सविता भाभी के चचिया ससुर उसके घर आये तो उन्होंने अपनी सुशील बहू सविता को अपने यार के लंड को याद करते हुए चूत में उंगली करते देखा.
सविता और अशोक घर पर डिनर कर रहे थे।
अशोक सविता को अपनी नई प्रोमोशन के बारे में बता रहा था कि अचानक उसके पास एक फोन कॉल आने लगा।
तो अशोक ने फोन उठाया और वो हैरान हो गया कि ये उसके सबसे चहेते अंकल का फोन था।
उधर से आवाज आई- क्या आप अशोक पटेल बोल रहे हैं?
“कौन है?” अशोक ने कहा.
“अरे अंकलजी, कैसे हैं आप?”
“हां … हां … अरे नहीं … कोई बात नहीं, आपके यहां आने से हमें खुशी होगी।”
अशोक ने रिसीवर को रख दिया और सविता को बताया कि कुणाल अंकल कल घर आएंगे और उनको लेने के लिए तुम्हें भी एयरपोर्ट जाना है।
सविता ये सुनकर मन ही मन खुश हो गई लेकिन वो ऐसे दिखा रही थी जैसे कि उसको उनके आने की खबर से कोई खास खुशी नहीं हुई।
उस रोज देर रात को जब अशोक गहरी नींद में सो रहा था, सविता कुणाल अंकल के बारे में सोचने से खुद को रोक नहीं पाई जब वो पिछली बार उनके घर आए थे।
वो अपने सख्त निप्पलों पर उंगलियां फिराने लगी और उसकी चूत ये सोच सोचकर गीली होने लगी कि पिछली बार किस तरह से तीन साल पहले सविता के पहले अफेयर के एक हफ्ते बाद उसको कुणाल अंकल के साथ मजा आया था।
“यहां अंकल … यहां!”
कुणाल चिल्लाया, जैसे ही उसने अंकल को अपने सामान के एयरपोर्ट के अंदर से आते देखा।
सविता उसके पीछे एक साड़ी पहने और सिर पर घूंघट ओढ़े हुए खड़ी थी।
जल्दी ही कुणाल अंकल चलकर उनके पास आ गए।
अशोक ने बहुत ही गर्मजोशी से अंकल का स्वागत किया।
“वेलकम अंकल! आपको देखे हुए एक अरसा बीत गया। आप हमेशा की तरह अभी भी वैसे ही फिट हैं।”
“मुझे भी तुम्हें देखकर बहुत अच्छा लग रहा है, मेरे बच्चे! सॉरी कि मैं तुम्हारी शादी में नहीं आ सका। ओह … यह तुम्हारी प्यारी बीवी होगी।”
वो तीनों घर वापस आ गए।
सविता ने इस नए मेहमान के लिए खास डिनर बनाया था।
अगली दोपहर को:
“वाह! वो बेहतरीन पकवान था बहू, मेरा तो पेट भर गया।” लंच खत्म करते हुए अंकल ने कहा।
अशोक अपने काम पर गया था और सविता और कुणाल दोनों घर पर अकेले थे।
“अब लंच तो हो गया, अब आप पूरी दोपहरी में क्या करने वाले हैं?” सविता ने पूछा।
“मैं कल की फ्लाइट के कारण अभी भी थोड़ा थका हुआ महसूस कर रहा हूं, मैं एक झपकी लेना चाहूंगा।”
“ठीक है। मैं ये ध्यान रखूंगी कि आपको डिस्टर्ब न करूँ!”
जल्द ही सविता अपने घर के कामों में व्यस्त हो गई, जबकि अंकल गेस्ट बेडरूम में सो गए।
“मैंने इस कमरे को सदियों से ठीक से साफ नहीं किया है।” सविता ने सोचा जब उसने अपना बेडरूम वैक्यूम करना शुरू किया।
“वह आवाज क्या थी? ऐसा लगता है जैसे मशीन में कुछ फंस गया है।”
सविता ने चेक किया कि बिस्तर के नीचे क्या है। वह वहां कुछ पुराने अंडरवियर पाकर हैरान रह गई।
“ओह्ह माय (गॉड)! ये रोहित के हैं। ये उन्हें उस रात नहीं मिला होगा!”
