फोटोशूट के बहाने दोस्त ने मेरी बहन को चोदा- 1

सेक्सी दीदी नंगी कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरा दोस्त मेरी दीदी का फोटो शूट करने के बहाने मेरे घर आया. उसने धीरे धीरे कैसे मेरी दीदी के कपड़े उतरवाने शुरू किये?

दोस्तो, मैं आप सभी का सेक्सी कहानी साईट अन्तर्वासना पर स्वागत करता हूँ.
मेरी पिछली कहानी थी: भाई के लंड से दीदी की चुत गांड चुदाई

यह सेक्सी दीदी नंगी कहानी मेरी दीदी और मेरे दोस्त के बीच में है.

अब मैं आपको अपनी दीदी के बारे में बताता हूं.

मेरी दीदी ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद घर पर ही रहती हैं और घर का काम करती हैं. वो बहुत गोरी हैं. मगर दीदी की हाईट थोड़ी कम है, वो 4 फुट 7 इंच की ही हैं, मगर मेरी दीदी दिखने में बहुत सेक्सी हैं.
उनकी फिगर साइज 36-30-38 की है. दीदी दिखने में एक डीजल माल लगती हैं. डीजल माल मतलब नाटी और भरे हुए बदन की. उनकी चूचियां एकदम तनी हुई हैं और पीछे से उनकी गांड का उभार भी काफी मस्त दिखता है.

मेरी दीदी और मैं घर में अकेले ही रहते हैं क्योंकि मेरे मॉम और डैड जॉब पर चले जाते थे, तो घर पर हम दोनों ही अकेले ही रहते थे.

मैं उन दिनों की बात कर रहा हूं, जब मेरे दोस्तों का मेरे पास बहुत आना जाना था.

उन दोस्तों में से रमेश मेरा सबसे जिगरी यार था. हम दोनों की दोस्ती भी बहुत अच्छी थी.

एक दिन मेरा दोस्त रमेश मेरे घर आया. वो उस दिन एक काफी बढ़िया किस्म का डीएसएलआर कैमरा लेकर आया था.

उसने मुझसे बोला कि मुझे तेरी बहन का फोटो सेशन करना है. मैंने जो दुकान बनाई है, उसमें मुझे बड़ी और अच्छी मॉडल का फोटो रखना है. यदि तेरी दीदी हां करें, तो मैं उनकी फोटो ले लूं!

मैंने अपनी दीदी से पूछा- दीदी, रमेश आपकी कुछ फोटो लेना चाहता है. क्योंकि उसने नई दुकान बनाई है.
दीदी ने मना नहीं किया और फोटो लेने के लिए राजी हो गईं.

तभी मेरे एक दूसरे दोस्त का फोन आया और उसने मुझे किसी काम से जल्दी आने को बोला.
मैं उसके पास जाने लगा और रमेश को बोला कि तू फोटो ले लेना.

ये कह कर मैं घर से तुरंत निकल गया, लेकिन मैं जाते-जाते अपना फोन घर पर ही भूल गया.
बीच रास्ते में मुझे अपने फोन की याद आई तो मैं उसे लेने के लिए घर वापस आ गया.

मैं घर में गया तो देखा कि रमेश और दीदी फोटो सेशन चला रहे थे और रूम का दरवाजा लॉक था.

दरवाजे के बाजू की खिड़की थोड़ी सी खुली थी तो मैंने वहां से देखा कि मेरा दोस्त रमेश मेरी दीदी का फोटो शूट कर रहा था.

मैंने सोचा कि कुछ देर मैं भी फोटो शूट देख लेता हूँ. बस मैं वहीं पर खड़ा हो गया.

एक दो फोटो लेने के बाद रमेश ने दीदी को बोला कि तुम अपनी कुर्ती निकाल दो.
दीदी ने मना किया- नहीं नहीं … ऐसा नहीं कर सकती … तुम ऐसे ही फोटो ले लो.
रमेश- लेकिन अन्दर का फोटो बहुत अच्छा आएगा … एक बार निकाल दो प्लीज़.

थोड़ी देर के बाद दीदी ने अपनी कुर्ती निकाल दी.
मेरी दीदी ने अन्दर समीज पहनी हुई थी … लेकिन वो ब्रा नहीं पहनती थीं.

जब सेक्सी दीदी की समीज में उनके फूले हुए दूध देखे, तो रमेश ने कहा- तुम समीज क्यों पहनती हो, ब्रा क्यों नहीं पहनती हो?
दीदी- मुझे ब्रा में दिक्कत होती है इसलिए मैं समीज ही पहनती हूँ.
रमेश- ओके कोई बात नहीं.

रमेश ने दीदी के दो-चार फोटो लेने के बाद उनसे कहा- अब तुम अपने पजामे का नाड़ा भी खोल दो.
दीदी- ये क्या बोल रहे, तुमने तो सिर्फ दो-तीन फोटो लेने का ही कहा था और तुम यह सब क्या मुझे बोल रहे हो?

