भाई ने सेक्सी बहन की चूत का मजा लिया. जब बहन खुद ही आगे बढ़ कर अपने भाई का लंड लेना चाह रही थी तो भाई ने भी बहन की चुदाई कर दी.
दोस्तो, मैं हूं आपका प्यारा दोस्त राजवीर। आप मेरी चुदाई की कहानियों की दूसरी शृंखला पढ़ रहे हैं। शत्रुता के दूसरे दौर का पहला भाग
चुदाई की प्यासी लड़की चुद गयी
आप पढ़ ही चुके हैं।
सेक्सी बहन की चूत की कहानी के पहले भाग में आपने देखा कि कैसे कृति ने काव्य को बहलाया और अपनी चूत चुदाई का लालच देकर उसका लंड लिया। उसने चूत चुदवाकर रेशम से शादी करने की बात काव्य से मनवा ली।
इधर रेशम और कृति की चुदाई देख चुकी ऋतु भी अपने भाई के लंड की प्यासी हो चुकी थी। उसने रेशम का लंड चूसकर रात में ही खड़ा कर दिया और उसे अपने मन की बात कह दी। उसने रेशम के बॉक्सर में हाथ डालकर उसका लंड पकड़ लिया।
अब आगे सेक्सी बहन की चूत कहानी :
ऋतु ने रेशम का एक हाथ पकड़ कर उसकी पैंटी में घुसा दिया और चूत पर रख दिया और बोली- देखो भाई, आज दिन का वाकया याद करके यह कितनी गीली हो रही है। इतनी गीली यह काव्य के लिए कभी नहीं हुई।
तुम तो काम-कला के धनी हो मेरे भाई और तुम मेरे साथ रहते हुए अपनी बहन को इससे वंचित रखोगे? मेरी शादी काव्य से होने के बाद मुझे जिंदगी भर उसी का लिंग ही लेना पड़ेगा, चाहे मैं संतुष्ट रहूं या ना रहूं।
इसलिए मैं अब इतना चाहती हूं कि जब तक काव्य से मेरी शादी नहीं हो जाती तब तक मैं तुम्हारे लंड को भोगना चाहती हूं। कॉलेज में चुनाव हारने के बाद मेरी जो बेइज्जती हुई है उसको मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूं।
तुम तो जानते हो कि 6 महीने बाद मुझे कॉलेज से जाना है। क्या तुम अपनी बहन को ऐसे लूजर की तरह की कॉलेज से जाने दोगे? तुम तो मेरे अपने हो। क्या तुम मेरे लिए इतना भी नहीं कर सकते?
इतना बोल कर ऋतु ने रेशम के लन्ड को आगे पीछे करने की गति और बढ़ा दी।
रेशम को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह ऋतु की बात क्या जवाब दे।
मगर ऋतु हार मानने वाली नहीं थी।
उसने औरत का पुरुष को रिझाने का सारा कौशल फिलहाल रेशम पर झोंक दिया था।
रेशम की सांसें तेजी से बढ़ने लगीं। अभी तक रेशम ने अपने हाथ को ऋतु की चूत पर केवल रखा हुआ था।
मगर उसके लंड पर हो रही ऋतु के हाथ की हरकत ने उसकी कामाग्नि को धधका दिया था। वहीं ऋतु की चूत का स्पर्श पाकर भी रेशम की वासना भड़क उठी थी। उसने अपनी बहन की चूत पर अपने हाथ की उंगलियों की हरकत शुरू कर दी।
पहले उसने ऋतु की चूत को सहलाना शुरू किया। ऋतु की गीली चूत पर हाथ फेरते हुए अब रेशम भी उसको चोद देने के लिए तैयार हो चुका था।
ऋतु की चूत काफी फूली हुई थी।
अब रेशम ने उसकी चूत में उंगली अंदर कर दी और फिर धीरे धीरे अंदर बाहर करते हुए चलाने लगा।
वास्तव में ऋतु की चूत अंदर से काफी गीली थी। अतः रेशम जोर-जोर से ऋतु की चूत में उंगली आगे पीछे करने लगा।
अब दोनों भाई बहन एक दूसरे के गुप्तांगों को हाथों से सहला रहे थे। अब ऋतु ने रेशम को नंगा कर उसका लंड अपने मुंह में ले लिया।
रेशम ने सिसकारियां भरते हुए ऋतु से कहा- आह्ह रुको ऋतु! ये तो सोचो कि हम दोनों में भाई बहन का रिश्ता है। क्या हमें यह सब करना चाहिए?