उसने आश्चर्य से सोचा और सोच रही थी कि वह खुशकिस्मत है कि अशोक को ये उससे पहले नहीं मिला।
हालाँकि जैसे ही उसे अपने अफेयर के बारे में याद आया, उसके हाथ अपने आप ही उसके शरीर को सहलाने लगे और वह सोचने लगी कि उस रात रोहित ने उसे किस तरह से चोदा था।
“मैं उस रात को नहीं भूल सकती.” सविता ने सोचा।
जल्द ही वह अपने बिस्तर पर लेटी हुई थी और अपनी साड़ी उतार रही थी जबकि उसने पिछले हफ्ते रोहित के साथ अपनी गुप्त चुदाई के बारे में सपना देखा था।
“मैंने इतने लंबे टाइम के बाद एक असली मर्द का लंड लिया था, यह गजब का था!” सविता ने अपना ब्लाउज उतारते हुए सीत्कार किया और महसूस किया कि उसके निप्पल कितने सख्त हो गए हैं।
उसने धीरे-धीरे अपनी उँगलियों को अपने स्तनों पर घुमाया और उनकी मालिश की।
उसकी उँगलियों ने उसके निप्पलों पर चुटकी काटी और वह हर छुअन के साथ यह सोचकर काँपने लगी कि रोहित उसके स्तनों के साथ खेल रहा है जैसा कि उसने पिछले सप्ताह किया था।
इस बीच, कुणाल अंकल अब अपने कमरे में जाग गए थे।
“अम्म … मैं शायद जल्दी ही उठ गया हूं!”
“मगर देखूं तो कि ये बहू क्या कर रही है।” अंकल जी ने जम्हाई लेते हुए कहा।
जैसे ही उन्होंने लिविंग रूम में कदम रखा, उन्हें बेडरूम में सविता की सिसकारियों की आवाज का पता चलने लगा।
“उसके बेडरूम से कुछ आवाज़ें आ रही हैं, शायद वह वहाँ है।” चाचा जी ने सोचा और उसके रूम की ओर चल दिए।
उन्होंने दरवाजे को थोड़ा सा धक्का दिया और अंदर झाँक कर देखा कि सविता कर क्या रही है।
“ओह माय गॉड! सविता …” उन्होंने हैरानी से सोचा और उनकी नजर उनकी प्यारी बहू पर पड़ी, जो पूरी तरह से नंगी थी और उनके सामने अपनी चूत में उंगली कर रही थी।
“नन्नाह …. मुझे उसके लंड की बहुत याद आती है!” सविता सिसकार रही थी क्योंकि उसका जिस्म उसकी उंगलियों के प्रत्येक स्पर्श से कांप रहा था।
इस बीच कुणाल अंकल अपने हाथों में 8 इंच का लंड लिए बाहर खड़े थे और अपनी नंगी बहू को देख रहे थे।
“यह अशोक के बारे में सोचते हुए खुद की चूत में उंगली कर रही है!”
“लगता है कि बेड में वो इसकी मस्त चुदाई करता है, इसलिए उसके घर में न होने पर भी वो उसके लंड के लिए कैसे तड़प रही है।”
जल्द ही सविता और भी जोर से सिसकारियां लेने लगी जब तक कि उसको एक वाइल्ड ऑर्गाज्म नहीं हो गया।
“आह्ह्न … आह्ह … यस्स …” फक मी रोहित!!! मुझे अपने बड़े लंड से चोदो!” सविता चीखी और सिसकारते हुए झड़ गई।
बाहर से चाचा जी ने रोहित का नाम सुन लिया था लेकिन तभी वे भी झड़ने लगे।
उन्होंने भी अपना माल निकाल दिया और जल्दी से अपने रूमाल से दीवार से अपना वीर्य साफ किया।
जल्द ही वे अपने कमरे में सोच रहे थे कि सविता उस रूम में वो क्या कर रही थी।
“रोहित कौन है? और वो उसको सोचकर चूत में उंगली क्यों कर रही थी?”
