चंडीगढ़ में शादीशुदा भाभी की चुत मिली- 1

सेक्सी भाबी Xx कहानी में पढ़ें कि मेरी बीवी के गर्भवती होने के कारण मैं कोई चूत की तलाश में था. बर्गर वाले ठेले पर मेरी नजरें एक हॉट भाभी से मिली.

अन्तर्वासना के सभी पाठक पाठिकाओं को मेरा नमस्कार.

काफी समय से मैं इस सेक्सी भाबी Xx कहानी को लिखने की कोशिश कर रहा था, पर समय न मिलने के कारण लिख नहीं पाया था.

आप सभी तो जानते ही हैं एक फौजी की लाईफ कैसी होती है. अक्सर सीमाओं पर हमारी ड्यूटी होती है.

मैं सोनू जलगांव महाराष्ट्र से साल आपके सामने मैं एक सच्ची सेक्स कहानी लेकर उपस्थित हूँ.

जब श्रीनगर से मेरी पोस्टिंग चंडीगढ़ हो गई थी, उस समय मेरी शादी को डेढ़ साल हो गया था.

शादी के बाद तो चांदी ही चांदी थी. मेरी बीवी बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी है.

जब मैं साल में ढाई माह की छुट्टी पर जाता था, तब हम दोनों साथ में इतने ज्यादा कामुक हो जाते थे कि कह नहीं सकता.
मुझे अपनी बीवी को चोदने का जब भी मौका लगता, मैं उसके ऊपर चढ़ जाता.

दिन में कई कई बार उसकी चुत चोद लेता. वो भी मुझे कभी मना नहीं करती.

चुदाई से पहले वो बड़े प्यार से मेरा लंड अपने मुँह में ले लेती थी.
फिर जिस पोजीशन में मैं चाहूँ उस पोजीशन में मेरा लंड चुत में ले लेती.

इस तरह उसकी चुत चुदाई दिन रात में कई कई बार हो जाती थी.
उस सेक्स कहानी को मैं फिर कभी लिखूंगा.

इधर इस सबको लिखने का सबब ये था कि मैं अपनी बीवी के इस प्यार की वजह से एक अति कामुक आदमी हो गया था.

नई जगह जाने से काफी राहत महसूस हुई. चंडीगढ़ का माहौल काफी खुला था. अपनी ड्यूटी करो, कहीं भी घूमो. दस मिनट की दूरी पर चंडीगढ़ शहर था.

कैम्प के बगल में एक गांव था, जहां पर बड़ा मार्केट था. उस गांव में बाहर से आए लोग काफी संख्या में बसे हुए थे.

स्कूल के बगल में एक बर्गर की दुकान थी, उसके सामने पान का ठेला था.

जब भी गांव में जाता, वहां पर घूम रही भाभियों और लड़कियों के उठे हुए बड़े बड़े दूध व बड़ी बड़ी गांड को देख कर मेरा लंड कड़ा हो जाता.
मुझे ऐसा लगता था कि इनको यहीं खड़े खड़े चोद डालूं.

फिर फटाफट से बाथरूम में जाकर मुठ मारकर लंड को शान्त कर लेता.

जब तक मैं अपने लंड का पानी नहीं निकाल लेता, तब तक मुझे चैन नहीं मिलता था.

अब जिसको चुदाई का चक्का लगा हो, उसको हाथ से कहां पूरा चैन मिल सकता था.
कई बार जब रात में बीवी अकेली होती, तब हम फोन सेक्स कर लिया करते.

वह अपनी चुत में उंगली करके व मैं अपना लंड हिला कर अपना लावा निकाल देता था, फिर भी चैन नहीं मिलता था.

मुझे सेक्स किए कई महीने हो चुके थे क्योंकि पत्नी पेट से थी.
इस बार की छुट्टी में मैं उससे सेक्स नहीं कर पाया था.

अब हर वक्त मैं किसी भाभी को पटाने के चक्कर में लगा रहता था.

मैं शाम के टाईम पान के ठेले वाले के पास बैठकर सिगरेट पीता रहता था और वहां बर्गर खाती भाभियों की गांड व उनके मम्मे निहारता रहता था.
उन सेक्सी भाभियों को आंखों से चोदता रहता था.

ऐसे ही करते करते मुझे बीस दिन हो गए थे.

वो जुलाई का महीना चल रहा था. उस रोज दिन साफ था मगर अचानक 3 बजे के करीब बारिश शुरू हो गई.
उस दिन काम की वजह से व बारिश की वजह से बाहर जाने में मुझे देर हो गई.

मैं रात नौ बजे ठेले पर पहुंचा.
उस दिन हल्की ठंड हो गई थी, जिस वजह से मैं जल्दी जल्दी एक सिगरेट पी गया.