ऋतु- हां, करना चाहिए। मैं मानती हूं कि यह सब गलत है लेकिन यह जीवन एक ही बार मिला है और इस जीवन में स्वयं को संतुष्ट ना करके प्यासा रखना इससे भी बड़ा पाप होगा।
ये बोलकर वो फिर से उसके लंड को तेजी से चूसने लगी।
थोड़ी देर बाद ऋतु ने रेशम का लंड चूसना छोड़ा और उससे कहने लगी- क्या तुम्हें मेरी चुदाई करने में रुचि नहीं है? तुम मेरा साथ क्यों नहीं दे रहे हो?
इतना कहकर ऋतु फिर रेशम के मुंह पर अपना मुंह लाई और रेशम के होंठों को अपने होंठों से मिलाकर उन्हें चूमने लगी।
रेशम उसका साथ देने की कोशिश कर रहा था लेकिन यह उसके साथ पहली बार हो रहा था इसलिए अभी वो पूरे उफान में नहीं आया था।
ऋतु रेशम के ऊपर लेटी हुई थी और फिर कहने लगी- देखो रेशम, शायद यह जानकर तुम मेरे बारे में अनुमान लगाओगे कि मैं कितनी बड़ी चुदक्कड़ हूं। किंतु मुझे काफी लड़कों से चुदाई करवाने का मन करता है इसलिए चुदाई तो मैं काव्य से ही करवाती हूं लेकिन उससे रोल प्ले करवाती हूं।
इससे मुझे अलग अलग लड़कों का लंड अपनी चूत में फील होता है। जिससे मुझे थोड़ी संतुष्टि मिल जाती है। ऐसा करने से मैं काव्य के साथ वफादार भी रहती हूं और मेरी इच्छा भी पूरी हो जाती है। कुछ ही सालों की जवानी है, मैं इसका पूरा मजा लेना चाहती हूं।
काव्य से मैंने तुम्हारा भी रोल प्ले करवाया है। आज मैं बहुत खुश हूं कि जो चुदाई मैं कल्पना में करती थी आज वह मेरे साथ हकीकत में होने वाली है। आज तुम खुद मेरे सामने हो। आ जाओ रेशम मेरे भाई, मेरी चूत में अपना लंड डालकर इसकी प्यास को बुझा दो।
ऋतु रेशम को अपने साथ सेक्स में शामिल करने के लिए कामयाब हो चुकी थी।
अब रेशम भी इस मैदान में पूरे मन से आ गया था। उसने ऋतु को 69 पोजीशन में आने को कहा।
वो बोला- चलो ठीक है। जब चुदाई करनी ही है तो पूरा मजा लेकर ही करेंगे। अब तुम मेरा लंड चूसो और मैं तुम्हारी चूत चाट कर अपनी प्यास बुझाता हूं। मैं वादा करता हूं ऋतु कि आज के बाद मेरे तुम्हारे साथ सेक्स ना करने पर भी जब तुम किसी और के साथ सेक्स करोगी तो मन में रोलप्ले हमेशा मेरा ही होगा।
अब दोनों बहन भाई 69 की पोजीशन में एक दूसरे के गुप्त अंगों को चूस कर मज़ा देने लगे।
रेशम की जीभ ऋतु की चूत को छोड़कर ऋतु की गांड के छेद तथा कूल्हों के बीच की दरार पर भी फिरने लगी। रेशम की जीभ ने ऋतु को परम आनंद की अनुभूति करवा दी थी।
ऋतु के बर्दाश्त के बाहर होने के बाद ऋतु ने रेशम को पीठ के बल सीधा लेटाया और उसके लिंग को अपनी चूत में लेकर बैठ गई।
भाई का लंड चूत में लेकर आज ऋतु के चेहरे अलग ही मदहोशी दिखाई दे रही थी। वो जी-जान से ऊपर नीचे होकर झटके देने लगी। ऋतु उछल उछल कर रेशम को चोद रही थी।
कुछ देर बाद रेशम ऋतु के ऊपर आ गया और ऊपर से ऋतु की चुदाई शुरू कर दी।
करीब 15-20 मिनट ऐसे चोदने के बाद रेशम ने कहा- तुम कृति की चुदाई की तरह ही अनुभव करना चाहती हो?
