वीना और मेरे सिवाय कोई नहीं रहेगा.

मम्मी पापा के जाने के बाद मैंने भी अपने डॉक्टर साहब को फ़ोन करके बोल दिया कि मैं 2 दिन तक आ नहीं पाऊंगा. घर में ताऊ जी की तबियत खराब है.

इसके बाद में वीना का इंतजार करने लगा.

वीना अपने कॉलेज से 2 बजे आ गयी, तो घर में मुझे देख कर पूछा- चाचा, दादी कहां हैं … दिख नहीं रही हैं?
मैंने उसको सब बताया.

इतना सुनने के बाद वो बहुत खुश हो गयी और मेरे गले में अपना भार डाल कर अपने होंठों को मेरे होंठों से जोड़ दिया.

हम दोनों किसी प्रेमी जोड़े की भांति एक दूसरे से जुड़े होंठों को चूमने लगे.
साथ ही प्याज के छिलकों की भांति हम दोनों के कपड़े निकल गए.

वीना के कॉलेज से आने से पहले ही मैं अपनी तैयारी कर चुका था.
मैं मेडिकल स्टोर से कुछ दवाई और कंडोम लेकर आ गया था.

वीना के जब मैंने कपड़े उतार दिए, तब मैं पहली बार उसके पूरे शरीर को नंगा देख पाया था.
उसकी दाहिनी चूची के ऊपर एक तिल था जो उसको और भी ज्यादा खूबसूरत बना रहा था.

सब कुछ एक लाइन में लिखूं तो वो एक बला की खूबसूरत माल थी.

अब मैंने ज्यादा वक्त न गंवाते हुए वीना को गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया.
उसके ऊपर चढ़ कर मैंने उसके होंठों से चूमना शुरू किया और कमर पर सरक आया.
फिर 69 में होकर मैंने उसकी चुत पर अपना मुँह लगा दिया.

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ये सब मैं पहली बार कर रहा था लेकिन इसमें हम दोनों के बीच जो रोमांच पैदा हो रहा था, उसको बयां करना बहुत ही मुश्किल है.
वो भी अपनी चूत पर मेरे जैसे मर्द की जीभ का अहसास पाकर सिहर उठी थी.

फिर भी जैसे ही मैंने उसकी चुत को चूसना शुरू किया तो वो अपने आपे से बाहर हो गयी और एक बिन पानी मछली की तरह तड़पने लगी.

वो भी अपने हाथ से मेरे लंड को सहला रही थी और मेरे लंड को देख कर डर भी रही थी.

वो बोली- चाचा, आपका लंड किसी इंडियन पोर्न स्टार जैसा है. ये कैसे मेरी चुत में जाएगा?
मैंने उससे बोला- जरूर चला जाएगा वीना … तुम इसको पहले अपने मुँह में लेकर गीला कर दो. तो ये आराम से तुम्हारी चुत में चला जाएगा और तुम पोर्न स्टार के बारे में बड़ा जानती हो.
वो हंस दी.

कुछ देर सोचने के बाद वीना ने मेरे लंड को अपने मुँह से लगा लिया और उसको मुँह में लेकर खींचती हुई चूमने लगी.

वो मेरे लंड के आगे के भाग पर यानि सुपारे पर अपनी जीभ चलाने लगी. वो मेरे लंड को एक माहिर खिलाड़ी की तरह चूस रही थी.

मैंने उससे पूछा कि ये सब कैसे सीखा.
उसने हंस कर बताया कि मैं बहुत ज्यादा ब्लू फिल्म देखती हूं, जिसकी वजह से मैं ये सब कर पा रही हूँ. उसी में देख कर तो मैंने आपके लंड की तारीफ़ की थी.

ये सुन कर मैंने उसकी चूत का दाना मसल दिया और वो एकदम से आंह कर उठी.

इसके बाद हम दोनों सही पोजीशन में आ गए.
अब ये सब हम बहुत ही आराम से कर रहे थे.
मुझे भी मजा आ रहा था क्योंकि ये मेरे कई दिन का सब्र था.

