शिमला टूअर में सेक्स टीचर के साथ

दोस्तो, मैं फेहमिना इकबाल, आप सबने अन्तर्वासना पर मेरी सेक्सी कहानियाँ पढ़ कर मेल के जरिये अपना बहुत सारा प्यार मुझे दिया इसका आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद।
बहुत से लोगों ने मुझे फेसबुक इंस्टाग्राम और जीमेल पर मैसेज करके मुझे नई कहानी लिखने को कहा था।

तो एक बार फिर आप सबके सामने अपनी नई कहानी लेकर हाजिर हूँ। बहुत दिनों बाद आने के लिए माफ़ी चाहती हूं, मगर इस बीच ऐसा कुछ खास नहीं हुआ जो मैं आप सबके सामने लेकर आती।

आप सभी मेरे बारे में जानते तो हैं ही, फिर भी मैं अपना परिचय दे देती हूँ। मेरा नाम फेहमिना इक़बाल है, मैं 27 साल की एक खूबसूरत लड़की हूँ। मेरा फिगर 32-27-34 है।
मेरी बहन का नाम आयेशा है, वो 23 साल की एक सेक्स बम है, उसका फिगर साइज़ 34-28-34 है। उसे देख कर किसी भी जवान और बूढ़े लंड खड़ा हो सकता है। जो भी उसे एक बार देख ले वो उसे जरूर चोदना चाहता है।
मैं अपनी पहले की कहानियों में अपनी बहन का जिक्र कर चुकी हूँ, कई सेक्स कहानी में वो मेरे साथ बराबर रही है.

आज की ये कहानी मेरी नहीं है, इस कहानी की असली किरदार मेरी बहन आयेशा इक़बाल है। तो आइए ये कहानी मेरी बहन आयेशा की जुबानी सुनते हैं।

हेलो दोस्तो, मैं आयेशा अपनी सेक्सी बहन फेहमिना की सेक्सी सी बहन… ही… ही… ही… मैं बहुत बड़ी चुदक्कड़ हूँ अपनी बड़ी बहन की ही तरह… कामुकता हर वक्त मेरे दिलो दिमाग पर छाई रहती है.
तो चलिए आज मैं आप सबको अपने कॉलेज की एक सेक्स कहानी सुनाती हूँ।

जैसा कि आप फेहमिना की कहानियाँ पढ़ कर जान चुके हैं कि मैं अभी अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही हूं। तो उसी सिलसिले में हमारे कॉलेज का एक टूर शिमला हिमाचल जाने के लिए डिसाइड हुआ।
तो मैंने भी शिमला जाने के लिए अपना नाम लिखवा दिया। उस टूर पर हमारे साथ कॉलेज के कुछ टीचर भी जाने वाले थे। उनमें से एक नायडू सर थे, वो भी हमारे साथ जाने वाले थे।

नायडू सर 45 साल के काले से दिखने वाले इंसान हैं, वे लगभग 6 फीट लंबे हट्टे कट्टे इंसान थे।

तो तय दिन और तय समय पर हम सब स्टूडेंट्स और टीचर एक लग्जरी बस से निकल पड़े।

मैं बायीं साइड वाली दो दो की सीटों में बस के पिछली तरफ बैठी थी. मैं जिस सीट पर बैठी थी, वहीं मेरे साथ नायडू सर भी आकर बैठ गए. शुरू में मुझे लगा कि सब नार्मल है, मैं खिडकी की तरफ थी तो सर मेरी ओर चेहरा कर के बैठे थे और बाहर ताक रहे थे. बीच बीच में वे मेरी ओर भी देख लेते थे. मैं समझ रही थी कि सर मेरे जैसी सेक्सी लड़की की बगल में बैठ कर गर्म होने लगे हैं. मुझे अच्छा लग रहा था.

जैसे जैसे रात होती गई सब लोग धीरे धीरे सोने लगे, मैं भी सो गई थी।

अचानक मैंने महसूस किया कि कोई मेरी जांघें सहला रहा है, मैंने आंख खोल कर देखा तो वो नायडू सर का हाथ था। मैं एकदम से डर गई और मैंने सर का हाथ अपनी जांघ से हटा दिया।
मगर थोड़ी देर बाद सर ने फिर से मेरी जांघें सहलाना शुरू कर दिया और अचानक से सर ने मेरे कन्धों पर हाथ रख कर मुझे उनकी ओर झुका लिया और
मेरे बूब्स भी दबाने शुरू कर दिए।

अचानक हुए इस हमले से मैं डर गई और उनको मना करने लगी। मगर वो जोर जोर से मेरे बूब्स दबा रहे थे। मैंने उनको रोकने की बहुत कोशिश की मगर वो मान ही नहीं रहे थे। हालांकि मुझे मजा आ रहा था लेकिन वो मेरे सर थे तो मैं उनके सामने ऐसे बेपर्दा नहीं होना चाहती थी.