ऋतु ने यह बात सुनी तो वो रेशम की ओर देखकर मुस्करा दी और डॉगी पोजीशन में आ गयी।
रेशम ने पीछे से आकर ऋतु के बाल खींचे और अपना लिंग ऋतु की चूत में घुसा दिया।
रेशम डोगी पोजीशन में ऋतु को चोदने लगा और कहने लगा- मजा आया?
ऋतु चुदवाते हुए बोली- मजा आ रहा है … आह्ह … भैया … तुम्हारा लंड कमाल है … मेरी चूत में इतनी गर्मी पैदा कर रहा है कि मैं पागल हो जाऊंगी। आह्ह … चोदो … और तेज … आह्ह चोद दो भैया।
रेशम ने यह सुनकर अपने लिंग की दिशा थोड़ी टेढ़ी की जिससे कि रेशम का लिंग मुंड ऋतु की चूत के अंदर की दीवारों से जोर जोर से रगड़ने लगा।
अब रेशम का लंड ऋतु की चूत की दीवारों में अड़ने लगा था क्योंकि रेशम ने अपने लंड की दिशा थोड़ी टेढ़ी कर रखी थी।
दर्द और मजे से ऋतु का हाल बेहाल हो गया था।
किंतु दर्द ज्यादा होने के कारण उसने रेशम को चुदाई रोकने को कहा।
मगर रेशम ने कहा कि जिस चुदाई के कारण आज वह अपने भाई रेशम की फैन हुई है अब तो उसे वही चुदाई भोगनी पड़ेगी।
रेशम ने ऋतु को लगातार उसी पोजीशन में चोदना चालू रखा।
ऋतु का पूरा शरीर लाल हो गया।
रेशम उसके कूल्हों पर जोर जोर से थप्पड़ लगा लगा कर उसे चोदने लगा। ऋतु के कूल्हों का रंग भी लाल हो गया.
ऋतु की आंखें बंद हो गईं और वह बेहाल होकर हांफ़ने लगी थी। इतने में ही उसकी चूत से एक फव्वारा निकलकर रेशम के लंड और उसके अंडकोषों को भिगोने लगा।
इससे रेशम की उत्तेजना एकदम से भड़की और उसने पूरा जोर लगाकर ऋतु की चूत में लंड को जड़ तक पेलते हुए चोदना शुरू कर दिया।
अब रूम में पट पट और पच पच की ऐसी आवाज गूंजी कि रेशम के लंड ने भी जवाब दे दिया।
रेशम ने भी अपना वीर्य ऋतु की चूत में ही छोड़ दिया। वो निढाल होकर ऋतु के ऊपर गिर गया।
अब भी रेशम का लंड ऋतु की गांड के छेद पर टिका हुआ था। दोनों हांफने लगे थे।
कुछ देर बाद जब ऋतु सामान्य हुई तब ऋतु रेशम से बोली- ओ बहन चोद … तू आदमी नहीं, चोदने की मशीन है। कितना बुरा हाल करता है। अपनी बहन को कोई ऐसे चोदता है क्या? और जो आज मेरी चूत से फव्वारा निकला वह क्या था? यह तो मेरे जीवन में पहली बार हुआ है।
रेशम- सच में ऋतु … मुझे भी जब मेरे लंड पर वह फव्वारा लगा तो ऐसा लगा कि मैं जन्नत में हूं। तुम सेक्स की बड़ी हसीना हो। मुझे नहीं लगता कि कोई तुम्हारे जितना आनंद मुझे सेक्स में दे पाएगा।
इस पूरे जीवन में मुझे तुम जैसी सेक्स पार्टनर शायद ही मिले। अब तुम्हारी प्यास बुझाने का तो पता नहीं लेकिन जब तक तुम्हारी शादी काव्य से नहीं हो जाती और जब तक तुम मेरे पास रहोगी, तब तक मुझे अपनी प्यास ऐसे ही बुझाने देना। आई लव यू ऋतु।
ऋतु- आई लव यू रेशम। मुझे तुमसे एक बात कहनी है रेशम। प्लीज क्या मेरी एक बात मानोगे?