अब वीना ने मुझे अपने ऊपर ले लिया और बोली- अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है. आप अपनी इस मोटी गाजर को मेरी चुत में डाल दो.
मैंने भी सोचा कि अब लोहा गर्म है … तो हथौड़ा मार दिया जाए.

ये सोच कर जैसे ही मैंने कंडोम खोलने के लिए पैकेट उठाया तो वीना ने मना कर दिया.
वो बिना कंडोम के ही चुदाई करने को बोली क्योंकि उसने आज तक किसी और से सेक्स नहीं किया था.

मैंने पहले से बगल में पड़ी वैसलीन को उठा कर अपने लंड पर मल दिया और और उसकी चुत में भी लगा दिया.

फिर धीरे धीरे अपने लंड को वीना की चूत में डालने लगा.

वीना को दर्द होने लगा और वो चिल्लाने लगी- उम्म मम्ह आह आह आह साले चाचा आराम से कर … मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ.

उसके मुँह से गाली सुनने के बाद मेरा जोश दुगना हो गया औऱ मैंने झटके से आधा लंड उनकी चुत में डाल दिया.

वीना की आंखों में आंसू आ गए और वो चुदाई करने के लिए मना करने लगी.
लेकिन मैंने उसके शरीर पर अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी.
उसकी चुत की झिल्ली को फाड़ते हुए मैंने लंड को आगे बढ़ा दिया.

अब वीना बेहोश सी हो गयी थी, उसकी आंखें पलट गई थीं.
मैं भी डर गया था लेकिन मैंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला.

कुछ देर बाद वीना खुद नीचे से अपनी कमर को हिलाने लगी और आंखें खोल कर मुझे तेज़ तेज़ चोदने को बोलने लगी.

अब वीना और मैं एक जिस्म दो जान जैसे हो गए थे.
कभी वो मेरे ऊपर, तो कभी मैं उसके ऊपर.

इस बीच वीना का 3 बार पानी निकल गया था. जब मैं झड़ने को हुआ तो वीना ने मेरे लंड का रस अपनी चूत में ही लिया.

वो मुझसे चुद कर बहुत खुश थी.
उसने बताया- मुझे ब्लू फिल्म देख कर चुदने की बड़ी लालसा थी. फिर आपसे ज्यादा सेफ लंड और किसका मिलता. मुझे अब आप घर में ही एक मस्त चोदू के रूप में मिल गए हो. मेरी चुदाई करते रहना.

वीना और मेरी चुदाई का सिलसिला लगातार 3 दिन चला.
फिर मां पापा के आने के बाद हम रात में छत पर चुदाई करने लगे थे.

अब वीना की गांड मोटी हो गयी थी और चुचे भी बड़े हो गए थे.
वीना औऱ मैं लगभग हर दिन चुदाई का मज़ा लेने लगे थे.

इस बीच वीना की शादी तय हो गयी और वो कुछ दिन साथ रहने के बाद अपने ससुराल चली गयी.

मेरी चुदाई इस तरह की हो गई थी कि वो जब भी मेरे घर आती, मुझसे चुदाई करवा कर ही जाती थी.
लेकिन मुझे अब अकेलापन महसूस होने लगा था क्योंकि मुझे किसी की चुदाई का मौका नहीं मिल रहा था.

हालांकि मेरा काम ऐसा था कि जो भी महिला ग्राहक मुझे अपने घर बुलाती थी, मैं उसको उसके घर जाकर फुल बॉडी मसाज देने लगा था.
कुछ लेडीज सिर्फ मसाज ही लेती थीं लेकिन कुछ मुझसे चूत चुसाई या चुदाई भी करवा लेती थीं.
मैं भी उनको चोदने के लिए हमेशा रेडी रहता हूं.

आप सभी को मेरी ये सेक्सी हॉट बेब की सेक्स कहानी कैसी लगी, जरूर बताना.
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