फिर वो मेरे कान में बोले- यहाँ तू ज्यादा नाटक मत कर आयेशा, मैं तेरे बारे में सब जानता हूं कि तू कितनी बड़ी रंडी है। तेरे बहुत सारे लड़कों के साथ चक्कर चल रहे हैं। अगर ज्यादा आवाज करेगी तो तुझे फ़ेल कर दूंगा।

बात तो सर ने एकदम सही कही थी कि मेरे बहुत सारे लड़कों के साथ चक्कर थे मगर मैंने किसी को भी मेरे बदन से खेलने नहीं दिया था।
और सर के फेल करने की बात से मैं डर भी गयी, इसलिए मैं चुप हो गयी।

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फिर सर अपने काम में लग गये और उन्होंने मेरी टीशर्ट ऊपर कर दी और मेरी ब्रा हटा कर मेरे बूब्स चूसने लगे।
अब मुझे भी मस्ती चढ़ने लगी तो मैं भी उनका साथ देने लगी। अब सर ने मेरी जीन्स के बटन खोल कर मेरी पैंटी के नीचे से उंगली मेरी चूत में डाल दी। अब मुझे बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया था, मैं धीरे धीरे अहह अहह करने लगी।

तभी सर ने डर कर एक हाथ से मेरा मुँह बन्द कर दिया और अपने काम में लग गए। थोड़ी देर में सर ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और मुझे मुँह में लेने के लिए कहने लगे। मैंने थोड़ी नानुकुर के बाद सर का लंड अपने मुँह में ले लिया। सर साथ साथ मेरी चूत में उंगली कर रहे थे और मैं भी सर का लंड चूस रही थी. मुझे दोहरा मजा आ रहा था लंड चूसने का और चूत में उंगली का…
थोड़ी देर लंड चूसने के बाद नायडू सर ने अपना पानी मेरे मुँह में निकाल दिया. थोड़ी देर उंगली करने के बाद मैं भी झड़ गयी।

फिर हमने अपने अपने कपड़े ठीक किये क्योंकि चलती बस में इतने सारे लोगों के बीच इससे ज्यादा कुछ और नहीं हो सकता था।
फिर हल्की फुल्की मस्ती करते हुए हम सब शिमला पहुँच गए।

सबके लिए एक होटल में कमरे बुक थे, सब अपने अपने रूम में जाकर सो गए.

अगले दिन हम सबका घूमने जाने का प्लान बना तो सब घूमने निकल गए, नायडू सर भी हमारे साथ थे, मुझे देख कर उन्होंने आंख मार दी और मौका देखकर मेरे चूतड़ दबा दिए। फिर वो भी मेरे साथ मेरे पीछे पीछे चलने लगे और मौका देख कर वो मुझे सबसे बचाते हुए पेड़ों के बीच जंगल से में ले गए. वहाँ पर कोई नहीं था, बस पेड़ थे और बड़ी बड़ी झाड़ियाँ थी।

वहाँ जाते ही उन्होंने मेरी टीशर्ट उतार दी, मैंने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी तो वो खुश हो गए, मुझे अपनी बाहों में ले लिया और मुझे किस करने लगे।

फिर कुछ देर चूमा चाटी करने के बाद उन्होंने मेरी जीन्स भी निकाल दी, फिर मेरी पैंटी भी निकाल कर मुझे पूरी नंगी कर दिया और अपने भी सारे कपड़े निकाल दिए। सर का लंड देख कर मैं एकदम चौंक गई क्योंकि वो 9 इंच का काला सांड था। फिर मैंने उनका लंड मुह में लिए और चूसने लगी।

फिर उन्होंने मुझे ववीं घास पर लिटा कर मेरी चूत चाटना शुरू कर दिया। मुझे बहुत मजा आ रहा था, मेरे मुख से आनन्द मिश्रित सिसकारियां निकलने लगी. मेरी सिस्कारियों से सर की कामुकता और बढ़ गई और थोड़ी देर बाद उन्होंने अपना लंड मेरी चिकनी चूत से सटाया और हाथ से पकड़ कर मेरी चूत की दरार के बीच ने मेरे दाने पर रगदने लगे. मैं आनन्द से पागल हो रही थी, अपने चूतड़ उछाल उछाल कर मजा ले रही थी.

जब सर ने देखा कि मेरी कामुकता भी अपनी चरम पर है तो उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत के द्वार पर टिका कर एक झटका दिया तो सारा लंड एक बार में मेरी चूत में चला गया, मेरे मुंह से जोर की अहहह हहह निकली.
फिर मैंने सर को जोर से अपनी बाहों में भर लिया और उम्म्ह… अहह… हय… याह… करने लगी। वो भी जोश में आकर मेरी चूत में जोर जोर से झटके दे कर मेरा चोदन करने लगे. मैं भी जोश में ‘मेरी चूत मार… बहनचोद साले… चोद मुझे… रण्डी बना ले मुझे अपनी… और चोद आआहहह… मेरे राजा चोद मुझे!’ पता नहीं मैं क्या क्या बकने लगी, मेरी आँखें बंद थी.