रेशम- अब तो तुम मरने को भी कहोगी तो वो भी कर जाऊंगा।
ऋतु- कल कॉलेज में मुझे वॉइस प्रेसिडेंट बना दो। यह मेरा लास्ट ईयर है। मैं अब वाइस प्रेसिडेंट के स्टेटस से नीचे जीना नहीं चाहती। कृति का तो अगला साल भी बचा है तो अगले साल भी तुम जीत कर उसे वाइस प्रेसिडेंट बना देना। प्लीज भाई … प्लीज।
रेशम ने ऋतु को मुंह से कोई जवाब नहीं दिया लेकिन मुस्कराकर उसके होंठों पर चुम्बन दे दिया।
ऋतु अपने मकसद में कामयाब हो गयी थी।
वह काव्य की मंगेतर होते हुए भी अपने भाई से चुद गयी।
तो दोस्तो, यह था शत्रुता का दूसरा दौर।
क्या आप समझे कि अभी ऋतु और रेशम के बीच क्या हुआ?
माना यह सच है कि रेशम के द्वारा की जाने वाली चुदाई अतुलनीय थी।
मगर काव्य की चुदाई इतनी हल्की थी यह भी माना नहीं जा सकता।
ऋतु शायद झूठ बोल रही थी क्योंकि वह काव्य की अब तक कि चुदाई से तो पूर्ण रूप से संतुष्ट थी। ऋतु के मन में जो भी था उसने चुदाई के बाद रेशम को उसका आभास करवाया।
वो फिर से वॉइस प्रेसिडेंट बनना चाहती थी। क्या यह सब खेल केवल इसीलिए था?
या फिर वह सच में ही रेशम के लंड की दीवानी हो चुकी थी?
ये तो ऋतु के मन की बात बाहर आने पर ही पता लग पायेगा।
मगर एक ही रात में दोनों भाई बहनों का जोड़ा इस तरह से संभोग में लिप्त हो गया यह किसी इत्तेफाक जैसा तो नहीं लगता।
क्या यह केवल इत्तेफाक था या किसी सोची समझी साजिश की शुरुआत?
इन चारों के मन में क्या चल रहा है कोई नहीं जानता। पहले ऋतु कहती थी उसे वॉइस प्रेसिडेंट नहीं बनना। फिर वह वाइस प्रेसिडेंट बन गई। एक तरफ तो कृति रेशम को दिल दे बैठी है किंतु उसी रात में वह अपने भाई काव्य से चुदाई करवा रही है।
पहले कभी रेशम को भाव ना देने वाली कृति अब एक ही दिन व रात में दो दो मर्दों से चुदाई करवा रही है! उसके मन में क्या चल रहा है?
रेशम को हमेशा से दुश्मन मानने वाला काव्य क्या अपनी बहन के लिए रेशम से दोस्ती करेगा? या फिर वह भी कोई ना कोई साजिश रच कर रेशम और कृति का रिश्ता तोड़ देगा?
इधर रेशम के मन में क्या चल रहा है? एक तरफ तो है कृति की चुदाई करके उसे वाइस प्रेसिडेंट बनाने का वादा कर चुका है तथा दूसरी तरफ उसी रात को अपनी बहन की चुदाई से सम्मोहित होकर वाइस प्रेसिडेंट बनाने की हां कर रहा है।
अब कहानी रोचक मोड़ पर आ चुकी है। वह अगली सुबह किसे वाइस प्रेसिडेंट बनायेगा? इन सारे सवालों के जवाब शत्रुता के अगले दौर में छुपे हुए हैं।
शत्रुता का दूसरा दौर यहीं समाप्त करते हैं दोस्तो!
आपको कृति, काव्य, रेशम और ऋतु के जीवन की यह घटनाएं कैसी लगीं? चारो में से आपका पसंदीदा पात्र कौन है और क्यों?
सेक्सी बहन की चूत चुदाई कहानी पर आप कमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रियाएं जरूर लिखें या फिर मुझे मेरी ईमेल पर मैसेज करें। जैसा प्यार आपने याराना को दिया वैसा ही कुछ यहां भी देना।
वैसे अभी यारों का महा-याराना की भी काफी घटनाएं बची हुई हैं, जो कि लिखना बाकी हैं। आप मेल करके बताइए कि मुझे पहले यारों का महायाराना लिखनी चाहिए या शत्रुता का तीसरा दौर?
आपका फीडबैक मुझे शत्रुता का तीसरा दौर/ यारों का महायाराना का आखिरी दौर जल्द से जल्द लिखने के लिए प्रेरित करेगा।
आपका अपना राजवीर
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