रमेश- ऐसा कुछ भी नहीं है यार … तू मेरे दोस्त की बहन है और मैं तुम्हारे बारे में बुरा नहीं सोच सकता. लेकिन इससे फोटो अच्छा आएगा, इसलिए बोल रहा हूं. तुम बेफिक्र होकर नाड़ा खोल दो, मस्त फोटो आएगी.

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मेरी दीदी कुछ सोचने लगी तो रमेश ने खुद आगे बढ़ कर दीदी के पजामे का नाड़ा खोल दिया. इससे दीदी का पजामा नीचे गिर गया और उनकी रेड कलर की पैंटी सामने आ गई. दीदी की गोरी गांड इतनी बड़ी थी कि मुझे ऐसा लग रहा था कि उसने लंड खाकर ही गांड बड़ी कर ली है.

अब रमेश ने दीदी की फोटो लेनी शुरू कर दीं. उसने मेरी दीदी के चुचों की, गांड की, चिकनी कमर की … सबकी फोटो ले लीं.
दीदी ने भी अच्छी तरह से फोटो शूट होने दिया.

थोड़ी देर के बाद रमेश बोला- अब घूम जाओ.
दीदी घूम गईं, तो रमेश ने दीदी की पीछे से भी सब फोटो ले लीं.

उसके बाद रमेश बोला- अब समीज भी निकाल दो.

दीदी अब तक कुछ सहज हो गई थीं और शायद उनका खुद का मूड करने लगा था.

वो रमेश से बोलीं- ठीक है मैं समीज निकाल देती हूँ, पर मेरी एक शर्त है.
रमेश बोला कि कौन सी शर्त?

दीदी ने बोला कि मैं समीज उतारूं, तब तुम मेरे चुचों पर हाथ रख कर उन्हें ढांप देना.
रमेश- क्यों?

दीदी- मैं समीज निकाल दूंगी, तो मेरे दूध दिखने लगेंगे और मुझे बहुत शर्म आएगी.
रमेश- ठीक है.

मैं सोच रहा था कि दीदी का ये कैसा कहना हुआ कि खुले मम्मों पर रमेश हाथ रख दे … जबकि कमरे में तो सिर्फ रमेश और दीदी ही हैं … तो शर्म कैसी आनी है … और दीदी खुद अपने मम्मों पर अपने हाथ क्यों नहीं लेती हैं. अगर उन्हें इतनी ही शर्म का ख्याल है, तो वो अपनी समीज उतार ही क्यों रही हैं.

ये सारी बातें मेरी बुद्धि से बाहर थीं. मुझे बस ये लग रहा था कि दीदी को शायद रमेश से मजा लेने का मूड बनने लगा है इसलिए वो उससे बात बनाते हुए ऐसा कह रही हैं.

उधर रमेश ने कैमरा ऑटो मोड पर सैट कर दिया और दीदी की तरफ देखने लगा.

दीदी ने अपनी समीज के पीछे से खुलने वाली चैन को खोल दिया और बोलीं- रमेश, मेरे करीब आओ और मेरी समीज के अन्दर हाथ डालो.

रमेश ने दीदी के पीछे से आकर उनकी समीज के अन्दर हाथ डाल दिया.

उसके बाद दीदी ने अपनी समीज को आगे से पूरा निकाल दिया.

मैंने दूर से देखा कि दीदी के चूचे काफी बड़े लग रहे थे और उनके मम्मों पर रमेश के हाथ रखे हुए थे … मगर तब भी दीदी के चूचे पूरी तरह से नहीं ढक पा रहे थे.

आज रमेश की तो लॉटरी लग गई थी.
रमेश दीदी के चुचे सहलाते हुए बोला- तुम मूर्ख हो.
दीदी ने मस्ती भरी आवाज में कहा- क्यों मैं मूर्ख कैसे हूँ?

रमेश- इतने मस्त मम्मों को छुपाकर क्यों रखती हो. इनको तो आजाद करके रखना चाहिए. सच में तुम्हारे मम्मे कितने अच्छे और रसीले हैं.
दीदी ने खुश होकर बोला- धन्यवाद.

ये कह कर दीदी ने रमेश के हाथ पर अपना हाथ रख दिया और बोलीं- अब तुम अपने हाथ हटा लो और फोटो लेना शुरू करो.

शायद दीदी को मालूम नहीं था कि सामने स्टैंड पर सैट कैमरा ऑटोमोड पर था. उनकी समीज उतरने और रमेश के पीछे से आकर उनके चूचों को सहलाने तक की पूरी फिल्म कैमरे में बन चुकी थी.

फिर रमेश ने सामने आकर मेरी दीदी की फोटो लेनी शुरू कर दीं. उसने दीदी के भरे हुए … और हथेलियों से छिपने में असमर्थ मम्मों की कई फोटो ले लीं.
उसने दीदी को इसी पोजीशन में घूमने को कह कर उनकी गांड की और गांड पर कसी लाल चड्डी की ढेर सारी फोटो ले लीं.

इस दौरान दीदी ने भी एक मस्त मॉडल की तरह अदाएं देते हुए अच्छी तरह से फोटो शूट करवा लिया.