थोड़ी देर बाद मैंने महसूस किया कि कोई मेरे होंठों पर लंड रगड़ रहा है, तो मैंने आंख खोल कर देखा तो वो तिवारी सर थे, हमारे कॉलेज के एकाउंट्स के सर।
उन्हें देख कर मैं डर गई और नायडू सर को अपने ऊपर से हटा दिया और अपनी टीशर्ट से अपने नंगे जिस्म को छुपाने लगी।

तभी नायडू सर बोले- बहन के लोडे, थोड़ी देर से नहीं आ सकता था? बस इस रण्डी का पानी निकालने ही वाला था।
और दोनों हँसने लगे.

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फिर तिवारी सर बोले- मेरी जान, मैं भी कब से तेरी चूत मारना चाहता था, आज तो तुझे जमकर चोदूँगा।

मैं अपनी टीशर्ट पहनने लगी तो तिवारी ने मेरी टीशर्ट छीन ली और बोला- मेरी जान, इसके काले नाग से तो चुद रही थी अब इस सफेद घोड़े को भी अपनी गुफा में घुसने दे।
यह कह कर तिवारी ने अपने कपड़े निकाल दिए और अपना एकदम सफेद लंड बाहर निकाल दिया, मैंने पहली बार किसी का लंड इतना सफेद देखा था।
फिर नायडू मुझसे बोला- यार आयेशा, इस चूतिया से भी चुद ले मेरी जान। आज हम दोनों मिल कर तुझे खुश कर देंगे.

फिर मैंने सोचा कि बचने का तो कोई रास्ता है नहीं तो चुदवा ही लेती हूं, मजा तो मुझे भी मिलेगा. मैंने तिवारी सर का लंड अपने मुँह में ले लिया तो तिवारी और नायडू दोनो खुश हो गए।

थोड़ी देर लंड चूसने के बाद तिवारी सर नीचे लेट गये और मैं उनके ऊपर लेट गयी फिर तिवारी ने अपना लंड नीचे से मेरी चूत में डाल दिया और पीछे से नायडू ने अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया. मुझे दर्द तो हो रहा था मगर मजा भी आ रहा था।
अब तिवारी मेरे होंठ चूस कर धक्के लगा रहा था, पीछे से नायडू मेरे बूब्स दबा कर मेरी गांड मार रहा था।

5 मिनट बाद नायडू मेरी गांड में ही झड़ गया।
फिर तिवारी ने मुझे घोड़ी बना कर मेरी गांड मारनी शुरू कर दी।
उसने मुझे लगभग दस मिनट तक लगातार चोदा, फिर वो झड़ने वाला था तो मैंने उसका लंड गांड से निकाल दिया, उसने सारा पानी मेरी गांड के ऊपर छोड़ा।
इससे बीच मैं दो बार झड़ चुकी थी।

अपने कॉलेज के उन दोनों सर की इस चुदाई से मैं बहुत खुश थी क्योंकि अब मैं उनको अपने हिसाब से घुमा सकती थी.

फिर हमने अपने कपड़े पहने और मैंने उन दोनों को मुझे अच्छे नंबर देने को बोला तो तिवारी ने मुझे अपनी बांहों में घेर कर किस करके बोला- मेरी जान, तू बस हमें ऐसी ही खुश करती रह… हम तुझे टॉपर बना देंगे।
वो मेरी गांड में एक हाथ मार कर हंस दिया।

हम तीनों हँसने लगे और वहाँ से निकल गए। थोड़ी देर बाद हम अपने ग्रुप में शामिल हो गए।

उसी दिन रात को जब मैं अपने कमरे में अपनी सहेली के साथ सो रही थी तो तिवारी सर का फ़ोन आ गया, वो बोला- मेरी जान, हम दोनों का लंड खड़ा हुआ है। इनका कुछ कर आकर!
तो मैं बोली- सर मैं अभी कैसे आऊँ? अभी नहीं आ सकती.
तो वो जबरदस्ती करने लगा, जिद करने लगा तो मैं बोली- ठीक है सर, मैं आती हूं थोड़ी देर में!

फिर मैं किसी तरह सबसे नजर बचा कर सर के कमरे में चली गयी।

मुझे देख कर उन दोनों कमीनों की बांछें खिल गई. दोनों पूरे नंगे बैठे थे कम्बल ओढ़ कर…
दोनों ने मुझे डबल बेड पर अपने बीच में लिटा लिया और मेरे सेक्सी बदन पर से मेरे कपड़े एक एक करके उतारने लगे. दो मिनट ही लगे होंगे उन्हें मुझे पूरी नंगी करने में!

उन दोनों के लंड पूरे खड़े हुए थे जिन्हें देख कर मेरी जीभ भी लपलपाने लगी और चूत पानी से गीली होने लगी. मेरी चुदास भड़क गई और मैं उनके साथ पूरा सहयोग करने लगी.

बाकी तो आप सबको अंदाजा हो ही गया होगा की वहाँ मेरा उन दोनों ने क्या हाल किया होगा।
इस तरह कॉलेज टूअर पर मेरी चूत का बाजा बज गया!

तो दोस्तो, आप सबको मेरी कहानी कैसी लगी, ये आप सब मेल करके मेरी सेक्सी बहन फेहमिना को बता सकते हैं।
आप सबके मेल का इंतज़ार रहेगा।
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