उस समय बर्गर वाले के पास खड़े होने की जगह कम होने के कारण अधिकतर लोग बर्गर पैक करवाकर घर ले जा रहे थे.
कोई भाभी ना दिखने के कारण मैं थोड़ा मायूस सा हो गया था.

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तभी चंडीगढ़ की तरफ से एक भाभी गुलाबी सूट पहने आती हुई दिखी.
भाभी के कपड़े कुछ गीले हो रहे थे.
बगल में पर्स देख कर मुझे ऐसा लगा कि भाभी कहीं काम से वापस आ रही है.

वह बर्गर वाले के पास रुक कर बर्गर पैक करने के लिए बोल रही थी.

बर्गर वाले ने थोड़ी देर लगने की बात कहकर उसे रुकने को कहा.

वह पास में पड़ी चेयर पर बैठ गई, जिसका मुँह ठीक ठेले वाले की तरफ होता था.
मेरा मुँह और उस भाभी का मुँह आमने सामने था.

मैं सिगरेट के कश लगा रहा था और उस भाभी को निहार रहा था.
उसकी बड़ी बड़ी नशीली आंखें गेहुंआ रंग, चेहरे पर एक अलग सी कशिश थी.

भाभी की हाईट यही कोई साढ़े पांच फीट रही होगी.

मैं लगातार भाभी को देखे जा रहा था. मेरी नजरें उससे हट ही नहीं रही थीं.

उसने दो तीन बार चेहरा इधर उधर किया, फिर वो भी अपनी गर्दन नीचे करके चोर नजरों से मुझे देखने लगी थी.

फिर उसने मुझे एक स्माईल दी.
मैं चौंक गया और मैंने इधर उधर देखा कि कहीं ये मुस्कान किसी और के लिए तो नहीं है. मगर उधर कोई न था.

उस समय बारिश कुछ कम हो गई थी, वह पार्सल लेकर चल दी.

भाभी ने चलने के बाद भी दो तीन बार पीछे मुड़कर मुझे देखा.
मुझे लगा कि लाईन क्लियर है. मैं भी उसके पीछे पीछे चल पड़ा.

भाभी एक सुनसान गली में घुसी और एक मोड़ पर रुक गई, जहां पर लाईट नहीं थी.

मैं उसके पास पहुंच गया क्योंकि उससे आगे का रास्ता दिख नहीं रहा था.

अचानक उसे सामने देख कर मेरी हवा टाईट हो गई.
अंधेरे में उसने सीधे मुझसे पूछा कि मेरा पीछा क्यों कर रहे हो?
मैंने इधर उधर देख कर उससे कहा- मैं आपको पसंद करता हूँ.

भाभी ने कहा- मैं शादीशुदा हूँ.
अगले ही पल मैंने भी कह दिया कि आप मुझे देख कर क्यों मुस्कराई थीं और चलते समय बार बार पीछे मुड़कर मुझे क्यों देख रही थीं?

इस पर भाभी फिर से मुस्करा दी.

मैंने भाभी से कहा- आप मुझे अच्छी लगीं … क्या आप मुझसे दोस्ती करोगी?
इस पर भाभी ने सिर हिला कर हां कह दिया.

मैंने भाभी से उसका मोबाइल नम्बर ले लिया व उसका नाम पूछा.
भाभी इतरा कर बोलीं- सारा कुछ यहीं पूछ लोगे तो फोन पर क्या बात करोगे?

मैंने रास्ते पर नजर मारी और जल्दी से भाभी के गाल पर किस कर लिया. उसको संभलने का मौका ही नहीं मिला, वो एकदम से अचकचा गई.

इधर भाभी को किस करने के बाद मैं मुस्कुरा दिया और उधर वो एक कदम पीछे को हटकर गुस्सा हो गई.

भाभी बोली- ये सब क्या है … हटो मुझे देर हो रही है.
ये कहकर भाभी चली गई.

मेरी तो गांड फट गई कि कहीं अब ये फोन पर बात ही नहीं करे. ये सैट नहीं हुई तो मुझे इसकी चुत नहीं मिलेगी.

मैं भी लौट आया.

रात ग्यारह बजे मैंने भाभी को फोन किया.
भाभी ने फोन उठाया.

उन्होंने जरा सी बात की, फिर बच्चे सोने के बाद आधे घंटे बाद फोन करने का बोलकर फोन काट दिया.

आधे घंटे बाद फोन करने के बाद भाभी गुस्से से दोस्ती ना करने का बोलकर दोबारा फोन नहीं करने को बोली.
मैंने किस वाली बात पर भाभी से सॉरी बोला और उसे काफी मनाया.