बाद में उस रात … सविता वास्तव में दोपहर में अपने फिंगरिंग सेशन के बाद काफी गर्म हो गई थी। उसने सोचा कि अशोक के साथ उसको कुछ मजा लेना चाहिए।
जैसे ही वे दोनों बिस्तर पर गए, उसने अपने पति के लंड को उसकी पैंट पर से सहलाना शुरू कर दिया।
“हनी, मैं आज बहुत गर्म हो रही हूँ!”
“प्लीज मुझे प्यार करो!”
“सविता! घर में एक बुजुर्ग हैं। क्या तुम उसके जाने तक इंतजार नहीं कर सकतीं?” कहते हुए अशोक ने गुस्से से उसका हाथ हटा दिया और पलंग के दूसरी तरफ हो गया।
“हुँह, हमेशा किसी न किसी वजह से आप रुक जाते हो! क्या आप नहीं चाहते कि आपकी पत्नी खुश रहे?” उदास होकर कहते हुए सविता सो गई।
मगर अशोक और सविता दोनों में से किसी को नहीं पता था कि अंकल उनके दरवाजे की दरार में से झांक रहे थे।
“लगता है कि इन दोनों की शादी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।” अंकल ने अपने में ही सोचा और एक मुस्कान के साथ वहां से चले गए।
अगली सुबह:
अशोक और कुणाल अंकल मेज पर बैठे थे और दोनों हाथ में एक छोटा सा सैंडविच पकड़े हुए थे। अशोक अजीब तरह से मुस्कराया और माफी मांगने की कोशिश की।
“नाश्ते के लिए माफ करें अंकल! व-वो … सविता … अ..आज थोड़ी बीमार है और मैं बहुत अच्छा कुक नहीं हूँ!”
“हा-हा, चिंता मत करो अशोक! मैंने इससे भी बदतर खाना खाया है। अब तुम अपने ऑफिस के लिए जल्दी करो नहीं तो तुम्हें देर हो जाएगी।”
अशोक ने विदा ली और अपने अंकल को गुडबाय किया और दरवाजे से बाहर चला गया।
“मुझे लगता है कि सविता आज नहीं उठी क्योंकि वह कल रात से ही उस पर गुस्सा थी!” चाय खत्म करते हुए अंकल जी ने सोचा।
अचानक उनका चेहरा एक मुस्कान के साथ खिल गया और वे उठे और सविता के बेडरूम की ओर चल पड़े।
“हम्म … शायद मुझे अपनी खूबसूरत बहू से मिलने जाना चाहिए।”
वो दबे पांव उसके रूम की ओर गए और जितना धीरे से हो सकता था उन्होंने दरवाजा खोला ताकि कम से कम आवाज हो।
“वाह!! क्या नज़ारा है!” जब उन्होंने अपनी बहू पर नज़र डाली तो वह आश्चर्य से अपने आप से फुसफुसाये।
सविता ने टाइट टॉप और पजामा पहना हुआ था।
हालाँकि, उसके टॉप का स्ट्रैप ढीला था और उसकी नाभि और उसके चूचों का कुछ हिस्सा साफ दिख रहा था क्योंकि रात के कारण उसकी शर्ट उसके बदन से चिपकी हुई थी।
सविता को इस हालत में अधनंगी देखना अंकलजी के लिए बहुत ज्यादा कामुक था।
उन्होंने वहीं पर अपनी पैंट से लंड को निकाल लिया और उसके टॉप पर हाथ फिराते हुए उसकी बाजू से स्ट्रैप को सरकाने लगे ताकि बहू की चूचियां नंगी हो जाएं।
कुणाल अंकल का क्या इरादा है?
क्या वे बस सविता के बदन को छूते हुए मुठ माकर संतुष्ट हो जाएंगे या उसके अफेयर वाली बात के दम पर उसका आमना-सामना करेंगे?
और सविता अपने ससुर की हरकतों को लेकर कैसे प्रतिक्रिया देगी?
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