फोटो शूट के थोड़ी देर के बाद रमेश बोला- अब तुम अपनी ये पैंटी भी निकाल दो.
दीदी ने तनिक जोर से कहा- ये क्या बोल रहे हो तुम … तुमको शर्म नहीं आती. मुझे आधी नंगी तो कर ही दिया है. क्या पूरी नंगी करोगे?

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रमेश ने वासना में दीदी की चुत की तरफ देखते हुए कहा- नहीं, पैंटी उतारने के बाद तुम उसे ठीक वैसे ही ढक लेना जैसे तुमने अपने चुचों को छुपाया है. इससे तुम्हारी बड़ी ही सेक्सी फोटो आएगी.

दीदी बहुत देर तक आनाकानी की मगर किसी तरह से रमेश ने मेरी सेक्सी दीदी को पैंटी उतारने के लिए मना ही लिया.

अब मैं समझ गया था कि दीदी को आज चुदने का मन है और वो मेरे दोस्त के लंड से अपनी चुत की खुजली मिटवाना चाहती हैं.

अंततः रमेश की बात पर दीदी मान गईं और बोलीं- ठीक है रमेश मैं तेरे लिए ये भी कर देती हूँ.

दीदी घूम कर उसी खिड़की की तरफ हो गईं, जिधर से मैं सारा नजारा देख रहा था.
शायद उनको नहीं पता था कि मैं उनको देख रहा हूं.

दीदी ने रमेश से बोला- तुम मेरे पीछे खड़े हो जाओ.

रमेश उनके पीछे खड़ा हो गया, तो दीदी ने वासना से कहा- जब तक मैं अपने हाथ अपने चूचों से हटा कर अपनी पैंटी उतारूंगी, तब तक तुम अपने हाथों से मेरे चुचों को ढक कर छिपा लो.

रमेश की तो आज चांदी थी, उसको मेरी बहन के मस्त मम्मों को सहलाने का मौक़ा मिल रहा था.
वो झट से मेरी दीदी की गांड से अपना खड़ा लंड सटा कर खड़ा हो गया.

दीदी ने अपने हाथ मम्मों से हटा लिए और रमेश ने मेरी दीदी की चूचियों पर एक बार फिर से अपनी हथेलियां जमा दीं.

रमेश के हाथ में दीदी के बड़े बड़े दूध आ ही नहीं रहे थे. वो साला उन्हें ढकने के बहाने कभी ऊपर से चुचे सहलाता, तो कभी नीचे से.
मेरे सामने दीदी के बड़े बड़े चुचे मेरे दोस्त के हाथ से सहलाए जा रहे थे और मेरा लंड खड़ा हुआ जा रहा था.

मेरी दीदी के दूध इतने बड़े बड़े थे कि उनमें यदि दूध निकलता, तो तीन-चार बच्चे भी पूरा दूध नहीं पी सकते थे.

अब मेरी दीदी ने धीरे-धीरे झुक कर अपनी पैंटी उतारना शुरू किया तो रमेश भी पीछे से झुकता गया और वो मेरी सेक्सी दीदी की खुली गांड पर अपना फूला हुआ लंड रगड़ कर मजा लेने लगा.

जब दीदी पूरी झुक गईं और उन्होंने अपनी पूरी पैंटी टांगों से निकाल दी, तो रमेश के लौड़े ने दीदी की नंगी हो चुकी गांड की दरार में घुसना और रगड़ना शुरू कर दिया.
वो एक तरफ मेरी दीदी की चूचियों को भींचे हुए था और दूसरी तरफ दीदी की गांड में लंड रगड़ कर मजा ले रहा था.

साले रमेश की तो आज लॉटरी लग गई थी. अब मेरी दीदी को भी शायद मजा आ रहा था तो वो भी अपनी पैंटी निकालने के बहाने एक मिनट तक कुतिया सी बनी रहीं और रमेश के लंड का मजा लेती रहीं.
फिर एक मिनट बाद दीदी ऊपर को उठने लगीं.

जब वो पूरी सीधी हो गईं, तो मैंने देखा कि दीदी की चुत पर झांट का एक भी बाल नहीं था.

दीदी की सफाचट चुत देख कर मुझे समझ आ गया कि दीदी ने आज ही अपनी चुत की झांटें साफ़ की थीं.

दीदी ने अगले ही पल अपनी चुत पर एक हाथ रखकर उसे ढक ली. उसके बाद दीदी ने रमेश से मादक आवाज में कहा- रमेश … अब तुम अपने एक हाथ को मेरे नीचे को लाओ … ताकि मैं अपने मुनिया को छुपा सकूं.

दीदी की इस तरह की भाषा सुनकर मुझे समझ आ गया था कि वो आज चुदने के पूरे मूड में हैं.

दोस्तो, मैं अपनी सेक्सी दीदी नंगी कहानी का पूरा मजा अगले भाग में लिखूंगा. आप मुझे मेल करना न भूलें.
आपका धन्यवाद.
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