पूरी लल्लो चप्पो करवाने के बाद भाभी मान गई.

मैंने भाभी से बोला- आप जैसी सुंदर लेडी को देखकर मुझसे रहा नहीं गया.
यह सुनकर भाभी का गुस्सा शांत हो गया.

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वो मुझसे कहने लगी- मुझे भी आप पसंद हो मगर एकदम से ये सब करना मुझे पसंद नहीं आया.

मैंने अपना नाम भाभी को सोनू बताया और उसका नाम पूछा.
तो भाभी ने अपना नाम सीमा बताया.
ये नाम काल्पनिक है.

मैंने भाभी से मुझे पसंद करने का कारण पूछा.
तो भाभी ने बताया- मैंने आते जाते उस पान ठेले पर आपको दो-तीन बार देखा था. मुझे आपकी नजरों में एक अलग सी कशिश दिखी थी. हालांकि आप आती जाती महिलाओं को वासना से देखते थे, जो मुझे कम अच्छा लगता था. मगर मैंने इस बात को भी नोटिस किया था कि आपने कभी किसी भी भाभी के ऊपर कुछ भी अश्लील फब्ती नहीं कसी थी. इसलिए मैं समझ गई कि आप अपनी वासना के चलते ऐसे देखते हैं.

मैं भाभी की बात सुनकर बोला- आपने ठीक पहचाना भाभी. मैं शादीशुदा हूँ और मुझे अपनी बीवी की याद आती है मगर वो अभी पेट से है इसलिए मैं इस बार की छुट्टियों में उसके साथ सेक्स भी नहीं कर सका था. इससे मेरे अन्दर सेक्स करने की आग जल रही है. मैं आपको भी कुछ इसी नजर से देख रहा था. मगर आप मुझे सेक्स के नजरिये से नहीं बल्कि बहुत प्यारी लगीं, इसलिए मैं अपने आपको रोक नहीं पाया और मुझसे ये किस हो गया था.

भाभी बोली- ओके मगर अब ये सब नहीं करना.

मैं हामी भर दी और उससे दोस्ती के लिए पूछा, तो भाभी ने हां कर दी.
हम दोनों की बातें होने लगीं.

मैंने भाभी से उसके बच्चों के बारे में पूछा.
उसके दो बच्चे थे. एक लड़का, एक लड़की.

मैंने उसके पति के बारे में पूछा तो वो चुप हो गई. मैंने भी ज्यादा नहीं कुरेदा.

उसके काम के बारे में पूछने पर सीमा भाभी ने एक मॉल में काम करने की बात कही.
वो सुबह नौ बजे काम पर निकल जाती थी और शाम आठ बजे वापस घर आती थी.

कुछ देर बाद फिर से मैंने उसके पति के बारे में पूछा.
भाभी ने कल दस बजे बात करने का बोला और गुड नाईट बोलकर फोन रख दिया.

इतनी बातचीत से मैं इतना तो समझ ही गया था कि मियां बीवी में मनमुटाव चल रहा है या वह अपने पति से खुश नहीं है.

दूसरे दिन से रोज दस बजे सीमा भाभी से बात होने लगी.
एक हफ्ते तक हमारी रोज नॉर्मल बात होती रही.

एक संडे को मैं भाभी से मिलने के लिए कहा, तो वो राजी हो गईं और अपने दोनों बच्चों के साथ मुझसे मिलने आ गई.

उस दिन मैंने फिर से उससे उसके और उसके पति के बारे में पूछा पर वह रोने लगी.
उसको चुप करा के मैंने उससे सॉरी बोला.

भाभी बोली- आप क्यों सॉरी बोल रहे हो.

तब भाभी ने अपनी कहानी बताना शुरू की:

उसके पति का नाम बंशी (काल्पनिक) था. भाभी मूल रूप से उत्तराखंड गढ़वाल की रहने वाली थी.
जब वह ग्रेजुएशन कर रही थी, तब बंशी और सीमा की आंखें चार हुई थीं और उन दोनों में प्यार हो गया था.

बंशी सीमा के गांव से पांच किलोमीटर की दूरी पर रहता था, जहां से वह कॉलेज जाया करती थी. बंशी उसे आते जाते एक चाय के ठेले पर बैठकर देखता रहता था.
आते जाते ही उन दोनों प्यार हुआ था.

सीमा भाभी अपने पति से अपने प्यार की कहानी सुना रही थी और मैं उसको देखे जा रहा था.

भाभी ने मेरी ओर देखा और मुस्कुरा दी.
मैं भी हंस दिया.

दोस्तो, सेक्सी भाबी Xx कहानी किस तरह से परवान चढ़ी, ये मैं आपको अगले भाग में लिखूँगा. आप मुझे मेल कर सकते हैं.
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